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New धूल भरी हवाओं Status, Photo, Video

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White कभी जो ठहर के सुनोगे तुम यादें कहानी कहेगी मेरी तुम्हारे करीब रहु ना रहु हवाओं में खुशबू रहेगी मेरी मैं याद जो आऊ तो थोड़ा हंस देना यादों के पिटारे संभाले रख लेना । ©seema patidar

 White कभी जो ठहर के सुनोगे तुम
यादें कहानी कहेगी मेरी
तुम्हारे करीब रहु ना रहु
हवाओं में खुशबू रहेगी मेरी
मैं याद जो आऊ तो थोड़ा हंस देना
यादों के पिटारे संभाले रख लेना ।

©seema patidar

हवाओं में खुशबू रहेगी मेरी

17 Love

किसी रोज़ इन हवाओं में गुम हो जाऊं... भूल कर खुदको इन हवाओं में समा जाऊं, कभी तो इन हवाओं के मिठास में घुलमिल जाऊं, एक पंछी बनके इन हवाओं में रहे जाऊं, किसी रोज़ इन हवाओं में गुम हो जाऊं... बादलों के बीच हवाओं के साथ साथ उड़ता जाऊं, मेरे आख़िरी सांस तक इन हवाओं के बीच ठहर जाऊं, हां कभी तो में इन हवाओं में जुड़ जाऊं, किसी रोज़ इन हवाओं में गुम हो जाऊं... ©Lili Dey

 किसी रोज़ इन हवाओं में 
गुम हो जाऊं...
भूल कर खुदको इन हवाओं में समा जाऊं,
कभी तो इन हवाओं के मिठास में घुलमिल जाऊं,
एक पंछी बनके इन हवाओं में रहे जाऊं,
किसी रोज़ इन हवाओं में 
गुम हो जाऊं...
बादलों के बीच हवाओं के साथ साथ उड़ता जाऊं,
मेरे आख़िरी सांस तक इन हवाओं के बीच ठहर जाऊं,
हां कभी तो में इन हवाओं में जुड़ जाऊं,
किसी रोज़ इन हवाओं में 
गुम हो जाऊं...

©Lili Dey

हवाओं में गुम हो जाऊं

17 Love

#शायरी

'दर्द भरी शायरी'

117 View

क़लाम -------- मुन्तज़िर सांसों का रूख़सते- वक़्त मुकर्रर हुआ है लगा है दरिचो पर परदे हया के दीदे- दुभर हुआ है --- बे - सम्त हवाओं ने फिर इस ओर रूख़ किया है खुशी से ये दिल फिर से आसमां के बराबर हुआ है --- न उठा निग़ाहें हम पर कुछ तो दर्मियां राज़ रहने दे दफ़्न है इन्हीं में हसरते-ख़्वाब जो उजागर हुआ है --- इक़ तेरे ही हिज़्र ने इस दिल को मज़रूह किया है वर्ना दुन्यां में ऐसा कुछ नहीं जो न मयस्सर हुआ है --- बड़ी मुक़द्दुस-निग़ाहो से देखा किया है शामो-सहर उन तल्ख़ निग़ाहों का क्या जो दिल पत्थर हुआ है --- जिस्म पे आ पड़ी जो ज़लालतो की बारिशें क्या हो मज़बूर ये खाना-बदौश इस दुन्यां में बे-घर हुआ है --- ' ललित'कौन आता है इस विरान में मेरा हाल पुछने सुना है की कभी इस ओर तेरा रह - गुज़र हुआ है ©Lalit Saxena

#शायरी #good_night  क़लाम
--------

मुन्तज़िर सांसों का रूख़सते- वक़्त मुकर्रर हुआ है
लगा है दरिचो पर परदे हया के दीदे- दुभर हुआ है
                     ---
बे - सम्त  हवाओं  ने  फिर इस ओर रूख़ किया है
खुशी से ये दिल फिर से आसमां के बराबर हुआ है
                    ---
न उठा निग़ाहें हम पर कुछ तो दर्मियां राज़ रहने दे
दफ़्न है इन्हीं में हसरते-ख़्वाब जो उजागर हुआ है
                   ---
इक़  तेरे ही हिज़्र ने इस दिल को मज़रूह किया है
वर्ना दुन्यां में ऐसा कुछ नहीं जो न मयस्सर हुआ है
                  ---
बड़ी मुक़द्दुस-निग़ाहो से देखा किया है शामो-सहर
उन तल्ख़ निग़ाहों का क्या जो दिल पत्थर हुआ है
                   ---
जिस्म पे आ पड़ी जो ज़लालतो की बारिशें क्या हो
मज़बूर ये खाना-बदौश इस दुन्यां में बे-घर हुआ है
                  ---
' ललित'कौन आता है इस विरान में मेरा हाल पुछने
सुना है की कभी इस ओर तेरा रह - गुज़र हुआ है

