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New ग़ज़ल और नज़्म में अंतर Status, Photo, Video

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हमने ख़ुद को ज़िंदा जलते देखा है रोशन दिन आँखों में ढलते देखा है सांस-सांस पीर कसमसाती रहती मुर्दा सपने पांवपांव चलते देखा है उगते सूरज के जलवे देखे हर दिन उदास शाम को भी उतरते देखा है ख़्वाहिशें, सारे ही रंग उतार देती है उम्रदराज़ को भी, मचलते देखा है दरवाजे पर नहीं कोई दस्तक हुई हर सुब्ह उन्हें वैसे गुज़रते देखा है दिन बुरे हों, तो ये दरिया भी सूखे बुलंदियों को भी, बिखरते देखा है ©Lalit Saxena

#शायरी  हमने ख़ुद को ज़िंदा जलते देखा है 
रोशन दिन आँखों में ढलते देखा है 

सांस-सांस पीर कसमसाती रहती 
मुर्दा सपने पांवपांव चलते देखा है 

उगते सूरज के जलवे देखे हर दिन
उदास शाम को भी उतरते देखा है 

ख़्वाहिशें, सारे ही रंग उतार देती है
उम्रदराज़ को भी, मचलते देखा है 

दरवाजे पर नहीं कोई  दस्तक हुई
हर सुब्ह उन्हें वैसे गुज़रते देखा है 

दिन बुरे हों, तो ये दरिया भी सूखे
बुलंदियों को भी, बिखरते देखा है

©Lalit Saxena

ग़ज़ल

20 Love

मानने और जानने में फरक होता है , अंधविश्वास भी एक नरक होता है ! हमारे बीच बस अंतर है इतना कि - आप हमें मानते हैं हम तुम्हे जानते है ! पहचानने और चाहने में फरक होता है एक तरफा प्यार भी नरक होता है , हमारी चाहत में बस अंतर है इतना कि हम तुम्हें चाहते बस आप पहचानते हैं ! . ©Ajay Tanwar Mehrana

 मानने और जानने में फरक होता है ,
अंधविश्वास भी एक नरक होता है !
हमारे बीच बस अंतर है इतना कि -
आप हमें मानते हैं हम तुम्हे जानते है !

पहचानने और चाहने में फरक होता है
एक तरफा प्यार भी नरक होता है ,
हमारी चाहत में बस अंतर है इतना कि
हम तुम्हें चाहते बस आप पहचानते हैं !
.

©Ajay Tanwar Mehrana

अंतर बीच हमारे poetry on love

7 Love

White सबसे बड़ी विडंबना , अंतर का गृह-युद्ध। मुश्किल खुद को जीतना, जीते सोई बुद्ध।। अंतर का गृह-युद्ध यह, किया करे संकेत। खुद को जीते चेत वह, बाकी सभी अचेत।। अंतर के गृह - युद्ध से, बल-मद टूटा जाय। हरि ने करुण पुकार पे, गज को लिया बचाय।। ©Shiv Narayan Saxena

#sad_qoute  White सबसे बड़ी  विडंबना , अंतर का गृह-युद्ध। 
मुश्किल खुद को जीतना, जीते सोई बुद्ध।।

अंतर का गृह-युद्ध यह, किया करे संकेत।
  खुद को जीते चेत वह, बाकी सभी अचेत।।

अंतर  के  गृह - युद्ध  से, बल-मद  टूटा जाय।
  हरि ने करुण पुकार पे, गज को लिया बचाय।।

©Shiv Narayan Saxena

#sad_qoute अंतर मन का युद्ध hindi poetry

20 Love

White मज़ाक था या सच जाने क्या सोचकर आया था मेरा अज़ीज़ मुझको गिफ्ट में आईना लाया था वो आसूं सिर्फ आसूं नहीं बाग़ी भी हो सकते थे पर क्या शख्स रहा था वो जो फिर भी निभाया था जिससे ज्यादातर नाराज़ ही रहता रहा ये दिल उसको ही अपने बुरे दिनों में अपने साथ पाया था वो मेरी जान से जिक्र की है कि वो मेरी होती जो मुझे उन दिनों बर्बाद ओ बेकार बताया था ©dharmendra kumar yadav

