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New क़त्ल-ए-आम Status, Photo, Video

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White मन तो बावरा है अटकता है कभी तो भटकता है कभी.. विरक्त है कभी तो आसक्त है कभी... धूप है प्रेम की तो छाह यादों की कभी!! डूबता उतरता सा मचलता, भटकता सा कभी, कितने रंग समेटे खुद में हो रहा बदरंग कभी रे मन.. कैसे पाऊँ थाह तेरी है तू आस कभी तो तू है निर्लिप्त कभी ©हिमांशु Kulshreshtha

#कविता  White मन तो बावरा है
अटकता है कभी तो
भटकता है कभी.. 
विरक्त है कभी तो
आसक्त है कभी...
धूप है प्रेम की
तो छाह यादों की कभी!!

डूबता उतरता सा
मचलता, भटकता सा कभी,
कितने रंग समेटे खुद में
हो रहा बदरंग कभी

रे मन..
कैसे पाऊँ थाह तेरी
है तू आस कभी तो
तू है निर्लिप्त कभी

©हिमांशु Kulshreshtha

ए दिल..

20 Love

White पल्लव की डायरी ऊँची उड़ानों का दम्भ भर बैठे घुटन उतनी भारी है समसामयिक जीवन पीछे छूटा दिलो पर बोझ पड़ता भारी है घुमक्कड़ पन और सुख सुविधा को विकास मान बैठे अंतर्विरोध जीवन का भारी है भले कनेक्टीविटी जुड़ी हो दुनियाँ भर से जरूरत के कितने संग साथी है उधेड़ दिया जीवन आम आदमी का कद बौना लिये घूमता है विषमता और गैर बराबरी जोरो पर है अस्तिव की लड़ाई लिये, मारा मार मानव फिरता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #engineers_day #nojotohindi  White पल्लव की डायरी
ऊँची उड़ानों का दम्भ भर बैठे
घुटन उतनी भारी है
समसामयिक जीवन पीछे छूटा
दिलो पर बोझ पड़ता भारी है
घुमक्कड़ पन और सुख सुविधा को
विकास मान बैठे
अंतर्विरोध जीवन का भारी है
भले कनेक्टीविटी जुड़ी हो दुनियाँ भर से
जरूरत के कितने संग साथी है
उधेड़ दिया जीवन आम आदमी का
कद बौना लिये घूमता है
विषमता और गैर बराबरी जोरो पर है
अस्तिव की लड़ाई लिये, मारा मार मानव फिरता है
                                                                प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#engineers_day उधेड़ दिया जीवन आम आदमी का #nojotohindi

13 Love

#आम  White इक आम, 
इक खास, 
दोनों का राज फराश। 
इक मीठा, उपर से
भीतर गर्म तासीर लिए, 
इक खास बना इक महफ़िल का
बहुतों का काम तमाम किए।

©arvind bhanwra ambala. India

#आम खास

99 View

#beingoriginal #nojotohindi #Trending #poem

देश, आम आदमी #beingoriginal #nojotohindi #poem #Trending

108 View

#आम  White हां, मैं एक आम गृहणी हूं।
हाशिए पर जिसने अपने गुण जोश को धकेला है।
घर की नैया पतवार भी हूं।
किरदार मेरा अलबेला है।
करना तो बहुत कुछ जीवन में 
बस समयचक्र का खेला है।
कभी गुल्लक की पाई बनकर खुश हूं।
कभी धनिए ,टमाटर,बढ़ती महंगाई को टटोला है।
होती हूं संतुष्ट और जब थोड़ी खुश ,
तब ठेस पहुंचाते हुए हंसना मत,
मत समझना मेरी कोई औकात नही।
शायद मेरी महत्ता को समझ पाओ,
तुम्हारी मानसिकता की उतनी बिसात नही,
हां, मैं वो आम गृहिणी हूं।
 जो अपने आज को गिरवी रख ,
दूसरों का कल लिखती हूं ।

