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New चींटियों का झुंड Status, Photo, Video

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White कितनी प्यारी कितनी सुन्दर कितनी अजमल वो आँखें देखे जो भी कर देती हैं उस को घायल वो आँखें दिल में पसरे सन्नाटे को बाँध के अपने पोरों से बन के धड़कन छम-छम करती जैसे पायल वो आँखें शाम सवेरे डोले ऐसे मन के वीराँ आँगन में दूर गगन में गोया कोई उड़ता झाँकल वो आँखें बचने को मुश्ताक़ जहां से मस्त रुपहली क़ामत पे शर्म हया का पैराहन या कह लो आँचल वो आँखें उन की शोख़-निगाही के अफ़्सूँ का भी है क्या कहना आलम सारा कर दे आबी बरखा, बादल वो आँखें तीर-ए-मिज़्गाँ ऐसे कितने अहल-ए-दिल नख़चीर हुए कितने बिखरे कितने तड़पे कलवल कलवल वो आँखें ©Parastish

#lovepoetry #parastish #ghazal #sher  White कितनी प्यारी कितनी सुन्दर कितनी अजमल वो आँखें
देखे  जो  भी  कर  देती  हैं  उस  को  घायल वो आँखें 

दिल  में  पसरे  सन्नाटे  को  बाँध  के  अपने  पोरों  से 
बन के धड़कन  छम-छम करती जैसे पायल वो आँखें 

शाम   सवेरे   डोले  ऐसे   मन   के   वीराँ   आँगन  में 
दूर  गगन   में  गोया  कोई  उड़ता  झाँकल  वो  आँखें

बचने  को  मुश्ताक़  जहां से मस्त रुपहली  क़ामत  पे 
शर्म  हया  का  पैराहन या  कह लो आँचल  वो आँखें 

उन की शोख़-निगाही के अफ़्सूँ का भी है क्या कहना 
आलम  सारा  कर  दे  आबी  बरखा, बादल वो आँखें 

तीर-ए-मिज़्गाँ ऐसे कितने अहल-ए-दिल नख़चीर हुए 
कितने बिखरे कितने तड़पे कलवल कलवल वो आँखें

©Parastish

अजमल- रूपवान,अत्यधिक सुंदर गोया - मानो, जैसे । झाँकल- परिंदों का झुंड मुश्ताक़ - शौक रखने वाला, अभिलाषी रुपहली - चाँदी जैसी । क़ामत - शरीर

19 Love

आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain

#विचार  आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है 
भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है
 अपनी सुख सुविधाओं के लिए....
फिर स्वयं विवश होती है
 अपने दुःख और दुविधाओं से...!!

©Anjali Jain

आज का विचार 08.12.24 आज का विचार

16 Love

White सज्जन व्यक्ति स्वतः प्रसन्न रहते हैं दुर्जन व्यक्तियों को प्रसन्न करना पड़ता है फिर भी वे प्रसन्न नहीं होते, अतः निरर्थक प्रयास करना छोड़ें और स्वयं प्रसन्न रहें!! ©Anjali Jain

#विचार #sad_dp  White  सज्जन व्यक्ति स्वतः प्रसन्न रहते हैं 
दुर्जन व्यक्तियों को प्रसन्न करना पड़ता है 
फिर भी वे प्रसन्न नहीं होते,
अतः निरर्थक प्रयास करना छोड़ें और 
स्वयं प्रसन्न रहें!!

©Anjali Jain

#sad_dp आज का विचार 22.10.24 आज का विचार

23 Love

#Videos

दियरा का राजा का महल

144 View

White इंसान ने सब कुछ दांव पर लगाया, सांसों की मोहलत खरीदने के लिए ।।।।।।।।। अफसोस,, समय का सबसे छोटा हिस्सा भी न मिला, एक कतरा सांस के लिए ।।।।।।🥹।।।।।।। सारी किताबें लिखी पड़ी है अमर होने का वरदान मांगने वालों से । पता नहीं, अब उनकी धूल हवा में होगी भी या नहीं ।।।।।।।।।।। ©Ram Yadav

#अध्यात्म #विचार #love_shayari  White इंसान ने सब कुछ दांव पर लगाया,
सांसों की मोहलत खरीदने के लिए
।।।।।।।।।

अफसोस,,
समय का सबसे छोटा हिस्सा भी न मिला,
एक कतरा सांस के लिए
।।।।।।🥹।।।।।।।

सारी किताबें लिखी पड़ी है
अमर होने का वरदान मांगने वालों से
।
पता नहीं,
अब उनकी धूल हवा में होगी भी या नहीं
।।।।।।।।।।।

