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New महाविनाशनी का अंत Status, Photo, Video

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Unsplash ज़िन्दगी की तलाश में निकला था, मौत का हर मन्ज़र देखा घर में उजाले के लिए, लाशों से गुज़रता सिर्फ़ एक ही खंज़र देखा थक-हारकर किसी किनारे बैठा, बैठते ही शांत सिर्फ़ समन्दर देखा जो चलते हैं, चल रहे हैं और आगे चलेंगे भी, शान में उनकी सिर्फ़ सिकन्दर देखा ज़िन्दगी की तलाश में निकला था "मक़सूद", मैंने अन्त में सिर्फ़ मौत का ही हर मन्ज़र देखा.... ©Death_Lover

#प्रेम #अनन्त #जीवन #अंत #मौत  Unsplash ज़िन्दगी की तलाश में निकला था, मौत का हर मन्ज़र देखा
घर में उजाले के लिए, लाशों से गुज़रता सिर्फ़ एक ही खंज़र देखा

थक-हारकर किसी किनारे बैठा, बैठते ही शांत सिर्फ़ समन्दर देखा
जो चलते हैं, चल रहे हैं और आगे चलेंगे भी, शान में उनकी सिर्फ़ सिकन्दर देखा

ज़िन्दगी की तलाश में निकला था "मक़सूद", मैंने अन्त में सिर्फ़ मौत का ही हर मन्ज़र देखा....

©Death_Lover

Unsplash मै खुद से कुछ कहना चाहती हु पर कह नहीं पा रही की मुझे कुछ नहीं चाहिए न परिवार न प्यार ना दोस्त ना सुकून क्यों कि मुझे और दर्द सहने की क्षमता नहीं है वो दर्द जो छोटे छोटे बाते सुनाने से वो दर्द जो मेरा मजाक बनाने से होती है वो दर्द जब खुद कुछ करना चाहो तब कुछ कर न पाओ सुकुन से ना किसी को याद कर सकू ना किसी को भूल सकू ना अच्छे से सो सकू हा मै यही चाहती हु की मैं जब आज सोउ तब कल मैं ना उठूं क्यों कि सहन करने की क्षमता मुझमें नहीं है हा मै नहीं चाहती इस दुनिया में रहना क्यों कि मैं खुद को संभालने में असमर्थ हूं उम्मीद दूसरों से कर नहीं सकती जो मन में है उसे मै किसी को बात नहीं सकती क्यों कि मुझे उम्मीद किसी से लगाना ही नहीं है इस लिए मैं अपने पुरखो के पास प्रकृति में विलीन चाहती हु मै दूर जाना चाहती हूं सब से preeti Uikye 18/12/24 ©Gondwana Sherni 750

#विचार #traveling  Unsplash मै खुद से कुछ कहना चाहती हु 
पर कह नहीं पा रही 
की मुझे कुछ नहीं चाहिए 
न परिवार न प्यार ना दोस्त 
ना सुकून 
क्यों कि मुझे और दर्द सहने की क्षमता नहीं है 
वो दर्द जो छोटे छोटे बाते सुनाने से  
वो दर्द जो मेरा मजाक बनाने से होती है 
वो दर्द जब खुद कुछ करना चाहो तब कुछ कर न पाओ 
सुकुन से ना किसी को याद कर सकू 
ना किसी को भूल सकू 
ना अच्छे से सो सकू 
हा मै यही चाहती हु की मैं जब आज सोउ तब कल मैं ना उठूं 
क्यों कि सहन करने की क्षमता मुझमें नहीं है 
हा मै नहीं चाहती इस दुनिया में रहना 
क्यों कि मैं खुद को संभालने में असमर्थ हूं 
उम्मीद दूसरों से कर नहीं सकती 
जो मन में है उसे मै किसी को बात नहीं सकती 
क्यों कि मुझे उम्मीद किसी से लगाना ही नहीं है 
इस लिए मैं अपने पुरखो के पास प्रकृति में विलीन चाहती हु
मै दूर जाना चाहती हूं सब से

preeti Uikye 
18/12/24

©Gondwana Sherni 750

#traveling अंत

13 Love

इंतजार हैं मुझे ज़िंदगी के आखिरी पन्ने का , सुना हैं अंत मे सब ठीक हो जाता हैं..! ©Mahesh Chekhaliya

#GoldenHour #SAD  इंतजार हैं मुझे ज़िंदगी के आखिरी पन्ने का
, सुना हैं अंत मे सब ठीक हो जाता हैं..!

©Mahesh Chekhaliya

#GoldenHour इंतजार हैं मुझे ज़िंदगी के आखिरी पन्ने का, सुना हैं अंत मे सब ठीक हो जाता हैं..!

13 Love

White ग्रीष्म में झुलसी नायिका ढूंढे वर्षा का संग वर्षा में मदहोश, फिर, शरद शिशिर के संग कभी रुचे हेमन्त किन्तु मिलते नहीं हैं कंत कंत बसंत मिलैं तभी हो अहंकार का अंत ©Shiv Narayan Saxena

#GoodMorning  White ग्रीष्म में झुलसी नायिका ढूंढे वर्षा का संग
वर्षा में मदहोश, फिर, शरद शिशिर के संग
कभी रुचे हेमन्त किन्तु मिलते नहीं हैं कंत
कंत बसंत मिलैं तभी हो अहंकार का अंत

©Shiv Narayan Saxena

#GoodMorning अहंकार का अंत.....

