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New बोटका सुनाई Status, Photo, Video

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White वर्षों से आग जलती रही, बुझाई नहीं सेज प्यार की हमारी भी सजाई नहीं वक्त ने किस हद तक हाशिए पर रखा हमें, लिखे हजार ख़त, उस तक पहुँचाई नहीं अफवाहों के किस्से फैलते अखबारों में, सच्ची कहानी मेरी, कभी सुनाई नहीं छुपाकर रखा मुझसे मेरे ही राज़ सारे, किसी से भी मेरी कभी लड़ाई नहीं कितना यकीन था, सब मेरे थे यहाँ, मेरी आँखों से वो पर्दा हटाई नहीं उसने भी ढूँढ लिया अकेलेपन की दवा, किए हजारों वादे, पर कोई निभाई नहीं किससे शिकायत करूँ, सभी अपने ही थे, खंजर से भरे हाथ, जो कभी दिखाई नहीं कैसे लिखूँ अपने ही मारे जाने की कहानी, ये राज़, जो खुद से भी बताई नहीं फैसला कहाँ हुआ, मेरी अर्ज़ियों का, झूठ से मेरी कभी रिहाई हुई नहीं हाशिए पर आकर भी यकीन है मुझे, अभय, दुनिया से अभी सच्चाई गई नहीं ©theABHAYSINGH_BIPIN

#कविता #sad_quotes  White वर्षों से आग जलती रही, बुझाई नहीं
सेज प्यार की हमारी भी सजाई नहीं
वक्त ने किस हद तक हाशिए पर रखा हमें,
लिखे हजार ख़त, उस तक पहुँचाई नहीं

अफवाहों के किस्से फैलते अखबारों में,
सच्ची कहानी मेरी, कभी सुनाई नहीं 
छुपाकर रखा मुझसे मेरे ही राज़ सारे,
किसी से भी मेरी कभी लड़ाई नहीं 

कितना यकीन था, सब मेरे थे यहाँ,
मेरी आँखों से वो पर्दा हटाई नहीं
उसने भी ढूँढ लिया अकेलेपन की दवा,
किए हजारों वादे, पर कोई निभाई नहीं

किससे शिकायत करूँ, सभी अपने ही थे,
खंजर से भरे हाथ, जो कभी दिखाई नहीं 
कैसे लिखूँ अपने ही मारे जाने की कहानी,
ये राज़, जो खुद से भी बताई नहीं

फैसला कहाँ हुआ, मेरी अर्ज़ियों का,
झूठ से मेरी कभी रिहाई हुई नहीं 
हाशिए पर आकर भी यकीन है मुझे,
अभय, दुनिया से अभी सच्चाई गई नहीं

©theABHAYSINGH_BIPIN

#sad_quotes वर्षों से आग जलती रही, बुझाई नहीं सेज प्यार की हमारी भी सजाई नहीं वक्त ने किस हद तक हाशिए पर रखा हमें, लिखे हजार ख़त, उस तक पहु

18 Love

तूफ़ान आए तो मेरा हौसला देखो, डूबता हूँ, उभरता ज़रूर हूँ। गिरकर फिर से खड़ा, तूफ़ानों से लड़ने का तरीका, ढूंढता ज़रूर हूँ। राहें कठिन हो, फिर भी रुकता नहीं , गिरते हुए भी खुद को सम्भालता हूँ, हार नहीं मानता कभी, हर हाल में जूझता ज़रूर हूँ। हर चोट ने मेरी पहचान बनाई है, जो गिरा, उसने उठने की कहानी सुनाई है। राख से उगने की आदत है मुझमें, जलकर भी खुद को जलाता ज़रूर हूँ। मुश्किलें मुझसे हार मान जाती हैं, मेरे इरादे हर मोड़ पर मुस्कुराते हैं। ज़िंदगी के हर तुफ़ान को मैंने देखा है, पर ख़ुद को हर बार आज़माता ज़रूर हूँ। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #कविता  तूफ़ान आए तो मेरा हौसला देखो,
डूबता हूँ, उभरता ज़रूर हूँ।
गिरकर फिर से खड़ा, 
तूफ़ानों से लड़ने का तरीका, ढूंढता ज़रूर हूँ।

