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New मतली और चक्कर आना Status, Photo, Video

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Unsplash दिसंबर की सर्द शाम ... इस साल का ख़त्म होना ... और तुम्हारा आना सच कहें तो जाड़ों के मौसम में धूप का आना सा लगा… मेरी शायरी में... तुम थे, तुम हो, तुम ही रहोगे ...❤️💔 ©Chaurasiya4386

 Unsplash     दिसंबर की सर्द शाम ...
                इस साल का ख़त्म होना ...
                  
                 और 



तुम्हारा आना सच कहें तो जाड़ों के
 मौसम में धूप का आना सा लगा… 

मेरी शायरी में...
तुम थे, तुम हो, तुम ही रहोगे ...❤️💔

©Chaurasiya4386

#दिसंबर की #सर्द शाम, इस साल का ख़त्म होना और #तुम्हारा आना सच कहें तो #जाड़ों के #मौसम में #धूप का आना सा लगा… मेरी #शायरी में.

16 Love

Unsplash वो दिन याद करो ज़ब ये आदमी पहले "आदम " था और स्त्री "ईव " थीं तब न आखर था न शब्द न लिपि न कोई आपस मे संवाद था तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं इसके बाद वो ध्वनि कब संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और वो ईव स्त्री मे रूपांतरित हो गए थे ©Parasram Arora

 Unsplash वो दिन याद करो 
ज़ब ये आदमी पहले  "आदम "  था 
और स्त्री "ईव " थीं 

तब न आखर था न शब्द न लिपि 
न कोई आपस मे संवाद था 
तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं
इसके बाद वो ध्वनि  कब  संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता
लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और  वो ईव स्त्री मे  रूपांतरित 
 हो  गए थे

©Parasram Arora

आदम और ईव

17 Love

#अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ #कठपुतली #शायरी

#कठपुतली अज्ञात लोक में आना और जाना है दुनिया है रंगमंच और हम हैं कठपुतली यही रही जीवन की परिभाषा..🖊️ #अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ ०५/१२/२४

126 View

White लगता है आना पड़ेगा पूराने अंदाज में कुछ लोग हल्के में ले रहे है ©RAVI PRAKASH

#कोट्स #sad_quotes  White लगता है आना पड़ेगा पूराने

अंदाज में कुछ लोग हल्के में ले रहे है

©RAVI PRAKASH

#sad_quotes लगता है आना पड़ेगा पूराने

12 Love

White कमज़र्फ लोगों के साथ कमज़र्फी से पेश मत आना बस ख़ामोश रहो मज़बूत रहो और आगे चलते रहो ©Sarfaraj idrishi

#milan_night  White कमज़र्फ लोगों के साथ कमज़र्फी से पेश मत आना
 बस ख़ामोश रहो मज़बूत रहो और आगे चलते रहो

©Sarfaraj idrishi

#milan_night कमज़र्फ लोगों के साथ कमज़र्फी से पेश मत आना बस ख़ामोश रहो मज़बूत रहो और आगे चलते रहो Islam gaTTubaba @Sethi Ji @Ankita Tantuway

11 Love

मुसाफिर हूँ मैं, सफर की कोई मंजिल नहीं, हर मोड़ पे कोई नई दास्तान बाकी है। कदम कदम पर मिलते हैं कुछ हमसफर, मगर इस राह में अकेले चलने का इरादा बाकी है।। वक्त की चाल ने कितने राज़ छुपा रखे हैं, हर लम्हे में एक तजुर्बा बाकी है। बीते वक्त को कभी रोक न सके हम, मगर हर आने वाले लम्हे से मिलना बाकी है।। बरसात में हर बूंद में उसका एहसास बहता है, यादों की बारिश में उसका नाम बाकी है। भीगी ज़मीं पर वो पाँव के निशाँ छोड़ जाए, ऐसे मौसम में उसका आना बाकी है।। खामोशी में भी एक गूंज सी बसी रहती है, हर सन्नाटे में कोई बात बाकी है। ये खामोश लब्ज़ कुछ कहने को हैं आतुर, बस सुनने वाला कोई अजनबी बाकी है।। ©नवनीत ठाकुर

#शायरी #उसका  मुसाफिर हूँ मैं, सफर की कोई मंजिल नहीं,
हर मोड़ पे कोई नई दास्तान बाकी है।
कदम कदम पर मिलते हैं कुछ हमसफर,
मगर इस राह में अकेले चलने का इरादा बाकी है।।

वक्त की चाल ने कितने राज़ छुपा रखे हैं,
हर लम्हे में एक तजुर्बा बाकी है।
बीते वक्त को कभी रोक न सके हम,
मगर हर आने वाले लम्हे से मिलना बाकी है।।

बरसात में हर बूंद में उसका एहसास बहता है,
यादों की बारिश में उसका नाम बाकी है।
भीगी ज़मीं पर वो पाँव के निशाँ छोड़ जाए,
ऐसे मौसम में उसका आना बाकी है।।

खामोशी में भी एक गूंज सी बसी रहती है,
हर सन्नाटे में कोई बात बाकी है।
ये खामोश लब्ज़ कुछ कहने को हैं आतुर,
बस सुनने वाला कोई अजनबी बाकी है।।

©नवनीत ठाकुर

#उसका आना बाकी है

18 Love

Unsplash दिसंबर की सर्द शाम ... इस साल का ख़त्म होना ... और तुम्हारा आना सच कहें तो जाड़ों के मौसम में धूप का आना सा लगा… मेरी शायरी में... तुम थे, तुम हो, तुम ही रहोगे ...❤️💔 ©Chaurasiya4386

 Unsplash     दिसंबर की सर्द शाम ...
                इस साल का ख़त्म होना ...
                  