©PRIYANKA

#आम गृहिणी

54 View

#beingoriginal #nojotohindi #Poet

आम खास, सरकारें #nojotohindi #beingoriginal #Poet

306 View

White मन तो बावरा है अटकता है कभी तो भटकता है कभी.. विरक्त है कभी तो आसक्त है कभी... धूप है प्रेम की तो छाह यादों की कभी!! डूबता उतरता सा मचलता, भटकता सा कभी, कितने रंग समेटे खुद में हो रहा बदरंग कभी रे मन.. कैसे पाऊँ थाह तेरी है तू आस कभी तो तू है निर्लिप्त कभी ©हिमांशु Kulshreshtha

#कविता  White मन तो बावरा है
अटकता है कभी तो
भटकता है कभी.. 
विरक्त है कभी तो
आसक्त है कभी...
धूप है प्रेम की
तो छाह यादों की कभी!!

डूबता उतरता सा
मचलता, भटकता सा कभी,
कितने रंग समेटे खुद में
हो रहा बदरंग कभी

रे मन..
कैसे पाऊँ थाह तेरी
है तू आस कभी तो
तू है निर्लिप्त कभी

©हिमांशु Kulshreshtha

ए दिल..

20 Love

White पल्लव की डायरी ऊँची उड़ानों का दम्भ भर बैठे घुटन उतनी भारी है समसामयिक जीवन पीछे छूटा दिलो पर बोझ पड़ता भारी है घुमक्कड़ पन और सुख सुविधा को विकास मान बैठे अंतर्विरोध जीवन का भारी है भले कनेक्टीविटी जुड़ी हो दुनियाँ भर से जरूरत के कितने संग साथी है उधेड़ दिया जीवन आम आदमी का कद बौना लिये घूमता है विषमता और गैर बराबरी जोरो पर है अस्तिव की लड़ाई लिये, मारा मार मानव फिरता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #engineers_day #nojotohindi  White पल्लव की डायरी
ऊँची उड़ानों का दम्भ भर बैठे
घुटन उतनी भारी है
समसामयिक जीवन पीछे छूटा
दिलो पर बोझ पड़ता भारी है
घुमक्कड़ पन और सुख सुविधा को
विकास मान बैठे
अंतर्विरोध जीवन का भारी है
भले कनेक्टीविटी जुड़ी हो दुनियाँ भर से
जरूरत के कितने संग साथी है
उधेड़ दिया जीवन आम आदमी का
कद बौना लिये घूमता है
विषमता और गैर बराबरी जोरो पर है
अस्तिव की लड़ाई लिये, मारा मार मानव फिरता है
                                                                प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#engineers_day उधेड़ दिया जीवन आम आदमी का #nojotohindi

13 Love

#आम  White इक आम, 
इक खास, 
दोनों का राज फराश। 
इक मीठा, उपर से
भीतर गर्म तासीर लिए, 
इक खास बना इक महफ़िल का
बहुतों का काम तमाम किए।

©arvind bhanwra ambala. India

#आम खास

99 View

#beingoriginal #nojotohindi #Trending #poem

देश, आम आदमी #beingoriginal #nojotohindi #poem #Trending

108 View

#आम  White हां, मैं एक आम गृहणी हूं।
हाशिए पर जिसने अपने गुण जोश को धकेला है।
घर की नैया पतवार भी हूं।
किरदार मेरा अलबेला है।
करना तो बहुत कुछ जीवन में 
बस समयचक्र का खेला है।
कभी गुल्लक की पाई बनकर खुश हूं।
कभी धनिए ,टमाटर,बढ़ती महंगाई को टटोला है।
होती हूं संतुष्ट और जब थोड़ी खुश ,
तब ठेस पहुंचाते हुए हंसना मत,
मत समझना मेरी कोई औकात नही।
शायद मेरी महत्ता को समझ पाओ,
तुम्हारी मानसिकता की उतनी बिसात नही,
हां, मैं वो आम गृहिणी हूं।
 जो अपने आज को गिरवी रख ,
दूसरों का कल लिखती हूं ।

©PRIYANKA

#आम गृहिणी

54 View

#beingoriginal #nojotohindi #Poet

आम खास, सरकारें #nojotohindi #beingoriginal #Poet

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