राहें कठिन हो, फिर भी रुकता नहीं ,
गिरते हुए भी खुद को सम्भालता हूँ,
 हार नहीं मानता कभी, 
हर हाल में जूझता ज़रूर हूँ।

हर चोट ने मेरी पहचान बनाई है,
जो गिरा, उसने उठने की कहानी सुनाई है।
राख से उगने की आदत है मुझमें,
जलकर भी खुद को जलाता ज़रूर हूँ।

मुश्किलें मुझसे हार मान जाती हैं,
मेरे इरादे हर मोड़ पर मुस्कुराते हैं।
ज़िंदगी के हर तुफ़ान को मैंने देखा है,
पर ख़ुद को हर बार आज़माता ज़रूर हूँ।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर तूफ़ान आए तो मेरा हौसला देखो, डूबता हूँ, उभरता ज़रूर हूँ। गिरकर फिर से खड़ा, तूफ़ानों से लड़ने का तरीका, ढूंढता ज़रूर हूँ।

10 Love

लफ्ज़ों का शोर किसी को भी देता है सुनाई, मगर खामोशी में जो बात छुपी हो, वही होती है सच्चाई। ताकत अपनी दिखाने के लिए जो मचाते हैं शोर, वो अंदर से खोखले और होते हैं कमजोर। ©नवनीत ठाकुर

#लफ्ज़ों #कोट्स  लफ्ज़ों का शोर किसी को भी देता है सुनाई,
मगर खामोशी में जो बात छुपी हो, वही होती है सच्चाई।

 ताकत अपनी दिखाने के लिए जो मचाते हैं शोर,
वो अंदर से खोखले और होते हैं कमजोर।

©नवनीत ठाकुर

#लफ्ज़ों का शोर किसी को भी देता है सुनाई, लेकिन खामोशी में जो बात छुपी हो, वही होती है सच्चाई। ताकत अपनी दिखाने के लिए जो मचाते हैं शोर, व

15 Love

#कविता #love_shayari  White एक सवाल 
---------
एक सवाल देश से,
देश से नहीं,देश के नेताओं से,
आमजन को,
क्यों जाति, धर्म में बांटना चाहते है?
आखिर क्यों देश तोडना  चाहते  है?।
---
सत्ता किसी की स्थायी नहीं होती,
समय की धार में बहती रहती,
फिर क्यों उसे
 अपनी निजी सम्पत्ति समझते हों?
क्यों सत्ता के लिये धर्म जाति के,
तुष्टिकरण की राजनीति करते हों ?।
----
क्यों देश को अगड़े पिछड़े 
और भी कई टुकड़ों में में बाँट रहें हों?
 क्यों देश के अपराधियों,
 आतंकियों की ढाल बन रहें हों ?।
----
आखिर क्यों नहीं सोचते,
ज़ब देश रहेगा,तभी हम आप रहेंगे,
आज जिन्हें सत्ता के लिये पनाह दें रहें,
वही कल हमें विकट संताप देंगे,
हमारी धर्म संस्कृति को निगल जायेगे,
हमारे निशान भी सिर्फ इतिहास में नजर आयेंगे।
----
जिन जातियों की राजनीति कर रहें,
उन जातियों के निशान भी न रहेंगे,
हमारे धर्म संस्कृति संस्कार सब नष्ट होंगे।
----
अभी वक़्त हैं, संभल जाओ,
 महा विनाश को न बुलाओ
आतंकी दस्तक आज,हर तरफ सुनाई दें रहीं हैं,
चेतावनियो के स्वरों की अग्नि प्रज्जवलित हों रहीं हैं,
अराजकता की आग फैलने के पहले ही बुझाओ,
तुष्टिकरण की राजनीति छोड़ राष्ट्र रक्षा में जुट जाओ।

©IG @kavi_neetesh

#love_shayari एक सवाल --------- एक सवाल देश से, देश से नहीं,देश के नेताओं से, आमजन को, क्यों जाति, धर्म में बांटना चाहते है? आखिर क्यों दे

117 View

#मेरे_बाद_किसको_सताओगे #सताओगे #क्यों #मुझको #कलेजा #कोट्स  White मैं जो जी रहा हूं

