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कुछ रिश्ते शिकस्त ए फ़रोश निकले वो जाने क्यों मेरी सोच से परे निकले । ऐसा क्या गुनाह किया मैने तेरे साथ वादियों के हसीन पल गैरों के निकले । ©prashant farrukhabadi
prashant farrukhabadi
14 Love
तेरे न होने से बेचैनी सी लगती है गर ऐसा होता तो मेरे सीने से लगती । रहकर दूर तुमसे तड़प तुम क्या जानो दिन दो कैसे भी कट जाता, रात लम्बी लगती । मन करता तुम्हारी आंखों में डूबी रहूं। जलते है कुछ मुझसे मेरी मोहब्बत अच्छी नहीं लगती । अधूरा सा है जीवन मेरा जीना मुश्किल लगता क्यों किए इश्क़ प्रशांत अब मोहब्बत अच्छी नहीं लगती। ©prashant farrukhabadi
15 Love
White इश्क़ मुक़म्मल हो मैं ये वादा नहीं करता हद से ज्यादा मैं खुद से इरादा नहीं करता । तू तो मुझको अपनी जान समझती है किस मुंह से कह दूं कि नाता नहीं रखता। बड़ी फरेबी है दुनिया सारी खुद को समझा ले इश्क़ में रहकर कोइ शादी का वादा नहीं करता। ©prashant farrukhabadi
10 Love
green-leaves मैं अपने दिल का मंका खाली रखता हूं कब कौन आए जाए किसको पता है । बड़ी जाती की है मैने खुद के साथ निकला था घर से उसके घर का पता न पूछा। ©prashant farrukhabadi
वो आए सीधे दिल में उतरते गए ये भी नहीं पूछा कोई अंदर है....! ©prashant farrukhabadi
13 Love
White तू गुरूर कितना भी कर अपनी हुस्न ए मोहब्बत पर न बनाया ऐसा किरदार हमने जो गिरेंगे तेरे हुस्न पर ©prashant farrukhabadi
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