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#भक्ति

हर हर महादेव

171 View

White हर कहानी का भला किरदार हूँ मैं। दर्द का सबसे बड़ा खरीदार हूँ मैं।। पढ़ के रद्दी में ही डाला जाऊंगा मैं। आज की ताजा खबर अखबार हूँ मैं। ©निर्भय चौहान

#शायरी #good_night  White हर कहानी का भला किरदार हूँ मैं।
दर्द का सबसे बड़ा खरीदार हूँ मैं।।

पढ़ के रद्दी में ही डाला जाऊंगा मैं।
आज की ताजा खबर अखबार हूँ मैं।

©निर्भय चौहान

#good_night @Varun A.... @Shiv Narayan Saxena @Madhusudan Shrivastava Vishalkumar "Vishal" करम गोरखपुरिया

22 Love

#भक्ति

हर हर महादेव

144 View

#भक्ति

हर हर महादेव

180 View

White सब ही झूठे हैं। स्त्री पुरुष में तलाश रही है स्त्री, और स्वयं में ढूंढती है पुरुष। पुरुष स्त्री में तलाशता है भोग, और स्वयं में धर्म। धर्म लोगों पे तलाशता है नैतिकता, और स्वयं में प्रेम। प्रेम जगत से करता है आशा स्वीकृति की, और स्वतः स्वीकारता है जात धर्म । जात दुनिया में तलाशती है भाईचारा, भाईचारा ढूंढता है पुरुष। पुरुष फिर स्त्री तलाशता है। स्त्री पुरुष। जन्मजात नंगे लोग उत्साहित है नंगे होने को। हमेशा। नंगे लोग कपड़े पहनते है। जैसे नेता टोपी और प्रेमी चश्मा लगाता है। एक शैतानी खोपड़ी दूसरे की भूखी आंखे पर्दे में है। कोई तो राह है होगी जहां स्त्री अपनी कोमलता को , पुरुष अपनी दृढ़ता को, धर्म एकता को, प्रेम नम्रता और विश्वास को, जाती मानवता को चुन कर भोगे अपना होना। मूल का ही मोल है। बाकी सब ढोंग है। सब झूठ है। ©निर्भय चौहान

#कविता #sad_quotes  White सब ही झूठे हैं।
स्त्री पुरुष में तलाश रही है स्त्री,
और स्वयं में ढूंढती है पुरुष।

पुरुष स्त्री में तलाशता है भोग,
और स्वयं में धर्म।

धर्म लोगों पे तलाशता है नैतिकता,
और स्वयं में प्रेम।

प्रेम जगत से करता है आशा स्वीकृति की,
और स्वतः स्वीकारता है जात धर्म ।

जात दुनिया में तलाशती है भाईचारा,
भाईचारा ढूंढता है पुरुष।

पुरुष फिर स्त्री तलाशता है।
स्त्री पुरुष।
जन्मजात नंगे लोग उत्साहित है नंगे होने को।
हमेशा।
नंगे लोग  कपड़े पहनते है।
जैसे नेता टोपी और प्रेमी चश्मा लगाता है।
एक शैतानी खोपड़ी दूसरे की भूखी आंखे पर्दे में है।
कोई तो राह है होगी जहां स्त्री अपनी कोमलता को ,
पुरुष अपनी दृढ़ता को,
धर्म एकता को,
प्रेम नम्रता और विश्वास को,
जाती मानवता को चुन कर भोगे अपना होना।
मूल का ही मोल है।
बाकी सब ढोंग है।

सब झूठ है।

©निर्भय चौहान

#sad_quotes @Kumar Shaurya @vandan sharma @Madhusudan Shrivastava नीर करम गोरखपुरिया

15 Love

मेरे झुमकों की झमक में गुम हैं , न जाने कितने दर्द मेरे..... मेरी आँखों की चमक , किस्मत के फैसलों पे भारी है... ©Goldi Raunak Yadav

 मेरे झुमकों की झमक में गुम हैं ,
न जाने कितने दर्द मेरे.....
मेरी आँखों की चमक ,
किस्मत के फैसलों पे भारी है...