 ,,,,ऐसे तो,,,,,

तुम कभी एक पल भी न जी पाओगे

मुझको जो तड़पा रहे हो,,सता रहे हो,,,

मेरे बाद किसको सताओगे 

मैने अपना
,, ,, तन मन दिल दिमाग शरीर कलेजा ,,,,

सब कुछ तो तुमको सौंपा है तुम्हारे सामने रखा है 

फिर ,, भी,,, 

क्या तुम सब को मैं  दिखता नहीं 

क्यों,,,मेरा ,,,,
 ऐसा हाल कर रखा है 

क्यों मैं आखिर ,,

क्या तुमको मैं सुनाई नहीं देता
,,,,
मेरे बाद किसको सताओगे 
मेरे बाद 
,,,,,,,,,,,किसको सताओगे,,,,,,,,,

©Rakesh frnds4ever

#मेरे_बाद_किसको_सताओगे #मैं जो जी रहा हूं ,,,,ऐसे तो,,,,, #तुम कभी एक पल भी न जी पाओगे #मुझको जो तड़पा रहे हो,,सता रहे हो,,,

171 View

White बड़ी मुद्दत के बाद आज चांद को देख रहा हूं एक बात कभी कभी सुनी सुनाई बात पर भरोसा मत करो जब तक उस को अपनी आंखो से न देख लो विश्वास न करो मगर आजकल के लोग अफवाह को ही जिंदगी की सच्चाई मान लेते है! ©Poet Kuldeep Singh Ruhela

#मोटिवेशनल #Sad_Status  White बड़ी मुद्दत के बाद आज
 चांद को देख रहा हूं एक बात
कभी कभी सुनी सुनाई
 बात पर भरोसा मत करो 
जब तक उस को अपनी
 आंखो से न देख लो विश्वास न करो 
मगर आजकल के लोग अफवाह को
 ही जिंदगी की सच्चाई मान लेते है!

©Poet Kuldeep Singh Ruhela

#Sad_Status बड़ी मुद्दत के बाद आज चांद को देख रहा हूं एक बात कभी कभी सुनी सुनाई बात पर भरोसा मत करो जब तक उस को अपनी आंखो से न देख लो वि

11 Love

White वर्षों से आग जलती रही, बुझाई नहीं सेज प्यार की हमारी भी सजाई नहीं वक्त ने किस हद तक हाशिए पर रखा हमें, लिखे हजार ख़त, उस तक पहुँचाई नहीं अफवाहों के किस्से फैलते अखबारों में, सच्ची कहानी मेरी, कभी सुनाई नहीं छुपाकर रखा मुझसे मेरे ही राज़ सारे, किसी से भी मेरी कभी लड़ाई नहीं कितना यकीन था, सब मेरे थे यहाँ, मेरी आँखों से वो पर्दा हटाई नहीं उसने भी ढूँढ लिया अकेलेपन की दवा, किए हजारों वादे, पर कोई निभाई नहीं किससे शिकायत करूँ, सभी अपने ही थे, खंजर से भरे हाथ, जो कभी दिखाई नहीं कैसे लिखूँ अपने ही मारे जाने की कहानी, ये राज़, जो खुद से भी बताई नहीं फैसला कहाँ हुआ, मेरी अर्ज़ियों का, झूठ से मेरी कभी रिहाई हुई नहीं हाशिए पर आकर भी यकीन है मुझे, अभय, दुनिया से अभी सच्चाई गई नहीं ©theABHAYSINGH_BIPIN

#कविता #sad_quotes  White वर्षों से आग जलती रही, बुझाई नहीं
सेज प्यार की हमारी भी सजाई नहीं
वक्त ने किस हद तक हाशिए पर रखा हमें,
लिखे हजार ख़त, उस तक पहुँचाई नहीं

अफवाहों के किस्से फैलते अखबारों में,
सच्ची कहानी मेरी, कभी सुनाई नहीं 
छुपाकर रखा मुझसे मेरे ही राज़ सारे,
किसी से भी मेरी कभी लड़ाई नहीं 

कितना यकीन था, सब मेरे थे यहाँ,
मेरी आँखों से वो पर्दा हटाई नहीं
उसने भी ढूँढ लिया अकेलेपन की दवा,
किए हजारों वादे, पर कोई निभाई नहीं

