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आज ये मज़हब और इंसान जैसे दबा-दबा सा है चंद फ़रेबीयों और मक्कारों के नापाक वज़न से दंगे करवा कर मकानों का फ़ैलाया मलबा सा है इन्हें कोई मतलब ही नही इंसानियत और वतन से ©अदनासा-

#फ़रेबीयों #इंसानियत #मक्कारों #अदनासा #हिंदी #शायरी  आज  ये मज़हब और  इंसान जैसे  दबा-दबा सा है
चंद फ़रेबीयों  और  मक्कारों  के  नापाक वज़न से
दंगे  करवा कर  मकानों  का फ़ैलाया  मलबा सा है
इन्हें कोई मतलब ही नही  इंसानियत और वतन से

©अदनासा-

चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://pin.it/6RPsewRXA #हिंदी #मज़हब #इंसानियत #नापाक #मक्कारों #फ़रेबीयों #वतन #वज़न #Pinterest #अद

23 Love

जिधर जाते हैं सब परिंदे, उधर जाना अच्छा होता, अगर ये सरहदों का फासला मिटाना अच्छा होता। फिज़ाओं में बहती है एक सी खुशबू हर तरफ, हर दिल में मोहब्बत का घर बसाना अच्छा होता। न होता ये बंटवारा जमीं और आसमां का, हर कोने में बस इंसां बसाना अच्छा होता। परिंदों की तरह बेखौफ उड़ते रहते हम भी, हर ख्वाब को अपना बनाना अच्छा होता। अगर न होते ये फर्क मज़हब और वतन के, हर साया बस अमन का ठिकाना अच्छा होता। तू भी मेरा, मैं भी तेरा, ये रिश्ता हो बस, हर जश्न में शामिल ज़माना अच्छा होता। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #कविता  जिधर जाते हैं सब परिंदे, उधर जाना अच्छा होता,
अगर ये सरहदों का फासला मिटाना अच्छा होता।

फिज़ाओं में बहती है एक सी खुशबू हर तरफ,
हर दिल में मोहब्बत का घर बसाना अच्छा होता।

न होता ये बंटवारा जमीं और आसमां का,
हर कोने में बस इंसां बसाना अच्छा होता।

परिंदों की तरह बेखौफ उड़ते रहते हम भी,
हर ख्वाब को अपना बनाना अच्छा होता।

अगर न होते ये फर्क मज़हब और वतन के,
हर साया बस अमन का ठिकाना अच्छा होता।

तू भी मेरा, मैं भी तेरा, ये रिश्ता हो बस,
हर जश्न में शामिल ज़माना अच्छा होता।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर जिधर जाते हैं सब परिंदे, उधर जाना अच्छा होता, अगर ये सरहदों का फासला मिटाना अच्छा होता। फिज़ाओं में बहती है एक सी खुशबू हर तरफ

15 Love

White आज-कल समाज में भाई-भाई आपस में लड़ते रहते हैं जिससे उन्हें सिर्फ समाज शर्मिंदगी मिलती हैं लड़ना ही हैं तों वतन के लिए लड़ो मर भी गये तों तिरंगा 🇮🇳 मिलेगा कफ़न के लिए 🇮🇳 जय हिंद जय भारत 🇮🇳 ©usFAUJI

#परिवार #वतन #usfauji  White आज-कल समाज में भाई-भाई आपस में लड़ते रहते हैं 
जिससे उन्हें सिर्फ समाज शर्मिंदगी मिलती हैं 

लड़ना ही हैं तों वतन के लिए लड़ो 
मर भी गये तों तिरंगा 🇮🇳 मिलेगा कफ़न के लिए
🇮🇳 जय हिंद जय भारत 🇮🇳