©Lalit Saxena

#good_night 'दर्द भरी शायरी' 'दर्द भरी शायरी'

20 Love

White लोभ की धूल तों उड़ती रहेगी और ख्वाहिशों का शोर भी होता र तुम विवेक का मंत्र जपते रहना और..खुद को.हर प्रलोभन और स्ममोहन से बचाते रहना ©Parasram Arora

#कविता  White लोभ की धूल तों उड़ती रहेगी और ख्वाहिशों का 
शोर भी होता र
तुम विवेक का मंत्र जपते रहना और..खुद को.हर प्रलोभन और  स्ममोहन से बचाते रहना

©Parasram Arora

लोभ की धूल

13 Love

White घर मे बैठे बैठे क्या करें चलो ब्रमांद कि सैर पर चलते है.. काम धाम तो कुछ है नहि हमारा मिलता हि नहि कहि से कुछ भी चलो आज रेत के दाने गिन लेते है ... बैठ जाते है यहि रेत के ढेर पर बिजनेश करने को पैसे कहां से आयेगे यहि सोचकर रोना आता है मुझे, कब तक ताकते रहेगे किसी दुसरे का मुंह चलो रेत को गीला करते है पानी डालकर..!! ©HARSHIT369

#शायरी #गम  White घर मे बैठे बैठे क्या करें
चलो ब्रमांद कि सैर पर चलते है..
काम धाम तो कुछ है नहि हमारा
मिलता हि नहि कहि से कुछ भी
चलो आज रेत के दाने गिन लेते है ...
बैठ जाते है यहि रेत के ढेर पर
बिजनेश करने को पैसे कहां से आयेगे
यहि सोचकर रोना आता है मुझे,
कब तक ताकते रहेगे किसी दुसरे का मुंह
चलो रेत को गीला करते है पानी डालकर..!!

©HARSHIT369

#गम भरी सायरी 'दर्द भरी शायरी'

13 Love

White कभी जो ठहर के सुनोगे तुम यादें कहानी कहेगी मेरी तुम्हारे करीब रहु ना रहु हवाओं में खुशबू रहेगी मेरी मैं याद जो आऊ तो थोड़ा हंस देना यादों के पिटारे संभाले रख लेना । ©seema patidar

 White कभी जो ठहर के सुनोगे तुम
यादें कहानी कहेगी मेरी
तुम्हारे करीब रहु ना रहु
हवाओं में खुशबू रहेगी मेरी
मैं याद जो आऊ तो थोड़ा हंस देना
यादों के पिटारे संभाले रख लेना ।

©seema patidar

हवाओं में खुशबू रहेगी मेरी

17 Love

किसी रोज़ इन हवाओं में गुम हो जाऊं... भूल कर खुदको इन हवाओं में समा जाऊं, कभी तो इन हवाओं के मिठास में घुलमिल जाऊं, एक पंछी बनके इन हवाओं में रहे जाऊं, किसी रोज़ इन हवाओं में गुम हो जाऊं... बादलों के बीच हवाओं के साथ साथ उड़ता जाऊं, मेरे आख़िरी सांस तक इन हवाओं के बीच ठहर जाऊं, हां कभी तो में इन हवाओं में जुड़ जाऊं, किसी रोज़ इन हवाओं में गुम हो जाऊं... ©Lili Dey

 किसी रोज़ इन हवाओं में 
गुम हो जाऊं...
भूल कर खुदको इन हवाओं में समा जाऊं,
कभी तो इन हवाओं के मिठास में घुलमिल जाऊं,
एक पंछी बनके इन हवाओं में रहे जाऊं,
किसी रोज़ इन हवाओं में 
गुम हो जाऊं...
बादलों के बीच हवाओं के साथ साथ उड़ता जाऊं,
मेरे आख़िरी सांस तक इन हवाओं के बीच ठहर जाऊं,
हां कभी तो में इन हवाओं में जुड़ जाऊं,
किसी रोज़ इन हवाओं में 
गुम हो जाऊं...

