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जब मेरे कदमों के नीचे राह भटक रही थी,मंज़िल ने ख़ुद अपना पता मुझसे पूछा था।"
मक़ाम पाया है रोशनी ने तुम्हारे चेहरे पे आके आख़िर तुम्हारे कारण ही हो सका है हमारा परिचय भी रोशनी से ©Ghumnam Gautam
Ghumnam Gautam
15 Love
"मैं फ़ानी हूँ, ये सच मैं जानता हूँ" मगर क्यों दुनिया फ़ानी लग रही है? सुना है पहले भी,पर तुमसे सुनकर कहानी-सी कहानी लग रही है ©Ghumnam Gautam
9 Love
13 Love
Unsplash न कर सके हैं कभी वक़्त का यक़ीं लम्हे उदास आँखों से झरते हैं बस हसीं लम्हे झगड़ पड़ा था तेरे वास्ते जो वक़्त से मैं इसीलिए तो अभी मुझमें हैं मक़ीं लम्हे ©Ghumnam Gautam
14 Love
किसी ने फाड़ दी उल्फ़त की वो किताब पुनः बिखर गया है कहीं पर कोई गुलाब पुनः पुनः हुआ है किसी पर दहर का ज़ुल्म-ओ-सितम किसी की आँखों से बहकर गिरे हैं ख़्वाब पुनः ©Ghumnam Gautam
White कल तुम से मिलकर मधुवन में ये जाना क्या है दरसन में चल हमपे गया इक जादू-सा हम लौट गए थे बचपन में ©Ghumnam Gautam
17 Love
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