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New Year 2024-25 दिल की किताब आंखों से पढ़ने को बेक़रार, नज़रें मिलाकर देख लो तुम मुझसे एकबार, दिल में रहा क़ायम ये भ्रम है प्यार उन्हें भी, नज़रें बचाकर देखते देखा है कई बार, सूरजमुखी सा आफ़ताब देख खिल उठे, हर सुब्ह रहा करता है इस कद्र इंतज़ार, फ़ुरसत में किसी रात चांद डूबता नहीं, मिलती तो मांग लाते हम भी चांदनी उधार, हुस्न-ओ-अदा पर फ़िदा हुए राह के पत्थर, रुक जाए मुसाफ़िर भी राह चलते कई बार, महफूज़ मेरा चैन-ओ-सुकूं उनकी फ़ज़ल से, बख़्शी ख़ुदा ने दुआ की दौलत भी बेशुमार, दीदार-ए-हुस्न मुकम्मल होता नहीं कभी, होती है नुमाइश में झलक गोया क़िस्त बार, फूलों के ईर्द-गिर्द सुनूं भ्रमर का 'गुंजन', दिल पर लगा दिया खाली है का इश्तिहार, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #दिल  New Year 2024-25 दिल की किताब आंखों से पढ़ने को बेक़रार,
नज़रें मिलाकर देख लो तुम मुझसे एकबार,

दिल में रहा  क़ायम ये भ्रम  है प्यार उन्हें भी,
नज़रें  बचाकर   देखते   देखा  है  कई  बार,

सूरजमुखी  सा  आफ़ताब  देख  खिल उठे,
हर सुब्ह  रहा करता है  इस कद्र  इंतज़ार,

फ़ुरसत  में  किसी  रात  चांद  डूबता  नहीं,
मिलती तो मांग लाते हम भी चांदनी उधार,

हुस्न-ओ-अदा पर फ़िदा हुए  राह के पत्थर,
रुक जाए मुसाफ़िर भी राह चलते कई बार,

महफूज़ मेरा चैन-ओ-सुकूं उनकी फ़ज़ल से,
बख़्शी ख़ुदा ने  दुआ की दौलत भी बेशुमार,

दीदार-ए-हुस्न   मुकम्मल  होता नहीं कभी,
होती है नुमाइश में झलक गोया क़िस्त बार,

फूलों  के  ईर्द-गिर्द  सुनूं  भ्रमर का 'गुंजन',
दिल पर लगा दिया खाली है का इश्तिहार,
    ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' 
            प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra

#दिल पर लगा दिया#

13 Love

मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत', तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए। जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश, उस रास्ते की हर धूल से अपनी आवाज़ कह दीजिए। ग़म और दर्द अगर न मिले राहत का निशाँ, तो हर एक क़दम से अपनी दुआ बना दीजिए। मंज़िल नहीं मिली तो क्या, सफ़र तो है, राहों की धूल से ही खुद को पहचान दीजिए। रोशनी मिलेगी अंधेरे के हर कोने से, वक़्त की चुप्प को अपनी हसरतों से सजा दीजिए। हमसफ़र नहीं तो क्या, इरादे हैं आसमान जैसे, हर घड़ी की राह को अपने ख्वाबों से बना दीजिए। कभी अगर ठोकरें लगे, तो उन्हें दिल से लगा लीजिए, वहीं छुपा है वो राज़, जो आपको मजबूत बना दीजिए। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत',
तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए।

जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश,
उस रास्ते की हर धूल से अपनी आवाज़ कह दीजिए।
ग़म और दर्द अगर न मिले राहत का निशाँ,
तो हर एक क़दम से अपनी दुआ बना दीजिए।

मंज़िल नहीं मिली तो क्या, सफ़र तो है,
राहों की धूल से ही खुद को पहचान दीजिए।
रोशनी मिलेगी अंधेरे के हर कोने से,
वक़्त की चुप्प को अपनी हसरतों से सजा दीजिए।
हमसफ़र नहीं तो क्या, इरादे हैं आसमान जैसे,
हर घड़ी की राह को अपने ख्वाबों से बना दीजिए।

