Unsplash अपने हर दाग के साथ-साथ यह चांद हर हाल मे | हिंदी कविता

"Unsplash अपने हर दाग के साथ-साथ यह चांद हर हाल मे चमकता है कभी सूरज से कोई होड़ नही की जो मिला प्रकाश उसी मे निखरता है न मिला दिन का साम्राज्य वो रात से दोस्ती करता है.. वो चांद है पर मुझे अपनी तरह ही लगता है... ©Yogita Harne"

 Unsplash अपने हर दाग के साथ-साथ यह चांद  हर हाल मे चमकता है
कभी सूरज से कोई होड़ नही की जो मिला प्रकाश उसी मे निखरता है
न मिला दिन का साम्राज्य वो रात से दोस्ती करता है..
वो चांद  है पर मुझे अपनी तरह ही लगता है...

©Yogita Harne

Unsplash अपने हर दाग के साथ-साथ यह चांद हर हाल मे चमकता है कभी सूरज से कोई होड़ नही की जो मिला प्रकाश उसी मे निखरता है न मिला दिन का साम्राज्य वो रात से दोस्ती करता है.. वो चांद है पर मुझे अपनी तरह ही लगता है... ©Yogita Harne

Chand

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