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New रावण और कुबेर Status, Photo, Video

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Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey} रावण, कंस, दुर्योधन, सिसुपाल, और भी बहुत से है और थे, इनके पास किसी चीज की कमी नहीं थी, सुख सारे थे, संतोष व विस्वास नही था। जय श्री राधेकृष्ण जी।। N S Yadav GoldMine. ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #leafbook  Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey}
रावण, कंस, दुर्योधन, सिसुपाल,
और भी बहुत से है और थे,  
इनके पास किसी चीज की 
कमी नहीं थी, सुख सारे थे,
संतोष व विस्वास नही था।
जय श्री राधेकृष्ण जी।।
N S Yadav GoldMine.

©N S Yadav GoldMine

#leafbook {Bolo Ji Radhey Radhey} रावण, कंस, दुर्योधन, सिसुपाल, और भी बहुत से है और थे, इनके पास किसी चीज की कमी नहीं थी, सुख सारे थे, सं

15 Love

Unsplash वो दिन याद करो ज़ब ये आदमी पहले "आदम " था और स्त्री "ईव " थीं तब न आखर था न शब्द न लिपि न कोई आपस मे संवाद था तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं इसके बाद वो ध्वनि कब संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और वो ईव स्त्री मे रूपांतरित हो गए थे ©Parasram Arora

 Unsplash वो दिन याद करो 
ज़ब ये आदमी पहले  "आदम "  था 
और स्त्री "ईव " थीं 

तब न आखर था न शब्द न लिपि 
न कोई आपस मे संवाद था 
तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं
इसके बाद वो ध्वनि  कब  संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता
लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और  वो ईव स्त्री मे  रूपांतरित 
 हो  गए थे

©Parasram Arora

आदम और ईव

17 Love

White हमारे आदर्शी को पस्तझनी देने मे समर्थ है हमानी विचलित चेतनाये तभी तों रेत मे मुंह छुपा कर रहती है हमारी अनसुलझी समस्याएं जबकि अंतकाल तक हम फेरते रहते है मुर्ख सपनो की मालाये शायद इसीलीये डूब चुके है हमारे भाव और ख़ो चुकी है संवेदनाये ©Parasram Arora

#Motivational  White हमारे  आदर्शी को पस्तझनी देने मे समर्थ है हमानी विचलित  चेतनाये
 
तभी तों  रेत मे मुंह छुपा कर रहती है  हमारी अनसुलझी समस्याएं 

जबकि अंतकाल तक हम फेरते रहते है मुर्ख 
सपनो की  मालाये
शायद इसीलीये  डूब चुके है हमारे भाव  और ख़ो चुकी है  संवेदनाये

©Parasram Arora

आदर्श और संवेदनाये

18 Love

#मैं #Quotes  White  "मैं हूँ और वह है, मिलना चाहते हैं,
  पर दूरी इतनी है, जैसे धरती और आसमान।"


 "कभी लगता है, चूर-चूर हो जाऊँ, फिर लगता है, 
  मिलना तो तय ही है।"

©kevat pk

#मैं और वो

90 View

#विचार #happy_diwali  White आकर  वही जलाए रावण
जिसमें मर्यादा और प्रतिबद्धता हो श्री राम सी
आकर वही जलाए कुंभकर्ण
जिसमें शक्ति,सामर्थ्य संग विवेक
चिंतन और  संयम हो श्री राम सा
आकर वहीं जलाए मेघनाथ
जिसमें वचनबद्धता,न्यायप्रियता
राजनीतिक समझ हो श्री राम जी
पहले अपने चित को टटोलो
एक भी गुण हो गर श्री राम सा
फिर इनके पुतले जलाने के लिए बोलो

©Sneh Prem Chand

#happy_diwali आ कर वही जलाए रावण

135 View

White अब सुख और सुकून की नींद कहा नसीब होती हैँ आज के इंसान को आदमी दिन भर व्यस्त रहता हैँ रोज़ी रोटी कमाने की ज़ददो ज़हद मे उसे सुकून और सुख की फ़िक्र करने.का वक़्त ही कहा मिलता हैँ? ©Parasram Arora

 White अब सुख और सुकून 
की  नींद कहा नसीब 
होती हैँ  आज के इंसान को


आदमी दिन भर 
व्यस्त रहता हैँ  रोज़ी 
रोटी कमाने की ज़ददो ज़हद मे 

उसे सुकून और सुख 
की फ़िक्र करने.का 
वक़्त ही कहा मिलता हैँ?