                 और 



तुम्हारा आना सच कहें तो जाड़ों के
 मौसम में धूप का आना सा लगा… 

मेरी शायरी में...
तुम थे, तुम हो, तुम ही रहोगे ...❤️💔

©Chaurasiya4386

#दिसंबर की #सर्द शाम, इस साल का ख़त्म होना और #तुम्हारा आना सच कहें तो #जाड़ों के #मौसम में #धूप का आना सा लगा… मेरी #शायरी में.

16 Love

Unsplash वो दिन याद करो ज़ब ये आदमी पहले "आदम " था और स्त्री "ईव " थीं तब न आखर था न शब्द न लिपि न कोई आपस मे संवाद था तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं इसके बाद वो ध्वनि कब संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और वो ईव स्त्री मे रूपांतरित हो गए थे ©Parasram Arora

 Unsplash वो दिन याद करो 
ज़ब ये आदमी पहले  "आदम "  था 
और स्त्री "ईव " थीं 

तब न आखर था न शब्द न लिपि 
न कोई आपस मे संवाद था 
तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं
इसके बाद वो ध्वनि  कब  संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता
लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और  वो ईव स्त्री मे  रूपांतरित 
 हो  गए थे

©Parasram Arora

आदम और ईव

17 Love

#अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ #कठपुतली #शायरी

#कठपुतली अज्ञात लोक में आना और जाना है दुनिया है रंगमंच और हम हैं कठपुतली यही रही जीवन की परिभाषा..🖊️ #अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ ०५/१२/२४

126 View

White लगता है आना पड़ेगा पूराने अंदाज में कुछ लोग हल्के में ले रहे है ©RAVI PRAKASH

#कोट्स #sad_quotes  White लगता है आना पड़ेगा पूराने

अंदाज में कुछ लोग हल्के में ले रहे है

©RAVI PRAKASH

#sad_quotes लगता है आना पड़ेगा पूराने

12 Love

White कमज़र्फ लोगों के साथ कमज़र्फी से पेश मत आना बस ख़ामोश रहो मज़बूत रहो और आगे चलते रहो ©Sarfaraj idrishi

#milan_night  White कमज़र्फ लोगों के साथ कमज़र्फी से पेश मत आना
 बस ख़ामोश रहो मज़बूत रहो और आगे चलते रहो

©Sarfaraj idrishi

#milan_night कमज़र्फ लोगों के साथ कमज़र्फी से पेश मत आना बस ख़ामोश रहो मज़बूत रहो और आगे चलते रहो Islam gaTTubaba @Sethi Ji @Ankita Tantuway

11 Love

मुसाफिर हूँ मैं, सफर की कोई मंजिल नहीं, हर मोड़ पे कोई नई दास्तान बाकी है। कदम कदम पर मिलते हैं कुछ हमसफर, मगर इस राह में अकेले चलने का इरादा बाकी है।। वक्त की चाल ने कितने राज़ छुपा रखे हैं, हर लम्हे में एक तजुर्बा बाकी है। बीते वक्त को कभी रोक न सके हम, मगर हर आने वाले लम्हे से मिलना बाकी है।। बरसात में हर बूंद में उसका एहसास बहता है, यादों की बारिश में उसका नाम बाकी है। भीगी ज़मीं पर वो पाँव के निशाँ छोड़ जाए, ऐसे मौसम में उसका आना बाकी है।। खामोशी में भी एक गूंज सी बसी रहती है, हर सन्नाटे में कोई बात बाकी है। ये खामोश लब्ज़ कुछ कहने को हैं आतुर, बस सुनने वाला कोई अजनबी बाकी है।। ©नवनीत ठाकुर

#शायरी #उसका  मुसाफिर हूँ मैं, सफर की कोई मंजिल नहीं,
हर मोड़ पे कोई नई दास्तान बाकी है।
कदम कदम पर मिलते हैं कुछ हमसफर,
मगर इस राह में अकेले चलने का इरादा बाकी है।।

वक्त की चाल ने कितने राज़ छुपा रखे हैं,
हर लम्हे में एक तजुर्बा बाकी है।
बीते वक्त को कभी रोक न सके हम,
मगर हर आने वाले लम्हे से मिलना बाकी है।।

बरसात में हर बूंद में उसका एहसास बहता है,
यादों की बारिश में उसका नाम बाकी है।
भीगी ज़मीं पर वो पाँव के निशाँ छोड़ जाए,
ऐसे मौसम में उसका आना बाकी है।।

खामोशी में भी एक गूंज सी बसी रहती है,
हर सन्नाटे में कोई बात बाकी है।
ये खामोश लब्ज़ कुछ कहने को हैं आतुर,
बस सुनने वाला कोई अजनबी बाकी है।।

©नवनीत ठाकुर

#उसका आना बाकी है

18 Love

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