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New सुभाष चंद्र बोस पर कविता Status, Photo, Video

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White दहलीज़ पर कविता" बहुत पछताए ,घर की लांघ के "दहलीज़"हम लड़कपन में, बड़ा भरोसा था जिनके वादे पे, मौसम की तरह रंग बदल गए कुछ दिन में। अनुजकुमार हेयय क्षत्रिय ©

#कविता  White  दहलीज़ पर कविता"

बहुत पछताए ,घर की 
लांघ के "दहलीज़"हम लड़कपन में,

बड़ा भरोसा था जिनके वादे पे,
मौसम की तरह रंग बदल गए कुछ दिन में।

अनुजकुमार हेयय क्षत्रिय

©

# दहलीज़ पर कविता"

13 Love

White {Bolo Ji Radhey Radhey} एक सच्चा बेटा, एक सच्चा सिपाही समस्त राष्ट्रीय सम्पत्ति के धनी, श्री श्री नेता जी सुभाष चंद्र बोस जी को कोटि-कोटि नमन। जय श्री राधेकृष्ण जी!! ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #GoodNight  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
एक सच्चा बेटा, एक सच्चा सिपाही
समस्त राष्ट्रीय सम्पत्ति के धनी,
श्री श्री नेता जी सुभाष चंद्र बोस 
जी को कोटि-कोटि नमन।
जय श्री राधेकृष्ण जी!!

©N S Yadav GoldMine

#GoodNight {Bolo Ji Radhey Radhey} एक सच्चा बेटा, एक सच्चा सिपाही समस्त राष्ट्रीय सम्पत्ति के धनी, श्री श्री नेता जी सुभाष चंद्र बोस जी को

14 Love

White DARKNESS 🌑 ©himesh

#कविता #good_night  White DARKNESS 🌑

©himesh

#good_night कविता बारिश पर कविता

8 Love

White जनाब यू इतराते है अपने गोरे रंग पर.. एक बार सांवले रंग पर फिदा होकर देखिये.. क्योंकि सितारे काले आसमान में ही खूबसूरत लगते हैं ©Zindgi Ka Safar # priya

#कविता #good_night  White जनाब यू इतराते है अपने गोरे रंग पर..
एक बार सांवले रंग पर फिदा होकर देखिये..
क्योंकि सितारे काले आसमान में ही खूबसूरत लगते हैं

©Zindgi Ka Safar # priya

#good_night हिंदी कविता हिंदी दिवस पर कविता कविता कोश हिंदी कविता

12 Love

White बारिश की बूंदे कितनी ख्वाहिश थी, बारिश की बूंदों को, आसमान से गिरकर, जमीन में दफ्न होने की। वो जो ऊंचाइयों में, बादलों की गोद में थीं, हर एक लम्हा सोचती थीं, धरती की मिट्टी से मिलने को। चमकते सूरज के डर से, बादलों में छुपती रहीं, पर दिल में हसरत थी, जमीन की आगोश में समाने की। फिर एक दिन बादलों ने भेजा उन्हें धरती को तोहफा बनाकर, जीवन को सींचने, और प्यास बुझाने। गिरती रहीं,झूमकर, नाचकर, हर पत्ती, हर शाख से लिपटकर, मिट्टी की खुशबू में, अपने अस्तित्व को मिटाने। दफ्न होकर मिट्टी में, वो बूंदें मुस्कुराईं, कि उनकी ख्वाहिश ने, जीवन को एक नई कहानी सुनाई। ख्वाहिशें भी ऐसे ही, अधूरी नहीं रहतीं, आसमान से गिरकर, ज़मीन पर मुकम्मल होती हैं। राइटर ममता आंबेडकर मोटिवेशनल कवित्री ©Writer Mamta Ambedkar

#कविता #Sad_Status  White बारिश की बूंदे

कितनी ख्वाहिश थी,
बारिश की बूंदों को,

आसमान से गिरकर,
जमीन में दफ्न होने की।

वो जो ऊंचाइयों में,
बादलों की गोद में थीं,

हर एक लम्हा सोचती थीं,
धरती की मिट्टी से मिलने को।

चमकते सूरज के डर से,
बादलों में छुपती रहीं,

पर दिल में हसरत थी,
जमीन की आगोश में समाने की।

फिर एक दिन बादलों ने भेजा 
उन्हें धरती को तोहफा बनाकर,

जीवन को सींचने,
और प्यास बुझाने।

गिरती रहीं,झूमकर, नाचकर,
हर पत्ती, हर शाख से लिपटकर,

मिट्टी की खुशबू में,
अपने अस्तित्व को मिटाने।

दफ्न होकर मिट्टी में,
वो बूंदें मुस्कुराईं,

कि उनकी ख्वाहिश ने,
जीवन को एक नई कहानी सुनाई।

ख्वाहिशें भी ऐसे ही,
अधूरी नहीं रहतीं,

आसमान से गिरकर,
ज़मीन पर मुकम्मल होती हैं।

राइटर ममता आंबेडकर मोटिवेशनल कवित्री

©Writer Mamta Ambedkar

#Sad_Status प्यार पर कविता कविता कोश प्रेम कविता कविता कविताएं

14 Love

White साँझ ढली फिर नहीं आयी वो आज फिर मैं राह देखते रहा होते रहा अधीर सोचते की किस खता की दे रही सज़ा 2 सोचते की कैसे हो गई बेपीर ©कवि प्रभात

#कविता #good_night  White साँझ ढली फिर नहीं आयी वो आज फिर
मैं राह देखते रहा होते रहा अधीर 
सोचते की किस खता की दे रही सज़ा 2
सोचते की कैसे हो गई बेपीर

