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New दोहावली वक्त के दोहे Status, Photo, Video

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एक सवाल 🏆 ©आधुनिक कवयित्री

#कोट्स  एक सवाल 🏆

©आधुनिक कवयित्री

वक्त........?

23 Love

वक्त की आगोश में खोए लम्हों की सदा दिन का उजाला काली रात में जब घुल सा जाता है, काले बालों पर सफेदी का रंग यूं धीरे-धीरे छाता है। दरख़्तों को देखता हूँ, जो कभी थे हरियाली की मिसाल, अब बिन पत्तों के खड़े हैं, वक्त का ये भी एक हाल। ग्रीष्म में जो राहगीरों को ठंडक पहुंचाते थे हर बार, आज वो सूखे ढेरों में बदल गए, जैसे वक्त ने की है मार। तब सोचता हूँ, तेरी खूबसूरती का क्या होगा अंजाम, इस वक्त के साये में, रहेगा क्या तेरा कोई नाम? वक्त की धार हर हुस्न को मिटा के जाती है, नई खुशबू के संग पुरानी यादों को दबा जाती है। वक्त की दराँती से कौन बच सका है यहाँ, किसे है खबर इस सफर की आखिरी मंजिल है कहां? पर एक उम्मीद है, जो तेरी बनाए रखेगी पहचान, जो तेरा नाम यूं ही रोशन करेगी, वो है तेरी संतान। ©नवनीत ठाकुर

#कविता #वक्त  वक्त की आगोश में खोए लम्हों की सदा

दिन का उजाला काली रात में जब घुल सा जाता है,
काले बालों पर सफेदी का रंग यूं धीरे-धीरे छाता है।

दरख़्तों को देखता हूँ, जो कभी थे हरियाली की मिसाल,
अब बिन पत्तों के खड़े हैं, वक्त का ये भी एक हाल।
ग्रीष्म में जो राहगीरों को ठंडक पहुंचाते थे हर बार,
आज वो सूखे ढेरों में बदल गए, जैसे वक्त ने की है मार।

तब सोचता हूँ, तेरी खूबसूरती का क्या होगा अंजाम,
इस वक्त के साये में, रहेगा क्या तेरा कोई नाम? वक्त की धार हर हुस्न को मिटा के जाती है,
नई खुशबू के संग पुरानी यादों को दबा जाती है।

वक्त की दराँती से कौन बच सका है यहाँ,
किसे है खबर इस सफर की आखिरी मंजिल है कहां?
पर एक उम्मीद है, जो तेरी बनाए रखेगी पहचान,
 जो तेरा नाम यूं ही रोशन करेगी, वो है तेरी संतान।

©नवनीत ठाकुर

#वक्त के आगोश में खोए लम्हों की सदा

17 Love

#Motivational

🌹🌹🌹🌹🌹कबीर के दोहे 🙏🙏🙏

180 View

White एक वक़्त था जब मैं उससे वक़्त मांगा करती थी अब वक़्त ये है कि वो मुझे वक़्त दे भी दे तो वो एहसास ही नहीं है # वक्त वक्त की बात है । ©Dr. H(s)uman , Homoeopath

#वक्त #SAD  White एक वक़्त था जब मैं उससे वक़्त मांगा करती थी 
अब वक़्त ये है कि वो मुझे वक़्त दे भी दे तो वो एहसास ही नहीं है