©usFAUJI

ना लड़ो भाई , लड़ना है लड़ो वतन के लिए #परिवार #वतन #usfauji #Nojoto

22 Love

#beingoriginal #nojotohindi

वतन.. #beingoriginal #nojotohindi

135 View

तेरा चिंतन मनन, अब पूछता कौन है अच्छे बुरे व्यसन,अब पूछता कौन है बेईमानी के धंधों में इजाफा बहुत है ईमानों का पतन अब पूछता कौन है.. दर्द देने की आदत शुमार है जमाना दर्द का कारण क्या अब पूछता कौन है जुल्मो सितम से आसमाँ फटा जाता है फूलों से कोमल मन अब पूछता कौन है दिलों में शहादत की लौ ही बुझ गई शहीदों को नमन अब कौन पूछता है.. ये जमीं बँट गई आसमां लुट गया फिर किसके हिस्से वतन, अब पूछता कौन है राहे वतन पे बिछना तेरी शान थी गुल बिखरा किस बदन अब पूछता कौन है... जाने कहाँ मशगूल हो रहीं जिंदगियाँ अपना ही घर आँगन अब पूछता कौन है.. जब आँखों की शर्मो हया ही मर गई मुँह ताकता दर्पण अब पूछता कौन है... ©अज्ञात

#किसके #शायरी  तेरा चिंतन मनन, अब पूछता कौन है 
अच्छे बुरे व्यसन,अब पूछता कौन है 

बेईमानी के धंधों में इजाफा बहुत है 
ईमानों का पतन अब पूछता कौन है..

दर्द देने की आदत शुमार है जमाना 
दर्द का कारण क्या अब पूछता कौन है 

जुल्मो सितम से आसमाँ फटा जाता है 
फूलों से कोमल मन अब पूछता कौन है 

दिलों में शहादत की लौ ही बुझ गई  
शहीदों को नमन अब कौन पूछता है..

ये जमीं बँट गई आसमां लुट गया फिर 
किसके हिस्से वतन, अब पूछता कौन है 

राहे वतन पे बिछना तेरी शान थी गुल 
बिखरा किस बदन अब पूछता कौन है...

जाने कहाँ मशगूल हो रहीं जिंदगियाँ 
अपना ही घर आँगन अब पूछता कौन है..

जब आँखों की शर्मो हया ही मर गई 
मुँह ताकता दर्पण अब पूछता कौन है...

©अज्ञात

#किसके हिस्से वतन

19 Love

White ज़िगर मे बुग्ज ज़बा पर मिठास रखते है, ये लोग ऐसे ही हमसे खठास रखते है//१ हसद की आग से हमको जला ना पाओगे, हम अपने आप मे ये बात खास रखते है//२ तुम हमसे आज तलक हम शनासा हो न सके, ये और बात तुम्हे आस पास रखते है//३ मेरे वतन की विविधता को जान लेना तुम, मस्जिदो-गिर्जे गुरुद्वारे-सनमखाने निवास रखते है//४ कहीं भी जाओ जहाँ मे-ये बुग्ज लेकर तुम, हम उल्फतों की"शमा" का विकास रखते है//५ #Shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#shamawritesBebaak #writersofindia #poetsofindia #GoodMorning #loveshayari  White ज़िगर मे बुग्ज ज़बा पर मिठास रखते है,
ये लोग ऐसे ही हमसे खठास रखते है//१

हसद की आग से हमको जला ना पाओगे,
हम अपने आप मे ये बात खास रखते है//२

तुम हमसे आज तलक हम शनासा हो न सके,
ये और बात तुम्हे आस पास रखते है//३

मेरे वतन की विविधता को जान लेना तुम,
मस्जिदो-गिर्जे गुरुद्वारे-सनमखाने निवास रखते है//४

कहीं भी जाओ जहाँ मे-ये बुग्ज लेकर तुम,
हम उल्फतों की"शमा" का विकास रखते है//५
#Shamawritesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#GoodMorning ज़िगर मे बुग्ज ज़बा पर मिठास रखते है,ये लोग ऐसे ही हमसे खठास रखते है//१ हसद की आग से हमको जला ना पाओगे,हम अपने आप मे ये बात खास