किससे शिकायत करूँ, सभी अपने ही थे,
खंजर से भरे हाथ, जो कभी दिखाई नहीं 
कैसे लिखूँ अपने ही मारे जाने की कहानी,
ये राज़, जो खुद से भी बताई नहीं

फैसला कहाँ हुआ, मेरी अर्ज़ियों का,
झूठ से मेरी कभी रिहाई हुई नहीं 
हाशिए पर आकर भी यकीन है मुझे,
अभय, दुनिया से अभी सच्चाई गई नहीं

©theABHAYSINGH_BIPIN

#sad_quotes वर्षों से आग जलती रही, बुझाई नहीं सेज प्यार की हमारी भी सजाई नहीं वक्त ने किस हद तक हाशिए पर रखा हमें, लिखे हजार ख़त, उस तक पहु

18 Love

तूफ़ान आए तो मेरा हौसला देखो, डूबता हूँ, उभरता ज़रूर हूँ। गिरकर फिर से खड़ा, तूफ़ानों से लड़ने का तरीका, ढूंढता ज़रूर हूँ। राहें कठिन हो, फिर भी रुकता नहीं , गिरते हुए भी खुद को सम्भालता हूँ, हार नहीं मानता कभी, हर हाल में जूझता ज़रूर हूँ। हर चोट ने मेरी पहचान बनाई है, जो गिरा, उसने उठने की कहानी सुनाई है। राख से उगने की आदत है मुझमें, जलकर भी खुद को जलाता ज़रूर हूँ। मुश्किलें मुझसे हार मान जाती हैं, मेरे इरादे हर मोड़ पर मुस्कुराते हैं। ज़िंदगी के हर तुफ़ान को मैंने देखा है, पर ख़ुद को हर बार आज़माता ज़रूर हूँ। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #कविता  तूफ़ान आए तो मेरा हौसला देखो,
डूबता हूँ, उभरता ज़रूर हूँ।
गिरकर फिर से खड़ा, 
तूफ़ानों से लड़ने का तरीका, ढूंढता ज़रूर हूँ।

राहें कठिन हो, फिर भी रुकता नहीं ,
गिरते हुए भी खुद को सम्भालता हूँ,
 हार नहीं मानता कभी, 
हर हाल में जूझता ज़रूर हूँ।

हर चोट ने मेरी पहचान बनाई है,
जो गिरा, उसने उठने की कहानी सुनाई है।
राख से उगने की आदत है मुझमें,
जलकर भी खुद को जलाता ज़रूर हूँ।

मुश्किलें मुझसे हार मान जाती हैं,
मेरे इरादे हर मोड़ पर मुस्कुराते हैं।
ज़िंदगी के हर तुफ़ान को मैंने देखा है,
पर ख़ुद को हर बार आज़माता ज़रूर हूँ।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर तूफ़ान आए तो मेरा हौसला देखो, डूबता हूँ, उभरता ज़रूर हूँ। गिरकर फिर से खड़ा, तूफ़ानों से लड़ने का तरीका, ढूंढता ज़रूर हूँ।

10 Love

लफ्ज़ों का शोर किसी को भी देता है सुनाई, मगर खामोशी में जो बात छुपी हो, वही होती है सच्चाई। ताकत अपनी दिखाने के लिए जो मचाते हैं शोर, वो अंदर से खोखले और होते हैं कमजोर। ©नवनीत ठाकुर

#लफ्ज़ों #कोट्स  लफ्ज़ों का शोर किसी को भी देता है सुनाई,
मगर खामोशी में जो बात छुपी हो, वही होती है सच्चाई।

 ताकत अपनी दिखाने के लिए जो मचाते हैं शोर,
वो अंदर से खोखले और होते हैं कमजोर।

©नवनीत ठाकुर

#लफ्ज़ों का शोर किसी को भी देता है सुनाई, लेकिन खामोशी में जो बात छुपी हो, वही होती है सच्चाई। ताकत अपनी दिखाने के लिए जो मचाते हैं शोर, व

