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मन मे उठते भावो को कागज पर उतार लेती हूँ
Unsplash अपने हर दाग के साथ-साथ यह चांद हर हाल मे चमकता है कभी सूरज से कोई होड़ नही की जो मिला प्रकाश उसी मे निखरता है न मिला दिन का साम्राज्य वो रात से दोस्ती करता है.. वो चांद है पर मुझे अपनी तरह ही लगता है... ©Yogita Harne
Yogita Harne
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भावो की नगरी भाव नगर मे पंचदिवसी उत्सव सजाया है कृत्रिमकरण के युग मे मानवीकरण को उत्तम बताया है नये युग की नयी सोच से कदम मिलाना है हर तकनीकी को सिखकर जीवन को उत्कृष्ट बनाना है समझ और संयम के दो शब्दो मे तालमेल बिठाना है.. जिस तकनीकी का तक देने के लिए सृजन किया.. न हो तकलीफ इससे किसी को यह प्रण हम सभी ने है लिया घर से बाहर होकर भी घर मे ही थे RSC के परिवार ने अपनत्व सभी पर है लुटाया … श्री नरोत्तम जी की सोच को श्री गिरीश जी ने हम तक है पहुंचाया सुश्री Dr. पायल और श्री रमेश जी ने निष्ठा से कर्तव्य है निभाया…. भावी भारत के निर्माण के नये कदमो को सशक्त है बनाया… मै योगिता साक्षी रही इन दिनो की अपने शब्द सुमन से अनुभव को पिरोया ©Yogita Harne
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बादलो के बीच रहकर भी चंद्रमा अपनी शीतलता बिखरता है... लुकाछिपी आरोह-अवरोह सभी मे अपना अस्तित्व रखता है शरद पुर्णिमा की पूर्णता योगिता को जीवनचक्र सिखाता है.. अमृत की पावनता से व्यक्तित्व निखरता है... ©Yogita Harne
Dear Poornima Ma'am हमने अक्सर गुरु द्रोणाचार्य और एकलव्य की कहानी सुनी थी पर 16 october 2022 से 16 october 2023 तक मैने वो जिया भी... Phone के दुसरे सिरे पर सुनी आवाज " सूनो योगिता " मुझे इतना प्रभावित करेगा .... अक्सर ऐसा लगा कुछ कमी सी है पर क्या है वो पता ही नही था.... पर आज सब कुछ साफ है.... आज मे अर्जुन हूं अपने गुरुद्रोण की..... एक आवाज से आपके सानिध्य का सफर मेरे जीवन पर ईश्वर का आशीर्वाद है Teacher is not one who teach but one who inspire... thanks for Being my Inspiration. जीवनरूपी रथ की सार्थकता गुरु है मेरी सुश्री पूर्णिमा. कितना सीख और समझ पाउंगी पता नही पर कौशिश आत्मा से करेगी शिष्या योगिता...🙏🙏🙏🙏🙏 ©Yogita Harne
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"खोखली तरक्की का धूंधला चश्मा" कुदरत की नजरो से कुछ छुपता नही... सौ सुनार की एक लौहार की आज यह कहावत है..सही ईश्वर के न्याय मे कोई रिश्वत न चली गरीबो के झोपडी नही अमीरो के आलिशान आशियानो मे भी नदिया बह चली.. Concrete के जंगल हमने नदियो के तट पर बना दिए.. Prime location and Premier Ammeneties के नाम भी हमने दिए गल्ती किसकी ? गुनहगार कौन पर आज परिणाम सब ने सहे.... आज भी पुराना शहर सुरक्षित था क्योंकि पक्की नीव पर वो बना था चार दरवाजो के बीच का पुराना घर सुरक्षित था हाहाकार जो मचा वो new and devlope City मे ही मचा था.... Decoration को Development बताकर Smart City का यह सच सभी ने देखा समय ये मंथन का है नयी पीढी को पीड़ित या सुरक्षित रखने का कर्तव्य किसका है? ©Yogita Harne
मन मे उठते तूफानो को , आशा और विश्वास के संबल से संभाला है जहा टूट कर बिखर सकते थे आंखो के सागर झलक सकते थे मुस्कुराहट के आंचल ने नभ को समेटा है... बस यही बसेरा है... ©Yogita Harne
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