कभी अगर ठोकरें लगे, तो उन्हें दिल से लगा लीजिए,
वहीं छुपा है वो राज़, जो आपको मजबूत बना दीजिए।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत', तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए। जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश, उस रास्

13 Love

Unsplash हर एक कांटे को फूल में बदल दीजिए, जो टूट जाएं सपने, उन्हें फिर से जोड़ दीजिए। कभी जब भी हो मुश्किल, तो खुद से कहिए, आपके भीतर छुपी है एक नई दुनिया, बना दीजिए। जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं, अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए। ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं, रातों को अपनी रोशनी से सजा दीजिए। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  Unsplash हर एक कांटे को फूल में बदल दीजिए,
जो टूट जाएं सपने, उन्हें फिर से जोड़ दीजिए।
कभी जब भी हो मुश्किल, तो खुद से कहिए,
आपके भीतर छुपी है एक नई दुनिया, बना दीजिए।

जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं,
अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए।
ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं,
रातों को अपनी रोशनी से सजा दीजिए।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर हर एक कांटे को फूल में बदल दीजिए, जो टूट जाएं सपने, उन्हें फिर से जोड़ दीजिए। कभी जब भी हो मुश्किल, तो खुद से कहिए, आपके भीतर छ

14 Love

White कितना अद्भुत रहस्य है जिसके पास सब कुछ हो वो कभी समझ नही पाता है । जिसके पास कुछ नहीं वो हर खुशी चाहता है । कोई जीना भूल गया कमाने के चक्कर मे । कोई खाना भी भूल जाता हैं करोड़ों की बहस मैं। कोई दुनियां भुलाकर सोता है खुले आसमान के नीचे । किसी को मखमली बिस्तर होके भी चैन नहीं पाता है । कोई हार जाता हैं जमाने में अपनों की बदौलत कोई गैरों के लिए भी जी के चला जाता हैं । खाली हाथ लौट जाता हैं एक रोज हर कोई । शायद इस सफर को कोई कभी समझ पाया है । ©Vs Nagerkoti

#मोटिवेशनल #good_night  White कितना अद्भुत रहस्य है 

जिसके पास सब कुछ हो वो कभी समझ
नही पाता है  ।
जिसके पास कुछ नहीं वो हर खुशी चाहता है ।
कोई जीना भूल गया कमाने के चक्कर मे ।
कोई खाना भी भूल जाता हैं करोड़ों की बहस 
मैं।
कोई दुनियां भुलाकर सोता है खुले आसमान 
के नीचे ।
किसी को मखमली बिस्तर होके भी चैन नहीं 
पाता है ।
कोई हार जाता हैं जमाने में अपनों की बदौलत 
कोई गैरों के लिए भी जी के चला जाता हैं ।
खाली हाथ लौट जाता हैं एक रोज हर कोई ।
शायद इस सफर को कोई कभी समझ पाया 
है ।

©Vs Nagerkoti

#good_night इस दुनियां की अनगिनत कहानियां ।

13 Love

White जो लगा उन्हें इश्क़ है मुझे उनसे वो, बेतरह मगरूर हो गए भूल गए वादे, इक़रार सभी बस दूर मुझ से हो गए मलाल महज इतना ही रहा माना था जिन्हें ना ख़ुदा अपना वही हम से दूर हो गए ©हिमांशु Kulshreshtha

 White जो लगा उन्हें
 इश्क़ है मुझे उनसे 
वो, बेतरह मगरूर हो गए
भूल गए वादे, इक़रार सभी
बस दूर मुझ से हो गए
मलाल महज इतना ही रहा
माना था जिन्हें ना ख़ुदा अपना
वही हम से दूर हो गए

©हिमांशु Kulshreshtha

जो लगा उन्हें

20 Love

........ . ©Rajesh Arora

#मोटिवेशनल  ........ .