15 Love

#कविता #love_shayari  White एक सवाल 
---------
एक सवाल देश से,
देश से नहीं,देश के नेताओं से,
आमजन को,
क्यों जाति, धर्म में बांटना चाहते है?
आखिर क्यों देश तोडना  चाहते  है?।
---
सत्ता किसी की स्थायी नहीं होती,
समय की धार में बहती रहती,
फिर क्यों उसे
 अपनी निजी सम्पत्ति समझते हों?
क्यों सत्ता के लिये धर्म जाति के,
तुष्टिकरण की राजनीति करते हों ?।
----
क्यों देश को अगड़े पिछड़े 
और भी कई टुकड़ों में में बाँट रहें हों?
 क्यों देश के अपराधियों,
 आतंकियों की ढाल बन रहें हों ?।
----
आखिर क्यों नहीं सोचते,
ज़ब देश रहेगा,तभी हम आप रहेंगे,
आज जिन्हें सत्ता के लिये पनाह दें रहें,
वही कल हमें विकट संताप देंगे,
हमारी धर्म संस्कृति को निगल जायेगे,
हमारे निशान भी सिर्फ इतिहास में नजर आयेंगे।
----
जिन जातियों की राजनीति कर रहें,
उन जातियों के निशान भी न रहेंगे,
हमारे धर्म संस्कृति संस्कार सब नष्ट होंगे।
----
अभी वक़्त हैं, संभल जाओ,
 महा विनाश को न बुलाओ
आतंकी दस्तक आज,हर तरफ सुनाई दें रहीं हैं,
चेतावनियो के स्वरों की अग्नि प्रज्जवलित हों रहीं हैं,
अराजकता की आग फैलने के पहले ही बुझाओ,
तुष्टिकरण की राजनीति छोड़ राष्ट्र रक्षा में जुट जाओ।

©IG @kavi_neetesh

#love_shayari एक सवाल --------- एक सवाल देश से, देश से नहीं,देश के नेताओं से, आमजन को, क्यों जाति, धर्म में बांटना चाहते है? आखिर क्यों दे

117 View

#मेरे_बाद_किसको_सताओगे #सताओगे #क्यों #मुझको #कलेजा #कोट्स  White मैं जो जी रहा हूं

 ,,,,ऐसे तो,,,,,

तुम कभी एक पल भी न जी पाओगे

मुझको जो तड़पा रहे हो,,सता रहे हो,,,

मेरे बाद किसको सताओगे 

मैने अपना
,, ,, तन मन दिल दिमाग शरीर कलेजा ,,,,

सब कुछ तो तुमको सौंपा है तुम्हारे सामने रखा है 

फिर ,, भी,,, 

क्या तुम सब को मैं  दिखता नहीं 

क्यों,,,मेरा ,,,,
 ऐसा हाल कर रखा है 

क्यों मैं आखिर ,,

क्या तुमको मैं सुनाई नहीं देता
,,,,
मेरे बाद किसको सताओगे 
मेरे बाद 
,,,,,,,,,,,किसको सताओगे,,,,,,,,,

©Rakesh frnds4ever

#मेरे_बाद_किसको_सताओगे #मैं जो जी रहा हूं ,,,,ऐसे तो,,,,, #तुम कभी एक पल भी न जी पाओगे #मुझको जो तड़पा रहे हो,,सता रहे हो,,,

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White बड़ी मुद्दत के बाद आज चांद को देख रहा हूं एक बात कभी कभी सुनी सुनाई बात पर भरोसा मत करो जब तक उस को अपनी आंखो से न देख लो विश्वास न करो मगर आजकल के लोग अफवाह को ही जिंदगी की सच्चाई मान लेते है! ©Poet Kuldeep Singh Ruhela

#मोटिवेशनल #Sad_Status  White बड़ी मुद्दत के बाद आज
 चांद को देख रहा हूं एक बात
कभी कभी सुनी सुनाई
 बात पर भरोसा मत करो 
जब तक उस को अपनी
 आंखो से न देख लो विश्वास न करो 
मगर आजकल के लोग अफवाह को
 ही जिंदगी की सच्चाई मान लेते है!

©Poet Kuldeep Singh Ruhela

#Sad_Status बड़ी मुद्दत के बाद आज चांद को देख रहा हूं एक बात कभी कभी सुनी सुनाई बात पर भरोसा मत करो जब तक उस को अपनी आंखो से न देख लो वि

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