# वक्त वक्त की बात है ।

©Dr. H(s)uman , Homoeopath

#वक्त

20 Love

White ये वक्त जो..... ---------------- ये वक्त जो गुजर रहा है,,, हाथों से रेत की तरह फिसल रहा है, कसती हूँ ;मुट्ठी को जितना- उतनी तेजी से निकल रहा है, मन होकर विकल मेरा उससे ये याचना कर रहा है कि- थोड़ा- सा थम जाओ ना ;इतनी भी क्या जल्दी है! शेष तो अभी कहाँ,,,! कृत्यों की कतार अभी बहुत ही लम्बी है,,,! जीवन- पथ की ये सड़क अभी तो बहुत ही कच्ची है। खुश होना है; खुश करना है, जीवन के उद्देश्यों को पूरा करना है, मानव की इस आकाशगंगा का सूरज मुझको बना है। चलो! तुम थमो नहीं, लेकिन रफ्तार धीमी तो कर सकते हो,,, कार्यों को सिद्ध करने में सहयोग तो कर सकते हो। हौसले में तो है; कमी नहीं , चल भी रही हूंँ तेज ;लेकिन अपनों से थोड़ी सी अपनेपन की प्रतीक्षा है। आएगा वह दिन भी जब तुम- स्वयं को मुझमें पा कर इतराओगें, खुश हो जाओगे जब तुम; मेरे नाम से भी पुकारे जाओगे। थोड़ा- सा थम जाओ ना ;इतनी भी क्या जल्दी है! शेष तो अभी कहाँ,,,! कृत्यों की कतार अभी बहुत ही लम्बी है....! रियंका आलोक मदेशिया ©Riyanka Alok Madeshiya

#वक्त  White ये वक्त जो..... 
----------------

ये वक्त जो गुजर रहा है,,, 
हाथों से रेत की तरह फिसल रहा है, 
कसती हूँ ;मुट्ठी को जितना-
उतनी  तेजी से निकल रहा है, 
मन होकर विकल मेरा
उससे ये याचना कर रहा है कि-
थोड़ा- सा थम जाओ ना ;इतनी भी क्या जल्दी है!
शेष तो अभी कहाँ,,,! 
कृत्यों की कतार अभी बहुत ही लम्बी है,,,! 
जीवन- पथ की ये सड़क अभी तो बहुत ही कच्ची है। 
खुश होना है; खुश करना है, 
जीवन के उद्देश्यों को पूरा करना है, 
मानव की इस आकाशगंगा का सूरज मुझको बना है। 
चलो! तुम थमो नहीं,
लेकिन रफ्तार धीमी तो कर सकते हो,,, 
कार्यों को सिद्ध करने में सहयोग तो कर सकते हो। 
हौसले में तो है; कमी नहीं , 
चल भी रही हूंँ तेज ;लेकिन अपनों से थोड़ी सी अपनेपन की प्रतीक्षा है। 
आएगा वह दिन भी जब तुम-
स्वयं को मुझमें पा कर इतराओगें, 
खुश हो जाओगे जब तुम; मेरे नाम से भी पुकारे जाओगे। 
थोड़ा- सा थम जाओ ना ;इतनी भी क्या जल्दी है! 
शेष तो अभी कहाँ,,,! 
कृत्यों की कतार अभी बहुत ही लम्बी है....!

रियंका आलोक मदेशिया

©Riyanka Alok Madeshiya

White जन्म जगत में 'शौक' से, न सुख मृत्यु से जान। जकड़े माया जाल में, सुमिरन से सुख जान।। बढ़ती रुचि संसार में, घटती हरि से प्रीति। करै 'शौक' संसार में, दुख से नहीं निवृत्ति।। मेरा है, तेरा नहीं, माया का व्यापार। ऐसा माया जाल है, जकड़ा सब संसार।। आम बबूल पर न लगै, कितनहुं करौ उपाय। राम नाम के पेड़ के, माया निकट न जाय।। ©Shiv Narayan Saxena

#good_night  White जन्म जगत में  'शौक' से, न सुख मृत्यु से जान।
 जकड़े  माया  जाल में,  सुमिरन से  सुख जान।।

बढ़ती  रुचि  संसार में,  घटती हरि से  प्रीति।
 करै  'शौक'  संसार  में,  दुख से नहीं निवृत्ति।।

मेरा  है,  तेरा  नहीं,  माया  का  व्यापार।
 ऐसा माया  जाल है, जकड़ा सब संसार।।

आम बबूल पर न लगै, कितनहुं करौ उपाय।
राम नाम के पेड़ के,  माया  निकट न जाय।।

©Shiv Narayan Saxena

#good_night 'माया' पर दोहे

14 Love

एक सवाल 🏆 ©आधुनिक कवयित्री

#कोट्स  एक सवाल 🏆

©आधुनिक कवयित्री

वक्त........?

