tags

New hindi poem on nature for class 8 Status, Photo, Video

Find the latest Status about hindi poem on nature for class 8 from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about hindi poem on nature for class 8.

  • Latest
  • Popular
  • Video

Unsplash Good Nature ©Murali

#snow  Unsplash Good Nature

©Murali

#snow Nature quote on love

14 Love

White इनसे ही होता यहाँ,सदा सुखी संसार। शस्य-श्यामला हो धरा,हरियाली विस्तार।।६ पृथ्वी अग्नि व्योम मृदा,करे सृष्टि निर्माण। तत्व एक भी लुप्त यदि,हो विध्वंश प्रमाण।।७ नाशे सभी यदि वृक्ष तो,हो जाएगा अंत। बरसेगी तब ये धरा,खोले तीखे दंत।।८ प्राणवायु भी लुप्त क्यों,सोचेंगे सब लोग। समझ नहीं पाए कभी,कैसा है ये रोग।९ हवा पानी मिट्टी अरु,करते गंदा लोग। शोर ज़ोरों से कर वो ,बढ़ा रहे हैं रोग।।१० ©Bharat Bhushan pathak

#Nature  White इनसे ही होता यहाँ,सदा सुखी संसार।
शस्य-श्यामला हो धरा,हरियाली विस्तार।।६

पृथ्वी अग्नि व्योम मृदा,करे सृष्टि निर्माण।
तत्व एक भी लुप्त यदि,हो विध्वंश प्रमाण।।७

नाशे सभी यदि वृक्ष तो,हो जाएगा अंत।
 बरसेगी तब ये धरा,खोले तीखे दंत।।८

प्राणवायु भी लुप्त क्यों,सोचेंगे सब लोग।
समझ नहीं पाए कभी,कैसा है ये रोग।९

हवा पानी मिट्टी अरु,करते गंदा लोग।
शोर ज़ोरों से कर वो ,बढ़ा रहे हैं रोग।।१०

©Bharat Bhushan pathak

#Nature poetry quotes poetry poetry in hindi love poetry for her poetry on love

13 Love

लगाते तुम, बहुत हो पेड़ स्टेटस में,दिखाने को। हमारे ये,धरोहर हैं,कहा था क्या ,सिखाने को।। सदा देखा,यहाँ करता,कटे जाते यहाँ पे पेड़। करो तुम बन्द जी पहले,इसे ना अब,कभी तू छेड़।। प्रकृति के ओ!सुनो पूजक,बचा लो पेड़ जो कटते। बचाओ तुम,सुनो उनको,यहाँ से जो,अजी छँटते।। ©Bharat Bhushan pathak

#Nature  लगाते तुम, बहुत हो पेड़ स्टेटस में,दिखाने को।
हमारे ये,धरोहर हैं,कहा था क्या ,सिखाने को।।
सदा देखा,यहाँ करता,कटे जाते यहाँ पे पेड़।
करो तुम बन्द जी पहले,इसे ना अब,कभी तू छेड़।।
प्रकृति के ओ!सुनो पूजक,बचा लो पेड़ जो कटते।
बचाओ तुम,सुनो उनको,यहाँ से जो,अजी छँटते।।

©Bharat Bhushan pathak

#Nature poetry lovers poetry on love hindi poetry on life poetry poetry in hindi

12 Love

hindi poetry on life poetry in hindi poetry for kids poetry hindi poetry

162 View

जलाओ दिल ,न मेरा तुम,मुहब्बत आग ना डालो। महंगा शौक ये यारों,इसे ना तुम ,कभी पालो।। नहीं जी प्रेम करना तुम,बड़ा बेकार ये होता। रात की नींद जाती है,दिलों का चैन है खोता।। नहीं सपने,सजाना तुम,किसी की आँख में यारों। बड़ा ही दर्द होता है,कभी ना दिल,कहीं हारो।। यहाँ चाहो,किसी को ना,किसी की बात ना करना। कभी तुम सोचना भी ना,अजी इस आश को मारो।। ©Bharat Bhushan pathak