©Parasram Arora

सुख और सुकून

13 Love

Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey} रावण, कंस, दुर्योधन, सिसुपाल, और भी बहुत से है और थे, इनके पास किसी चीज की कमी नहीं थी, सुख सारे थे, संतोष व विस्वास नही था। जय श्री राधेकृष्ण जी।। N S Yadav GoldMine. ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #leafbook  Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey}
रावण, कंस, दुर्योधन, सिसुपाल,
और भी बहुत से है और थे,  
इनके पास किसी चीज की 
कमी नहीं थी, सुख सारे थे,
संतोष व विस्वास नही था।
जय श्री राधेकृष्ण जी।।
N S Yadav GoldMine.

©N S Yadav GoldMine

#leafbook {Bolo Ji Radhey Radhey} रावण, कंस, दुर्योधन, सिसुपाल, और भी बहुत से है और थे, इनके पास किसी चीज की कमी नहीं थी, सुख सारे थे, सं

15 Love

Unsplash वो दिन याद करो ज़ब ये आदमी पहले "आदम " था और स्त्री "ईव " थीं तब न आखर था न शब्द न लिपि न कोई आपस मे संवाद था तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं इसके बाद वो ध्वनि कब संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और वो ईव स्त्री मे रूपांतरित हो गए थे ©Parasram Arora

 Unsplash वो दिन याद करो 
ज़ब ये आदमी पहले  "आदम "  था 
और स्त्री "ईव " थीं 

तब न आखर था न शब्द न लिपि 
न कोई आपस मे संवाद था 
तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं
इसके बाद वो ध्वनि  कब  संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता
लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और  वो ईव स्त्री मे  रूपांतरित 
 हो  गए थे

©Parasram Arora

आदम और ईव

17 Love

White हमारे आदर्शी को पस्तझनी देने मे समर्थ है हमानी विचलित चेतनाये तभी तों रेत मे मुंह छुपा कर रहती है हमारी अनसुलझी समस्याएं जबकि अंतकाल तक हम फेरते रहते है मुर्ख सपनो की मालाये शायद इसीलीये डूब चुके है हमारे भाव और ख़ो चुकी है संवेदनाये ©Parasram Arora

#Motivational  White हमारे  आदर्शी को पस्तझनी देने मे समर्थ है हमानी विचलित  चेतनाये
 
तभी तों  रेत मे मुंह छुपा कर रहती है  हमारी अनसुलझी समस्याएं 

जबकि अंतकाल तक हम फेरते रहते है मुर्ख 
सपनो की  मालाये
शायद इसीलीये  डूब चुके है हमारे भाव  और ख़ो चुकी है  संवेदनाये

©Parasram Arora

आदर्श और संवेदनाये

18 Love

#मैं #Quotes  White  "मैं हूँ और वह है, मिलना चाहते हैं,
  पर दूरी इतनी है, जैसे धरती और आसमान।"


 "कभी लगता है, चूर-चूर हो जाऊँ, फिर लगता है, 
  मिलना तो तय ही है।"

©kevat pk

#मैं और वो

90 View

#विचार #happy_diwali  White आकर  वही जलाए रावण
जिसमें मर्यादा और प्रतिबद्धता हो श्री राम सी
आकर वही जलाए कुंभकर्ण
जिसमें शक्ति,सामर्थ्य संग विवेक
चिंतन और  संयम हो श्री राम सा
आकर वहीं जलाए मेघनाथ
जिसमें वचनबद्धता,न्यायप्रियता
राजनीतिक समझ हो श्री राम जी
पहले अपने चित को टटोलो
एक भी गुण हो गर श्री राम सा
फिर इनके पुतले जलाने के लिए बोलो

©Sneh Prem Chand

#happy_diwali आ कर वही जलाए रावण

135 View

White अब सुख और सुकून की नींद कहा नसीब होती हैँ आज के इंसान को आदमी दिन भर व्यस्त रहता हैँ रोज़ी रोटी कमाने की ज़ददो ज़हद मे उसे सुकून और सुख की फ़िक्र करने.का वक़्त ही कहा मिलता हैँ? ©Parasram Arora

 White अब सुख और सुकून 
की  नींद कहा नसीब 
होती हैँ  आज के इंसान को


आदमी दिन भर 
व्यस्त रहता हैँ  रोज़ी 
रोटी कमाने की ज़ददो ज़हद मे 

उसे सुकून और सुख 
की फ़िक्र करने.का 
वक़्त ही कहा मिलता हैँ?

©Parasram Arora

सुख और सुकून

13 Love

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