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New सोचता हूँ दोस्तों पर मुकदमा कर दू Status, Photo, Video

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White अपर पर नहीं, तू खुद पर काम कर, दीवारों पर लिखे सैकड़ों नारे ना देख। दरिया दूर दूर तक फैला है, अपने बाजुओं को देख पतवारें ना देख। लाखों से जंग लड़नी है तुझे, कट चुके हैं जो हाथ, उन हाथों में तलवारें ना देख। अपर पर नहीं, तू खुद पर काम कर, दीवारों पर लिखे सैकड़ों नारे ना देख। हो सके तो किसी का रक्षक बन, किसी के नज़ारे ना देख। राख है चारों तरफ बिखरी हुई, राख में चिनगारियां ही देख , अंगारे ना देख। अपर पर नहीं, तू खुद पर काम कर, दीवारों पर लिखे सैकड़ों नारे ना देख। ©Priyanka Poetry

#कविता  White अपर पर नहीं, तू खुद पर काम कर,
दीवारों पर लिखे सैकड़ों नारे ना देख।
दरिया दूर दूर तक फैला है,
अपने बाजुओं को देख पतवारें ना देख।
लाखों से जंग लड़नी है तुझे,
कट चुके हैं जो हाथ, उन हाथों में तलवारें ना देख।
अपर पर नहीं, तू खुद पर काम कर,
दीवारों पर लिखे सैकड़ों नारे ना देख।
हो सके तो किसी का रक्षक बन,
किसी के नज़ारे ना देख।
राख है चारों तरफ बिखरी हुई,
राख में चिनगारियां ही देख , अंगारे ना देख।
अपर पर नहीं, तू खुद पर काम कर,
दीवारों पर लिखे सैकड़ों नारे ना देख।

©Priyanka Poetry

खुद पर काम कर

23 Love

White सोचता हूँ कभी कभी क्या तुम मेरा इश्क़ थीं या, यूँ ही बस एक इंसानी फ़ितरत पसन्द करना किसी को मोहब्बत के ख्याली पुलाव पकाना ग़र ये, महज़ एक आकर्षण था तेरे मुँह मोड़ने पर भी बाकी क्यूँ है तो क्या है जो अब भी बाकी है मुझ में एक शोर सा, मेरी सांसों की डोर सा क्यों होता है ऐसा… हर बार बेवफ़ा समझ कर सोचता हूँ तुम से दूर जाने को तेरा अक्स मेरी आँखों में उतर आता है मुस्कुरा कर जैसे पूछ रहा हो कैसे हो तुम, जो कहा करते थे आख़िरी साँस तक चाहोगे मुझे तब शर्त कहाँ थी उतना ही चाहोगी तुम मुस्कुराहट तुम्हारी शोर बन कर गूंजने लगती है मेरे भीतर धड़कनें इस क़दर बढ़ जाती है मानो दिल फटने को हो हँसी में घुले सवाल गूंजने लगते हैं मेरे कानों में एक शोर, जो डराने लगता है मुझे हर बार, हर रात मुझे जाग जाता हूँ मैं, भूल कर सारे शिकवे एक और सुबह होती है मुझे याद दिलाने को इश्क़ है मुझे तुम से, रहेगा भी आख़िरी साँस तक इस जन्म, उस जन्म, हर जन्म ©हिमांशु Kulshreshtha

 White सोचता हूँ कभी कभी
क्या तुम मेरा इश्क़ थीं
या, यूँ ही बस एक इंसानी फ़ितरत
पसन्द करना किसी को
मोहब्बत के ख्याली पुलाव पकाना
ग़र ये, महज़ एक आकर्षण था
तेरे मुँह मोड़ने पर भी बाकी क्यूँ है
तो क्या है जो अब भी बाकी है मुझ में
एक शोर सा, मेरी सांसों की डोर सा
क्यों होता है ऐसा…
हर बार बेवफ़ा समझ कर
सोचता हूँ तुम से दूर जाने को
तेरा अक्स मेरी आँखों में उतर आता है
मुस्कुरा कर जैसे पूछ रहा हो
कैसे हो तुम, जो कहा करते थे
आख़िरी साँस तक चाहोगे मुझे
तब शर्त कहाँ थी उतना ही चाहोगी तुम
मुस्कुराहट तुम्हारी शोर बन कर
गूंजने लगती है मेरे भीतर
धड़कनें इस क़दर बढ़ जाती है
मानो दिल फटने को हो
हँसी में घुले सवाल गूंजने लगते हैं मेरे कानों में
एक शोर, जो डराने लगता है मुझे
हर बार, हर रात मुझे
जाग जाता हूँ मैं, भूल कर सारे शिकवे
एक और सुबह होती है मुझे याद दिलाने को
इश्क़ है मुझे तुम से, रहेगा भी आख़िरी साँस तक
इस जन्म, उस जन्म, हर जन्म

©हिमांशु Kulshreshtha

सोचता हूँ कभी कभी....