©Rajesh Arora

जरा ध्यान दीजिए मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी

17 Love

New Year 2024-25 दिल की किताब आंखों से पढ़ने को बेक़रार, नज़रें मिलाकर देख लो तुम मुझसे एकबार, दिल में रहा क़ायम ये भ्रम है प्यार उन्हें भी, नज़रें बचाकर देखते देखा है कई बार, सूरजमुखी सा आफ़ताब देख खिल उठे, हर सुब्ह रहा करता है इस कद्र इंतज़ार, फ़ुरसत में किसी रात चांद डूबता नहीं, मिलती तो मांग लाते हम भी चांदनी उधार, हुस्न-ओ-अदा पर फ़िदा हुए राह के पत्थर, रुक जाए मुसाफ़िर भी राह चलते कई बार, महफूज़ मेरा चैन-ओ-सुकूं उनकी फ़ज़ल से, बख़्शी ख़ुदा ने दुआ की दौलत भी बेशुमार, दीदार-ए-हुस्न मुकम्मल होता नहीं कभी, होती है नुमाइश में झलक गोया क़िस्त बार, फूलों के ईर्द-गिर्द सुनूं भ्रमर का 'गुंजन', दिल पर लगा दिया खाली है का इश्तिहार, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #दिल  New Year 2024-25 दिल की किताब आंखों से पढ़ने को बेक़रार,
नज़रें मिलाकर देख लो तुम मुझसे एकबार,

दिल में रहा  क़ायम ये भ्रम  है प्यार उन्हें भी,
नज़रें  बचाकर   देखते   देखा  है  कई  बार,

सूरजमुखी  सा  आफ़ताब  देख  खिल उठे,
हर सुब्ह  रहा करता है  इस कद्र  इंतज़ार,

फ़ुरसत  में  किसी  रात  चांद  डूबता  नहीं,
मिलती तो मांग लाते हम भी चांदनी उधार,

हुस्न-ओ-अदा पर फ़िदा हुए  राह के पत्थर,
रुक जाए मुसाफ़िर भी राह चलते कई बार,

महफूज़ मेरा चैन-ओ-सुकूं उनकी फ़ज़ल से,
बख़्शी ख़ुदा ने  दुआ की दौलत भी बेशुमार,

दीदार-ए-हुस्न   मुकम्मल  होता नहीं कभी,
होती है नुमाइश में झलक गोया क़िस्त बार,

फूलों  के  ईर्द-गिर्द  सुनूं  भ्रमर का 'गुंजन',
दिल पर लगा दिया खाली है का इश्तिहार,
    ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' 
            प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra

#दिल पर लगा दिया#

13 Love

मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत', तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए। जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश, उस रास्ते की हर धूल से अपनी आवाज़ कह दीजिए। ग़म और दर्द अगर न मिले राहत का निशाँ, तो हर एक क़दम से अपनी दुआ बना दीजिए। मंज़िल नहीं मिली तो क्या, सफ़र तो है, राहों की धूल से ही खुद को पहचान दीजिए। रोशनी मिलेगी अंधेरे के हर कोने से, वक़्त की चुप्प को अपनी हसरतों से सजा दीजिए। हमसफ़र नहीं तो क्या, इरादे हैं आसमान जैसे, हर घड़ी की राह को अपने ख्वाबों से बना दीजिए। कभी अगर ठोकरें लगे, तो उन्हें दिल से लगा लीजिए, वहीं छुपा है वो राज़, जो आपको मजबूत बना दीजिए। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत',
तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए।

जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश,
उस रास्ते की हर धूल से अपनी आवाज़ कह दीजिए।
ग़म और दर्द अगर न मिले राहत का निशाँ,
तो हर एक क़दम से अपनी दुआ बना दीजिए।

मंज़िल नहीं मिली तो क्या, सफ़र तो है,
राहों की धूल से ही खुद को पहचान दीजिए।
रोशनी मिलेगी अंधेरे के हर कोने से,
वक़्त की चुप्प को अपनी हसरतों से सजा दीजिए।
हमसफ़र नहीं तो क्या, इरादे हैं आसमान जैसे,
हर घड़ी की राह को अपने ख्वाबों से बना दीजिए।

