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कभी-कभी, सबसे खूबसूरत एहसास वो होते हैं जो बिना किसी शब्द के होते हैं; बस एक अदृश्य बंधन, जो हमें एक-दूसरे से जोड़ता है। दिल का हर ज़ख्म एक कहानी बुनता है, और जब हम उन कहानियों को साझा करते हैं, तो हम न सिर्फ अपने दर्द को समझते हैं, बल्कि एक दूसरे की खुशियों में भी शामिल होते हैं। ©Nurul Shabd

#शायरी #कभी  कभी-कभी, सबसे खूबसूरत एहसास वो होते हैं जो बिना किसी शब्द के होते हैं; बस एक अदृश्य बंधन, जो हमें एक-दूसरे से जोड़ता है।

दिल का हर ज़ख्म एक कहानी बुनता है, और जब हम उन कहानियों को साझा करते हैं, तो हम न सिर्फ अपने दर्द को समझते हैं, बल्कि एक दूसरे की खुशियों में भी शामिल होते हैं।

©Nurul Shabd

#कभी -कभी,

10 Love

White हम गुज़ारे एक दिन साथ कभी चाय कभी चाट कभी सादा इडली जलेबी या कॉफी कभी.. हल्की सी छेड़छाड़ कभी रूठना मनाना कभी.. ढ़लती साँझ के साथ हम विदा लें फिर मिलने के वादे के साथ.. ©हिमांशु Kulshreshtha

 White हम
गुज़ारे एक दिन साथ
कभी चाय
कभी चाट
कभी सादा इडली
जलेबी या
कॉफी कभी..
हल्की सी छेड़छाड़ 
कभी रूठना 
मनाना कभी.. 
ढ़लती साँझ के साथ
हम विदा लें
फिर मिलने के वादे के साथ..

©हिमांशु Kulshreshtha

कभी

17 Love

रात के 9:00 बज रहे हैं, और गाँव की गलियों में एक सुकून भरी ठंडक घुली हुई है। गली के दोनों किनारों पर लगी स्ट्रीट लाइट्स की रोशनी चारों ओर बिखरी हुई है, जो गाँव की सड़कों को चाँदनी जैसा उजाला दे रही है। गर्मी अब विदा लेने को है, और ठंडी हवा के झोंके जैसे इसे अलविदा कहने के लिए हर तरफ हाथ हिला रहे हैं। गाँव की यह रात किसी बड़े शहर की चहल-पहल से अलग है—यहाँ की सड़कों पर अब हल्की रौनक बची है। कहीं-कहीं लोग अभी भी अपने घरों के बाहर बैठकर हँसी-मज़ाक कर रहे हैं, और कहीं दूर से मोबाइल की धीमी-सी धुन सुनाई दे जाती है। खेतों के किनारे खड़े बिजली के खंभे और उनके तारों पर बैठी चिड़ियों की आवाज़ें अब शांत हो गई हैं, और सड़कों के किनारे लगे पेड़ हवा के साथ धीरे-धीरे हिल रहे हैं। चार-पाँच दिन बाद दिवाली है, और उससे पहले यह ठंडी रातें जैसे त्योहार का आगाज़ कर रही हैं। यह सिर्फ़ मौसम का बदलाव नहीं है, यह एक नई ताजगी और उम्मीद का संकेत है। जैसे ही हवा के झोंके पेड़ों से टकराते हैं, उनकी पत्तियाँ हौले से फड़फड़ाती हैं, जैसे गाँव का हर कोना इस बदलाव का हिस्सा बनना चाहता हो। आसमान में चमकते तारे और एक साफ चाँद की रोशनी, स्ट्रीट लाइट्स की पीली चमक में घुल-मिल गई है। सड़कें अब लगभग खाली हैं, पर कुछ गाड़ियों की लाइट्स अभी भी गाँव की सड़कों को पार कर रही हैं। यहाँ की रातें अब बस आराम और सुकून की होती हैं, जहाँ लोग अपने दिनभर की थकान को भुलाकर थोड़ी देर ठंडी हवा में बैठे रहते हैं। गाँव का यह दृश्य—साफ सजी-धजी गलियाँ, बिजली की रोशनी, और चारों ओर फैली हल्की ठंड—मन को एक अलग ही सुकून देती है। यह आधुनिकता और गाँव की सादगी का एक सुंदर मेल है, जहाँ रातें सिर्फ़ आराम की नहीं, बल्कि एक नए एहसास की भी हैं। धूल और हवा में तैरती ठंडक, ये सब मिलकर एक नया सुर रचते हैं, जो सीधे दिल तक पहुँचता है। यहाँ की रातें, यह शांति, और हर जगह की अपनी कहानी—सब कुछ मिलकर एक ऐसा अनुभव रचती हैं, जो बहुत गहरा और मनमोहक है। यह गाँव का नया रंग है, जहाँ आधुनिकता के साथ गाँव की आत्मा बरकरार है, और हर रात उसकी अपनी ही एक नई कहानी बुनती है। ©Veer Tiwari

