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मत देना एक ग़ज़ल

351 View

रमशा सामिन अंसारी के चूत का मसाला था आरिफ़ अल्वी के अम्मी को तो यूं ही मसला था हिजड़े की पैदाइश रही आरिफ़ अल्वी कटी जूती से फटी चप्पल किसने मसला था ©Deep Bawara

#yourquote_randibajar #कहानी #शायरी #ग़ज़ल #कोट्स  रमशा सामिन अंसारी के चूत का मसाला था
आरिफ़ अल्वी के अम्मी को तो यूं ही मसला था

हिजड़े की पैदाइश रही आरिफ़ अल्वी
कटी जूती से फटी चप्पल किसने मसला था

©Deep Bawara

White 🙏🏻🙏🏻 प्रस्तुत है एक-ग़ज़ल 🙏🏻🙏🏻 आँखों में है पानी लिख दे ग़म की एक कहानी लिख दे नया है यह मज़मून बता और कोई बात पुरानी लिख दे चिड़ीमार की चालाकी को चिड़िया की नादानी लिख दे आसमान की पेशानी पर तू मौसम तूफ़ानी लिख दे उससे बात नहीं होती अब बात कोई बेगानी लिख दे जीवन की मुश्किल में दाता थोड़ी सी आसानी लिख दे ऐ मेरी "मासूम" लेखनी एक ग़ज़ल ला'सानी लिख दे ©Barshu Kumar

#sad_quotes #Barshu #gajal  White   
 🙏🏻🙏🏻 प्रस्तुत है एक-ग़ज़ल 🙏🏻🙏🏻



आँखों में है पानी लिख दे
ग़म की एक कहानी लिख दे
नया है यह मज़मून बता और
कोई बात पुरानी लिख दे
चिड़ीमार की चालाकी को
चिड़िया की नादानी लिख दे
आसमान की पेशानी पर
तू मौसम तूफ़ानी लिख दे
उससे बात नहीं होती अब
बात कोई बेगानी लिख दे
जीवन की मुश्किल में दाता
थोड़ी सी आसानी लिख दे
ऐ मेरी "मासूम" लेखनी
एक ग़ज़ल ला'सानी लिख दे

©Barshu Kumar
 ग़ज़ल 
नशा  आदमी   को  ग़लाता  रहा  है 
ये कितनों की मैयत  सजाता रहा है 

समय से जो पहले  दिखे  बेटा बूढ़ा 
वो  चिंता  पिता  की  बढ़ाता रहा है 

जो बनना था बेटा बुढ़ापे की  लाठी 
वही  रोज़  पी  लड़खड़ाता  रहा  है

भरी  मांग  जिसने  लिए  सात  फेरे 
वही हमसफर दिल  दुखाता  रहा है

पसीना बहा कर  कमाता  जो  पैसा 
उसे  वो  जुए   में   लुटाता   रहा  है

किए तूने जितने  गुनाह  चोरी चुपके 
खुदा की नज़र  में  तो  आता रहा  है

©Sangeeta Verma

#नशा #ग़ज़ल #शायरी #दर्दभरीशायरी #motivational #एकसबक

108 View

 White मैं जिस्म ओ जाँ के तमाम रिश्तों से चाहता हूँ
नहीं समझता कि ऐसा क्यूँ है
न ख़ाल-ओ-ख़द का जमाल उस में न ज़िंदगी का कमाल कोई
जो कोई उस में हुनर भी होगा
तो मुझ को इस की ख़बर नहीं है
न जाने फिर क्यूँ!
मैं वक़्त के दाएरों से बाहर किसी तसव्वुर में उड़ रहा हूँ
ख़याल में ख़्वाब ओ ख़ल्वत-ए-ज़ात ओ जल्वत-ए-बज़्म में शब ओ रोज़
मिरा लहू अपनी गर्दिशों में उसी की तस्बीह पढ़ रहा है
जो मेरी चाहत से बे-ख़बर है
कभी कभी वो नज़र चुरा कर क़रीब से मेरे यूँ भी गुज़रा
कि जैसे वो बा-ख़बर है
मेरी मोहब्बतों से
दिल ओ नज़र की हिकायतें सुन रखी हैं उस ने
मिरी ही सूरत
वो वक़्त के दाएरों से बाहर किसी तसव्वुर में उड़ रहा है
ख़याल में ख़्वाब ओ ख़ल्वत-ए-ज़ात ओ जल्वत-ए-बज़्म में शब ओ रोज़
वो जिस्म ओ जाँ के तमाम रिश्तों से चाहता है
मगर नहीं जानता ये वो भी
कि ऐसा क्यूँ है
मैं सोचता हूँ वो सोचता है
कभी मिले हम तो आईनों के तमाम बातिन अयाँ करेंगे
हक़ीक़तों का सफ़र करेंगे

©Jashvant

एक नज़्म और

90 View

#लफ़्ज़ों #जज़्बात #शायरी #आवाज़ #नज़्म #अयानत  ज़िन्दगी के कुछ जज़्बात ख़यालों में बदलते है 
बंद लबों से निकलती आवाज़ जब एक क़लम 
की अयानत से उन्हें लफ़्ज़ों में पेश करती है 
तो बन जाती है फिर वो शायरी या कोई नज़्म