#poem  जलाओ दिल ,न मेरा तुम,मुहब्बत आग ना डालो।

महंगा शौक ये यारों,इसे ना तुम ,कभी पालो।।
 
नहीं जी प्रेम करना तुम,बड़ा बेकार ये होता।

रात की नींद जाती है,दिलों का चैन है खोता।।

नहीं सपने,सजाना तुम,किसी की आँख में यारों।

बड़ा ही दर्द होता है,कभी ना दिल,कहीं हारो।।

यहाँ चाहो,किसी को ना,किसी की बात ना करना।
 
कभी तुम सोचना भी ना,अजी इस आश को मारो।।

©Bharat Bhushan pathak

#poem love poetry for her hindi poetry poetry quotes poetry in hindi

17 Love

पूरी दुनियां मेरी बदलने वाली है कुछ दिनों में सब नया सा होने वाला है। अपना घर होते हुए भी मेहमान बनकर आना पड़ेगा दूसरे के घर उसकी सजनी बनकर वो घर भी संभालना पड़ेगा। अपने मम्मी पापा भाई बहन को दूर छोड़ कर मुझे अब कुछ दिनों में जाना पड़ेगा चंद दिनों में मुझे सब कुछ अपना पुराना छोड़ कर कुछ लम्हे एक सूटकेस में संजोकर साथ लेजाना पड़ेगा। अभी तो बड़ी हुई थी मैं जो शादी के बंधन में बांध दिया कुछ पल अपने पापा मम्मी के संग बिताना है मुझे यह सोच सोच कर शादी का दिन आगया। बड़े होते ही हम बेटियों को छोड़ कर अपना घर परिवार सब जाना पड़ता है, कुछ दिन परिवार के साथ बैठने का बहाना फिर ढूंढना पड़ता है। कैसे इतनी जल्दी मैं बड़ी हो गई पता ही नहीं चला। कल तक जो पढ़ रही थी मैं आज लाल जोड़ें में मुझे दुल्हन बना दिया बेटी से बहु बनने जा रही हूं सौ घबराहट के सवालों को मन्न में ला रही हूं। काश कुछ दिन और मिल जाते इतनी जल्दी हम काश नहीं बड़े हो जाते कल तक पापा के साथ खिलौने लाया करती थी जो, मम्मी से अपनी चोटी बनवाया करती थी जो, बहन के कपड़े पहन कर अपने आप को बड़ा बोलती थी, भाई के साथ लड़ाई कर पापा से उसकी दात लगवाया करती थी। ना जाने कब आगया वो दिन जो डोली उठने का समय आगया है यह नन्हीं सी गुड़िया इस आंगन की अब लाल जोड़ें में दुल्हनियां बनकर अब उसका दुल्हा लेने उसे आ रहा है।। अब उसका दुल्हा लेने उसे आ रहा हैं।। -ईशिता वर्मा @poetrysoul_999 ©Ishita Verma

 पूरी दुनियां मेरी बदलने वाली है 
कुछ दिनों में सब नया सा होने वाला है।
अपना घर होते हुए भी मेहमान बनकर आना पड़ेगा 
दूसरे के घर उसकी सजनी बनकर वो घर भी संभालना पड़ेगा। 
अपने मम्मी पापा भाई बहन को दूर छोड़ 
कर मुझे अब कुछ दिनों में जाना पड़ेगा
चंद दिनों में मुझे सब कुछ अपना  पुराना छोड़ कर 
कुछ लम्हे एक सूटकेस में संजोकर साथ लेजाना पड़ेगा।

अभी तो बड़ी हुई थी मैं जो शादी के बंधन में बांध दिया
कुछ पल अपने पापा मम्मी के संग बिताना है मुझे
यह सोच सोच कर शादी का दिन आगया। 
बड़े होते ही हम बेटियों को छोड़ कर अपना
 घर परिवार सब जाना पड़ता है,
 कुछ दिन परिवार के साथ बैठने 
का बहाना फिर ढूंढना पड़ता है।

कैसे इतनी जल्दी मैं बड़ी हो गई पता ही नहीं चला। 
कल तक जो पढ़ रही थी मैं आज 
लाल जोड़ें में मुझे दुल्हन बना दिया
 बेटी से बहु बनने जा रही हूं सौ 
घबराहट के सवालों को मन्न में ला रही हूं।

काश कुछ दिन और मिल जाते
इतनी जल्दी हम काश नहीं बड़े हो जाते
कल तक पापा के साथ खिलौने लाया करती थी जो,
मम्मी से अपनी चोटी बनवाया करती थी जो, 
बहन के कपड़े पहन कर अपने आप को बड़ा बोलती थी, 
भाई के साथ लड़ाई कर पापा से उसकी दात लगवाया करती थी।

ना जाने कब आगया वो दिन जो डोली उठने का समय आगया है
यह नन्हीं सी गुड़िया इस आंगन की अब लाल जोड़ें में
 दुल्हनियां बनकर अब उसका दुल्हा लेने उसे आ रहा है।।
अब उसका दुल्हा लेने उसे आ रहा हैं।।

