किसी रोज़ इन हवाओं में
गुम हो जाऊं...
भूल कर खुदको इन हवाओं में समा जाऊं,
कभी तो इन हवाओं के मिठास में घुलमिल जाऊं,
एक पंछी बनके इन हवाओं में रहे जाऊं,
किसी रोज़ इन हवाओं में
गुम हो जाऊं...
बादलों के बीच हवाओं के साथ साथ उड़ता जाऊं,
मेरे आख़िरी सांस तक इन हवाओं के बीच ठहर जाऊं,
हां कभी तो में इन हवाओं में जुड़ जाऊं,
किसी रोज़ इन हवाओं में
गुम हो जाऊं...
©Lili Dey
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here