Pencil
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#Pencil  न मेरे पास कुछ है ,न मैं ही कुछ हूं,
तो फिर,मेरे नाम से लोग चिढ़ते क्यूं हैं

लोगों का ये रूप मुझे और मजबूत बनाता है,
तो फिर ,लोग मुझे ये रूप दिखाते क्यूं हैं

जलवा मेरी लेखनी का चलता है ,
तो फिर,अंदाज पे मेरे, लोग मरते क्यूं हैं

न मैं कवि हूं,न शायर न लेखक,
तो फिर ,मेरे शब्द, किसी को छूते क्यूं हैं।

मिलती है जिंदगी सभी को एक ही बार,
तो फिर, जिंदगी से मिलना हर बार हम टालते क्यूं हैं…!!!

©D. J.

#Pencil attitude shayari

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लिखनी थी एक बात नया कुछ भी नहीं है माज़ूर हैं जज़्बात नया कुछ भी नहीं हैं ©Aijaz Ahmad Ashk

#Pencil  लिखनी थी एक बात नया कुछ भी नहीं है
माज़ूर  हैं  जज़्बात  नया  कुछ भी  नहीं हैं

©Aijaz Ahmad Ashk

#Pencil shayari on life

13 Love

किसी ने कहा, तुम्हारी शायरी बहुत कमाल है, हमने जवाब दिया, अजी जनाब... जिस के लिए लिखता हूं, वो शख़्स बेमिसाल है। वैसे... ज़ायका कुछ अलग ही है, मेरे लिखे अल्फ़ाज़ों का, किसी को आस्वाद नहीं आता, कोई चाह कर भी भुला नहीं पाता। डॉ दीपक कुमार 'दीप' ©Dr Deepak Kumar Deep

#शायरी #Pencil  किसी ने कहा,
तुम्हारी शायरी बहुत कमाल है,
हमने जवाब दिया,
अजी जनाब...
जिस के लिए लिखता हूं,
वो शख़्स बेमिसाल है।
वैसे...
ज़ायका कुछ अलग ही है,
मेरे लिखे अल्फ़ाज़ों का,
किसी को आस्वाद नहीं आता,
कोई चाह कर भी भुला नहीं पाता।

डॉ दीपक कुमार 'दीप'

©Dr Deepak Kumar Deep

#Pencil

12 Love

#Pencil  एक मुद्दत से बंद है 
आना जाना  उनके ख़त का
दुआ सलाम लिखना भूल गया हूँ !!


ढूढ़ता हूं मैं वफ़ा को दरबदर
दौर बेवफाई का है इस कदर, 
मैं वफ़ा का नाम लिखना भूल गया हूँ !!


.

©Hamid Ali

#Pencil

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#Quotes #Pencil  दर्द फैला पड़ा है कापी पर जो समझा रो दिया
जो न समझा वो मुस्कुरा के चल दिया
light

©Roshani

#Pencil

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"मेरी ज़ुबां से मुझको तू मुस्लमा न समझ, तुझे गिला है तो बता, हिन्दी में सिक्के का तर्जुमा क्या है" ©Anirudh Sinwal

#anirudh_sinwal #Quotes #shayri #Pencil  "मेरी ज़ुबां से मुझको तू मुस्लमा न समझ,
तुझे गिला है तो बता,
हिन्दी में सिक्के का तर्जुमा क्या है"

©Anirudh Sinwal
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