#शायरी  White मज़ाक था या सच जाने क्या सोचकर आया था 
मेरा  अज़ीज़  मुझको गिफ्ट में आईना लाया था

वो आसूं  सिर्फ  आसूं नहीं बाग़ी  भी हो  सकते थे
पर क्या शख्स रहा था वो जो फिर भी निभाया था

जिससे  ज्यादातर  नाराज़  ही  रहता  रहा ये दिल
उसको ही  अपने  बुरे दिनों में अपने साथ पाया था

वो  मेरी  जान  से  जिक्र  की  है कि  वो मेरी होती
जो मुझे  उन  दिनों  बर्बाद ओ  बेकार  बताया था

©dharmendra kumar yadav

ग़ज़ल

17 Love

#वीडियो #भुतिया #ViralVideo #Video #kiske

दोनों फोटो में से एक फोटो में अंतर बताएं🥰😘🤫🤫#ViralVideo #comedy #ViralVideo #भुतिया #Video #kiske #Comedy

144 View

White गरीबों की बस्ती में गरीबों को भूख से मरते देखा है शहरों में तमाम महलों वालों को शौक से मरते हुए देखा है या खुदा मरते तो दोनों हैं पर मरने में भी अंतर होते देखा है। ©Ganesh Din Pal

#कविता #मरने  White गरीबों की बस्ती में 
गरीबों को भूख से मरते देखा है 
शहरों में तमाम महलों वालों को 
शौक से मरते हुए देखा है
या खुदा मरते तो दोनों हैं 
पर मरने में भी अंतर होते देखा है।

©Ganesh Din Pal

#मरने में भी अंतर

13 Love

हमने ख़ुद को ज़िंदा जलते देखा है रोशन दिन आँखों में ढलते देखा है सांस-सांस पीर कसमसाती रहती मुर्दा सपने पांवपांव चलते देखा है उगते सूरज के जलवे देखे हर दिन उदास शाम को भी उतरते देखा है ख़्वाहिशें, सारे ही रंग उतार देती है उम्रदराज़ को भी, मचलते देखा है दरवाजे पर नहीं कोई दस्तक हुई हर सुब्ह उन्हें वैसे गुज़रते देखा है दिन बुरे हों, तो ये दरिया भी सूखे बुलंदियों को भी, बिखरते देखा है ©Lalit Saxena

#शायरी  हमने ख़ुद को ज़िंदा जलते देखा है 
रोशन दिन आँखों में ढलते देखा है 

सांस-सांस पीर कसमसाती रहती 
मुर्दा सपने पांवपांव चलते देखा है 

उगते सूरज के जलवे देखे हर दिन
उदास शाम को भी उतरते देखा है 

ख़्वाहिशें, सारे ही रंग उतार देती है
उम्रदराज़ को भी, मचलते देखा है 

दरवाजे पर नहीं कोई  दस्तक हुई
हर सुब्ह उन्हें वैसे गुज़रते देखा है 

दिन बुरे हों, तो ये दरिया भी सूखे
बुलंदियों को भी, बिखरते देखा है

©Lalit Saxena

ग़ज़ल

20 Love

मानने और जानने में फरक होता है , अंधविश्वास भी एक नरक होता है ! हमारे बीच बस अंतर है इतना कि - आप हमें मानते हैं हम तुम्हे जानते है ! पहचानने और चाहने में फरक होता है एक तरफा प्यार भी नरक होता है , हमारी चाहत में बस अंतर है इतना कि हम तुम्हें चाहते बस आप पहचानते हैं ! . ©Ajay Tanwar Mehrana

 मानने और जानने में फरक होता है ,
अंधविश्वास भी एक नरक होता है !
हमारे बीच बस अंतर है इतना कि -
आप हमें मानते हैं हम तुम्हे जानते है !

