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White कितनी है प्यार धरती🌎, परोपकार की है यह देवी अंतरिक्ष से दिखती नीली🗾🗾 है वृक्ष 🌴इसका आभूषण, माटी 🤎🏜इसकी सुन्दरता है धरती🌍पर बहती कल-कल नदियाँ🗾🏞 जीव-जन्तु🐟🐇के लिये वरदान है परोपकार की है यह देवी नि:स्वार्थ भाव से देती निवास🏕🏡 स्थान है खाने को देती अन्न🌽🥕 सदा, पीने को देती जल🍷सदा जलवायु रहे जीवन अनुकूलित महासागरों🏞🌊 का यह ढाल बनाती आंधी तूफानों से रक्षा करने पर्वत 🗻⛰️पहाड़🏔 का कवच बनाती मानव जीवन हो सरल चीर कर सीना देती अपना खनिज💎🛠 भण्डार है कितनी है प्यारी धरती, परोपकार की है देवी ©pen_with_me22

#कविता #instawriters #HindiPoem #Earth #Hindi  White कितनी है प्यार धरती🌎, परोपकार की है यह देवी
अंतरिक्ष से दिखती नीली🗾🗾 है
वृक्ष 🌴इसका आभूषण, माटी 🤎🏜इसकी सुन्दरता है
धरती🌍पर बहती कल-कल नदियाँ🗾🏞
जीव-जन्तु🐟🐇के लिये वरदान है
परोपकार की है यह देवी 
नि:स्वार्थ भाव से देती निवास🏕🏡 स्थान है
खाने को देती अन्न🌽🥕 सदा, पीने को देती जल🍷सदा
जलवायु रहे जीवन अनुकूलित 
महासागरों🏞🌊 का यह ढाल बनाती
आंधी तूफानों से रक्षा करने
पर्वत 🗻⛰️पहाड़🏔 का कवच बनाती
मानव जीवन हो सरल
चीर कर सीना देती अपना खनिज💎🛠 भण्डार है
कितनी है प्यारी धरती, परोपकार की है देवी

©pen_with_me22

White ,............... ©aady

#writerscommunity #shayri #writer #Pain  White ,...............

©aady

thandi Pawan #hawa #Love #ishq #shayri #writer #writerscommunity #pen #Pain

14 Love

मेरे यार भी कितने ज़हीन हैं. मेरे खामोशियों से...... मेरे दर्द का अंदाज़ा लगा लेते हैं. मुझे खिड़कियों से आते देख "इब्राहिमी" अपना दरवाज़ा लगा लेते हैं. शादाब अल इब्राहिमी (ज़हीन-sensible) ©AL Ibrahimi

 मेरे यार भी कितने ज़हीन हैं.
मेरे खामोशियों से......
मेरे दर्द का अंदाज़ा लगा लेते हैं.

मुझे खिड़कियों से आते देख "इब्राहिमी"
अपना दरवाज़ा लगा लेते हैं.

शादाब अल इब्राहिमी
(ज़हीन-sensible)

©AL Ibrahimi

after long time.....my pen is telling about my HAMDARD.

14 Love

#Design #Videos

##Design by pen 🖊️🖊️

99 View

#Videos #pen

##pen design ♥️♥️💗💞

144 View

(मनुज कवि बन जाता है) जब अम्बर पिघल धरा पर आ न सके अधरों पे मुसकान रूक जाये आँखों से अश्क बन बह जाये और जब कलपित उर रो जाये तो समझो मनुज कवि बन जाता है व्यथा जब अपना न किसी से कह सके लज्जा से मन भर जाये काली रातों की अंधियारी में जब सारा भुवन सो जाये तो समझो मनुज कवि बन जाता है जब मन भयभीत हो कुछ कहन सके पीड़ित हो अपनो से जब हाथों में कलम उठा लेते हैं शब्दों के सरिता में रम जाते हैं तो समझो मनुज कवि बन जाता है जब सामने अंधेरा छा जाये अकेला बेसहारा मन होने लगे तब नैनो के नीर स्याही से निज व्यथा को लिख डाले तो समझो मनुज कवि बन जाता है संघर्ष भरा जब जीवन हो लोगों के बीच समर्पण हो तब साहित्य में खो जाता है अपनी भावना उकेर डालता है तो समझो मनुज कवि बन जाता है जब भुलेबिसरे याद आये उर में दर्द की कसक उठे वेदना से मन काँप जाये तब हाथो में कलम उठाता है तो समझो मनुज कवि बन जाता है जब अपने प्रिय से न मिल सके यादों की व्यथा में खो जाये साहित्य की सरिता में बह जाये एक लेखनी लिख डाले तो समझो मनुज कवि बन जाता है जब जीवन मे मनचाहा सफलता मिल न सके मन गगन की उड़ान तो भरता है अक्षर शब्द मिल कविताओ में परिणित हो जाता है मन की भावना खूबसूरती से निखारता है तो समझो मनुज कवि बन जाता है ©संगीत कुमार