-ईशिता वर्मा 
@poetrysoul_999

©Ishita Verma

hindi poetry on life love poetry for her

12 Love

Unsplash Good Nature ©Murali

#snow  Unsplash Good Nature

©Murali

#snow Nature quote on love

14 Love

White इनसे ही होता यहाँ,सदा सुखी संसार। शस्य-श्यामला हो धरा,हरियाली विस्तार।।६ पृथ्वी अग्नि व्योम मृदा,करे सृष्टि निर्माण। तत्व एक भी लुप्त यदि,हो विध्वंश प्रमाण।।७ नाशे सभी यदि वृक्ष तो,हो जाएगा अंत। बरसेगी तब ये धरा,खोले तीखे दंत।।८ प्राणवायु भी लुप्त क्यों,सोचेंगे सब लोग। समझ नहीं पाए कभी,कैसा है ये रोग।९ हवा पानी मिट्टी अरु,करते गंदा लोग। शोर ज़ोरों से कर वो ,बढ़ा रहे हैं रोग।।१० ©Bharat Bhushan pathak

#Nature  White इनसे ही होता यहाँ,सदा सुखी संसार।
शस्य-श्यामला हो धरा,हरियाली विस्तार।।६

पृथ्वी अग्नि व्योम मृदा,करे सृष्टि निर्माण।
तत्व एक भी लुप्त यदि,हो विध्वंश प्रमाण।।७

नाशे सभी यदि वृक्ष तो,हो जाएगा अंत।
 बरसेगी तब ये धरा,खोले तीखे दंत।।८

प्राणवायु भी लुप्त क्यों,सोचेंगे सब लोग।
समझ नहीं पाए कभी,कैसा है ये रोग।९

हवा पानी मिट्टी अरु,करते गंदा लोग।
शोर ज़ोरों से कर वो ,बढ़ा रहे हैं रोग।।१०

©Bharat Bhushan pathak

#Nature poetry quotes poetry poetry in hindi love poetry for her poetry on love

13 Love

लगाते तुम, बहुत हो पेड़ स्टेटस में,दिखाने को। हमारे ये,धरोहर हैं,कहा था क्या ,सिखाने को।। सदा देखा,यहाँ करता,कटे जाते यहाँ पे पेड़। करो तुम बन्द जी पहले,इसे ना अब,कभी तू छेड़।। प्रकृति के ओ!सुनो पूजक,बचा लो पेड़ जो कटते। बचाओ तुम,सुनो उनको,यहाँ से जो,अजी छँटते।। ©Bharat Bhushan pathak

#Nature  लगाते तुम, बहुत हो पेड़ स्टेटस में,दिखाने को।
हमारे ये,धरोहर हैं,कहा था क्या ,सिखाने को।।
सदा देखा,यहाँ करता,कटे जाते यहाँ पे पेड़।
करो तुम बन्द जी पहले,इसे ना अब,कभी तू छेड़।।
प्रकृति के ओ!सुनो पूजक,बचा लो पेड़ जो कटते।
बचाओ तुम,सुनो उनको,यहाँ से जो,अजी छँटते।।

©Bharat Bhushan pathak

#Nature poetry lovers poetry on love hindi poetry on life poetry poetry in hindi

12 Love

hindi poetry on life poetry in hindi poetry for kids poetry hindi poetry

162 View

जलाओ दिल ,न मेरा तुम,मुहब्बत आग ना डालो। महंगा शौक ये यारों,इसे ना तुम ,कभी पालो।। नहीं जी प्रेम करना तुम,बड़ा बेकार ये होता। रात की नींद जाती है,दिलों का चैन है खोता।। नहीं सपने,सजाना तुम,किसी की आँख में यारों। बड़ा ही दर्द होता है,कभी ना दिल,कहीं हारो।। यहाँ चाहो,किसी को ना,किसी की बात ना करना। कभी तुम सोचना भी ना,अजी इस आश को मारो।। ©Bharat Bhushan pathak