24 Love

आज ये मज़हब और इंसान जैसे दबा-दबा सा है चंद फ़रेबीयों और मक्कारों के नापाक वज़न से दंगे करवा कर मकानों का फ़ैलाया मलबा सा है इन्हें कोई मतलब ही नही इंसानियत और वतन से ©अदनासा-

#फ़रेबीयों #इंसानियत #मक्कारों #अदनासा #हिंदी #शायरी  आज  ये मज़हब और  इंसान जैसे  दबा-दबा सा है
चंद फ़रेबीयों  और  मक्कारों  के  नापाक वज़न से
दंगे  करवा कर  मकानों  का फ़ैलाया  मलबा सा है
इन्हें कोई मतलब ही नही  इंसानियत और वतन से

©अदनासा-

चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://pin.it/6RPsewRXA #हिंदी #मज़हब #इंसानियत #नापाक #मक्कारों #फ़रेबीयों #वतन #वज़न #Pinterest #अद

23 Love

जिधर जाते हैं सब परिंदे, उधर जाना अच्छा होता, अगर ये सरहदों का फासला मिटाना अच्छा होता। फिज़ाओं में बहती है एक सी खुशबू हर तरफ, हर दिल में मोहब्बत का घर बसाना अच्छा होता। न होता ये बंटवारा जमीं और आसमां का, हर कोने में बस इंसां बसाना अच्छा होता। परिंदों की तरह बेखौफ उड़ते रहते हम भी, हर ख्वाब को अपना बनाना अच्छा होता। अगर न होते ये फर्क मज़हब और वतन के, हर साया बस अमन का ठिकाना अच्छा होता। तू भी मेरा, मैं भी तेरा, ये रिश्ता हो बस, हर जश्न में शामिल ज़माना अच्छा होता। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #कविता  जिधर जाते हैं सब परिंदे, उधर जाना अच्छा होता,
अगर ये सरहदों का फासला मिटाना अच्छा होता।

फिज़ाओं में बहती है एक सी खुशबू हर तरफ,
हर दिल में मोहब्बत का घर बसाना अच्छा होता।

न होता ये बंटवारा जमीं और आसमां का,
हर कोने में बस इंसां बसाना अच्छा होता।

परिंदों की तरह बेखौफ उड़ते रहते हम भी,
हर ख्वाब को अपना बनाना अच्छा होता।

अगर न होते ये फर्क मज़हब और वतन के,
हर साया बस अमन का ठिकाना अच्छा होता।

तू भी मेरा, मैं भी तेरा, ये रिश्ता हो बस,
हर जश्न में शामिल ज़माना अच्छा होता।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर जिधर जाते हैं सब परिंदे, उधर जाना अच्छा होता, अगर ये सरहदों का फासला मिटाना अच्छा होता। फिज़ाओं में बहती है एक सी खुशबू हर तरफ

15 Love

White आज-कल समाज में भाई-भाई आपस में लड़ते रहते हैं जिससे उन्हें सिर्फ समाज शर्मिंदगी मिलती हैं लड़ना ही हैं तों वतन के लिए लड़ो मर भी गये तों तिरंगा 🇮🇳 मिलेगा कफ़न के लिए 🇮🇳 जय हिंद जय भारत 🇮🇳 ©usFAUJI

#परिवार #वतन #usfauji  White आज-कल समाज में भाई-भाई आपस में लड़ते रहते हैं 
जिससे उन्हें सिर्फ समाज शर्मिंदगी मिलती हैं 

लड़ना ही हैं तों वतन के लिए लड़ो 
मर भी गये तों तिरंगा 🇮🇳 मिलेगा कफ़न के लिए
🇮🇳 जय हिंद जय भारत 🇮🇳