#कविता #pen  (मनुज कवि बन जाता है) 
जब अम्बर पिघल धरा पर आ न सके
अधरों पे मुसकान रूक जाये 
आँखों से अश्क बन बह जाये
और जब कलपित उर रो जाये
तो समझो मनुज कवि बन जाता है 

व्यथा जब अपना न किसी से कह सके
लज्जा से मन भर जाये 
काली रातों की अंधियारी में 
जब सारा भुवन सो जाये
तो समझो मनुज कवि बन जाता है 

जब मन भयभीत हो कुछ कहन सके
पीड़ित हो अपनो से जब
हाथों में कलम उठा लेते हैं 
शब्दों के सरिता में रम जाते हैं 
तो समझो मनुज कवि बन जाता है

जब सामने अंधेरा छा जाये
अकेला बेसहारा मन होने लगे
तब नैनो के नीर स्याही से 
निज व्यथा को लिख डाले
तो समझो मनुज कवि बन जाता है

संघर्ष भरा जब जीवन हो
लोगों के बीच समर्पण हो
तब साहित्य में खो जाता है
अपनी भावना उकेर डालता है
तो समझो मनुज कवि बन जाता है 

जब भुलेबिसरे याद आये
उर में दर्द की कसक उठे
वेदना से मन काँप जाये
तब हाथो में कलम उठाता है
तो समझो मनुज कवि बन जाता है 

जब अपने प्रिय से न मिल सके 
यादों की व्यथा में खो जाये
साहित्य की सरिता में बह जाये
एक लेखनी लिख डाले
तो समझो मनुज कवि बन जाता है 

जब जीवन मे मनचाहा सफलता मिल न सके
मन गगन की उड़ान तो भरता है
अक्षर शब्द मिल कविताओ में परिणित हो जाता है 
मन की भावना खूबसूरती से निखारता है
		तो समझो मनुज कवि बन जाता है

©संगीत कुमार

#pen

12 Love

White कितनी है प्यार धरती🌎, परोपकार की है यह देवी अंतरिक्ष से दिखती नीली🗾🗾 है वृक्ष 🌴इसका आभूषण, माटी 🤎🏜इसकी सुन्दरता है धरती🌍पर बहती कल-कल नदियाँ🗾🏞 जीव-जन्तु🐟🐇के लिये वरदान है परोपकार की है यह देवी नि:स्वार्थ भाव से देती निवास🏕🏡 स्थान है खाने को देती अन्न🌽🥕 सदा, पीने को देती जल🍷सदा जलवायु रहे जीवन अनुकूलित महासागरों🏞🌊 का यह ढाल बनाती आंधी तूफानों से रक्षा करने पर्वत 🗻⛰️पहाड़🏔 का कवच बनाती मानव जीवन हो सरल चीर कर सीना देती अपना खनिज💎🛠 भण्डार है कितनी है प्यारी धरती, परोपकार की है देवी ©pen_with_me22

#कविता #instawriters #HindiPoem #Earth #Hindi  White कितनी है प्यार धरती🌎, परोपकार की है यह देवी
अंतरिक्ष से दिखती नीली🗾🗾 है
वृक्ष 🌴इसका आभूषण, माटी 🤎🏜इसकी सुन्दरता है
धरती🌍पर बहती कल-कल नदियाँ🗾🏞
जीव-जन्तु🐟🐇के लिये वरदान है
परोपकार की है यह देवी 
नि:स्वार्थ भाव से देती निवास🏕🏡 स्थान है
खाने को देती अन्न🌽🥕 सदा, पीने को देती जल🍷सदा
जलवायु रहे जीवन अनुकूलित 
महासागरों🏞🌊 का यह ढाल बनाती
आंधी तूफानों से रक्षा करने
पर्वत 🗻⛰️पहाड़🏔 का कवच बनाती
मानव जीवन हो सरल
चीर कर सीना देती अपना खनिज💎🛠 भण्डार है
कितनी है प्यारी धरती, परोपकार की है देवी

©pen_with_me22

White ,............... ©aady

#writerscommunity #shayri #writer #Pain  White ,...............