©Ram Yadav

#love_shayari आज का विचार आज का विचार #अध्यात्म

14 Love

White कितनी प्यारी कितनी सुन्दर कितनी अजमल वो आँखें देखे जो भी कर देती हैं उस को घायल वो आँखें दिल में पसरे सन्नाटे को बाँध के अपने पोरों से बन के धड़कन छम-छम करती जैसे पायल वो आँखें शाम सवेरे डोले ऐसे मन के वीराँ आँगन में दूर गगन में गोया कोई उड़ता झाँकल वो आँखें बचने को मुश्ताक़ जहां से मस्त रुपहली क़ामत पे शर्म हया का पैराहन या कह लो आँचल वो आँखें उन की शोख़-निगाही के अफ़्सूँ का भी है क्या कहना आलम सारा कर दे आबी बरखा, बादल वो आँखें तीर-ए-मिज़्गाँ ऐसे कितने अहल-ए-दिल नख़चीर हुए कितने बिखरे कितने तड़पे कलवल कलवल वो आँखें ©Parastish

#lovepoetry #parastish #ghazal #sher  White कितनी प्यारी कितनी सुन्दर कितनी अजमल वो आँखें
देखे  जो  भी  कर  देती  हैं  उस  को  घायल वो आँखें 

दिल  में  पसरे  सन्नाटे  को  बाँध  के  अपने  पोरों  से 
बन के धड़कन  छम-छम करती जैसे पायल वो आँखें 

शाम   सवेरे   डोले  ऐसे   मन   के   वीराँ   आँगन  में 
दूर  गगन   में  गोया  कोई  उड़ता  झाँकल  वो  आँखें

बचने  को  मुश्ताक़  जहां से मस्त रुपहली  क़ामत  पे 
शर्म  हया  का  पैराहन या  कह लो आँचल  वो आँखें 

उन की शोख़-निगाही के अफ़्सूँ का भी है क्या कहना 
आलम  सारा  कर  दे  आबी  बरखा, बादल वो आँखें 

तीर-ए-मिज़्गाँ ऐसे कितने अहल-ए-दिल नख़चीर हुए 
कितने बिखरे कितने तड़पे कलवल कलवल वो आँखें

©Parastish

अजमल- रूपवान,अत्यधिक सुंदर गोया - मानो, जैसे । झाँकल- परिंदों का झुंड मुश्ताक़ - शौक रखने वाला, अभिलाषी रुपहली - चाँदी जैसी । क़ामत - शरीर

19 Love

आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain

#विचार  आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है 
भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है
 अपनी सुख सुविधाओं के लिए....
फिर स्वयं विवश होती है
 अपने दुःख और दुविधाओं से...!!

©Anjali Jain

आज का विचार 08.12.24 आज का विचार

16 Love

White सज्जन व्यक्ति स्वतः प्रसन्न रहते हैं दुर्जन व्यक्तियों को प्रसन्न करना पड़ता है फिर भी वे प्रसन्न नहीं होते, अतः निरर्थक प्रयास करना छोड़ें और स्वयं प्रसन्न रहें!! ©Anjali Jain

#विचार #sad_dp  White  सज्जन व्यक्ति स्वतः प्रसन्न रहते हैं 
दुर्जन व्यक्तियों को प्रसन्न करना पड़ता है 
फिर भी वे प्रसन्न नहीं होते,
अतः निरर्थक प्रयास करना छोड़ें और 
स्वयं प्रसन्न रहें!!

©Anjali Jain

#sad_dp आज का विचार 22.10.24 आज का विचार

23 Love

#Videos

दियरा का राजा का महल

144 View

White इंसान ने सब कुछ दांव पर लगाया, सांसों की मोहलत खरीदने के लिए ।।।।।।।।। अफसोस,, समय का सबसे छोटा हिस्सा भी न मिला, एक कतरा सांस के लिए ।।।।।।🥹।।।।।।। सारी किताबें लिखी पड़ी है अमर होने का वरदान मांगने वालों से । पता नहीं, अब उनकी धूल हवा में होगी भी या नहीं ।।।।।।।।।।। ©Ram Yadav

#अध्यात्म #विचार #love_shayari  White इंसान ने सब कुछ दांव पर लगाया,
सांसों की मोहलत खरीदने के लिए
।।।।।।।।।

अफसोस,,
समय का सबसे छोटा हिस्सा भी न मिला,
एक कतरा सांस के लिए
।।।।।।🥹।।।।।।।

सारी किताबें लिखी पड़ी है
अमर होने का वरदान मांगने वालों से
।
पता नहीं,
अब उनकी धूल हवा में होगी भी या नहीं
।।।।।।।।।।।

©Ram Yadav

#love_shayari आज का विचार आज का विचार #अध्यात्म

14 Love

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