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New त्रेतायुग और द्वापर युग Status, Photo, Video

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New Year 2024-25 पल्लव की डायरी सजे है बाजार रोज आकर्षण सबको देते है अमीरों की बपौती है इनके हर दिन इवेंट सजे करो कुछ ऐसा युग परिवर्तन मेहनत कशो की भी दुनियाँ में धाक जम जाये रोजी रोटी से भी ऊपर उठकर कुछ खुशियाँ इनके हिस्से में आये अठारह घण्टे काम ये करे सिर्फ चतुराई और चालाकी से शोषण कर हर वर्ष सिस्टम सारा हाइजेक करे प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #Newyear2024  New Year 2024-25 पल्लव की डायरी
सजे है बाजार रोज
आकर्षण सबको देते है
अमीरों की बपौती है
इनके हर दिन इवेंट सजे
करो कुछ ऐसा युग परिवर्तन
मेहनत कशो की भी दुनियाँ में
धाक जम जाये
रोजी रोटी से भी ऊपर उठकर
कुछ खुशियाँ इनके हिस्से में आये
अठारह घण्टे काम ये करे
सिर्फ चतुराई और चालाकी से शोषण कर
हर वर्ष सिस्टम सारा हाइजेक करे
                                       प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#Newyear2024-25 करो कुछ ऐसा युग परिवर्तन

14 Love

तुम्हारे लिये वो हर कठिनाईयों से लड़ जाएगी , तुम उसे बेशुमार मोहब्बत और इज्ज़त देकर तो देखों हर लड़की एक जैसी नहीं होती है ना हर लड़का एक जैसा होता है , उसकी सूरत नहीं सीरत से प्यार करके तो देखों , तुम्हें फर्श से अर्श पर पहुंचाएगी वो , तुम थोड़ा विश्वास और साथ देकर तो देखों , बात नहीं कलयुग की तुम साथ द्वापर युग सा निभा पाओगे क्या सीता ढूंढने से पहले खुद को राम साबित कर पाओगे क्या ।। ©Vidya Jha

#radhekrishna #nojohindi #Dwaparyug #Quotes  तुम्हारे लिये वो हर कठिनाईयों से लड़ जाएगी  ,
 तुम उसे बेशुमार मोहब्बत और इज्ज़त देकर तो देखों 
हर लड़की एक जैसी नहीं होती है 
ना हर लड़का एक जैसा होता है , 
उसकी सूरत नहीं सीरत से प्यार करके तो देखों , 
तुम्हें फर्श से अर्श पर पहुंचाएगी वो , 
तुम थोड़ा विश्वास और साथ देकर  तो देखों , 
बात नहीं कलयुग की तुम साथ द्वापर युग सा निभा पाओगे क्या सीता ढूंढने से पहले खुद को राम साबित कर पाओगे क्या ।।

©Vidya Jha

❤️ द्वापर युग ❤️ #radhekrishna #Dwaparyug #Nojoto #nojohindi

15 Love

Unsplash वो दिन याद करो ज़ब ये आदमी पहले "आदम " था और स्त्री "ईव " थीं तब न आखर था न शब्द न लिपि न कोई आपस मे संवाद था तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं इसके बाद वो ध्वनि कब संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और वो ईव स्त्री मे रूपांतरित हो गए थे ©Parasram Arora

 Unsplash वो दिन याद करो 
ज़ब ये आदमी पहले  "आदम "  था 
और स्त्री "ईव " थीं 

तब न आखर था न शब्द न लिपि 
न कोई आपस मे संवाद था 
तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं
इसके बाद वो ध्वनि  कब  संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता
लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और  वो ईव स्त्री मे  रूपांतरित 
 हो  गए थे

©Parasram Arora

आदम और ईव

17 Love

#मैं #Quotes  White  "मैं हूँ और वह है, मिलना चाहते हैं,
  पर दूरी इतनी है, जैसे धरती और आसमान।"


 "कभी लगता है, चूर-चूर हो जाऊँ, फिर लगता है, 
  मिलना तो तय ही है।"

©kevat pk

#मैं और वो

90 View

White {Bolo Ji Radhey Radhey} मन, बुद्धि, इच्छा, जरूरत, और नींद चाहने से भी पूरी नही होती, इनके लिए या इनके पीछे पागल होने की कोशिश न करना, वर्ना एक दिन या एक युग में पागल या बेचन होना निश्चित है।। ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #Sad_Status  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
मन, बुद्धि, इच्छा, जरूरत, और 
नींद चाहने से भी पूरी नही होती, 
इनके लिए या इनके पीछे पागल 
होने की कोशिश न करना, वर्ना 
एक दिन या एक युग में पागल 
या बेचन होना निश्चित है।।

©N S Yadav GoldMine

#Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} मन, बुद्धि, इच्छा, जरूरत, और नींद चाहने से भी पूरी नही होती, इनके लिए या इनके पीछे पागल होने की कोशिश

13 Love

White अब सुख और सुकून की नींद कहा नसीब होती हैँ आज के इंसान को आदमी दिन भर व्यस्त रहता हैँ रोज़ी रोटी कमाने की ज़ददो ज़हद मे उसे सुकून और सुख की फ़िक्र करने.का वक़्त ही कहा मिलता हैँ? ©Parasram Arora

 White अब सुख और सुकून 
की  नींद कहा नसीब 
होती हैँ  आज के इंसान को


आदमी दिन भर 
व्यस्त रहता हैँ  रोज़ी 
रोटी कमाने की ज़ददो ज़हद मे 

उसे सुकून और सुख 
की फ़िक्र करने.का 
वक़्त ही कहा मिलता हैँ?

