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New marathi kavita paus ani prem Status, Photo, Video

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White उस चश्म को हम, आयतें-आफताब लिखते हैं। रुखसार को,  रोशन-ए-महताब लिखते है। इन ख्यालों में जिसकी तवज्जो है इतनी, उस भ्रम को हम हुस्न की किताब लिखते हैं। आंखों में डूबने को शबाब लिखते हैं । मयखाने की मल्लिका को शराब लिखते हैं। नासाज़ कर दी जिसने जवानी ये मेरी, उस नशे को हम दोपहरी-ख्वाब लिखते हैं।।२ इश्क एक-तरफा हो तो खराब लिखते हैं। शायरों को अक्सर, ग़में-मिजाज लिखते हैं। केवल जानकी वियोग का हिसाब रखने वाले, मोहन तड़पें तो, प्रेम लाजवाब लिखते हैं।।३ एक अरसे तक चाहा, जिसे आज लिखते हैं। महज़ शायरी नहीं, हम तल्ख़े-ताज़ लिखते हैं। खुदगर्ज होना हो भले दस्तूर जमाने का, आज भी अपने गीतों में, उसे ही साज़ लिखते हैं।।४ ©Vishwas Pradhan

#love_shayari #Jeevan #kavita #kahani  White  उस चश्म को हम, आयतें-आफताब लिखते हैं।
रुखसार को,  रोशन-ए-महताब लिखते है।
इन ख्यालों में जिसकी तवज्जो है इतनी,
उस भ्रम को हम हुस्न की किताब लिखते हैं।

आंखों में डूबने को शबाब लिखते हैं ।
मयखाने की मल्लिका को शराब लिखते हैं।
नासाज़ कर दी जिसने जवानी ये मेरी,
उस नशे को हम दोपहरी-ख्वाब लिखते हैं।।२

इश्क एक-तरफा हो तो खराब लिखते हैं।
शायरों को अक्सर, ग़में-मिजाज लिखते हैं।
केवल जानकी वियोग का हिसाब रखने वाले,
मोहन तड़पें तो, प्रेम लाजवाब लिखते हैं।।३

एक अरसे तक चाहा, जिसे आज लिखते हैं।
महज़ शायरी नहीं, हम तल्ख़े-ताज़ लिखते हैं।
खुदगर्ज होना हो भले दस्तूर जमाने का,
आज भी अपने गीतों में, उसे ही साज़ लिखते हैं।।४

©Vishwas Pradhan

#love_shayari hindi poetry urdu poetry #Jeevan #Prem #kavita #Shayari #kahani

12 Love

White निरागसतेच्या जगातच डोळ्यात वाढणाऱ्या स्वप्नांच्या पाखरांना स्वातंत्र्याच्या आकाशात स्वच्छंद भरारी घेण्याची मुभा असते... एकदा का जबाबदारीच्या पिंजऱ्यात कैद झाल की हीच निरागसता लोप पावते.... _sentive_ink_ ©Dr. BHAGYASHRI

#Quotes  White निरागसतेच्या जगातच डोळ्यात वाढणाऱ्या 
स्वप्नांच्या पाखरांना स्वातंत्र्याच्या आकाशात 
स्वच्छंद भरारी घेण्याची मुभा असते...
एकदा का जबाबदारीच्या पिंजऱ्यात कैद झाल 
की हीच निरागसता लोप पावते....
_sentive_ink_

©Dr. BHAGYASHRI

Marathi# मराठी #

9 Love

#मराठीशायरी #marathi #poem

#poem #marathi

117 View

भर उन्हात तापलेल्या मातीत तो अनवाणी होऊन शेतात बारे देत होता, तहानलेल्या रोपांना अंगाचा घाम गाळून जीवनदान देत होता. ©Amol M. Bodke

#कविता #MarathiKavita #marathi  भर उन्हात तापलेल्या मातीत तो अनवाणी होऊन 
शेतात बारे देत होता, 
तहानलेल्या रोपांना अंगाचा घाम गाळून 
जीवनदान देत होता.