#विचार  रात के 9:00  बज रहे हैं, और गाँव की गलियों में एक सुकून भरी ठंडक घुली हुई है। गली के दोनों किनारों पर लगी स्ट्रीट लाइट्स की रोशनी चारों ओर बिखरी हुई है, जो गाँव की सड़कों को चाँदनी जैसा उजाला दे रही है। गर्मी अब विदा लेने को है, और ठंडी हवा के झोंके जैसे इसे अलविदा कहने के लिए हर तरफ हाथ हिला रहे हैं।

गाँव की यह रात किसी बड़े शहर की चहल-पहल से अलग है—यहाँ की सड़कों पर अब हल्की रौनक बची है। कहीं-कहीं लोग अभी भी अपने घरों के बाहर बैठकर हँसी-मज़ाक कर रहे हैं, और कहीं दूर से मोबाइल की धीमी-सी धुन सुनाई दे जाती है। खेतों के किनारे खड़े बिजली के खंभे और उनके तारों पर बैठी चिड़ियों की आवाज़ें अब शांत हो गई हैं, और सड़कों के किनारे लगे पेड़ हवा के साथ धीरे-धीरे हिल रहे हैं।

चार-पाँच दिन बाद दिवाली है, और उससे पहले यह ठंडी रातें जैसे त्योहार का आगाज़ कर रही हैं। यह सिर्फ़ मौसम का बदलाव नहीं है, यह एक नई ताजगी और उम्मीद का संकेत है। जैसे ही हवा के झोंके पेड़ों से टकराते हैं, उनकी पत्तियाँ हौले से फड़फड़ाती हैं, जैसे गाँव का हर कोना इस बदलाव का हिस्सा बनना चाहता हो।

आसमान में चमकते तारे और एक साफ चाँद की रोशनी, स्ट्रीट लाइट्स की पीली चमक में घुल-मिल गई है। सड़कें अब लगभग खाली हैं, पर कुछ गाड़ियों की लाइट्स अभी भी गाँव की सड़कों को पार कर रही हैं। यहाँ की रातें अब बस आराम और सुकून की होती हैं, जहाँ लोग अपने दिनभर की थकान को भुलाकर थोड़ी देर ठंडी हवा में बैठे रहते हैं।

गाँव का यह दृश्य—साफ सजी-धजी गलियाँ, बिजली की रोशनी, और चारों ओर फैली हल्की ठंड—मन को एक अलग ही सुकून देती है। यह आधुनिकता और गाँव की सादगी का एक सुंदर मेल है, जहाँ रातें सिर्फ़ आराम की नहीं, बल्कि एक नए एहसास की भी हैं। धूल और हवा में तैरती ठंडक, ये सब मिलकर एक नया सुर रचते हैं, जो सीधे दिल तक पहुँचता है।

यहाँ की रातें, यह शांति, और हर जगह की अपनी कहानी—सब कुछ मिलकर एक ऐसा अनुभव रचती हैं, जो बहुत गहरा और मनमोहक है। यह गाँव का नया रंग है, जहाँ आधुनिकता के साथ गाँव की आत्मा बरकरार है, और हर रात उसकी अपनी ही एक नई कहानी बुनती है।

©Veer Tiwari

गांव की एक शाम ....

