●▬▬▬▬▬ युवा दिवस ▬▬▬▬●
युवाओं का हौंसला नकाब बंद था
वो मनु का बंधुआ इरादा बुलंद था
स्वर्णों के नौजवानो के मुकाबले ,
हम युवाओं के सिर , बंधा गंद था
युवा दिवस तो दूर हम बने मजदूर
कई सौ साल पहले का था दस्तूर
वो बंधुआ युवक और युवतियां थी
मजबूर वह हालात अति प्रचंड था
युवाओं का लक्ष्य मानो विखंड था
और भावना का लेख मुक्त छंद था
कैसे करूं व्यक्त इतिहास वो बुरा ,
मरा हुआ युवा जैसे जिंदा जिंद था
चलती थी जाति पर नंगी तलवार
युवतियों की अस्मिता का व्यापार
बड़े लोग उस पार कर धंधा सवार
लाज शर्म का बोलबाला प्रबंध था
युवाओं का शिक्षा से दूर संबंध था
तब क्यों नहीं कोई विवेकानंद था ?
गुरूर इस वक्त को भी खूब हुआ
हर युवा के लिए है शिक्षण संस्था ।
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©Ajay Tanwar Mehrana
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