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New badnaam thy jub hum shayri 0 Status, Photo, Video

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कुछ नग्में कुछ गीत हर रोज गुनगुनाते हैं। कुछ लफ्ज़ कुछ जुमले, हर वक़्त दोहराते हैं। ढूंढती हूँ में, कास कोई ऐसा नगमा मिल जाए, हर रोज खोजती हूँ में, कास कोई ऐसा जुमला मिल जाए, बयां करने की जरूरत भी न हो। और आप जनाब, बिन बोले सब समझ जाए।। वैसे तो खूब समझते हैं, आप यूँ ही हमदर्द न कहलाते हैं। थोड़ा"और'" कि ख्वाहिश है, कास यह चाहत भी हमारी पूरी हो जाए।। ©BINOदिनी

#कविता #Hum  कुछ नग्में
कुछ गीत
हर रोज गुनगुनाते हैं।
कुछ लफ्ज़
कुछ जुमले,
हर वक़्त दोहराते हैं।
ढूंढती हूँ में,
कास कोई ऐसा नगमा मिल जाए,
हर रोज खोजती हूँ में,
कास कोई ऐसा जुमला मिल जाए,
बयां करने की
जरूरत भी न हो।
और आप जनाब,
बिन बोले सब समझ जाए।।
वैसे तो खूब समझते हैं,
आप यूँ ही हमदर्द न कहलाते हैं।
थोड़ा"और'" कि ख्वाहिश है,
कास यह चाहत भी हमारी पूरी हो जाए।।

©BINOदिनी

#Hum

10 Love

"यह शक़्ल सुरत कर्ज़ हैं, उस मालिक का यथार्थ कर्म है। जो इतिहास बनकर संसार में रह जाएंगे। ।" ©priyanka verma

#मोटिवेशनल #Hum  "यह शक़्ल सुरत कर्ज़ हैं,
उस मालिक का 
यथार्थ कर्म है। 
जो इतिहास बनकर संसार में रह जाएंगे। ।"

©priyanka verma

#Hum

12 Love

किरदार किरदार कोई बाजार में बिकने वाली चीज नहीं, जो दाम चुका कर झोली में भर लाओगे। ये तो तप का फल है, मेहनत की स्याही, संघर्ष की गीली मिट्टी से गढ़ पाओगे। ये राज़ है आत्मा की गहराई का, जहां झूठ और दिखावा टिक नहीं पाते। सच के आईने में चेहरा निखरता है, और किरदार के रंग खुद-ब-खुद चमक जाते। न कोई मोल है इसका, न कोई तिजारत, ये तो मन का उजाला और आत्मा की विरासत। झूठे दिखावे की भीड़ में भी जो अडिग रहे, वही किरदार है, जो सच्चाई से आगे बढ़े। तो मत ढूंढो इसे बाजार की गलियों में, खुद के भीतर के अंधेरों को टटोलो। किरदार वही है, जो हर कठिनाई में भी, तुम्हें इंसान बनाकर रखे, तुम्हें न कभी तोलो। ©Writer Mamta Ambedkar

#कविता #Hum  किरदार

किरदार कोई बाजार में बिकने वाली चीज नहीं,
जो दाम चुका कर झोली में भर लाओगे।

ये तो तप का फल है, मेहनत की स्याही,
संघर्ष की गीली मिट्टी से गढ़ पाओगे।

ये राज़ है आत्मा की गहराई का,
जहां झूठ और दिखावा टिक नहीं पाते।

सच के आईने में चेहरा निखरता है,
और किरदार के रंग खुद-ब-खुद चमक जाते।

न कोई मोल है इसका, न कोई तिजारत,
ये तो मन का उजाला और आत्मा की विरासत।

झूठे दिखावे की भीड़ में भी जो अडिग रहे,
वही किरदार है, जो सच्चाई से आगे बढ़े।

तो मत ढूंढो इसे बाजार की गलियों में,
खुद के भीतर के अंधेरों को टटोलो।

किरदार वही है, जो हर कठिनाई में भी,
तुम्हें इंसान बनाकर रखे, तुम्हें न कभी तोलो।

©Writer Mamta Ambedkar

#Hum

10 Love

सब्र इतना की साथ देख किसी के उफ तक न करू........ और व्याकुलता इतनी की किसी को नजरभर तुझे देखने ना दू ......... ©seema patidar

#Hum  सब्र इतना की साथ देख किसी के 
उफ तक न करू........
और व्याकुलता इतनी की किसी को
नजरभर  तुझे देखने ना दू .........

