श्री फणिभूषण नाम पिता का,पाठक है उपनाम कहाए।
माता नर्मदा अरु मंजु हैं,हम पर दोनों प्राण लुटाए।।
श्रद्धा मिश्रा अग्रजा मेरी,विजय मिश्र जी अरु हैं जीजा।
एक अनुज अभिषेक नाम का,भक्ति-मुक्ति दोनों हैं अनुजा।।
साहित्य संगम ऐसी संस्था,मिला जिससे नाम है प्यारा।
भारत भूषण नाम हमारा, कहे देवांश जग ये सारा।।
शुम्भेश्वर नाथ धाम एक,निवास वहीं पर है हमारा।
दिव्या पाठक भार्या मेरी,ऐसा ही परिवार हमारा।।
अजय मिश्र जी अरु बहनोई,भक्ति बहन के पति हैं प्यारे।
श्रीराम का नाम सब जापैं,प्रभु विश्व के काज संवारै।।
भारत भूषण पाठक"देवांश"🙏🌹🙏
©Bharat Bhushan pathak
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