कभी अगर ठोकरें लगे, तो उन्हें दिल से लगा लीजिए,
वहीं छुपा है वो राज़, जो आपको मजबूत बना दीजिए।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत', तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए। जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश, उस रास्

13 Love

Unsplash हर एक कांटे को फूल में बदल दीजिए, जो टूट जाएं सपने, उन्हें फिर से जोड़ दीजिए। कभी जब भी हो मुश्किल, तो खुद से कहिए, आपके भीतर छुपी है एक नई दुनिया, बना दीजिए। जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं, अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए। ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं, रातों को अपनी रोशनी से सजा दीजिए। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  Unsplash हर एक कांटे को फूल में बदल दीजिए,
जो टूट जाएं सपने, उन्हें फिर से जोड़ दीजिए।
कभी जब भी हो मुश्किल, तो खुद से कहिए,
आपके भीतर छुपी है एक नई दुनिया, बना दीजिए।

जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं,
अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए।
ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं,
रातों को अपनी रोशनी से सजा दीजिए।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर हर एक कांटे को फूल में बदल दीजिए, जो टूट जाएं सपने, उन्हें फिर से जोड़ दीजिए। कभी जब भी हो मुश्किल, तो खुद से कहिए, आपके भीतर छ

14 Love

White कितना अद्भुत रहस्य है जिसके पास सब कुछ हो वो कभी समझ नही पाता है । जिसके पास कुछ नहीं वो हर खुशी चाहता है । कोई जीना भूल गया कमाने के चक्कर मे । कोई खाना भी भूल जाता हैं करोड़ों की बहस मैं। कोई दुनियां भुलाकर सोता है खुले आसमान के नीचे । किसी को मखमली बिस्तर होके भी चैन नहीं पाता है । कोई हार जाता हैं जमाने में अपनों की बदौलत कोई गैरों के लिए भी जी के चला जाता हैं । खाली हाथ लौट जाता हैं एक रोज हर कोई । शायद इस सफर को कोई कभी समझ पाया है । ©Vs Nagerkoti

#मोटिवेशनल #good_night  White कितना अद्भुत रहस्य है 

जिसके पास सब कुछ हो वो कभी समझ
नही पाता है  ।
जिसके पास कुछ नहीं वो हर खुशी चाहता है ।
कोई जीना भूल गया कमाने के चक्कर मे ।
कोई खाना भी भूल जाता हैं करोड़ों की बहस 
मैं।
कोई दुनियां भुलाकर सोता है खुले आसमान 
के नीचे ।
किसी को मखमली बिस्तर होके भी चैन नहीं 
पाता है ।
कोई हार जाता हैं जमाने में अपनों की बदौलत 
कोई गैरों के लिए भी जी के चला जाता हैं ।
खाली हाथ लौट जाता हैं एक रोज हर कोई ।
शायद इस सफर को कोई कभी समझ पाया 
है ।

©Vs Nagerkoti

#good_night इस दुनियां की अनगिनत कहानियां ।

13 Love

White जो लगा उन्हें इश्क़ है मुझे उनसे वो, बेतरह मगरूर हो गए भूल गए वादे, इक़रार सभी बस दूर मुझ से हो गए मलाल महज इतना ही रहा माना था जिन्हें ना ख़ुदा अपना वही हम से दूर हो गए ©हिमांशु Kulshreshtha

 White जो लगा उन्हें
 इश्क़ है मुझे उनसे 
वो, बेतरह मगरूर हो गए
भूल गए वादे, इक़रार सभी
बस दूर मुझ से हो गए
मलाल महज इतना ही रहा
माना था जिन्हें ना ख़ुदा अपना
वही हम से दूर हो गए

©हिमांशु Kulshreshtha

जो लगा उन्हें

20 Love

........ . ©Rajesh Arora

#मोटिवेशनल  ........ .

©Rajesh Arora

जरा ध्यान दीजिए मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी

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