©Goldi Raunak Yadav

झुमका♥️ प्रशांत की डायरी Irfan Saeed करम गोरखपुरिया विश्वा " nath @Ganesha•~•

13 Love

#भक्ति

हर हर महादेव

171 View

White हर कहानी का भला किरदार हूँ मैं। दर्द का सबसे बड़ा खरीदार हूँ मैं।। पढ़ के रद्दी में ही डाला जाऊंगा मैं। आज की ताजा खबर अखबार हूँ मैं। ©निर्भय चौहान

#शायरी #good_night  White हर कहानी का भला किरदार हूँ मैं।
दर्द का सबसे बड़ा खरीदार हूँ मैं।।

पढ़ के रद्दी में ही डाला जाऊंगा मैं।
आज की ताजा खबर अखबार हूँ मैं।

©निर्भय चौहान

#good_night @Varun A.... @Shiv Narayan Saxena @Madhusudan Shrivastava Vishalkumar "Vishal" करम गोरखपुरिया

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#भक्ति

हर हर महादेव

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#भक्ति

हर हर महादेव

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White सब ही झूठे हैं। स्त्री पुरुष में तलाश रही है स्त्री, और स्वयं में ढूंढती है पुरुष। पुरुष स्त्री में तलाशता है भोग, और स्वयं में धर्म। धर्म लोगों पे तलाशता है नैतिकता, और स्वयं में प्रेम। प्रेम जगत से करता है आशा स्वीकृति की, और स्वतः स्वीकारता है जात धर्म । जात दुनिया में तलाशती है भाईचारा, भाईचारा ढूंढता है पुरुष। पुरुष फिर स्त्री तलाशता है। स्त्री पुरुष। जन्मजात नंगे लोग उत्साहित है नंगे होने को। हमेशा। नंगे लोग कपड़े पहनते है। जैसे नेता टोपी और प्रेमी चश्मा लगाता है। एक शैतानी खोपड़ी दूसरे की भूखी आंखे पर्दे में है। कोई तो राह है होगी जहां स्त्री अपनी कोमलता को , पुरुष अपनी दृढ़ता को, धर्म एकता को, प्रेम नम्रता और विश्वास को, जाती मानवता को चुन कर भोगे अपना होना। मूल का ही मोल है। बाकी सब ढोंग है। सब झूठ है। ©निर्भय चौहान

#कविता #sad_quotes  White सब ही झूठे हैं।
स्त्री पुरुष में तलाश रही है स्त्री,
और स्वयं में ढूंढती है पुरुष।

पुरुष स्त्री में तलाशता है भोग,
और स्वयं में धर्म।

धर्म लोगों पे तलाशता है नैतिकता,
और स्वयं में प्रेम।

प्रेम जगत से करता है आशा स्वीकृति की,
और स्वतः स्वीकारता है जात धर्म ।

जात दुनिया में तलाशती है भाईचारा,
भाईचारा ढूंढता है पुरुष।

पुरुष फिर स्त्री तलाशता है।
स्त्री पुरुष।
जन्मजात नंगे लोग उत्साहित है नंगे होने को।
हमेशा।
नंगे लोग  कपड़े पहनते है।
जैसे नेता टोपी और प्रेमी चश्मा लगाता है।
एक शैतानी खोपड़ी दूसरे की भूखी आंखे पर्दे में है।
कोई तो राह है होगी जहां स्त्री अपनी कोमलता को ,
पुरुष अपनी दृढ़ता को,
धर्म एकता को,
प्रेम नम्रता और विश्वास को,
जाती मानवता को चुन कर भोगे अपना होना।
मूल का ही मोल है।
बाकी सब ढोंग है।

सब झूठ है।

©निर्भय चौहान

#sad_quotes @Kumar Shaurya @vandan sharma @Madhusudan Shrivastava नीर करम गोरखपुरिया

15 Love

मेरे झुमकों की झमक में गुम हैं , न जाने कितने दर्द मेरे..... मेरी आँखों की चमक , किस्मत के फैसलों पे भारी है... ©Goldi Raunak Yadav

 मेरे झुमकों की झमक में गुम हैं ,
न जाने कितने दर्द मेरे.....
मेरी आँखों की चमक ,
किस्मत के फैसलों पे भारी है...

©Goldi Raunak Yadav

झुमका♥️ प्रशांत की डायरी Irfan Saeed करम गोरखपुरिया विश्वा " nath @Ganesha•~•

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