White कभी किसी शख़्स को मज़बूर देखो तों हसों नहीं
बहुत बेज़ार है यहाँ, कम से कम उन्हें ज़िंदा रखो..!
हम सब यहाँ खुशियों की तलाश में भटक रहें है
किसी को दौलत, किसी को इंसान की जरुरत है..!
देखो जिधर भी अनगिनत समस्या है सभी की यहाँ
दूर नहीं कर सकते जाने दो, उन्हें संभाल क़े रखो..!
मैंने देखा है दौलत वालों को भटकतें हुये भी यहाँ
दौलतमंद है खरीद सकते है, वातानुकूलित कमरें..!
क्या यें खुशियों क़े लिये खरीद सकते है इंसान को
सुकून नहीं है इनमें भी, सबको देखभाल क़े रखो..!
दौलते जरुरी है यहाँ, जहाँ तलक देख पाया हूँ मैं
बीमारी,ज़हेज़ क़े लिये दौलत भी संभाल क़े रखो..!
मैंने देखा है झोपड़ी में खुशियों की किलकारी भी
पांच सितारा सुनसान है, इनको भी संभाल क़े रखों..!!
©Shreyansh Gaurav
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here