©Parasram Arora

सुख और सुकून

13 Love

New Year 2024-25 पल्लव की डायरी सजे है बाजार रोज आकर्षण सबको देते है अमीरों की बपौती है इनके हर दिन इवेंट सजे करो कुछ ऐसा युग परिवर्तन मेहनत कशो की भी दुनियाँ में धाक जम जाये रोजी रोटी से भी ऊपर उठकर कुछ खुशियाँ इनके हिस्से में आये अठारह घण्टे काम ये करे सिर्फ चतुराई और चालाकी से शोषण कर हर वर्ष सिस्टम सारा हाइजेक करे प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #Newyear2024  New Year 2024-25 पल्लव की डायरी
सजे है बाजार रोज
आकर्षण सबको देते है
अमीरों की बपौती है
इनके हर दिन इवेंट सजे
करो कुछ ऐसा युग परिवर्तन
मेहनत कशो की भी दुनियाँ में
धाक जम जाये
रोजी रोटी से भी ऊपर उठकर
कुछ खुशियाँ इनके हिस्से में आये
अठारह घण्टे काम ये करे
सिर्फ चतुराई और चालाकी से शोषण कर
हर वर्ष सिस्टम सारा हाइजेक करे
                                       प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#Newyear2024-25 करो कुछ ऐसा युग परिवर्तन

14 Love

तुम्हारे लिये वो हर कठिनाईयों से लड़ जाएगी , तुम उसे बेशुमार मोहब्बत और इज्ज़त देकर तो देखों हर लड़की एक जैसी नहीं होती है ना हर लड़का एक जैसा होता है , उसकी सूरत नहीं सीरत से प्यार करके तो देखों , तुम्हें फर्श से अर्श पर पहुंचाएगी वो , तुम थोड़ा विश्वास और साथ देकर तो देखों , बात नहीं कलयुग की तुम साथ द्वापर युग सा निभा पाओगे क्या सीता ढूंढने से पहले खुद को राम साबित कर पाओगे क्या ।। ©Vidya Jha

#radhekrishna #nojohindi #Dwaparyug #Quotes  तुम्हारे लिये वो हर कठिनाईयों से लड़ जाएगी  ,
 तुम उसे बेशुमार मोहब्बत और इज्ज़त देकर तो देखों 
हर लड़की एक जैसी नहीं होती है 
ना हर लड़का एक जैसा होता है , 
उसकी सूरत नहीं सीरत से प्यार करके तो देखों , 
तुम्हें फर्श से अर्श पर पहुंचाएगी वो , 
तुम थोड़ा विश्वास और साथ देकर  तो देखों , 
बात नहीं कलयुग की तुम साथ द्वापर युग सा निभा पाओगे क्या सीता ढूंढने से पहले खुद को राम साबित कर पाओगे क्या ।।

©Vidya Jha

❤️ द्वापर युग ❤️ #radhekrishna #Dwaparyug #Nojoto #nojohindi

15 Love

Unsplash वो दिन याद करो ज़ब ये आदमी पहले "आदम " था और स्त्री "ईव " थीं तब न आखर था न शब्द न लिपि न कोई आपस मे संवाद था तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं इसके बाद वो ध्वनि कब संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और वो ईव स्त्री मे रूपांतरित हो गए थे ©Parasram Arora

 Unsplash वो दिन याद करो 
ज़ब ये आदमी पहले  "आदम "  था 
और स्त्री "ईव " थीं 

तब न आखर था न शब्द न लिपि 
न कोई आपस मे संवाद था 
तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं
इसके बाद वो ध्वनि  कब  संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता
लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और  वो ईव स्त्री मे  रूपांतरित 
 हो  गए थे

©Parasram Arora

आदम और ईव

17 Love

#मैं #Quotes  White  "मैं हूँ और वह है, मिलना चाहते हैं,
  पर दूरी इतनी है, जैसे धरती और आसमान।"


 "कभी लगता है, चूर-चूर हो जाऊँ, फिर लगता है, 
  मिलना तो तय ही है।"

©kevat pk

#मैं और वो

90 View

White {Bolo Ji Radhey Radhey} मन, बुद्धि, इच्छा, जरूरत, और नींद चाहने से भी पूरी नही होती, इनके लिए या इनके पीछे पागल होने की कोशिश न करना, वर्ना एक दिन या एक युग में पागल या बेचन होना निश्चित है।। ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #Sad_Status  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
मन, बुद्धि, इच्छा, जरूरत, और 
नींद चाहने से भी पूरी नही होती, 
इनके लिए या इनके पीछे पागल 
होने की कोशिश न करना, वर्ना 
एक दिन या एक युग में पागल 
या बेचन होना निश्चित है।।

©N S Yadav GoldMine

#Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} मन, बुद्धि, इच्छा, जरूरत, और नींद चाहने से भी पूरी नही होती, इनके लिए या इनके पीछे पागल होने की कोशिश

13 Love

White अब सुख और सुकून की नींद कहा नसीब होती हैँ आज के इंसान को आदमी दिन भर व्यस्त रहता हैँ रोज़ी रोटी कमाने की ज़ददो ज़हद मे उसे सुकून और सुख की फ़िक्र करने.का वक़्त ही कहा मिलता हैँ? ©Parasram Arora

 White अब सुख और सुकून 
की  नींद कहा नसीब 
होती हैँ  आज के इंसान को


आदमी दिन भर 
व्यस्त रहता हैँ  रोज़ी 
रोटी कमाने की ज़ददो ज़हद मे 

उसे सुकून और सुख 
की फ़िक्र करने.का 
वक़्त ही कहा मिलता हैँ?

©Parasram Arora

सुख और सुकून

13 Love

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