©seema patidar

#Hum

18 Love

#वीडियो

hum sath

144 View

कुछ नग्में कुछ गीत हर रोज गुनगुनाते हैं। कुछ लफ्ज़ कुछ जुमले, हर वक़्त दोहराते हैं। ढूंढती हूँ में, कास कोई ऐसा नगमा मिल जाए, हर रोज खोजती हूँ में, कास कोई ऐसा जुमला मिल जाए, बयां करने की जरूरत भी न हो। और आप जनाब, बिन बोले सब समझ जाए।। वैसे तो खूब समझते हैं, आप यूँ ही हमदर्द न कहलाते हैं। थोड़ा"और'" कि ख्वाहिश है, कास यह चाहत भी हमारी पूरी हो जाए।। ©BINOदिनी

#कविता #Hum  कुछ नग्में
कुछ गीत
हर रोज गुनगुनाते हैं।
कुछ लफ्ज़
कुछ जुमले,
हर वक़्त दोहराते हैं।
ढूंढती हूँ में,
कास कोई ऐसा नगमा मिल जाए,
हर रोज खोजती हूँ में,
कास कोई ऐसा जुमला मिल जाए,
बयां करने की
जरूरत भी न हो।
और आप जनाब,
बिन बोले सब समझ जाए।।
वैसे तो खूब समझते हैं,
आप यूँ ही हमदर्द न कहलाते हैं।
थोड़ा"और'" कि ख्वाहिश है,
कास यह चाहत भी हमारी पूरी हो जाए।।

©BINOदिनी

#Hum

10 Love

"यह शक़्ल सुरत कर्ज़ हैं, उस मालिक का यथार्थ कर्म है। जो इतिहास बनकर संसार में रह जाएंगे। ।" ©priyanka verma

#मोटिवेशनल #Hum  "यह शक़्ल सुरत कर्ज़ हैं,
उस मालिक का 
यथार्थ कर्म है। 
जो इतिहास बनकर संसार में रह जाएंगे। ।"

©priyanka verma

#Hum

12 Love

किरदार किरदार कोई बाजार में बिकने वाली चीज नहीं, जो दाम चुका कर झोली में भर लाओगे। ये तो तप का फल है, मेहनत की स्याही, संघर्ष की गीली मिट्टी से गढ़ पाओगे। ये राज़ है आत्मा की गहराई का, जहां झूठ और दिखावा टिक नहीं पाते। सच के आईने में चेहरा निखरता है, और किरदार के रंग खुद-ब-खुद चमक जाते। न कोई मोल है इसका, न कोई तिजारत, ये तो मन का उजाला और आत्मा की विरासत। झूठे दिखावे की भीड़ में भी जो अडिग रहे, वही किरदार है, जो सच्चाई से आगे बढ़े। तो मत ढूंढो इसे बाजार की गलियों में, खुद के भीतर के अंधेरों को टटोलो। किरदार वही है, जो हर कठिनाई में भी, तुम्हें इंसान बनाकर रखे, तुम्हें न कभी तोलो। ©Writer Mamta Ambedkar

#कविता #Hum  किरदार

किरदार कोई बाजार में बिकने वाली चीज नहीं,
जो दाम चुका कर झोली में भर लाओगे।

ये तो तप का फल है, मेहनत की स्याही,
संघर्ष की गीली मिट्टी से गढ़ पाओगे।

ये राज़ है आत्मा की गहराई का,
जहां झूठ और दिखावा टिक नहीं पाते।

सच के आईने में चेहरा निखरता है,
और किरदार के रंग खुद-ब-खुद चमक जाते।

न कोई मोल है इसका, न कोई तिजारत,
ये तो मन का उजाला और आत्मा की विरासत।

झूठे दिखावे की भीड़ में भी जो अडिग रहे,
वही किरदार है, जो सच्चाई से आगे बढ़े।

तो मत ढूंढो इसे बाजार की गलियों में,
खुद के भीतर के अंधेरों को टटोलो।

किरदार वही है, जो हर कठिनाई में भी,
तुम्हें इंसान बनाकर रखे, तुम्हें न कभी तोलो।

©Writer Mamta Ambedkar

#Hum

10 Love

सब्र इतना की साथ देख किसी के उफ तक न करू........ और व्याकुलता इतनी की किसी को नजरभर तुझे देखने ना दू ......... ©seema patidar

#Hum  सब्र इतना की साथ देख किसी के 
उफ तक न करू........
और व्याकुलता इतनी की किसी को
नजरभर  तुझे देखने ना दू .........

©seema patidar

#Hum

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