23 Love

वक्त की आगोश में खोए लम्हों की सदा दिन का उजाला काली रात में जब घुल सा जाता है, काले बालों पर सफेदी का रंग यूं धीरे-धीरे छाता है। दरख़्तों को देखता हूँ, जो कभी थे हरियाली की मिसाल, अब बिन पत्तों के खड़े हैं, वक्त का ये भी एक हाल। ग्रीष्म में जो राहगीरों को ठंडक पहुंचाते थे हर बार, आज वो सूखे ढेरों में बदल गए, जैसे वक्त ने की है मार। तब सोचता हूँ, तेरी खूबसूरती का क्या होगा अंजाम, इस वक्त के साये में, रहेगा क्या तेरा कोई नाम? वक्त की धार हर हुस्न को मिटा के जाती है, नई खुशबू के संग पुरानी यादों को दबा जाती है। वक्त की दराँती से कौन बच सका है यहाँ, किसे है खबर इस सफर की आखिरी मंजिल है कहां? पर एक उम्मीद है, जो तेरी बनाए रखेगी पहचान, जो तेरा नाम यूं ही रोशन करेगी, वो है तेरी संतान। ©नवनीत ठाकुर

#कविता #वक्त  वक्त की आगोश में खोए लम्हों की सदा

दिन का उजाला काली रात में जब घुल सा जाता है,
काले बालों पर सफेदी का रंग यूं धीरे-धीरे छाता है।

दरख़्तों को देखता हूँ, जो कभी थे हरियाली की मिसाल,
अब बिन पत्तों के खड़े हैं, वक्त का ये भी एक हाल।
ग्रीष्म में जो राहगीरों को ठंडक पहुंचाते थे हर बार,
आज वो सूखे ढेरों में बदल गए, जैसे वक्त ने की है मार।

तब सोचता हूँ, तेरी खूबसूरती का क्या होगा अंजाम,
इस वक्त के साये में, रहेगा क्या तेरा कोई नाम? वक्त की धार हर हुस्न को मिटा के जाती है,
नई खुशबू के संग पुरानी यादों को दबा जाती है।

वक्त की दराँती से कौन बच सका है यहाँ,
किसे है खबर इस सफर की आखिरी मंजिल है कहां?
पर एक उम्मीद है, जो तेरी बनाए रखेगी पहचान,
 जो तेरा नाम यूं ही रोशन करेगी, वो है तेरी संतान।

©नवनीत ठाकुर

#वक्त के आगोश में खोए लम्हों की सदा

17 Love

#Motivational

🌹🌹🌹🌹🌹कबीर के दोहे 🙏🙏🙏

180 View

White एक वक़्त था जब मैं उससे वक़्त मांगा करती थी अब वक़्त ये है कि वो मुझे वक़्त दे भी दे तो वो एहसास ही नहीं है # वक्त वक्त की बात है । ©Dr. H(s)uman , Homoeopath

#वक्त #SAD  White एक वक़्त था जब मैं उससे वक़्त मांगा करती थी 
अब वक़्त ये है कि वो मुझे वक़्त दे भी दे तो वो एहसास ही नहीं है

