अकेले में फूट फुट कर रोना
और फिर अपनी सारी परेशानी चिंता और
मानसिक तनाव को झूठे मुस्कान तले दबाकर
लोगों के सामने यह दिखाना की
हम बहुत खुश है
मेरा सारा अवसाद खत्म हो चुका है
मैं अपना जीवन खुशी से जी रहा हूँ,
गम क्या होता है
ये हम जानते ही नहीं है
हमने कभी दुःख झेला ही नहीं है
लेकिन अगले ही पल मे
आप बेहद गम्भीर अवस्था में होते है
और गहरी सोच में चले जाते है,
फिर कब सुबह होती है और कब रात,
कुछ नहीं समझ पाते
बस अकेलेपन में रह जाते है
और ये होती है वास्तविक तकलीफ
ये होती है अपने व्यक्तित्व की मौत..!
©Matangi Upadhyay( चिंका )
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here