*आप अगर तूफाँ हुए तो मैं शिला हो जाऊंगा..!!*
*आप मंझिल बनके दिखाओ मैं रास्ता हो जाऊंगा..!!*
*आप कहो खुल कर अपने दिल में है जो भी बात,*
*ये न सोचो मैं कभी आपसे ख़फ़ा हो जाऊंगा..!!*
*नाम ले कर के आपका ही मैं चलाता कश्ती,*
*और सब की मैं नज़र में ना-ख़ुदा हो जाऊंगा..!!*
*आप सभी इस समूह की चमकती रौशनी हो मेरे साथियों,* *आप बनो बाती अगर तो मैं दिया हो जाऊंगा..!!*
*नित नए सफ़हों पे लिखता ज़िन्दगी की दास्ताँ,*
*उम्र ढल जाने पे मैं ख़ुद हाशिया हो जाऊंगा..!!*
©KRISHNA
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