©Lili Dey

हवाओं में गुम हो जाऊं

17 Love

#शायरी

'दर्द भरी शायरी'

117 View

क़लाम -------- मुन्तज़िर सांसों का रूख़सते- वक़्त मुकर्रर हुआ है लगा है दरिचो पर परदे हया के दीदे- दुभर हुआ है --- बे - सम्त हवाओं ने फिर इस ओर रूख़ किया है खुशी से ये दिल फिर से आसमां के बराबर हुआ है --- न उठा निग़ाहें हम पर कुछ तो दर्मियां राज़ रहने दे दफ़्न है इन्हीं में हसरते-ख़्वाब जो उजागर हुआ है --- इक़ तेरे ही हिज़्र ने इस दिल को मज़रूह किया है वर्ना दुन्यां में ऐसा कुछ नहीं जो न मयस्सर हुआ है --- बड़ी मुक़द्दुस-निग़ाहो से देखा किया है शामो-सहर उन तल्ख़ निग़ाहों का क्या जो दिल पत्थर हुआ है --- जिस्म पे आ पड़ी जो ज़लालतो की बारिशें क्या हो मज़बूर ये खाना-बदौश इस दुन्यां में बे-घर हुआ है --- ' ललित'कौन आता है इस विरान में मेरा हाल पुछने सुना है की कभी इस ओर तेरा रह - गुज़र हुआ है ©Lalit Saxena

#शायरी #good_night  क़लाम
--------

मुन्तज़िर सांसों का रूख़सते- वक़्त मुकर्रर हुआ है
लगा है दरिचो पर परदे हया के दीदे- दुभर हुआ है
                     ---
बे - सम्त  हवाओं  ने  फिर इस ओर रूख़ किया है
खुशी से ये दिल फिर से आसमां के बराबर हुआ है
                    ---
न उठा निग़ाहें हम पर कुछ तो दर्मियां राज़ रहने दे
दफ़्न है इन्हीं में हसरते-ख़्वाब जो उजागर हुआ है
                   ---
इक़  तेरे ही हिज़्र ने इस दिल को मज़रूह किया है
वर्ना दुन्यां में ऐसा कुछ नहीं जो न मयस्सर हुआ है
                  ---
बड़ी मुक़द्दुस-निग़ाहो से देखा किया है शामो-सहर
उन तल्ख़ निग़ाहों का क्या जो दिल पत्थर हुआ है
                   ---
जिस्म पे आ पड़ी जो ज़लालतो की बारिशें क्या हो
मज़बूर ये खाना-बदौश इस दुन्यां में बे-घर हुआ है
                  ---
' ललित'कौन आता है इस विरान में मेरा हाल पुछने
सुना है की कभी इस ओर तेरा रह - गुज़र हुआ है

©Lalit Saxena

#good_night 'दर्द भरी शायरी' 'दर्द भरी शायरी'

20 Love

White लोभ की धूल तों उड़ती रहेगी और ख्वाहिशों का शोर भी होता र तुम विवेक का मंत्र जपते रहना और..खुद को.हर प्रलोभन और स्ममोहन से बचाते रहना ©Parasram Arora

#कविता  White लोभ की धूल तों उड़ती रहेगी और ख्वाहिशों का 
शोर भी होता र
तुम विवेक का मंत्र जपते रहना और..खुद को.हर प्रलोभन और  स्ममोहन से बचाते रहना

©Parasram Arora

लोभ की धूल

13 Love

White घर मे बैठे बैठे क्या करें चलो ब्रमांद कि सैर पर चलते है.. काम धाम तो कुछ है नहि हमारा मिलता हि नहि कहि से कुछ भी चलो आज रेत के दाने गिन लेते है ... बैठ जाते है यहि रेत के ढेर पर बिजनेश करने को पैसे कहां से आयेगे यहि सोचकर रोना आता है मुझे, कब तक ताकते रहेगे किसी दुसरे का मुंह चलो रेत को गीला करते है पानी डालकर..!! ©HARSHIT369

#शायरी #गम  White घर मे बैठे बैठे क्या करें
चलो ब्रमांद कि सैर पर चलते है..
काम धाम तो कुछ है नहि हमारा
मिलता हि नहि कहि से कुछ भी
चलो आज रेत के दाने गिन लेते है ...
बैठ जाते है यहि रेत के ढेर पर
बिजनेश करने को पैसे कहां से आयेगे
यहि सोचकर रोना आता है मुझे,
कब तक ताकते रहेगे किसी दुसरे का मुंह
चलो रेत को गीला करते है पानी डालकर..!!

©HARSHIT369

#गम भरी सायरी 'दर्द भरी शायरी'

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