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New झगड़ालू में प्रत्यय है Status, Photo, Video

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#शायरी #तेरी #ममता #छुपा #में

दीप जलता है सदन में, अंधेरा है व्याप्त मन में, चलाता है श्वास सबका, वही रक्षक है भुवन में, प्रेम और विश्वास से ही, प्रकट होते ईश क्षण में, कर रहे गुणगान सारे, धरा से लेकर गगन में, सिंधु से जलश्रोत लेता, वही भरता नीर घन में, जागता है साथ हरपल, साथ रहता है सयन में, हृदय में है व्याप्त गुंजन, बसा ले उसको नयन में, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #दीप  दीप जलता है सदन में,
अंधेरा है व्याप्त मन में,

चलाता है श्वास सबका,
वही रक्षक  है  भुवन में,

प्रेम और विश्वास से ही,
प्रकट होते  ईश क्षण में,

कर रहे  गुणगान  सारे,
धरा से लेकर  गगन में,

सिंधु से जलश्रोत लेता,
वही भरता नीर घन में,

जागता है साथ हरपल,
साथ रहता है  सयन में,

हृदय में है व्याप्त गुंजन,
बसा ले उसको नयन में,
-शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra

#दीप जलता है सदन में#

14 Love

हिमालय की ऊँचाई से, गंगा की पावन धार, थार के रेगिस्तान में, रेत का अद्भुत संसार। केदारनाथ-बद्रीनाथ की भूमि का आशीर्वाद, अमरनाथ के मेले में उमड़ी श्रद्धा की याद। काशी की दीयों वाली दिवाली, प्रेम की सौगात, अमृतसर के लंगर में, भक्ति की होती बात। ब्रज की होली में रंगों का मस्ती भरा शोर, दुर्गा पूजा की रौनक से सजा कोलकाता का हर छोर। पुष्कर का मेला और कुंभ का स्नान, बैसाखी, लोहड़ी, पोंगल, बसा सबका सम्मान। हर पर्व में झलके संस्कृति का एक ताज, इस विविधता पर हर दिल को है नाज़। तमिल में मिठास, संस्कारों का मान, बंगाली की पूजा, भक्ति का वरदान। मराठी की जय-जयकार, बाप्पा का सजीला रूप, पंजाबी लोहड़ी की धुन, संग खुशियों की धूप। भरतनाट्यम, कथक, ओडिसी, सबका सुंदर संगम, बिहू की थाप पे थिरके असमिया मन का रंगम। गरबा, घूमर, लावणी से सजी ये धरती महान, इस विविधता में एकता, यही है हिंदुस्तान। त्योहार, मेला, भाषा-नृत्य, सब है भारत की शान, संस्कृति के हर रंग में बसता ये हिंदुस्तान। ©नवनीत ठाकुर

#कविता #हर  हिमालय की ऊँचाई से, गंगा की पावन धार,
थार के रेगिस्तान में, रेत का अद्भुत संसार।
केदारनाथ-बद्रीनाथ की भूमि का आशीर्वाद,
अमरनाथ के मेले में उमड़ी श्रद्धा की याद।
काशी की दीयों वाली दिवाली, प्रेम की सौगात,
अमृतसर के लंगर में, भक्ति की होती बात।
ब्रज की होली में रंगों का मस्ती भरा शोर,
दुर्गा पूजा की रौनक से सजा कोलकाता का हर छोर।
पुष्कर का मेला और कुंभ का स्नान,
बैसाखी, लोहड़ी, पोंगल, बसा सबका सम्मान।
हर पर्व में झलके संस्कृति का एक ताज,
इस विविधता पर हर दिल को है नाज़।
तमिल में मिठास, संस्कारों का मान,
बंगाली की पूजा, भक्ति का वरदान।
मराठी की जय-जयकार, बाप्पा का सजीला रूप,
पंजाबी लोहड़ी की धुन, संग खुशियों की धूप।
भरतनाट्यम, कथक, ओडिसी, सबका सुंदर संगम,
बिहू की थाप पे थिरके असमिया मन का रंगम।
गरबा, घूमर, लावणी से सजी ये धरती महान,
इस विविधता में एकता, यही है हिंदुस्तान।
त्योहार, मेला, भाषा-नृत्य, सब है भारत की शान,
संस्कृति के हर रंग में बसता ये हिंदुस्तान।

