White ये सूरज कितना भी गर्म हो,
चांद से बढ़ के थोड़ी हैं ।
और मेरी जान,मेरा गुस्सा,
तेरी मुस्कान से बढ़ के थोड़ी है ।
ये आसमान, ये हवा, ये हरियाली, भले मुझे सुकून देते है ।
पर मेरी जान, ये सब तेरी बाहों से बढ़ के थोड़ी है ।
जो दुनियां में खुली आंखों से देखता हू ,
मेरी जान वो दुनियां तुम्हारे ख्वाबों से बढ़ के थोड़ी है ।
तुम्हारे खूबसूरती को बताने के लिए इस जहान में कोई शब्द नहीं।
मेरी जान ये फूल–परिंदे, शाम–सवेरा, सूरज–चांद, तुम्हारे खूबसूरती को बताने के लायक थोड़ी है ।
तुम्हारे जाने के बाद भले ही मैं मर जाऊ,
मेरी उस मौत का कारण मेरी पागल तू थोड़ी है ।
वो अगर खुश है किसी और के साथ तो उसे खुश रहने दो ।
यारों मेरा दर्द उसकी खुशी से बढ़ के थोड़ी है ।
वो लोग जो जिंदगी को खूबसूरत बताते है ,
जरा कोई बताओ उनको ये जिंदगी मौत से खूबसूरत थोड़ी है ।
जो दर्द तुम अपने आशुओं मैं लिए फिरते हो अनजान,
वो दर्द मेरी खामोशी से बढ़ के थोड़ी है ।
चलो मान लिया मैने ये दुनियां तुम्हारी है ,
पर याद रखना ये मुझसे बढ़ के थोड़ी है ।
✍️✍️
©साँस लेती hui lash
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here