18 Love

#विचार  Red sands and spectacular sandstone rock formations माँ शब्द देखने और सुनने में बहोत छोटा लगता है पर है नही दुनिया का सारा दौलत एक तरफ़ माँ एक तरफ़ फिर भी दौलत माँ के सामने कम ही रहैगा सबसे बडा दौलत माँ है जिसके पास माँ है दुनियां का सबसे बडा अमिर है मेरी दौलत तो मूझसे बहोत दूर है आप बताओ

©RAMLALIT NIRALA

सबको भुल सकता हूँ पर माँ को नहीं

90 View

#सुमितमानधनागौरव #attitudeshayri #sumitkikalamse #sumitmandhana #Motivational

बहुत ही साधारण दिखता हूँ मैं। बड़ी ही सरल भाषा में लिखता हूँ मैं। मुझे देख कर धोखा मत खाना दोस्तों, तलवार नहीं कलम से प्रहार करता हूँ मैं। ✍

153 View

#शायरी #poetryunplugged

#poetryunplugged सोचता हूँ कि तुझ पर किताब लिखूँगा शायरी लव शायरी हिंदी शायरी लव रोमांटिक लव शायरी हिंदी में

135 View

White अक्सर खुद ही खुद से सवाल कर जाता हूँ, कुछ कर गुजरने से पहले, दुसरों के बारे में सोंचता हूँ। ©Anukaran

#good_night  White अक्सर खुद ही खुद से सवाल कर जाता हूँ,
कुछ कर गुजरने से पहले,
दुसरों के बारे में सोंचता हूँ।

©Anukaran

#good_night अक्सर खुद ही खुद से सवाल कर जाता हूँ, कुछ कर गुजरने से पहले, दुसरों के बारे में पहले सोंचता हूँ।

10 Love

White अपर पर नहीं, तू खुद पर काम कर, दीवारों पर लिखे सैकड़ों नारे ना देख। दरिया दूर दूर तक फैला है, अपने बाजुओं को देख पतवारें ना देख। लाखों से जंग लड़नी है तुझे, कट चुके हैं जो हाथ, उन हाथों में तलवारें ना देख। अपर पर नहीं, तू खुद पर काम कर, दीवारों पर लिखे सैकड़ों नारे ना देख। हो सके तो किसी का रक्षक बन, किसी के नज़ारे ना देख। राख है चारों तरफ बिखरी हुई, राख में चिनगारियां ही देख , अंगारे ना देख। अपर पर नहीं, तू खुद पर काम कर, दीवारों पर लिखे सैकड़ों नारे ना देख। ©Priyanka Poetry

#कविता  White अपर पर नहीं, तू खुद पर काम कर,
दीवारों पर लिखे सैकड़ों नारे ना देख।
दरिया दूर दूर तक फैला है,
अपने बाजुओं को देख पतवारें ना देख।
लाखों से जंग लड़नी है तुझे,
कट चुके हैं जो हाथ, उन हाथों में तलवारें ना देख।
अपर पर नहीं, तू खुद पर काम कर,
दीवारों पर लिखे सैकड़ों नारे ना देख।
हो सके तो किसी का रक्षक बन,
किसी के नज़ारे ना देख।
राख है चारों तरफ बिखरी हुई,
राख में चिनगारियां ही देख , अंगारे ना देख।
अपर पर नहीं, तू खुद पर काम कर,
दीवारों पर लिखे सैकड़ों नारे ना देख।