15 Love

Unsplash ज़िन्दगी की तलाश में निकला था, मौत का हर मन्ज़र देखा घर में उजाले के लिए, लाशों से गुज़रता सिर्फ़ एक ही खंज़र देखा थक-हारकर किसी किनारे बैठा, बैठते ही शांत सिर्फ़ समन्दर देखा जो चलते हैं, चल रहे हैं और आगे चलेंगे भी, शान में उनकी सिर्फ़ सिकन्दर देखा ज़िन्दगी की तलाश में निकला था "मक़सूद", मैंने अन्त में सिर्फ़ मौत का ही हर मन्ज़र देखा.... ©Death_Lover

#प्रेम #अनन्त #जीवन #अंत #मौत  Unsplash ज़िन्दगी की तलाश में निकला था, मौत का हर मन्ज़र देखा
घर में उजाले के लिए, लाशों से गुज़रता सिर्फ़ एक ही खंज़र देखा

थक-हारकर किसी किनारे बैठा, बैठते ही शांत सिर्फ़ समन्दर देखा
जो चलते हैं, चल रहे हैं और आगे चलेंगे भी, शान में उनकी सिर्फ़ सिकन्दर देखा

ज़िन्दगी की तलाश में निकला था "मक़सूद", मैंने अन्त में सिर्फ़ मौत का ही हर मन्ज़र देखा....

©Death_Lover

Unsplash मै खुद से कुछ कहना चाहती हु पर कह नहीं पा रही की मुझे कुछ नहीं चाहिए न परिवार न प्यार ना दोस्त ना सुकून क्यों कि मुझे और दर्द सहने की क्षमता नहीं है वो दर्द जो छोटे छोटे बाते सुनाने से वो दर्द जो मेरा मजाक बनाने से होती है वो दर्द जब खुद कुछ करना चाहो तब कुछ कर न पाओ सुकुन से ना किसी को याद कर सकू ना किसी को भूल सकू ना अच्छे से सो सकू हा मै यही चाहती हु की मैं जब आज सोउ तब कल मैं ना उठूं क्यों कि सहन करने की क्षमता मुझमें नहीं है हा मै नहीं चाहती इस दुनिया में रहना क्यों कि मैं खुद को संभालने में असमर्थ हूं उम्मीद दूसरों से कर नहीं सकती जो मन में है उसे मै किसी को बात नहीं सकती क्यों कि मुझे उम्मीद किसी से लगाना ही नहीं है इस लिए मैं अपने पुरखो के पास प्रकृति में विलीन चाहती हु मै दूर जाना चाहती हूं सब से preeti Uikye 18/12/24 ©Gondwana Sherni 750

#विचार #traveling  Unsplash मै खुद से कुछ कहना चाहती हु 
पर कह नहीं पा रही 
की मुझे कुछ नहीं चाहिए 
न परिवार न प्यार ना दोस्त 
ना सुकून 
क्यों कि मुझे और दर्द सहने की क्षमता नहीं है 
वो दर्द जो छोटे छोटे बाते सुनाने से  
वो दर्द जो मेरा मजाक बनाने से होती है 
वो दर्द जब खुद कुछ करना चाहो तब कुछ कर न पाओ 
सुकुन से ना किसी को याद कर सकू 
ना किसी को भूल सकू 
ना अच्छे से सो सकू 
हा मै यही चाहती हु की मैं जब आज सोउ तब कल मैं ना उठूं 
क्यों कि सहन करने की क्षमता मुझमें नहीं है 
हा मै नहीं चाहती इस दुनिया में रहना 
क्यों कि मैं खुद को संभालने में असमर्थ हूं 
उम्मीद दूसरों से कर नहीं सकती 
जो मन में है उसे मै किसी को बात नहीं सकती 
क्यों कि मुझे उम्मीद किसी से लगाना ही नहीं है 
इस लिए मैं अपने पुरखो के पास प्रकृति में विलीन चाहती हु
मै दूर जाना चाहती हूं सब से

preeti Uikye 
18/12/24

©Gondwana Sherni 750

#traveling अंत

13 Love

इंतजार हैं मुझे ज़िंदगी के आखिरी पन्ने का , सुना हैं अंत मे सब ठीक हो जाता हैं..! ©Mahesh Chekhaliya

#GoldenHour #SAD  इंतजार हैं मुझे ज़िंदगी के आखिरी पन्ने का
, सुना हैं अंत मे सब ठीक हो जाता हैं..!

©Mahesh Chekhaliya

#GoldenHour इंतजार हैं मुझे ज़िंदगी के आखिरी पन्ने का, सुना हैं अंत मे सब ठीक हो जाता हैं..!

13 Love

White ग्रीष्म में झुलसी नायिका ढूंढे वर्षा का संग वर्षा में मदहोश, फिर, शरद शिशिर के संग कभी रुचे हेमन्त किन्तु मिलते नहीं हैं कंत कंत बसंत मिलैं तभी हो अहंकार का अंत ©Shiv Narayan Saxena

#GoodMorning  White ग्रीष्म में झुलसी नायिका ढूंढे वर्षा का संग
वर्षा में मदहोश, फिर, शरद शिशिर के संग
कभी रुचे हेमन्त किन्तु मिलते नहीं हैं कंत
कंत बसंत मिलैं तभी हो अहंकार का अंत

©Shiv Narayan Saxena

#GoodMorning अहंकार का अंत.....

15 Love

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