पहचानने और चाहने में फरक होता है
एक तरफा प्यार भी नरक होता है ,
हमारी चाहत में बस अंतर है इतना कि
हम तुम्हें चाहते बस आप पहचानते हैं !
.

©Ajay Tanwar Mehrana

अंतर बीच हमारे poetry on love

7 Love

White सबसे बड़ी विडंबना , अंतर का गृह-युद्ध। मुश्किल खुद को जीतना, जीते सोई बुद्ध।। अंतर का गृह-युद्ध यह, किया करे संकेत। खुद को जीते चेत वह, बाकी सभी अचेत।। अंतर के गृह - युद्ध से, बल-मद टूटा जाय। हरि ने करुण पुकार पे, गज को लिया बचाय।। ©Shiv Narayan Saxena

#sad_qoute  White सबसे बड़ी  विडंबना , अंतर का गृह-युद्ध। 
मुश्किल खुद को जीतना, जीते सोई बुद्ध।।

अंतर का गृह-युद्ध यह, किया करे संकेत।
  खुद को जीते चेत वह, बाकी सभी अचेत।।

अंतर  के  गृह - युद्ध  से, बल-मद  टूटा जाय।
  हरि ने करुण पुकार पे, गज को लिया बचाय।।

©Shiv Narayan Saxena

#sad_qoute अंतर मन का युद्ध hindi poetry

20 Love

White मज़ाक था या सच जाने क्या सोचकर आया था मेरा अज़ीज़ मुझको गिफ्ट में आईना लाया था वो आसूं सिर्फ आसूं नहीं बाग़ी भी हो सकते थे पर क्या शख्स रहा था वो जो फिर भी निभाया था जिससे ज्यादातर नाराज़ ही रहता रहा ये दिल उसको ही अपने बुरे दिनों में अपने साथ पाया था वो मेरी जान से जिक्र की है कि वो मेरी होती जो मुझे उन दिनों बर्बाद ओ बेकार बताया था ©dharmendra kumar yadav

#शायरी  White मज़ाक था या सच जाने क्या सोचकर आया था 
मेरा  अज़ीज़  मुझको गिफ्ट में आईना लाया था

वो आसूं  सिर्फ  आसूं नहीं बाग़ी  भी हो  सकते थे
पर क्या शख्स रहा था वो जो फिर भी निभाया था

जिससे  ज्यादातर  नाराज़  ही  रहता  रहा ये दिल
उसको ही  अपने  बुरे दिनों में अपने साथ पाया था

वो  मेरी  जान  से  जिक्र  की  है कि  वो मेरी होती
जो मुझे  उन  दिनों  बर्बाद ओ  बेकार  बताया था

©dharmendra kumar yadav

ग़ज़ल

17 Love

#वीडियो #भुतिया #ViralVideo #Video #kiske

दोनों फोटो में से एक फोटो में अंतर बताएं🥰😘🤫🤫#ViralVideo #comedy #ViralVideo #भुतिया #Video #kiske #Comedy

144 View

White गरीबों की बस्ती में गरीबों को भूख से मरते देखा है शहरों में तमाम महलों वालों को शौक से मरते हुए देखा है या खुदा मरते तो दोनों हैं पर मरने में भी अंतर होते देखा है। ©Ganesh Din Pal

#कविता #मरने  White गरीबों की बस्ती में 
गरीबों को भूख से मरते देखा है 
शहरों में तमाम महलों वालों को 
शौक से मरते हुए देखा है
या खुदा मरते तो दोनों हैं 
पर मरने में भी अंतर होते देखा है।

©Ganesh Din Pal

#मरने में भी अंतर

13 Love

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