!! दिसंबर आभार करने का महीना है !!
दिसंबर आभार करने का महीना है
ये साल भर के तजुर्बों की पोटली है
जिसमें 11 महीने लंबी डोरी से गाँठ लगी है
दिन छोटे हो जाते हैं ,
पर दिल बड़े होते हैं इस महीने में
जनवरी की शुरूआत में ख़ुद से किए गए
वादों का अब हिसाब किताब होता है ..
.. जो पूरे हुए उन पर गुमान होता है ,
और जो नहीं हो पाये
उनको कुछ बदलाव के साथ
अगले साल फिर डायरी में लिख लिया जाता है !!
पूरे साल की रील मानो सामने घूमती है और कभी थोड़ी
सी मुस्कुराहट और कभी थोड़ी उदासी ले आती है चेहरे पर।
अच्छा बुरा जैसा भी समय निकला
पर उस की रेत बजरी समेट कर
उम्मीद के सीमेंट में मिला कर फिर
एक नया मकान बनाना है .. अगले साल का
यूँ तो जनवरी और दिसंबर में
एक दिन की ही दूरी है पर फ़ासला एक साल का।
ऐसा लगता है जैसे जनवरी धरती है और दिसंबर है अंबर,
और क्षितिज पर ये दूर से एक रात के लिए मिलते दिखते हैं।
31 तारीख़ को ….तुम छोड़ जाओगे दिसंबर की तरह
और हम बदल जायेगें जनवरी की तरह...।
©Shivkumar barman
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