©कवि प्रभात

#good_night प्यार पर कविता कविता कोश

9 Love

White दहलीज़ पर कविता" बहुत पछताए ,घर की लांघ के "दहलीज़"हम लड़कपन में, बड़ा भरोसा था जिनके वादे पे, मौसम की तरह रंग बदल गए कुछ दिन में। अनुजकुमार हेयय क्षत्रिय ©

#कविता  White  दहलीज़ पर कविता"

बहुत पछताए ,घर की 
लांघ के "दहलीज़"हम लड़कपन में,

बड़ा भरोसा था जिनके वादे पे,
मौसम की तरह रंग बदल गए कुछ दिन में।

अनुजकुमार हेयय क्षत्रिय

©

# दहलीज़ पर कविता"

13 Love

White {Bolo Ji Radhey Radhey} एक सच्चा बेटा, एक सच्चा सिपाही समस्त राष्ट्रीय सम्पत्ति के धनी, श्री श्री नेता जी सुभाष चंद्र बोस जी को कोटि-कोटि नमन। जय श्री राधेकृष्ण जी!! ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #GoodNight  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
एक सच्चा बेटा, एक सच्चा सिपाही
समस्त राष्ट्रीय सम्पत्ति के धनी,
श्री श्री नेता जी सुभाष चंद्र बोस 
जी को कोटि-कोटि नमन।
जय श्री राधेकृष्ण जी!!

©N S Yadav GoldMine

#GoodNight {Bolo Ji Radhey Radhey} एक सच्चा बेटा, एक सच्चा सिपाही समस्त राष्ट्रीय सम्पत्ति के धनी, श्री श्री नेता जी सुभाष चंद्र बोस जी को

14 Love

White DARKNESS 🌑 ©himesh

#कविता #good_night  White DARKNESS 🌑

©himesh

#good_night कविता बारिश पर कविता

8 Love

White जनाब यू इतराते है अपने गोरे रंग पर.. एक बार सांवले रंग पर फिदा होकर देखिये.. क्योंकि सितारे काले आसमान में ही खूबसूरत लगते हैं ©Zindgi Ka Safar # priya

#कविता #good_night  White जनाब यू इतराते है अपने गोरे रंग पर..
एक बार सांवले रंग पर फिदा होकर देखिये..
क्योंकि सितारे काले आसमान में ही खूबसूरत लगते हैं

©Zindgi Ka Safar # priya

#good_night हिंदी कविता हिंदी दिवस पर कविता कविता कोश हिंदी कविता

12 Love

White बारिश की बूंदे कितनी ख्वाहिश थी, बारिश की बूंदों को, आसमान से गिरकर, जमीन में दफ्न होने की। वो जो ऊंचाइयों में, बादलों की गोद में थीं, हर एक लम्हा सोचती थीं, धरती की मिट्टी से मिलने को। चमकते सूरज के डर से, बादलों में छुपती रहीं, पर दिल में हसरत थी, जमीन की आगोश में समाने की। फिर एक दिन बादलों ने भेजा उन्हें धरती को तोहफा बनाकर, जीवन को सींचने, और प्यास बुझाने। गिरती रहीं,झूमकर, नाचकर, हर पत्ती, हर शाख से लिपटकर, मिट्टी की खुशबू में, अपने अस्तित्व को मिटाने। दफ्न होकर मिट्टी में, वो बूंदें मुस्कुराईं, कि उनकी ख्वाहिश ने, जीवन को एक नई कहानी सुनाई। ख्वाहिशें भी ऐसे ही, अधूरी नहीं रहतीं, आसमान से गिरकर, ज़मीन पर मुकम्मल होती हैं। राइटर ममता आंबेडकर मोटिवेशनल कवित्री ©Writer Mamta Ambedkar

#कविता #Sad_Status  White बारिश की बूंदे

कितनी ख्वाहिश थी,
बारिश की बूंदों को,

आसमान से गिरकर,
जमीन में दफ्न होने की।

वो जो ऊंचाइयों में,
बादलों की गोद में थीं,

हर एक लम्हा सोचती थीं,
धरती की मिट्टी से मिलने को।

चमकते सूरज के डर से,
बादलों में छुपती रहीं,

पर दिल में हसरत थी,
जमीन की आगोश में समाने की।

फिर एक दिन बादलों ने भेजा 
उन्हें धरती को तोहफा बनाकर,

जीवन को सींचने,
और प्यास बुझाने।

गिरती रहीं,झूमकर, नाचकर,
हर पत्ती, हर शाख से लिपटकर,

मिट्टी की खुशबू में,
अपने अस्तित्व को मिटाने।

दफ्न होकर मिट्टी में,
वो बूंदें मुस्कुराईं,

कि उनकी ख्वाहिश ने,
जीवन को एक नई कहानी सुनाई।

ख्वाहिशें भी ऐसे ही,
अधूरी नहीं रहतीं,

आसमान से गिरकर,
ज़मीन पर मुकम्मल होती हैं।

राइटर ममता आंबेडकर मोटिवेशनल कवित्री

©Writer Mamta Ambedkar

#Sad_Status प्यार पर कविता कविता कोश प्रेम कविता कविता कविताएं

14 Love

White साँझ ढली फिर नहीं आयी वो आज फिर मैं राह देखते रहा होते रहा अधीर सोचते की किस खता की दे रही सज़ा 2 सोचते की कैसे हो गई बेपीर ©कवि प्रभात

#कविता #good_night  White साँझ ढली फिर नहीं आयी वो आज फिर
मैं राह देखते रहा होते रहा अधीर 
सोचते की किस खता की दे रही सज़ा 2
सोचते की कैसे हो गई बेपीर

©कवि प्रभात

#good_night प्यार पर कविता कविता कोश

9 Love

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