10 Love

कभी कभी हमारे पास रंज करने की इतनी वजह होती हैं कि हम उन सब को जी भर सोच लेने के बाद बस ख़ामोश हो जाते हैं सिर्फ इसलिए नहीं कि हम समझ नहीं पाते किस बात का शोक मनाया जाए किस बात पर रंज किया जाए इसलिए कि ये एक अंतहीन हिस्सा हो गया है हमारी ज़िंदगी का …। ©हिमांशु Kulshreshtha

#कविता  कभी कभी हमारे पास
रंज करने की
इतनी वजह होती हैं
कि हम उन सब को जी भर
सोच लेने के बाद
बस ख़ामोश हो जाते हैं
सिर्फ इसलिए नहीं
कि हम समझ नहीं पाते
किस बात का शोक मनाया जाए
किस बात पर रंज किया जाए
इसलिए कि
ये एक अंतहीन हिस्सा हो गया है
हमारी ज़िंदगी का …।

©हिमांशु Kulshreshtha

कभी-कभी

18 Love

White शाम का रंग तेरे रुखसार सा है आँखों में झिलमिलाते उम्मीद के दिए शहतूत से रस भरे होंठ तेरे इनमें रंग तेरे प्यार का है ©हिमांशु Kulshreshtha

#शायरी  White शाम का रंग
तेरे रुखसार सा है
आँखों में झिलमिलाते
उम्मीद के दिए
शहतूत से रस भरे होंठ तेरे
इनमें रंग तेरे प्यार का है

©हिमांशु Kulshreshtha

शाम का रंग...

17 Love

 कि ढलती शाम का नज़ारा भी, खूबसूरत लगता है बहुत।
sk
बस देखने वाले का नजरिया, खूबरसूरत होना चाहिए।

#jaishreekrishna #शाम #शायरी #shayaari

117 View

कभी-कभी, सबसे खूबसूरत एहसास वो होते हैं जो बिना किसी शब्द के होते हैं; बस एक अदृश्य बंधन, जो हमें एक-दूसरे से जोड़ता है। दिल का हर ज़ख्म एक कहानी बुनता है, और जब हम उन कहानियों को साझा करते हैं, तो हम न सिर्फ अपने दर्द को समझते हैं, बल्कि एक दूसरे की खुशियों में भी शामिल होते हैं। ©Nurul Shabd

#शायरी #कभी  कभी-कभी, सबसे खूबसूरत एहसास वो होते हैं जो बिना किसी शब्द के होते हैं; बस एक अदृश्य बंधन, जो हमें एक-दूसरे से जोड़ता है।

दिल का हर ज़ख्म एक कहानी बुनता है, और जब हम उन कहानियों को साझा करते हैं, तो हम न सिर्फ अपने दर्द को समझते हैं, बल्कि एक दूसरे की खुशियों में भी शामिल होते हैं।

©Nurul Shabd

#कभी -कभी,

10 Love

White हम गुज़ारे एक दिन साथ कभी चाय कभी चाट कभी सादा इडली जलेबी या कॉफी कभी.. हल्की सी छेड़छाड़ कभी रूठना मनाना कभी.. ढ़लती साँझ के साथ हम विदा लें फिर मिलने के वादे के साथ.. ©हिमांशु Kulshreshtha

 White हम
गुज़ारे एक दिन साथ
कभी चाय
कभी चाट
कभी सादा इडली
जलेबी या
कॉफी कभी..
हल्की सी छेड़छाड़ 
कभी रूठना 
मनाना कभी.. 
ढ़लती साँझ के साथ
हम विदा लें
फिर मिलने के वादे के साथ..

