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White इस नाउम्मीद की रात में कब जगेगी उम्मीद तीस चांद की रात तीस अमावस्या की रात में उम्मीद टूटते हुए देखा कहीं भी आस का जुगनू नज़र ना आया मुझे एक उम्मीद की लौ जला दे मेरे प्रभु एक दूज का चांद दिखा दे फिर एक खुशनुमा सुबह का दर्शन करा दे प्रभु अब सहन नहीं होता अपनों की तकलीफ़ एक उम्मीद की झलक दिखला दे प्रभु दिखला दे प्रभु...... ©`sanju sharan

#भक्ति #wallpaper  White इस नाउम्मीद की रात में 
कब जगेगी उम्मीद 
तीस चांद की रात 
तीस अमावस्या की रात में 
उम्मीद टूटते हुए देखा 
कहीं भी आस का जुगनू 
नज़र ना आया मुझे 
एक उम्मीद की लौ 
जला दे मेरे प्रभु
एक दूज का चांद दिखा दे
फिर एक खुशनुमा सुबह का 
दर्शन करा दे प्रभु
अब सहन नहीं होता 
अपनों की तकलीफ़ 
एक उम्मीद की 
झलक दिखला दे प्रभु
दिखला दे प्रभु......

©`sanju sharan

#wallpaper

23 Love

నన్ను మరిచినా నా అక్షరాలు నీతో వుండాలని రాస్తున్న..✍️✍️ ©Reddy Awesome

#కవిత్వం #wallpaper  నన్ను మరిచినా నా అక్షరాలు నీతో వుండాలని రాస్తున్న..✍️✍️

©Reddy Awesome

#wallpaper

16 Love

#wallpaper #Quotes  White         🥹ସ୍ବପ୍ନ 🥹

ବେଳେ ବେଳେ ଏମିତି କିଛି ସ୍ବପ୍ନ ଆସେ
ଯେଉଁ ସ୍ଵପ୍ନ୍ ରେ ଆମ ଆଖି ଆଗରେ ଆପଣା ର ଲୋକ ଦୂରେଇଜାଉଥାଏ ଆଉ ଆମେ ଆଖିରୁ ଲୁହ ଗଡ଼ାଇ ନିସ୍ତବ୍ଧ ହୋଇବସି ରହିଥାଉ ହେଲେ  କିଛି ବି କରିପାରୁନା,
ଯେବେ ନିଦ ଭାଙ୍ଗି ଯାଇ ଆମେ ସ୍ବପ୍ନ ର ଦୁନିଆଁ ରୁ ବାହାରି ଆସୁ
ସେତେବେଳେ ଅନୁଭବ ହୁଏ ସ୍ବପ୍ନ ରେ ଆପଣାର୍ ଲୋକ କୁ ଦୁରେଇ ଯିବାର ଦେଖି ଯଦି ହୃଦୟ ଏତେ ବିଚଳିତ ହୋଇ ଉଠୁଛି,ଆଖି ରୁ ଲୁହ ଧାର ଧାର ହୋଇବହି ଯାଉଛି ..
ବାସ୍ତବରେ ଆପଣାର ଲୋକ ଠୁ ଦୂରେଇ ରହିବା କେତେ ଜେ କଷ୍ଟ ଓ ଯନ୍ତ୍ରଣା ଦାୟକ  ହୋଇଥିବ ସତେ ??

©sasmita sahoo

#wallpaper

171 View

White (मेरे द्वारा रचित श्लोक अनुष्टुप् छन्द में) सुरम्या सरला भाषा, सुबोधा मृदुला मुदा। यदि न तादृशी भाषा, सा भाषा नैव गद्यते।। सृष्टो मया-(अभिषेककोश:)✍️ अर्थात्- भाषा रमणीय,सरल,सुबोध(समझ में आने वाली) होनी चाहिए ताकि व्यक्ति सरलता से उस भाषा को समझ सके यदि ऐसी भाषा नहीं है तो फिर वो भाषा भाषा नहीं कहलाती है। ©Abhishek Choudhary Sanskrit

#wallpaper  White (मेरे द्वारा रचित श्लोक अनुष्टुप् छन्द में)


सुरम्या सरला भाषा,
सुबोधा मृदुला मुदा।
यदि न तादृशी भाषा,
सा भाषा नैव गद्यते।।

सृष्टो मया-(अभिषेककोश:)✍️

अर्थात्- भाषा रमणीय,सरल,सुबोध(समझ में आने वाली) होनी चाहिए ताकि व्यक्ति सरलता से उस भाषा को समझ सके यदि ऐसी भाषा नहीं है तो फिर वो भाषा भाषा नहीं कहलाती है।

