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बिछड़ना तुमसे नियति पर प्राण संकट घिर गया था, यूं लगा कुछ गांठ से मानो हमारी गिर गया था, मांग बैठा था समंदर सब बटोरे सीप मोती याचना करती रही थी आंसुओं से पांव धोती.. तुम विदा में दे न पाए एक आलिंगन हमारा.. और तुम आये नहीं आना ज़रूरी था तुम्हारा। सृजना के अंतर्मन से...💞 लेखक - Shubh Pandit ✨ इलाहाबादी ✨ ©Dharma pandit( Unbreakable)

#Death  बिछड़ना तुमसे नियति पर प्राण संकट घिर गया था,
यूं लगा कुछ गांठ से मानो हमारी गिर गया था,
मांग बैठा था समंदर सब बटोरे सीप मोती
याचना करती रही थी आंसुओं से पांव धोती..
तुम विदा में दे न पाए एक आलिंगन  हमारा..
और तुम आये नहीं आना ज़रूरी था तुम्हारा।
सृजना के अंतर्मन से...💞
लेखक - Shubh Pandit ✨ इलाहाबादी ✨

©Dharma pandit( Unbreakable)

#Death sad poetry

12 Love

White दिल से मेरी यादों को, रिहा क्यों नहीं करते तुम फूल से ख़ुशबू को जुदा क्यों नहीं करते, रिश्तों के बिखरने का सबब हम से न पूछो तुम खुद ही बताओ के वफ़ा क्यों नहीं करते, बरसों से कोई ख़त नहीं आया मेरे घर पर अब नामा यहाँ लोग लिखा क्यों नहीं करते, जो दूर हुआ हम से - वही पूछ रहा है हम फ़ासला मिटने की दुआ क्यों नहीं करते, क्यों माज़ी की हर याद सजा रक्खी है घर में है दर्द पुराना तो - दवा क्यों नहीं करते, महफ़िल में तो तुम नाम मेरा ले नहीं सकते तन्हाई में भी ज़िक्र मेरा क्यों नहीं करते, बरसों से 'वला'. - एक किनारे पे खड़ी है तुम नील के साहिल पे मिला क्यों नहीं करते.! 'वला' जमाल ©ᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ

#वफ़ा_क्यों_नहीं_करते  White दिल से मेरी यादों को, रिहा क्यों नहीं करते
तुम फूल से ख़ुशबू को जुदा क्यों नहीं करते,

रिश्तों के बिखरने का सबब हम से न पूछो
तुम खुद ही बताओ के वफ़ा क्यों नहीं करते,

बरसों से कोई ख़त नहीं आया मेरे घर पर
अब नामा यहाँ लोग लिखा क्यों नहीं करते,

जो दूर हुआ हम से - वही पूछ रहा है
हम फ़ासला मिटने की दुआ क्यों नहीं करते,

क्यों माज़ी की हर याद सजा रक्खी है घर में
है दर्द पुराना तो - दवा क्यों नहीं करते,

महफ़िल में तो तुम नाम मेरा ले नहीं सकते
तन्हाई में भी ज़िक्र मेरा क्यों नहीं करते,

बरसों से 'वला'. - एक किनारे पे खड़ी है
तुम नील के साहिल पे मिला क्यों नहीं करते.!

'वला' जमाल

©ᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ

#वफ़ा_क्यों_नहीं_करते... poetry on love hindi poetry on life

14 Love

White सुनो, मैं जब भी मांगूंगा तुमसे तुम्हारा वक्त मांगूंगा कब, कहाँ, कैसे हो इसका ज़िक्र मांगूंगा वक्त-बेवक्त कॉल करने का हक़ मांगूंगा बिन बात के मेरे लड़ने पर तुम्हारा सब्र मांगूंगा अलसायी-सोयी सी तुम्हारी तस्वीर मांगूंगा मैं जब भी मांगूंगा तुम्हें- तुमसे थोड़ा और मांगूंगा !! ©बोलती दीवार

#love_shayari  White सुनो, 
मैं जब भी मांगूंगा
 तुमसे तुम्हारा वक्त मांगूंगा 
कब, कहाँ, कैसे हो 
इसका ज़िक्र मांगूंगा
 वक्त-बेवक्त कॉल करने का हक़ मांगूंगा
 बिन बात के मेरे लड़ने पर
 तुम्हारा सब्र मांगूंगा 
अलसायी-सोयी सी तुम्हारी तस्वीर मांगूंगा
 मैं जब भी मांगूंगा तुम्हें- तुमसे थोड़ा और मांगूंगा !!