©नवनीत ठाकुर

#हर दिल में बसता हिंदुस्तान है

14 Love

#लव

समझ में आ रहा है

135 View

#कॉमेडी

फनी शायरी जोक्सशहर में है आपके बहुत है चर्चे।

144 View

दिल में कुछ और है

153 View

#शायरी #तेरी #ममता #छुपा #में

दीप जलता है सदन में, अंधेरा है व्याप्त मन में, चलाता है श्वास सबका, वही रक्षक है भुवन में, प्रेम और विश्वास से ही, प्रकट होते ईश क्षण में, कर रहे गुणगान सारे, धरा से लेकर गगन में, सिंधु से जलश्रोत लेता, वही भरता नीर घन में, जागता है साथ हरपल, साथ रहता है सयन में, हृदय में है व्याप्त गुंजन, बसा ले उसको नयन में, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #दीप  दीप जलता है सदन में,
अंधेरा है व्याप्त मन में,

चलाता है श्वास सबका,
वही रक्षक  है  भुवन में,

प्रेम और विश्वास से ही,
प्रकट होते  ईश क्षण में,

कर रहे  गुणगान  सारे,
धरा से लेकर  गगन में,

सिंधु से जलश्रोत लेता,
वही भरता नीर घन में,

जागता है साथ हरपल,
साथ रहता है  सयन में,

हृदय में है व्याप्त गुंजन,
बसा ले उसको नयन में,
-शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra

#दीप जलता है सदन में#

14 Love

हिमालय की ऊँचाई से, गंगा की पावन धार, थार के रेगिस्तान में, रेत का अद्भुत संसार। केदारनाथ-बद्रीनाथ की भूमि का आशीर्वाद, अमरनाथ के मेले में उमड़ी श्रद्धा की याद। काशी की दीयों वाली दिवाली, प्रेम की सौगात, अमृतसर के लंगर में, भक्ति की होती बात। ब्रज की होली में रंगों का मस्ती भरा शोर, दुर्गा पूजा की रौनक से सजा कोलकाता का हर छोर। पुष्कर का मेला और कुंभ का स्नान, बैसाखी, लोहड़ी, पोंगल, बसा सबका सम्मान। हर पर्व में झलके संस्कृति का एक ताज, इस विविधता पर हर दिल को है नाज़। तमिल में मिठास, संस्कारों का मान, बंगाली की पूजा, भक्ति का वरदान। मराठी की जय-जयकार, बाप्पा का सजीला रूप, पंजाबी लोहड़ी की धुन, संग खुशियों की धूप। भरतनाट्यम, कथक, ओडिसी, सबका सुंदर संगम, बिहू की थाप पे थिरके असमिया मन का रंगम। गरबा, घूमर, लावणी से सजी ये धरती महान, इस विविधता में एकता, यही है हिंदुस्तान। त्योहार, मेला, भाषा-नृत्य, सब है भारत की शान, संस्कृति के हर रंग में बसता ये हिंदुस्तान। ©नवनीत ठाकुर

#कविता #हर  हिमालय की ऊँचाई से, गंगा की पावन धार,
थार के रेगिस्तान में, रेत का अद्भुत संसार।
केदारनाथ-बद्रीनाथ की भूमि का आशीर्वाद,
अमरनाथ के मेले में उमड़ी श्रद्धा की याद।
काशी की दीयों वाली दिवाली, प्रेम की सौगात,
अमृतसर के लंगर में, भक्ति की होती बात।
ब्रज की होली में रंगों का मस्ती भरा शोर,
दुर्गा पूजा की रौनक से सजा कोलकाता का हर छोर।
पुष्कर का मेला और कुंभ का स्नान,
बैसाखी, लोहड़ी, पोंगल, बसा सबका सम्मान।
हर पर्व में झलके संस्कृति का एक ताज,
इस विविधता पर हर दिल को है नाज़।
तमिल में मिठास, संस्कारों का मान,
बंगाली की पूजा, भक्ति का वरदान।
मराठी की जय-जयकार, बाप्पा का सजीला रूप,
पंजाबी लोहड़ी की धुन, संग खुशियों की धूप।
भरतनाट्यम, कथक, ओडिसी, सबका सुंदर संगम,
बिहू की थाप पे थिरके असमिया मन का रंगम।
गरबा, घूमर, लावणी से सजी ये धरती महान,
इस विविधता में एकता, यही है हिंदुस्तान।
त्योहार, मेला, भाषा-नृत्य, सब है भारत की शान,
संस्कृति के हर रंग में बसता ये हिंदुस्तान।

©नवनीत ठाकुर

#हर दिल में बसता हिंदुस्तान है

14 Love

#लव

समझ में आ रहा है

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फनी शायरी जोक्सशहर में है आपके बहुत है चर्चे।

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दिल में कुछ और है

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