©Viraaj Sisodiya

मत देना एक ग़ज़ल

351 View

रमशा सामिन अंसारी के चूत का मसाला था आरिफ़ अल्वी के अम्मी को तो यूं ही मसला था हिजड़े की पैदाइश रही आरिफ़ अल्वी कटी जूती से फटी चप्पल किसने मसला था ©Deep Bawara

#yourquote_randibajar #कहानी #शायरी #ग़ज़ल #कोट्स  रमशा सामिन अंसारी के चूत का मसाला था
आरिफ़ अल्वी के अम्मी को तो यूं ही मसला था

हिजड़े की पैदाइश रही आरिफ़ अल्वी
कटी जूती से फटी चप्पल किसने मसला था

©Deep Bawara

White 🙏🏻🙏🏻 प्रस्तुत है एक-ग़ज़ल 🙏🏻🙏🏻 आँखों में है पानी लिख दे ग़म की एक कहानी लिख दे नया है यह मज़मून बता और कोई बात पुरानी लिख दे चिड़ीमार की चालाकी को चिड़िया की नादानी लिख दे आसमान की पेशानी पर तू मौसम तूफ़ानी लिख दे उससे बात नहीं होती अब बात कोई बेगानी लिख दे जीवन की मुश्किल में दाता थोड़ी सी आसानी लिख दे ऐ मेरी "मासूम" लेखनी एक ग़ज़ल ला'सानी लिख दे ©Barshu Kumar

#sad_quotes #Barshu #gajal  White   
 🙏🏻🙏🏻 प्रस्तुत है एक-ग़ज़ल 🙏🏻🙏🏻



आँखों में है पानी लिख दे
ग़म की एक कहानी लिख दे
नया है यह मज़मून बता और
कोई बात पुरानी लिख दे
चिड़ीमार की चालाकी को
चिड़िया की नादानी लिख दे
आसमान की पेशानी पर
तू मौसम तूफ़ानी लिख दे
उससे बात नहीं होती अब
बात कोई बेगानी लिख दे
जीवन की मुश्किल में दाता
थोड़ी सी आसानी लिख दे
ऐ मेरी "मासूम" लेखनी
एक ग़ज़ल ला'सानी लिख दे

©Barshu Kumar
 ग़ज़ल 
नशा  आदमी   को  ग़लाता  रहा  है 
ये कितनों की मैयत  सजाता रहा है 

समय से जो पहले  दिखे  बेटा बूढ़ा 
वो  चिंता  पिता  की  बढ़ाता रहा है 

जो बनना था बेटा बुढ़ापे की  लाठी 
वही  रोज़  पी  लड़खड़ाता  रहा  है

भरी  मांग  जिसने  लिए  सात  फेरे 
वही हमसफर दिल  दुखाता  रहा है

पसीना बहा कर  कमाता  जो  पैसा 
उसे  वो  जुए   में   लुटाता   रहा  है

किए तूने जितने  गुनाह  चोरी चुपके 
खुदा की नज़र  में  तो  आता रहा  है

©Sangeeta Verma

#नशा #ग़ज़ल #शायरी #दर्दभरीशायरी #motivational #एकसबक

108 View

 White मैं जिस्म ओ जाँ के तमाम रिश्तों से चाहता हूँ
नहीं समझता कि ऐसा क्यूँ है
न ख़ाल-ओ-ख़द का जमाल उस में न ज़िंदगी का कमाल कोई
जो कोई उस में हुनर भी होगा
तो मुझ को इस की ख़बर नहीं है
न जाने फिर क्यूँ!
मैं वक़्त के दाएरों से बाहर किसी तसव्वुर में उड़ रहा हूँ
ख़याल में ख़्वाब ओ ख़ल्वत-ए-ज़ात ओ जल्वत-ए-बज़्म में शब ओ रोज़
मिरा लहू अपनी गर्दिशों में उसी की तस्बीह पढ़ रहा है
जो मेरी चाहत से बे-ख़बर है
कभी कभी वो नज़र चुरा कर क़रीब से मेरे यूँ भी गुज़रा
कि जैसे वो बा-ख़बर है
मेरी मोहब्बतों से
दिल ओ नज़र की हिकायतें सुन रखी हैं उस ने
मिरी ही सूरत
वो वक़्त के दाएरों से बाहर किसी तसव्वुर में उड़ रहा है
ख़याल में ख़्वाब ओ ख़ल्वत-ए-ज़ात ओ जल्वत-ए-बज़्म में शब ओ रोज़
वो जिस्म ओ जाँ के तमाम रिश्तों से चाहता है
मगर नहीं जानता ये वो भी
कि ऐसा क्यूँ है
मैं सोचता हूँ वो सोचता है
कभी मिले हम तो आईनों के तमाम बातिन अयाँ करेंगे
हक़ीक़तों का सफ़र करेंगे

©Jashvant

एक नज़्म और

90 View

#लफ़्ज़ों #जज़्बात #शायरी #आवाज़ #नज़्म #अयानत  ज़िन्दगी के कुछ जज़्बात ख़यालों में बदलते है 
बंद लबों से निकलती आवाज़ जब एक क़लम 
की अयानत से उन्हें लफ़्ज़ों में पेश करती है 
तो बन जाती है फिर वो शायरी या कोई नज़्म

©Viraaj Sisodiya
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