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New फ्रांसीसी क्रांति कब हुई Status, Photo, Video

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#वीडियो

नवाबगंज थाने में क्रांति कमेटी की हुई बैठक

99 View

White ढ़लती हुई साँझ के साथ हम विदा लें फ़िर… मिलने के वादे के साथ.. ©हिमांशु Kulshreshtha

 White ढ़लती हुई
साँझ के साथ
हम विदा लें
फ़िर…
मिलने के वादे के साथ..

©हिमांशु Kulshreshtha

ढलती हुई...

16 Love

White दुनिया मे क्रांति लाने से पहले ये जानना बेहद जरुरी है कि इस दुनिया मे गरीबी और अमीरी की ओसत संख्या कितनी है ज़ब दुनिया के आंकड़े खंगाले गए तब ये तथ्य सामने आया कि दुनिया मे हर एक हज़ार संख्या मे सिर्फएक आदमी अमीर था और नौ सो नीनानवे आदमी गरीब थे ©Parasram Arora

#कविता  White दुनिया मे क्रांति लाने से पहले 
ये जानना  बेहद जरुरी है 
कि इस दुनिया मे गरीबी और अमीरी की ओसत संख्या कितनी है 

ज़ब दुनिया के आंकड़े खंगाले गए 

तब ये तथ्य सामने आया कि दुनिया मे हर  एक हज़ार संख्या मे  सिर्फएक आदमी अमीर था और नौ सो नीनानवे   आदमी  गरीब थे

©Parasram Arora

क्रांति

10 Love

#शायरी #ना

#ना जाने कब.....

99 View

दीप प्रज्वलन यह दीप प्रज्वलन है क्रांति का प्रतीक संगठन से सत्ता तक जाने का प्रतीक न बुझा है दीप ना बुझेगा दीप मंजिल पाने तक चाहे कोई लाख कर ले सितम ना रुकेगा यह सफर ©DR. LAVKESH GANDHI

 दीप प्रज्वलन 

 यह दीप प्रज्वलन  है क्रांति का प्रतीक 
 संगठन से सत्ता तक जाने का प्रतीक

















 न बुझा है दीप ना बुझेगा दीप मंजिल पाने तक 
 चाहे कोई लाख कर ले सितम ना रुकेगा यह सफर

©DR. LAVKESH GANDHI

# दीप # # क्रांति का दीप है #

16 Love

कब तलक मेला चलेगा, फिर अकेलापन खलेगा, दिवस का अवसान होगा, सूर्य अस्ताचल ढ़लेगा, ख़त्म होंगे बाग से फल, वृक्ष भी कबतक फलेगा, बढ़ेगा उत्ताप जिस दिन, बर्फ पर्वत पर गलेगा, मोह में जिसके पड़े तुम, वही आकर फिर छलेगा, फूँक कर तुम छाछ पीना, तप्त हो यदि मुँह जलेगा, लाख करलो कोशिशें तुम, लिखा विधि का ना टलेगा, चूकना अवसर न 'गुंजन', हाथ फिर कबतक मलेगा, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #कब  कब तलक मेला चलेगा, 
फिर अकेलापन खलेगा,

दिवस का अवसान होगा, 
सूर्य   अस्ताचल   ढ़लेगा,

ख़त्म होंगे  बाग से फल, 
वृक्ष भी कबतक फलेगा,

बढ़ेगा उत्ताप जिस दिन, 
बर्फ  पर्वत  पर  गलेगा,

मोह में जिसके पड़े तुम, 
वही आकर फिर छलेगा,

फूँक कर तुम छाछ पीना, 
तप्त हो यदि  मुँह जलेगा,

लाख करलो कोशिशें तुम, 
लिखा विधि का ना टलेगा,

चूकना  अवसर न 'गुंजन',
हाथ फिर कबतक मलेगा,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      समस्तीपुर बिहार

©Shashi Bhushan Mishra

#कब तलक मेला चलेगा#

13 Love

#वीडियो

नवाबगंज थाने में क्रांति कमेटी की हुई बैठक

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White ढ़लती हुई साँझ के साथ हम विदा लें फ़िर… मिलने के वादे के साथ.. ©हिमांशु Kulshreshtha

 White ढ़लती हुई
साँझ के साथ
हम विदा लें
फ़िर…
मिलने के वादे के साथ..