©usFAUJI

ना लड़ो भाई , लड़ना है लड़ो वतन के लिए #परिवार #वतन #usfauji #Nojoto

22 Love

#beingoriginal #nojotohindi

वतन.. #beingoriginal #nojotohindi

135 View

तेरा चिंतन मनन, अब पूछता कौन है अच्छे बुरे व्यसन,अब पूछता कौन है बेईमानी के धंधों में इजाफा बहुत है ईमानों का पतन अब पूछता कौन है.. दर्द देने की आदत शुमार है जमाना दर्द का कारण क्या अब पूछता कौन है जुल्मो सितम से आसमाँ फटा जाता है फूलों से कोमल मन अब पूछता कौन है दिलों में शहादत की लौ ही बुझ गई शहीदों को नमन अब कौन पूछता है.. ये जमीं बँट गई आसमां लुट गया फिर किसके हिस्से वतन, अब पूछता कौन है राहे वतन पे बिछना तेरी शान थी गुल बिखरा किस बदन अब पूछता कौन है... जाने कहाँ मशगूल हो रहीं जिंदगियाँ अपना ही घर आँगन अब पूछता कौन है.. जब आँखों की शर्मो हया ही मर गई मुँह ताकता दर्पण अब पूछता कौन है... ©अज्ञात

#किसके #शायरी  तेरा चिंतन मनन, अब पूछता कौन है 
अच्छे बुरे व्यसन,अब पूछता कौन है 

बेईमानी के धंधों में इजाफा बहुत है 
ईमानों का पतन अब पूछता कौन है..

दर्द देने की आदत शुमार है जमाना 
दर्द का कारण क्या अब पूछता कौन है 

जुल्मो सितम से आसमाँ फटा जाता है 
फूलों से कोमल मन अब पूछता कौन है 

दिलों में शहादत की लौ ही बुझ गई  
शहीदों को नमन अब कौन पूछता है..

ये जमीं बँट गई आसमां लुट गया फिर 
किसके हिस्से वतन, अब पूछता कौन है 

राहे वतन पे बिछना तेरी शान थी गुल 
बिखरा किस बदन अब पूछता कौन है...

जाने कहाँ मशगूल हो रहीं जिंदगियाँ 
अपना ही घर आँगन अब पूछता कौन है..

जब आँखों की शर्मो हया ही मर गई 
मुँह ताकता दर्पण अब पूछता कौन है...

©अज्ञात

#किसके हिस्से वतन

19 Love

White ज़िगर मे बुग्ज ज़बा पर मिठास रखते है, ये लोग ऐसे ही हमसे खठास रखते है//१ हसद की आग से हमको जला ना पाओगे, हम अपने आप मे ये बात खास रखते है//२ तुम हमसे आज तलक हम शनासा हो न सके, ये और बात तुम्हे आस पास रखते है//३ मेरे वतन की विविधता को जान लेना तुम, मस्जिदो-गिर्जे गुरुद्वारे-सनमखाने निवास रखते है//४ कहीं भी जाओ जहाँ मे-ये बुग्ज लेकर तुम, हम उल्फतों की"शमा" का विकास रखते है//५ #Shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#shamawritesBebaak #writersofindia #poetsofindia #GoodMorning #loveshayari  White ज़िगर मे बुग्ज ज़बा पर मिठास रखते है,
ये लोग ऐसे ही हमसे खठास रखते है//१

हसद की आग से हमको जला ना पाओगे,
हम अपने आप मे ये बात खास रखते है//२

तुम हमसे आज तलक हम शनासा हो न सके,
ये और बात तुम्हे आस पास रखते है//३

मेरे वतन की विविधता को जान लेना तुम,
मस्जिदो-गिर्जे गुरुद्वारे-सनमखाने निवास रखते है//४

कहीं भी जाओ जहाँ मे-ये बुग्ज लेकर तुम,
हम उल्फतों की"शमा" का विकास रखते है//५
#Shamawritesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#GoodMorning ज़िगर मे बुग्ज ज़बा पर मिठास रखते है,ये लोग ऐसे ही हमसे खठास रखते है//१ हसद की आग से हमको जला ना पाओगे,हम अपने आप मे ये बात खास

24 Love

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