©Abhishek Choudhary Sanskrit

#wallpaper

11 Love

White इस नाउम्मीद की रात में कब जगेगी उम्मीद तीस चांद की रात तीस अमावस्या की रात में उम्मीद टूटते हुए देखा कहीं भी आस का जुगनू नज़र ना आया मुझे एक उम्मीद की लौ जला दे मेरे प्रभु एक दूज का चांद दिखा दे फिर एक खुशनुमा सुबह का दर्शन करा दे प्रभु अब सहन नहीं होता अपनों की तकलीफ़ एक उम्मीद की झलक दिखला दे प्रभु दिखला दे प्रभु...... ©`sanju sharan

#भक्ति #wallpaper  White इस नाउम्मीद की रात में 
कब जगेगी उम्मीद 
तीस चांद की रात 
तीस अमावस्या की रात में 
उम्मीद टूटते हुए देखा 
कहीं भी आस का जुगनू 
नज़र ना आया मुझे 
एक उम्मीद की लौ 
जला दे मेरे प्रभु
एक दूज का चांद दिखा दे
फिर एक खुशनुमा सुबह का 
दर्शन करा दे प्रभु
अब सहन नहीं होता 
अपनों की तकलीफ़ 
एक उम्मीद की 
झलक दिखला दे प्रभु
दिखला दे प्रभु......

©`sanju sharan

#wallpaper

23 Love

నన్ను మరిచినా నా అక్షరాలు నీతో వుండాలని రాస్తున్న..✍️✍️ ©Reddy Awesome

#కవిత్వం #wallpaper  నన్ను మరిచినా నా అక్షరాలు నీతో వుండాలని రాస్తున్న..✍️✍️

©Reddy Awesome

#wallpaper

16 Love

#wallpaper #Quotes  White         🥹ସ୍ବପ୍ନ 🥹

ବେଳେ ବେଳେ ଏମିତି କିଛି ସ୍ବପ୍ନ ଆସେ
ଯେଉଁ ସ୍ଵପ୍ନ୍ ରେ ଆମ ଆଖି ଆଗରେ ଆପଣା ର ଲୋକ ଦୂରେଇଜାଉଥାଏ ଆଉ ଆମେ ଆଖିରୁ ଲୁହ ଗଡ଼ାଇ ନିସ୍ତବ୍ଧ ହୋଇବସି ରହିଥାଉ ହେଲେ  କିଛି ବି କରିପାରୁନା,
ଯେବେ ନିଦ ଭାଙ୍ଗି ଯାଇ ଆମେ ସ୍ବପ୍ନ ର ଦୁନିଆଁ ରୁ ବାହାରି ଆସୁ
ସେତେବେଳେ ଅନୁଭବ ହୁଏ ସ୍ବପ୍ନ ରେ ଆପଣାର୍ ଲୋକ କୁ ଦୁରେଇ ଯିବାର ଦେଖି ଯଦି ହୃଦୟ ଏତେ ବିଚଳିତ ହୋଇ ଉଠୁଛି,ଆଖି ରୁ ଲୁହ ଧାର ଧାର ହୋଇବହି ଯାଉଛି ..
ବାସ୍ତବରେ ଆପଣାର ଲୋକ ଠୁ ଦୂରେଇ ରହିବା କେତେ ଜେ କଷ୍ଟ ଓ ଯନ୍ତ୍ରଣା ଦାୟକ  ହୋଇଥିବ ସତେ ??

©sasmita sahoo

#wallpaper

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White (मेरे द्वारा रचित श्लोक अनुष्टुप् छन्द में) सुरम्या सरला भाषा, सुबोधा मृदुला मुदा। यदि न तादृशी भाषा, सा भाषा नैव गद्यते।। सृष्टो मया-(अभिषेककोश:)✍️ अर्थात्- भाषा रमणीय,सरल,सुबोध(समझ में आने वाली) होनी चाहिए ताकि व्यक्ति सरलता से उस भाषा को समझ सके यदि ऐसी भाषा नहीं है तो फिर वो भाषा भाषा नहीं कहलाती है। ©Abhishek Choudhary Sanskrit

#wallpaper  White (मेरे द्वारा रचित श्लोक अनुष्टुप् छन्द में)


सुरम्या सरला भाषा,
सुबोधा मृदुला मुदा।
यदि न तादृशी भाषा,
सा भाषा नैव गद्यते।।

सृष्टो मया-(अभिषेककोश:)✍️

अर्थात्- भाषा रमणीय,सरल,सुबोध(समझ में आने वाली) होनी चाहिए ताकि व्यक्ति सरलता से उस भाषा को समझ सके यदि ऐसी भाषा नहीं है तो फिर वो भाषा भाषा नहीं कहलाती है।

©Abhishek Choudhary Sanskrit

#wallpaper

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