# वक्त वक्त की बात है ।

©Dr. H(s)uman , Homoeopath

#वक्त

20 Love

White ये वक्त जो..... ---------------- ये वक्त जो गुजर रहा है,,, हाथों से रेत की तरह फिसल रहा है, कसती हूँ ;मुट्ठी को जितना- उतनी तेजी से निकल रहा है, मन होकर विकल मेरा उससे ये याचना कर रहा है कि- थोड़ा- सा थम जाओ ना ;इतनी भी क्या जल्दी है! शेष तो अभी कहाँ,,,! कृत्यों की कतार अभी बहुत ही लम्बी है,,,! जीवन- पथ की ये सड़क अभी तो बहुत ही कच्ची है। खुश होना है; खुश करना है, जीवन के उद्देश्यों को पूरा करना है, मानव की इस आकाशगंगा का सूरज मुझको बना है। चलो! तुम थमो नहीं, लेकिन रफ्तार धीमी तो कर सकते हो,,, कार्यों को सिद्ध करने में सहयोग तो कर सकते हो। हौसले में तो है; कमी नहीं , चल भी रही हूंँ तेज ;लेकिन अपनों से थोड़ी सी अपनेपन की प्रतीक्षा है। आएगा वह दिन भी जब तुम- स्वयं को मुझमें पा कर इतराओगें, खुश हो जाओगे जब तुम; मेरे नाम से भी पुकारे जाओगे। थोड़ा- सा थम जाओ ना ;इतनी भी क्या जल्दी है! शेष तो अभी कहाँ,,,! कृत्यों की कतार अभी बहुत ही लम्बी है....! रियंका आलोक मदेशिया ©Riyanka Alok Madeshiya

#वक्त  White ये वक्त जो..... 
----------------

ये वक्त जो गुजर रहा है,,, 
हाथों से रेत की तरह फिसल रहा है, 
कसती हूँ ;मुट्ठी को जितना-
उतनी  तेजी से निकल रहा है, 
मन होकर विकल मेरा
उससे ये याचना कर रहा है कि-
थोड़ा- सा थम जाओ ना ;इतनी भी क्या जल्दी है!
शेष तो अभी कहाँ,,,! 
कृत्यों की कतार अभी बहुत ही लम्बी है,,,! 
जीवन- पथ की ये सड़क अभी तो बहुत ही कच्ची है। 
खुश होना है; खुश करना है, 
जीवन के उद्देश्यों को पूरा करना है, 
मानव की इस आकाशगंगा का सूरज मुझको बना है। 
चलो! तुम थमो नहीं,
लेकिन रफ्तार धीमी तो कर सकते हो,,, 
कार्यों को सिद्ध करने में सहयोग तो कर सकते हो। 
हौसले में तो है; कमी नहीं , 
चल भी रही हूंँ तेज ;लेकिन अपनों से थोड़ी सी अपनेपन की प्रतीक्षा है। 
आएगा वह दिन भी जब तुम-
स्वयं को मुझमें पा कर इतराओगें, 
खुश हो जाओगे जब तुम; मेरे नाम से भी पुकारे जाओगे। 
थोड़ा- सा थम जाओ ना ;इतनी भी क्या जल्दी है! 
शेष तो अभी कहाँ,,,! 
कृत्यों की कतार अभी बहुत ही लम्बी है....!

रियंका आलोक मदेशिया

©Riyanka Alok Madeshiya

White जन्म जगत में 'शौक' से, न सुख मृत्यु से जान। जकड़े माया जाल में, सुमिरन से सुख जान।। बढ़ती रुचि संसार में, घटती हरि से प्रीति। करै 'शौक' संसार में, दुख से नहीं निवृत्ति।। मेरा है, तेरा नहीं, माया का व्यापार। ऐसा माया जाल है, जकड़ा सब संसार।। आम बबूल पर न लगै, कितनहुं करौ उपाय। राम नाम के पेड़ के, माया निकट न जाय।। ©Shiv Narayan Saxena

#good_night  White जन्म जगत में  'शौक' से, न सुख मृत्यु से जान।
 जकड़े  माया  जाल में,  सुमिरन से  सुख जान।।

बढ़ती  रुचि  संसार में,  घटती हरि से  प्रीति।
 करै  'शौक'  संसार  में,  दुख से नहीं निवृत्ति।।

मेरा  है,  तेरा  नहीं,  माया  का  व्यापार।
 ऐसा माया  जाल है, जकड़ा सब संसार।।

आम बबूल पर न लगै, कितनहुं करौ उपाय।
राम नाम के पेड़ के,  माया  निकट न जाय।।

©Shiv Narayan Saxena

#good_night 'माया' पर दोहे

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