Ajay Tanwar Mehrana

Ajay Tanwar Mehrana

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●▬▬▬▬▬ युवा दिवस ▬▬▬▬● युवाओं का हौंसला नकाब बंद था वो मनु का बंधुआ इरादा बुलंद था स्वर्णों के नौजवानो के मुकाबले , हम युवाओं के सिर , बंधा गंद था युवा दिवस तो दूर हम बने मजदूर कई सौ साल पहले का था दस्तूर वो बंधुआ युवक और युवतियां थी मजबूर वह हालात अति प्रचंड था युवाओं का लक्ष्य मानो विखंड था और भावना का लेख मुक्त छंद था कैसे करूं व्यक्त इतिहास वो बुरा , मरा हुआ युवा जैसे जिंदा जिंद था चलती थी जाति पर नंगी तलवार युवतियों की अस्मिता का व्यापार बड़े लोग उस पार कर धंधा सवार लाज शर्म का बोलबाला प्रबंध था युवाओं का शिक्षा से दूर संबंध था तब क्यों नहीं कोई विवेकानंद था ? गुरूर इस वक्त को भी खूब हुआ हर युवा के लिए है शिक्षण संस्था । ╨──────────────────━❥ ©Ajay Tanwar Mehrana

#lonely  ●▬▬▬▬▬ युवा दिवस ▬▬▬▬●

युवाओं का हौंसला नकाब बंद था 
वो मनु का बंधुआ इरादा बुलंद था 
स्वर्णों के नौजवानो के  मुकाबले ,
हम युवाओं के सिर , बंधा गंद था

युवा दिवस तो दूर हम बने मजदूर
कई सौ साल पहले का था दस्तूर 
वो बंधुआ युवक और युवतियां थी
मजबूर वह हालात अति प्रचंड था

युवाओं का लक्ष्य मानो विखंड था
और भावना का लेख मुक्त छंद था
कैसे करूं व्यक्त इतिहास वो बुरा ,
मरा हुआ युवा जैसे जिंदा जिंद था

चलती थी जाति पर नंगी तलवार
युवतियों की अस्मिता का व्यापार
बड़े लोग उस पार कर धंधा सवार
लाज शर्म का बोलबाला प्रबंध था

युवाओं का शिक्षा से दूर संबंध था
तब क्यों नहीं कोई विवेकानंद था ?
गुरूर इस वक्त को भी खूब हुआ 
हर युवा के लिए है शिक्षण संस्था ।

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©Ajay Tanwar Mehrana

#lonely # युवा दिवस hindi poetry

9 Love

ढूंढ लेंगे तुझको कहीं ना कहीं जमीं पर नहीं तो आसमां सही जाने ना देंगे यूं मुंह मोड़ कर तन्हा मुझको अकेले छोड़ कर लगी है अगन तो बुझाएंगे भी जगी प्यास तो पिलाएंगे भी । दुःख हुआ अगर तो जालिमा कतरा कहर का कर देंगे जमा । फैले हुए हाथों को भी जोड़कर इच्छा जवानी की सब फोड़कर मिलेगी तू मुझे कहीं ना कहीं जमीं पर नहीं तो आसमां सही । ©Ajay Tanwar Mehrana

 ढूंढ लेंगे तुझको कहीं ना कहीं 
जमीं पर नहीं तो आसमां सही 
जाने ना देंगे यूं मुंह मोड़ कर 
तन्हा मुझको अकेले छोड़ कर 

 लगी है अगन तो बुझाएंगे भी 
जगी प्यास तो पिलाएंगे भी ।
 दुःख हुआ अगर तो जालिमा 
कतरा कहर का कर देंगे जमा ।

फैले हुए हाथों को भी जोड़कर 
इच्छा जवानी की सब फोड़कर
मिलेगी तू मुझे कहीं ना कहीं 
जमीं पर नहीं तो आसमां सही ।

©Ajay Tanwar Mehrana

जमीं पर नहीं तो आसमां सही sad poetry hindi poetry on life

10 Love

White भूल गई वो करती रही वो सारी रात म़होब्बत की बात ... ....बस म़होब्बत करना भूल गई ! मेरे इस पागल जिस्म़ के साथ रही सारी रात ... ....महज इसे छूना भूल गई ! भूल गई जमाने की हर बात दी गई सौगात ... ... बस मुझे भूलना भूल गई ! इसलिए मुझे है वो बर्द़ाश्त मेरे ये जज़्बात ... समझती है वो समझाना भूल गई ! ©Ajay Tanwar Mehrana

#love_shayari  White भूल गई वो 

करती रही वो सारी रात म़होब्बत की बात ...
....बस म़होब्बत करना भूल गई !

मेरे इस पागल जिस्म़ के साथ रही सारी रात ...
....महज इसे छूना भूल गई !

भूल गई जमाने की हर बात दी गई सौगात ...
... बस मुझे भूलना भूल गई !

इसलिए मुझे है वो बर्द़ाश्त मेरे ये जज़्बात ...
समझती है वो समझाना भूल गई !

©Ajay Tanwar Mehrana

#love_shayari poetry love poetry for her

9 Love

ना मेरा कोई मेरा रहबर मेरा रब ना हितैषी मैं ही तो हूं जो मेरा सब मोड़ सब आंधी तूफानों की मरोड़ कोई कह तो दे कि मैं बर्बाद हूं । मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ असल मायने में तो मैं आजाद हूं । जी रहे सब दुःख भरी मर्यादाओं में मैं नहीं विक्षत ना ही दिलशाद हूं , कालचक्र कर्मकांडों की ये सीमा तो भी चलती चक्की का उन्माद हूं । मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ असल मायने में तो मैं आजाद हूं । ना मैं जकड़ा जातियों, पंथों, धर्म ने ना समाज की रिवाजों के भरम ने , झूठ सब देवों - देवियों की ये लीला 'अजय' खुले द्वंद्वों में बजता नाद हूं ! मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ असल मायने में तो मैं आजाद हूं । ©Ajay Tanwar Mehrana

 ना मेरा कोई मेरा रहबर मेरा रब
                ना हितैषी मैं ही तो हूं जो मेरा सब
                 मोड़ सब आंधी तूफानों की मरोड़ 
                 कोई कह तो दे कि मैं  बर्बाद  हूं ।

                 मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ 
                 असल मायने में तो मैं आजाद हूं ।

                 जी रहे सब दुःख भरी मर्यादाओं में 
                 मैं नहीं विक्षत ना ही दिलशाद हूं ,
                  कालचक्र कर्मकांडों की ये सीमा 
                तो भी चलती चक्की का उन्माद हूं ।

                 मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ 
                 असल मायने में तो मैं आजाद हूं ।

                 ना मैं जकड़ा जातियों, पंथों, धर्म ने
                  ना समाज की रिवाजों के भरम ने ,
                 झूठ सब देवों - देवियों की ये लीला 
                'अजय' खुले द्वंद्वों में बजता नाद हूं !

                 मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ 
                 असल मायने में तो मैं आजाद हूं ।

©Ajay Tanwar Mehrana

मैं आजाद हूं

15 Love

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