©हिमांशु Kulshreshtha

कभी

17 Love

रात के 9:00 बज रहे हैं, और गाँव की गलियों में एक सुकून भरी ठंडक घुली हुई है। गली के दोनों किनारों पर लगी स्ट्रीट लाइट्स की रोशनी चारों ओर बिखरी हुई है, जो गाँव की सड़कों को चाँदनी जैसा उजाला दे रही है। गर्मी अब विदा लेने को है, और ठंडी हवा के झोंके जैसे इसे अलविदा कहने के लिए हर तरफ हाथ हिला रहे हैं। गाँव की यह रात किसी बड़े शहर की चहल-पहल से अलग है—यहाँ की सड़कों पर अब हल्की रौनक बची है। कहीं-कहीं लोग अभी भी अपने घरों के बाहर बैठकर हँसी-मज़ाक कर रहे हैं, और कहीं दूर से मोबाइल की धीमी-सी धुन सुनाई दे जाती है। खेतों के किनारे खड़े बिजली के खंभे और उनके तारों पर बैठी चिड़ियों की आवाज़ें अब शांत हो गई हैं, और सड़कों के किनारे लगे पेड़ हवा के साथ धीरे-धीरे हिल रहे हैं। चार-पाँच दिन बाद दिवाली है, और उससे पहले यह ठंडी रातें जैसे त्योहार का आगाज़ कर रही हैं। यह सिर्फ़ मौसम का बदलाव नहीं है, यह एक नई ताजगी और उम्मीद का संकेत है। जैसे ही हवा के झोंके पेड़ों से टकराते हैं, उनकी पत्तियाँ हौले से फड़फड़ाती हैं, जैसे गाँव का हर कोना इस बदलाव का हिस्सा बनना चाहता हो। आसमान में चमकते तारे और एक साफ चाँद की रोशनी, स्ट्रीट लाइट्स की पीली चमक में घुल-मिल गई है। सड़कें अब लगभग खाली हैं, पर कुछ गाड़ियों की लाइट्स अभी भी गाँव की सड़कों को पार कर रही हैं। यहाँ की रातें अब बस आराम और सुकून की होती हैं, जहाँ लोग अपने दिनभर की थकान को भुलाकर थोड़ी देर ठंडी हवा में बैठे रहते हैं। गाँव का यह दृश्य—साफ सजी-धजी गलियाँ, बिजली की रोशनी, और चारों ओर फैली हल्की ठंड—मन को एक अलग ही सुकून देती है। यह आधुनिकता और गाँव की सादगी का एक सुंदर मेल है, जहाँ रातें सिर्फ़ आराम की नहीं, बल्कि एक नए एहसास की भी हैं। धूल और हवा में तैरती ठंडक, ये सब मिलकर एक नया सुर रचते हैं, जो सीधे दिल तक पहुँचता है। यहाँ की रातें, यह शांति, और हर जगह की अपनी कहानी—सब कुछ मिलकर एक ऐसा अनुभव रचती हैं, जो बहुत गहरा और मनमोहक है। यह गाँव का नया रंग है, जहाँ आधुनिकता के साथ गाँव की आत्मा बरकरार है, और हर रात उसकी अपनी ही एक नई कहानी बुनती है। ©Veer Tiwari

#विचार  रात के 9:00  बज रहे हैं, और गाँव की गलियों में एक सुकून भरी ठंडक घुली हुई है। गली के दोनों किनारों पर लगी स्ट्रीट लाइट्स की रोशनी चारों ओर बिखरी हुई है, जो गाँव की सड़कों को चाँदनी जैसा उजाला दे रही है। गर्मी अब विदा लेने को है, और ठंडी हवा के झोंके जैसे इसे अलविदा कहने के लिए हर तरफ हाथ हिला रहे हैं।

गाँव की यह रात किसी बड़े शहर की चहल-पहल से अलग है—यहाँ की सड़कों पर अब हल्की रौनक बची है। कहीं-कहीं लोग अभी भी अपने घरों के बाहर बैठकर हँसी-मज़ाक कर रहे हैं, और कहीं दूर से मोबाइल की धीमी-सी धुन सुनाई दे जाती है। खेतों के किनारे खड़े बिजली के खंभे और उनके तारों पर बैठी चिड़ियों की आवाज़ें अब शांत हो गई हैं, और सड़कों के किनारे लगे पेड़ हवा के साथ धीरे-धीरे हिल रहे हैं।