#poem  जलाओ दिल ,न मेरा तुम,मुहब्बत आग ना डालो।

महंगा शौक ये यारों,इसे ना तुम ,कभी पालो।।
 
नहीं जी प्रेम करना तुम,बड़ा बेकार ये होता।

रात की नींद जाती है,दिलों का चैन है खोता।।

नहीं सपने,सजाना तुम,किसी की आँख में यारों।

बड़ा ही दर्द होता है,कभी ना दिल,कहीं हारो।।

यहाँ चाहो,किसी को ना,किसी की बात ना करना।
 
कभी तुम सोचना भी ना,अजी इस आश को मारो।।

©Bharat Bhushan pathak

#poem love poetry for her hindi poetry poetry quotes poetry in hindi

17 Love

पूरी दुनियां मेरी बदलने वाली है कुछ दिनों में सब नया सा होने वाला है। अपना घर होते हुए भी मेहमान बनकर आना पड़ेगा दूसरे के घर उसकी सजनी बनकर वो घर भी संभालना पड़ेगा। अपने मम्मी पापा भाई बहन को दूर छोड़ कर मुझे अब कुछ दिनों में जाना पड़ेगा चंद दिनों में मुझे सब कुछ अपना पुराना छोड़ कर कुछ लम्हे एक सूटकेस में संजोकर साथ लेजाना पड़ेगा। अभी तो बड़ी हुई थी मैं जो शादी के बंधन में बांध दिया कुछ पल अपने पापा मम्मी के संग बिताना है मुझे यह सोच सोच कर शादी का दिन आगया। बड़े होते ही हम बेटियों को छोड़ कर अपना घर परिवार सब जाना पड़ता है, कुछ दिन परिवार के साथ बैठने का बहाना फिर ढूंढना पड़ता है। कैसे इतनी जल्दी मैं बड़ी हो गई पता ही नहीं चला। कल तक जो पढ़ रही थी मैं आज लाल जोड़ें में मुझे दुल्हन बना दिया बेटी से बहु बनने जा रही हूं सौ घबराहट के सवालों को मन्न में ला रही हूं। काश कुछ दिन और मिल जाते इतनी जल्दी हम काश नहीं बड़े हो जाते कल तक पापा के साथ खिलौने लाया करती थी जो, मम्मी से अपनी चोटी बनवाया करती थी जो, बहन के कपड़े पहन कर अपने आप को बड़ा बोलती थी, भाई के साथ लड़ाई कर पापा से उसकी दात लगवाया करती थी। ना जाने कब आगया वो दिन जो डोली उठने का समय आगया है यह नन्हीं सी गुड़िया इस आंगन की अब लाल जोड़ें में दुल्हनियां बनकर अब उसका दुल्हा लेने उसे आ रहा है।। अब उसका दुल्हा लेने उसे आ रहा हैं।। -ईशिता वर्मा @poetrysoul_999 ©Ishita Verma

 पूरी दुनियां मेरी बदलने वाली है 
कुछ दिनों में सब नया सा होने वाला है।
अपना घर होते हुए भी मेहमान बनकर आना पड़ेगा 
दूसरे के घर उसकी सजनी बनकर वो घर भी संभालना पड़ेगा। 
अपने मम्मी पापा भाई बहन को दूर छोड़ 
कर मुझे अब कुछ दिनों में जाना पड़ेगा
चंद दिनों में मुझे सब कुछ अपना  पुराना छोड़ कर 
कुछ लम्हे एक सूटकेस में संजोकर साथ लेजाना पड़ेगा।

अभी तो बड़ी हुई थी मैं जो शादी के बंधन में बांध दिया
कुछ पल अपने पापा मम्मी के संग बिताना है मुझे
यह सोच सोच कर शादी का दिन आगया। 
बड़े होते ही हम बेटियों को छोड़ कर अपना
 घर परिवार सब जाना पड़ता है,
 कुछ दिन परिवार के साथ बैठने 
का बहाना फिर ढूंढना पड़ता है।

कैसे इतनी जल्दी मैं बड़ी हो गई पता ही नहीं चला। 
कल तक जो पढ़ रही थी मैं आज 
लाल जोड़ें में मुझे दुल्हन बना दिया
 बेटी से बहु बनने जा रही हूं सौ 
घबराहट के सवालों को मन्न में ला रही हूं।

काश कुछ दिन और मिल जाते
इतनी जल्दी हम काश नहीं बड़े हो जाते
कल तक पापा के साथ खिलौने लाया करती थी जो,
मम्मी से अपनी चोटी बनवाया करती थी जो, 
बहन के कपड़े पहन कर अपने आप को बड़ा बोलती थी, 
भाई के साथ लड़ाई कर पापा से उसकी दात लगवाया करती थी।

ना जाने कब आगया वो दिन जो डोली उठने का समय आगया है
यह नन्हीं सी गुड़िया इस आंगन की अब लाल जोड़ें में
 दुल्हनियां बनकर अब उसका दुल्हा लेने उसे आ रहा है।।
अब उसका दुल्हा लेने उसे आ रहा हैं।।

-ईशिता वर्मा 
@poetrysoul_999

©Ishita Verma

hindi poetry on life love poetry for her

12 Love

Trending Topic