©aady

thandi Pawan #hawa #Love #ishq #shayri #writer #writerscommunity #pen #Pain

14 Love

मेरे यार भी कितने ज़हीन हैं. मेरे खामोशियों से...... मेरे दर्द का अंदाज़ा लगा लेते हैं. मुझे खिड़कियों से आते देख "इब्राहिमी" अपना दरवाज़ा लगा लेते हैं. शादाब अल इब्राहिमी (ज़हीन-sensible) ©AL Ibrahimi

 मेरे यार भी कितने ज़हीन हैं.
मेरे खामोशियों से......
मेरे दर्द का अंदाज़ा लगा लेते हैं.

मुझे खिड़कियों से आते देख "इब्राहिमी"
अपना दरवाज़ा लगा लेते हैं.

शादाब अल इब्राहिमी
(ज़हीन-sensible)

©AL Ibrahimi

after long time.....my pen is telling about my HAMDARD.

14 Love

#Design #Videos

##Design by pen 🖊️🖊️

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#Videos #pen

##pen design ♥️♥️💗💞

144 View

(मनुज कवि बन जाता है) जब अम्बर पिघल धरा पर आ न सके अधरों पे मुसकान रूक जाये आँखों से अश्क बन बह जाये और जब कलपित उर रो जाये तो समझो मनुज कवि बन जाता है व्यथा जब अपना न किसी से कह सके लज्जा से मन भर जाये काली रातों की अंधियारी में जब सारा भुवन सो जाये तो समझो मनुज कवि बन जाता है जब मन भयभीत हो कुछ कहन सके पीड़ित हो अपनो से जब हाथों में कलम उठा लेते हैं शब्दों के सरिता में रम जाते हैं तो समझो मनुज कवि बन जाता है जब सामने अंधेरा छा जाये अकेला बेसहारा मन होने लगे तब नैनो के नीर स्याही से निज व्यथा को लिख डाले तो समझो मनुज कवि बन जाता है संघर्ष भरा जब जीवन हो लोगों के बीच समर्पण हो तब साहित्य में खो जाता है अपनी भावना उकेर डालता है तो समझो मनुज कवि बन जाता है जब भुलेबिसरे याद आये उर में दर्द की कसक उठे वेदना से मन काँप जाये तब हाथो में कलम उठाता है तो समझो मनुज कवि बन जाता है जब अपने प्रिय से न मिल सके यादों की व्यथा में खो जाये साहित्य की सरिता में बह जाये एक लेखनी लिख डाले तो समझो मनुज कवि बन जाता है जब जीवन मे मनचाहा सफलता मिल न सके मन गगन की उड़ान तो भरता है अक्षर शब्द मिल कविताओ में परिणित हो जाता है मन की भावना खूबसूरती से निखारता है तो समझो मनुज कवि बन जाता है ©संगीत कुमार

#कविता #pen  (मनुज कवि बन जाता है) 
जब अम्बर पिघल धरा पर आ न सके
अधरों पे मुसकान रूक जाये 
आँखों से अश्क बन बह जाये
और जब कलपित उर रो जाये
तो समझो मनुज कवि बन जाता है 

व्यथा जब अपना न किसी से कह सके
लज्जा से मन भर जाये 
काली रातों की अंधियारी में 
जब सारा भुवन सो जाये
तो समझो मनुज कवि बन जाता है 

जब मन भयभीत हो कुछ कहन सके
पीड़ित हो अपनो से जब
हाथों में कलम उठा लेते हैं 
शब्दों के सरिता में रम जाते हैं 
तो समझो मनुज कवि बन जाता है

जब सामने अंधेरा छा जाये
अकेला बेसहारा मन होने लगे
तब नैनो के नीर स्याही से 
निज व्यथा को लिख डाले
तो समझो मनुज कवि बन जाता है

संघर्ष भरा जब जीवन हो
लोगों के बीच समर्पण हो
तब साहित्य में खो जाता है
अपनी भावना उकेर डालता है
तो समझो मनुज कवि बन जाता है 

जब भुलेबिसरे याद आये
उर में दर्द की कसक उठे
वेदना से मन काँप जाये
तब हाथो में कलम उठाता है
तो समझो मनुज कवि बन जाता है 

जब अपने प्रिय से न मिल सके 
यादों की व्यथा में खो जाये
साहित्य की सरिता में बह जाये
एक लेखनी लिख डाले
तो समझो मनुज कवि बन जाता है 

जब जीवन मे मनचाहा सफलता मिल न सके
मन गगन की उड़ान तो भरता है
अक्षर शब्द मिल कविताओ में परिणित हो जाता है 
मन की भावना खूबसूरती से निखारता है
		तो समझो मनुज कवि बन जाता है

©संगीत कुमार

#pen

12 Love

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