©Amol M. Bodke

marathi lines #marathi #MarathiKavita

13 Love

White उस चश्म को हम, आयतें-आफताब लिखते हैं। रुखसार को,  रोशन-ए-महताब लिखते है। इन ख्यालों में जिसकी तवज्जो है इतनी, उस भ्रम को हम हुस्न की किताब लिखते हैं। आंखों में डूबने को शबाब लिखते हैं । मयखाने की मल्लिका को शराब लिखते हैं। नासाज़ कर दी जिसने जवानी ये मेरी, उस नशे को हम दोपहरी-ख्वाब लिखते हैं।।२ इश्क एक-तरफा हो तो खराब लिखते हैं। शायरों को अक्सर, ग़में-मिजाज लिखते हैं। केवल जानकी वियोग का हिसाब रखने वाले, मोहन तड़पें तो, प्रेम लाजवाब लिखते हैं।।३ एक अरसे तक चाहा, जिसे आज लिखते हैं। महज़ शायरी नहीं, हम तल्ख़े-ताज़ लिखते हैं। खुदगर्ज होना हो भले दस्तूर जमाने का, आज भी अपने गीतों में, उसे ही साज़ लिखते हैं।।४ ©Vishwas Pradhan

#love_shayari #Jeevan #kavita #kahani  White  उस चश्म को हम, आयतें-आफताब लिखते हैं।
रुखसार को,  रोशन-ए-महताब लिखते है।
इन ख्यालों में जिसकी तवज्जो है इतनी,
उस भ्रम को हम हुस्न की किताब लिखते हैं।

आंखों में डूबने को शबाब लिखते हैं ।
मयखाने की मल्लिका को शराब लिखते हैं।
नासाज़ कर दी जिसने जवानी ये मेरी,
उस नशे को हम दोपहरी-ख्वाब लिखते हैं।।२

इश्क एक-तरफा हो तो खराब लिखते हैं।
शायरों को अक्सर, ग़में-मिजाज लिखते हैं।
केवल जानकी वियोग का हिसाब रखने वाले,
मोहन तड़पें तो, प्रेम लाजवाब लिखते हैं।।३

एक अरसे तक चाहा, जिसे आज लिखते हैं।
महज़ शायरी नहीं, हम तल्ख़े-ताज़ लिखते हैं।
खुदगर्ज होना हो भले दस्तूर जमाने का,
आज भी अपने गीतों में, उसे ही साज़ लिखते हैं।।४

©Vishwas Pradhan

#love_shayari hindi poetry urdu poetry #Jeevan #Prem #kavita #Shayari #kahani

12 Love

White निरागसतेच्या जगातच डोळ्यात वाढणाऱ्या स्वप्नांच्या पाखरांना स्वातंत्र्याच्या आकाशात स्वच्छंद भरारी घेण्याची मुभा असते... एकदा का जबाबदारीच्या पिंजऱ्यात कैद झाल की हीच निरागसता लोप पावते.... _sentive_ink_ ©Dr. BHAGYASHRI

#Quotes  White निरागसतेच्या जगातच डोळ्यात वाढणाऱ्या 
स्वप्नांच्या पाखरांना स्वातंत्र्याच्या आकाशात 
स्वच्छंद भरारी घेण्याची मुभा असते...
एकदा का जबाबदारीच्या पिंजऱ्यात कैद झाल 
की हीच निरागसता लोप पावते....
_sentive_ink_

©Dr. BHAGYASHRI

Marathi# मराठी #

9 Love

#मराठीशायरी #marathi #poem

#poem #marathi

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भर उन्हात तापलेल्या मातीत तो अनवाणी होऊन शेतात बारे देत होता, तहानलेल्या रोपांना अंगाचा घाम गाळून जीवनदान देत होता. ©Amol M. Bodke

#कविता #MarathiKavita #marathi  भर उन्हात तापलेल्या मातीत तो अनवाणी होऊन 
शेतात बारे देत होता, 
तहानलेल्या रोपांना अंगाचा घाम गाळून 
जीवनदान देत होता.

©Amol M. Bodke

marathi lines #marathi #MarathiKavita

13 Love

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