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कोई बेनाम शायर है वो , बेखबर नहीं ... मगर कहता है क्यों , वो मेरा हमसफ़र नहीं ?? मोहब्बत का वो दौर फिर से दोहराता नहीं है ... दुआओं में मेरी , लगता है अब असर नहीं !! ✍🏻❤️ ©Shikha Sharma

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मगर कहता है क्यों , वो मेरा हमसफ़र नहीं ??

मोहब्बत का वो दौर फिर से दोहराता नहीं है ...
दुआओं में मेरी , लगता है अब असर नहीं !!
✍🏻❤️

©Shikha Sharma

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40 Love

प्यार भले ही लब्ज़ों का नजराना पेश हुआ, अब असली खेल खेलना शुरू हुआ। ©Vipin Raj

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पेश हुआ,
अब असली खेल खेलना 
शुरू हुआ।

©Vipin Raj

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16 Love

जय परमेश्वर ईन बनीयोंने.अपने.राक्षसीपापसे धन दुनीयांका;काबुमेकर लीयाहे किईन बनीयोंको? धनका ? लोभबहोतहे किकुल जहांनकाधन हमारेपास होजावेतो फीरहम अपना राजकरें-सोयह बनीये अपने राक्षसीपापसे भुलही भुलमे,बुध्धी,भ्रष्टकरके;सातों आठों वलायतोंके बच्चोंको'गारतकरदेंगे'जबसंसारकी-ओलादको नीहायत दुखदेंगे ओर;पताभी;नहीलगनेदेंगे बलके यह-बनीये अपने राक्षसीपापसे ऐसासुझादेंगे-किजो-आपुसमेही लङकर मरनेलगेंगे..... ( ५५ ) अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी- कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७ (राज.) ता १७ अप्रेल संन १९०९ झा बैसाष बुदी १२ सं॥ १९६५ M. No. :- 8905653801 www.jagathitkarnioriginal.org ©जगत हितकारनी 274

#कॉमेडी #Blossom  जय परमेश्वर
ईन बनीयोंने.अपने.राक्षसीपापसे धन दुनीयांका;काबुमेकर लीयाहे किईन बनीयोंको? धनका ? लोभबहोतहे किकुल जहांनकाधन हमारेपास होजावेतो फीरहम अपना राजकरें-सोयह बनीये अपने राक्षसीपापसे भुलही भुलमे,बुध्धी,भ्रष्टकरके;सातों आठों वलायतोंके बच्चोंको'गारतकरदेंगे'जबसंसारकी-ओलादको नीहायत दुखदेंगे ओर;पताभी;नहीलगनेदेंगे बलके यह-बनीये अपने राक्षसीपापसे ऐसासुझादेंगे-किजो-आपुसमेही लङकर मरनेलगेंगे..... ( ५५ )

अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी- 
कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो 
छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७  (राज.)
ता १७ अप्रेल संन १९०९ झा बैसाष बुदी १२ सं॥ १९६५
M. No. :- 8905653801
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©जगत हितकारनी 274

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12 Love

तेरे न होने से बेचैनी सी लगती है गर ऐसा होता तो मेरे सीने से लगती । रहकर दूर तुमसे तड़प तुम क्या जानो दिन दो कैसे भी कट जाता, रात लम्बी लगती । मन करता तुम्हारी आंखों में डूबी रहूं। जलते है कुछ मुझसे मेरी मोहब्बत अच्छी नहीं लगती । अधूरा सा है जीवन मेरा जीना मुश्किल लगता क्यों किए इश्क़ प्रशांत अब मोहब्बत अच्छी नहीं लगती। ©prashant farrukhabadi

#gazal  तेरे न होने से बेचैनी सी  लगती है 
गर ऐसा होता तो मेरे सीने से लगती ।

रहकर दूर तुमसे तड़प तुम क्या जानो 
दिन दो कैसे भी कट जाता, रात लम्बी लगती ।

मन करता तुम्हारी आंखों में डूबी रहूं।
जलते है कुछ मुझसे मेरी मोहब्बत अच्छी नहीं लगती ।

अधूरा सा है जीवन मेरा जीना मुश्किल लगता 
क्यों किए इश्क़ प्रशांत अब मोहब्बत अच्छी नहीं लगती।

©prashant farrukhabadi

तेरे न होने से बेचैनी से लगती है। #gazal most romantic love shayari in hindi for boyfriend shayari love

15 Love

इस भ्रांति से भरे कुछ लोग के जीवन मे कुछ अहमियत बाकी रह जाती है जिसके परिणाम में सिर्फ और सिर्फ पछतावा होता है। ©Kaushal sharma

#Blossom  इस भ्रांति से भरे कुछ लोग के जीवन मे
कुछ अहमियत बाकी रह जाती है जिसके
 परिणाम में सिर्फ और सिर्फ पछतावा होता है।

©Kaushal sharma

श्री फणिभूषण नाम पिता का,पाठक है उपनाम कहाए। माता नर्मदा अरु मंजु हैं,हम पर दोनों प्राण लुटाए।। श्रद्धा मिश्रा अग्रजा मेरी,विजय मिश्र जी अरु हैं जीजा। एक अनुज अभिषेक नाम का,भक्ति-मुक्ति दोनों हैं अनुजा।। साहित्य संगम ऐसी संस्था,मिला जिससे नाम है प्यारा। भारत भूषण नाम हमारा, कहे देवांश जग ये सारा।। शुम्भेश्वर नाथ धाम एक,निवास वहीं पर है हमारा। दिव्या पाठक भार्या मेरी,ऐसा ही परिवार हमारा।। अजय मिश्र जी अरु बहनोई,भक्ति बहन के पति हैं प्यारे। श्रीराम का नाम सब जापैं,प्रभु विश्व के काज संवारै।। भारत भूषण पाठक"देवांश"🙏🌹🙏 ©Bharat Bhushan pathak

#चौपाई_छंद_में_परिचय #Myintroduction #Blossom  श्री फणिभूषण नाम पिता का,पाठक है उपनाम कहाए।
माता नर्मदा अरु मंजु  हैं,हम पर दोनों प्राण लुटाए।।
श्रद्धा मिश्रा अग्रजा मेरी,विजय मिश्र जी अरु हैं जीजा।
एक अनुज अभिषेक नाम का,भक्ति-मुक्ति दोनों हैं अनुजा।।
साहित्य संगम ऐसी संस्था,मिला जिससे नाम है प्यारा।
भारत भूषण नाम हमारा, कहे देवांश जग ये सारा।।
शुम्भेश्वर नाथ धाम एक,निवास वहीं पर है हमारा।
दिव्या पाठक भार्या मेरी,ऐसा ही परिवार हमारा।।
अजय मिश्र जी अरु बहनोई,भक्ति बहन के पति हैं प्यारे।
श्रीराम का नाम सब जापैं,प्रभु विश्व के काज संवारै।।

भारत भूषण पाठक"देवांश"🙏🌹🙏

©Bharat Bhushan pathak

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10 Love

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