चार-पाँच दिन बाद दिवाली है, और उससे पहले यह ठंडी रातें जैसे त्योहार का आगाज़ कर रही हैं। यह सिर्फ़ मौसम का बदलाव नहीं है, यह एक नई ताजगी और उम्मीद का संकेत है। जैसे ही हवा के झोंके पेड़ों से टकराते हैं, उनकी पत्तियाँ हौले से फड़फड़ाती हैं, जैसे गाँव का हर कोना इस बदलाव का हिस्सा बनना चाहता हो।

आसमान में चमकते तारे और एक साफ चाँद की रोशनी, स्ट्रीट लाइट्स की पीली चमक में घुल-मिल गई है। सड़कें अब लगभग खाली हैं, पर कुछ गाड़ियों की लाइट्स अभी भी गाँव की सड़कों को पार कर रही हैं। यहाँ की रातें अब बस आराम और सुकून की होती हैं, जहाँ लोग अपने दिनभर की थकान को भुलाकर थोड़ी देर ठंडी हवा में बैठे रहते हैं।

गाँव का यह दृश्य—साफ सजी-धजी गलियाँ, बिजली की रोशनी, और चारों ओर फैली हल्की ठंड—मन को एक अलग ही सुकून देती है। यह आधुनिकता और गाँव की सादगी का एक सुंदर मेल है, जहाँ रातें सिर्फ़ आराम की नहीं, बल्कि एक नए एहसास की भी हैं। धूल और हवा में तैरती ठंडक, ये सब मिलकर एक नया सुर रचते हैं, जो सीधे दिल तक पहुँचता है।

यहाँ की रातें, यह शांति, और हर जगह की अपनी कहानी—सब कुछ मिलकर एक ऐसा अनुभव रचती हैं, जो बहुत गहरा और मनमोहक है। यह गाँव का नया रंग है, जहाँ आधुनिकता के साथ गाँव की आत्मा बरकरार है, और हर रात उसकी अपनी ही एक नई कहानी बुनती है।

©Veer Tiwari

गांव की एक शाम ....

10 Love

कभी कभी हमारे पास रंज करने की इतनी वजह होती हैं कि हम उन सब को जी भर सोच लेने के बाद बस ख़ामोश हो जाते हैं सिर्फ इसलिए नहीं कि हम समझ नहीं पाते किस बात का शोक मनाया जाए किस बात पर रंज किया जाए इसलिए कि ये एक अंतहीन हिस्सा हो गया है हमारी ज़िंदगी का …। ©हिमांशु Kulshreshtha

#कविता  कभी कभी हमारे पास
रंज करने की
इतनी वजह होती हैं
कि हम उन सब को जी भर
सोच लेने के बाद
बस ख़ामोश हो जाते हैं
सिर्फ इसलिए नहीं
कि हम समझ नहीं पाते
किस बात का शोक मनाया जाए
किस बात पर रंज किया जाए
इसलिए कि
ये एक अंतहीन हिस्सा हो गया है
हमारी ज़िंदगी का …।

©हिमांशु Kulshreshtha

कभी-कभी

18 Love

White शाम का रंग तेरे रुखसार सा है आँखों में झिलमिलाते उम्मीद के दिए शहतूत से रस भरे होंठ तेरे इनमें रंग तेरे प्यार का है ©हिमांशु Kulshreshtha

#शायरी  White शाम का रंग
तेरे रुखसार सा है
आँखों में झिलमिलाते
उम्मीद के दिए
शहतूत से रस भरे होंठ तेरे
इनमें रंग तेरे प्यार का है

©हिमांशु Kulshreshtha

शाम का रंग...

17 Love

 कि ढलती शाम का नज़ारा भी, खूबसूरत लगता है बहुत।
sk
बस देखने वाले का नजरिया, खूबरसूरत होना चाहिए।

#jaishreekrishna #शाम #शायरी #shayaari

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