©हिमांशु Kulshreshtha

ढलती हुई...

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White दुनिया मे क्रांति लाने से पहले ये जानना बेहद जरुरी है कि इस दुनिया मे गरीबी और अमीरी की ओसत संख्या कितनी है ज़ब दुनिया के आंकड़े खंगाले गए तब ये तथ्य सामने आया कि दुनिया मे हर एक हज़ार संख्या मे सिर्फएक आदमी अमीर था और नौ सो नीनानवे आदमी गरीब थे ©Parasram Arora

#कविता  White दुनिया मे क्रांति लाने से पहले 
ये जानना  बेहद जरुरी है 
कि इस दुनिया मे गरीबी और अमीरी की ओसत संख्या कितनी है 

ज़ब दुनिया के आंकड़े खंगाले गए 

तब ये तथ्य सामने आया कि दुनिया मे हर  एक हज़ार संख्या मे  सिर्फएक आदमी अमीर था और नौ सो नीनानवे   आदमी  गरीब थे

©Parasram Arora

क्रांति

10 Love

#शायरी #ना

#ना जाने कब.....

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दीप प्रज्वलन यह दीप प्रज्वलन है क्रांति का प्रतीक संगठन से सत्ता तक जाने का प्रतीक न बुझा है दीप ना बुझेगा दीप मंजिल पाने तक चाहे कोई लाख कर ले सितम ना रुकेगा यह सफर ©DR. LAVKESH GANDHI

 दीप प्रज्वलन 

 यह दीप प्रज्वलन  है क्रांति का प्रतीक 
 संगठन से सत्ता तक जाने का प्रतीक

















 न बुझा है दीप ना बुझेगा दीप मंजिल पाने तक 
 चाहे कोई लाख कर ले सितम ना रुकेगा यह सफर

©DR. LAVKESH GANDHI

# दीप # # क्रांति का दीप है #

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कब तलक मेला चलेगा, फिर अकेलापन खलेगा, दिवस का अवसान होगा, सूर्य अस्ताचल ढ़लेगा, ख़त्म होंगे बाग से फल, वृक्ष भी कबतक फलेगा, बढ़ेगा उत्ताप जिस दिन, बर्फ पर्वत पर गलेगा, मोह में जिसके पड़े तुम, वही आकर फिर छलेगा, फूँक कर तुम छाछ पीना, तप्त हो यदि मुँह जलेगा, लाख करलो कोशिशें तुम, लिखा विधि का ना टलेगा, चूकना अवसर न 'गुंजन', हाथ फिर कबतक मलेगा, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #कब  कब तलक मेला चलेगा, 
फिर अकेलापन खलेगा,

दिवस का अवसान होगा, 
सूर्य   अस्ताचल   ढ़लेगा,

ख़त्म होंगे  बाग से फल, 
वृक्ष भी कबतक फलेगा,

बढ़ेगा उत्ताप जिस दिन, 
बर्फ  पर्वत  पर  गलेगा,

मोह में जिसके पड़े तुम, 
वही आकर फिर छलेगा,

फूँक कर तुम छाछ पीना, 
तप्त हो यदि  मुँह जलेगा,

लाख करलो कोशिशें तुम, 
लिखा विधि का ना टलेगा,

चूकना  अवसर न 'गुंजन',
हाथ फिर कबतक मलेगा,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      समस्तीपुर बिहार

©Shashi Bhushan Mishra

#कब तलक मेला चलेगा#

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