©Priyanka Poetry

खुद पर काम कर

23 Love

White सोचता हूँ कभी कभी क्या तुम मेरा इश्क़ थीं या, यूँ ही बस एक इंसानी फ़ितरत पसन्द करना किसी को मोहब्बत के ख्याली पुलाव पकाना ग़र ये, महज़ एक आकर्षण था तेरे मुँह मोड़ने पर भी बाकी क्यूँ है तो क्या है जो अब भी बाकी है मुझ में एक शोर सा, मेरी सांसों की डोर सा क्यों होता है ऐसा… हर बार बेवफ़ा समझ कर सोचता हूँ तुम से दूर जाने को तेरा अक्स मेरी आँखों में उतर आता है मुस्कुरा कर जैसे पूछ रहा हो कैसे हो तुम, जो कहा करते थे आख़िरी साँस तक चाहोगे मुझे तब शर्त कहाँ थी उतना ही चाहोगी तुम मुस्कुराहट तुम्हारी शोर बन कर गूंजने लगती है मेरे भीतर धड़कनें इस क़दर बढ़ जाती है मानो दिल फटने को हो हँसी में घुले सवाल गूंजने लगते हैं मेरे कानों में एक शोर, जो डराने लगता है मुझे हर बार, हर रात मुझे जाग जाता हूँ मैं, भूल कर सारे शिकवे एक और सुबह होती है मुझे याद दिलाने को इश्क़ है मुझे तुम से, रहेगा भी आख़िरी साँस तक इस जन्म, उस जन्म, हर जन्म ©हिमांशु Kulshreshtha

 White सोचता हूँ कभी कभी
क्या तुम मेरा इश्क़ थीं
या, यूँ ही बस एक इंसानी फ़ितरत
पसन्द करना किसी को
मोहब्बत के ख्याली पुलाव पकाना
ग़र ये, महज़ एक आकर्षण था
तेरे मुँह मोड़ने पर भी बाकी क्यूँ है
तो क्या है जो अब भी बाकी है मुझ में
एक शोर सा, मेरी सांसों की डोर सा
क्यों होता है ऐसा…
हर बार बेवफ़ा समझ कर
सोचता हूँ तुम से दूर जाने को
तेरा अक्स मेरी आँखों में उतर आता है
मुस्कुरा कर जैसे पूछ रहा हो
कैसे हो तुम, जो कहा करते थे
आख़िरी साँस तक चाहोगे मुझे
तब शर्त कहाँ थी उतना ही चाहोगी तुम
मुस्कुराहट तुम्हारी शोर बन कर
गूंजने लगती है मेरे भीतर
धड़कनें इस क़दर बढ़ जाती है
मानो दिल फटने को हो
हँसी में घुले सवाल गूंजने लगते हैं मेरे कानों में
एक शोर, जो डराने लगता है मुझे
हर बार, हर रात मुझे
जाग जाता हूँ मैं, भूल कर सारे शिकवे
एक और सुबह होती है मुझे याद दिलाने को
इश्क़ है मुझे तुम से, रहेगा भी आख़िरी साँस तक
इस जन्म, उस जन्म, हर जन्म

©हिमांशु Kulshreshtha

सोचता हूँ कभी कभी....

18 Love

#विचार  Red sands and spectacular sandstone rock formations माँ शब्द देखने और सुनने में बहोत छोटा लगता है पर है नही दुनिया का सारा दौलत एक तरफ़ माँ एक तरफ़ फिर भी दौलत माँ के सामने कम ही रहैगा सबसे बडा दौलत माँ है जिसके पास माँ है दुनियां का सबसे बडा अमिर है मेरी दौलत तो मूझसे बहोत दूर है आप बताओ

©RAMLALIT NIRALA

सबको भुल सकता हूँ पर माँ को नहीं

90 View

#सुमितमानधनागौरव #attitudeshayri #sumitkikalamse #sumitmandhana #Motivational

बहुत ही साधारण दिखता हूँ मैं। बड़ी ही सरल भाषा में लिखता हूँ मैं। मुझे देख कर धोखा मत खाना दोस्तों, तलवार नहीं कलम से प्रहार करता हूँ मैं। ✍

153 View

#शायरी #poetryunplugged

#poetryunplugged सोचता हूँ कि तुझ पर किताब लिखूँगा शायरी लव शायरी हिंदी शायरी लव रोमांटिक लव शायरी हिंदी में

135 View

White अक्सर खुद ही खुद से सवाल कर जाता हूँ, कुछ कर गुजरने से पहले, दुसरों के बारे में सोंचता हूँ। ©Anukaran

#good_night  White अक्सर खुद ही खुद से सवाल कर जाता हूँ,
कुछ कर गुजरने से पहले,
दुसरों के बारे में सोंचता हूँ।

©Anukaran

#good_night अक्सर खुद ही खुद से सवाल कर जाता हूँ, कुछ कर गुजरने से पहले, दुसरों के बारे में पहले सोंचता हूँ।

10 Love

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