©बोलती दीवार

#love_shayari hindi poetry on life poetry poetry on love

12 Love

poetry on love hindi poetry on life

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बिछड़ना तुमसे नियति पर प्राण संकट घिर गया था, यूं लगा कुछ गांठ से मानो हमारी गिर गया था, मांग बैठा था समंदर सब बटोरे सीप मोती याचना करती रही थी आंसुओं से पांव धोती.. तुम विदा में दे न पाए एक आलिंगन हमारा.. और तुम आये नहीं आना ज़रूरी था तुम्हारा। सृजना के अंतर्मन से...💞 लेखक - Shubh Pandit ✨ इलाहाबादी ✨ ©Dharma pandit( Unbreakable)

#Death  बिछड़ना तुमसे नियति पर प्राण संकट घिर गया था,
यूं लगा कुछ गांठ से मानो हमारी गिर गया था,
मांग बैठा था समंदर सब बटोरे सीप मोती
याचना करती रही थी आंसुओं से पांव धोती..
तुम विदा में दे न पाए एक आलिंगन  हमारा..
और तुम आये नहीं आना ज़रूरी था तुम्हारा।
सृजना के अंतर्मन से...💞
लेखक - Shubh Pandit ✨ इलाहाबादी ✨

©Dharma pandit( Unbreakable)

#Death sad poetry

12 Love

White दिल से मेरी यादों को, रिहा क्यों नहीं करते तुम फूल से ख़ुशबू को जुदा क्यों नहीं करते, रिश्तों के बिखरने का सबब हम से न पूछो तुम खुद ही बताओ के वफ़ा क्यों नहीं करते, बरसों से कोई ख़त नहीं आया मेरे घर पर अब नामा यहाँ लोग लिखा क्यों नहीं करते, जो दूर हुआ हम से - वही पूछ रहा है हम फ़ासला मिटने की दुआ क्यों नहीं करते, क्यों माज़ी की हर याद सजा रक्खी है घर में है दर्द पुराना तो - दवा क्यों नहीं करते, महफ़िल में तो तुम नाम मेरा ले नहीं सकते तन्हाई में भी ज़िक्र मेरा क्यों नहीं करते, बरसों से 'वला'. - एक किनारे पे खड़ी है तुम नील के साहिल पे मिला क्यों नहीं करते.! 'वला' जमाल ©ᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ

#वफ़ा_क्यों_नहीं_करते  White दिल से मेरी यादों को, रिहा क्यों नहीं करते
तुम फूल से ख़ुशबू को जुदा क्यों नहीं करते,

रिश्तों के बिखरने का सबब हम से न पूछो
तुम खुद ही बताओ के वफ़ा क्यों नहीं करते,

बरसों से कोई ख़त नहीं आया मेरे घर पर
अब नामा यहाँ लोग लिखा क्यों नहीं करते,

जो दूर हुआ हम से - वही पूछ रहा है
हम फ़ासला मिटने की दुआ क्यों नहीं करते,

क्यों माज़ी की हर याद सजा रक्खी है घर में
है दर्द पुराना तो - दवा क्यों नहीं करते,

महफ़िल में तो तुम नाम मेरा ले नहीं सकते
तन्हाई में भी ज़िक्र मेरा क्यों नहीं करते,

बरसों से 'वला'. - एक किनारे पे खड़ी है
तुम नील के साहिल पे मिला क्यों नहीं करते.!

'वला' जमाल

©ᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ

#वफ़ा_क्यों_नहीं_करते... poetry on love hindi poetry on life

14 Love

White सुनो, मैं जब भी मांगूंगा तुमसे तुम्हारा वक्त मांगूंगा कब, कहाँ, कैसे हो इसका ज़िक्र मांगूंगा वक्त-बेवक्त कॉल करने का हक़ मांगूंगा बिन बात के मेरे लड़ने पर तुम्हारा सब्र मांगूंगा अलसायी-सोयी सी तुम्हारी तस्वीर मांगूंगा मैं जब भी मांगूंगा तुम्हें- तुमसे थोड़ा और मांगूंगा !! ©बोलती दीवार

#love_shayari  White सुनो, 
मैं जब भी मांगूंगा
 तुमसे तुम्हारा वक्त मांगूंगा 
कब, कहाँ, कैसे हो 
इसका ज़िक्र मांगूंगा
 वक्त-बेवक्त कॉल करने का हक़ मांगूंगा
 बिन बात के मेरे लड़ने पर
 तुम्हारा सब्र मांगूंगा 
अलसायी-सोयी सी तुम्हारी तस्वीर मांगूंगा
 मैं जब भी मांगूंगा तुम्हें- तुमसे थोड़ा और मांगूंगा !!

©बोलती दीवार

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12 Love

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