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New बलूचिस्तान कब आजाद होगा Status, Photo, Video

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Unsplash आजाद ग़ज़ल --------------- जाने कब तिजोरी से माल निकाल लेता है ये आदमी बाल की खाल निकाल लेता है यहाँ तो कटता नहीं लम्हा उसके बिना वो मजे से साल दर साल निकाल लेता है हैरान हूँ उससे बहस कर करके मैं वो मिरे हर जबाब से सवाल निकाल लेता है ख़ामोश रहे आना तुम्हारा ये और बात है वो माहिर सब हाल चाल निकाल लेता है मिरे ताकत-ए-तसव्वुर को नज़र अंदाज न कर ये तिरे भीतर के भी ख़याल निकाल लेता है मैं मजबूर हूँ उसे सुनकर हँस देने को वो बात बात पे जुमले कमाल निकाल लेता है वो सौदागिरी में बड़ा कमजोर नज़र आया मैं दाल मांगता हूँ वो गुलाल निकाल लेता है ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#शायरी #आजाद  Unsplash आजाद ग़ज़ल 
---------------

जाने कब तिजोरी से माल निकाल लेता है 
ये आदमी बाल की खाल निकाल लेता है 

यहाँ तो कटता नहीं लम्हा उसके बिना 
वो मजे से साल दर साल निकाल लेता है 

हैरान हूँ उससे बहस कर करके मैं वो 
मिरे हर जबाब से सवाल निकाल लेता है

ख़ामोश रहे आना तुम्हारा ये और बात है 
वो माहिर सब हाल चाल निकाल लेता है 

मिरे ताकत-ए-तसव्वुर को नज़र अंदाज न कर ये 
तिरे भीतर के भी ख़याल निकाल लेता है 

मैं मजबूर हूँ उसे सुनकर हँस देने को वो 
बात बात पे जुमले कमाल निकाल लेता है

वो सौदागिरी में बड़ा कमजोर नज़र आया मैं 
दाल मांगता हूँ वो गुलाल निकाल लेता है

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#आजाद ग़ज़ल

16 Love

कहीं नज़र में आये तो अच्छा घर खानदान बताना बेटी की ज़िंदगी का सवाल है नेक इंसान बताना वज़ह सबूत ही सही कुछ ज़ख्म छुपा रख्खे हैं वो क़ातिल लौट आये तो मेरे निशान बताना कब तक घुमड़ते उमड़ते ही रहोगे तुम बादलों बरस के अपनी पहचान बताना.. मैं कह दूंगा तुम्हें तुम्हारी ख़ुशी के लिए जमीं तुम भी मुझे शौहरतों का आसमान बताना यूँ तो शहर के नामी रईसों में शुमार है वो पर कहता है मेरा तारुफ़ केवल किसान बताना तू किस प्रान्त से है मुझे फर्क नहीं पड़ता मगर कोई गैर पूछे तो पता हिन्दोस्तान बताना ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#शायरी #आजाद  कहीं नज़र में आये तो अच्छा घर खानदान बताना 
बेटी की ज़िंदगी का सवाल है नेक इंसान बताना 

वज़ह सबूत ही सही कुछ ज़ख्म छुपा रख्खे हैं 
वो क़ातिल लौट आये तो मेरे निशान बताना 

कब तक घुमड़ते उमड़ते ही रहोगे तुम 
बादलों बरस के अपनी पहचान बताना..

मैं कह दूंगा तुम्हें तुम्हारी ख़ुशी के लिए जमीं 
तुम भी मुझे शौहरतों का आसमान बताना 

यूँ तो शहर के नामी रईसों में शुमार है वो 
पर कहता है मेरा तारुफ़ केवल किसान बताना 

तू किस प्रान्त से है मुझे फर्क नहीं पड़ता मगर 
कोई गैर पूछे तो पता हिन्दोस्तान बताना

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#आजाद ग़ज़ल

17 Love

#विचार  कभी-कभी जीने दो इन्हें,
इनकी उड़ान अभी बाकी है।
मेरे बच्चे भी आसमां छुए,
ये उम्मीद हर मां की है।

©आधुनिक कवयित्री

आजाद परिंदे.........।

63 View

White पल्लव की डायरी कब छटेगे दुविधाओं के बादल साफ कभी अरमानो का आसमान होगा खता हमने कुछ की नही फिर कहर कियो हम सत्ता का झेल रहे है कण कण में भगवान रहते फिर सर्वे कर गुमराह कियो है सियासी दाँव मजहब बन गया इंसानियत का आसमान कब तक साफ होगा प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #sad_quotes  White पल्लव की डायरी
कब छटेगे दुविधाओं के बादल
साफ कभी अरमानो का आसमान होगा
खता हमने कुछ की नही
फिर कहर कियो हम सत्ता का झेल रहे है
कण कण में भगवान रहते
फिर सर्वे कर गुमराह कियो है
सियासी दाँव मजहब बन गया
इंसानियत का आसमान कब तक साफ होगा
                                           प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#sad_quotes इंसानियत का आसमान कब तक साफ होगा

29 Love

White "जिंदगी संघर्ष है रास्ते टेढ़े मेढ़े ऊंचें नीचें सफ़र में आएंगे ही मगर घबराना क्या ठोकर मारकर चुनौतियों को मंजिल पर पहुंचना ही तो मनुष्य की महानता है।" "चाहे रैंगकर चले मगर अपने बल पर चले इसी का नाम आजाद हिम्मत है।" ©Azaad Pooran Singh Rajawat

#शायरी #आजाद #sad_quotes  White "जिंदगी संघर्ष है 
रास्ते टेढ़े मेढ़े ऊंचें नीचें 
सफ़र में आएंगे ही
मगर घबराना क्या 
ठोकर मारकर चुनौतियों को 
मंजिल पर पहुंचना ही तो 
मनुष्य की महानता है।"

"चाहे रैंगकर चले मगर अपने बल पर चले 
 इसी का नाम आजाद हिम्मत है।"

©Azaad Pooran Singh Rajawat

#sad_quotes #आजाद हिम्मत#

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Unsplash आजाद ग़ज़ल --------------- जाने कब तिजोरी से माल निकाल लेता है ये आदमी बाल की खाल निकाल लेता है यहाँ तो कटता नहीं लम्हा उसके बिना वो मजे से साल दर साल निकाल लेता है हैरान हूँ उससे बहस कर करके मैं वो मिरे हर जबाब से सवाल निकाल लेता है ख़ामोश रहे आना तुम्हारा ये और बात है वो माहिर सब हाल चाल निकाल लेता है मिरे ताकत-ए-तसव्वुर को नज़र अंदाज न कर ये तिरे भीतर के भी ख़याल निकाल लेता है मैं मजबूर हूँ उसे सुनकर हँस देने को वो बात बात पे जुमले कमाल निकाल लेता है वो सौदागिरी में बड़ा कमजोर नज़र आया मैं दाल मांगता हूँ वो गुलाल निकाल लेता है ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#शायरी #आजाद  Unsplash आजाद ग़ज़ल 
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जाने कब तिजोरी से माल निकाल लेता है 
ये आदमी बाल की खाल निकाल लेता है 

यहाँ तो कटता नहीं लम्हा उसके बिना 
वो मजे से साल दर साल निकाल लेता है 

हैरान हूँ उससे बहस कर करके मैं वो 
मिरे हर जबाब से सवाल निकाल लेता है

ख़ामोश रहे आना तुम्हारा ये और बात है 
वो माहिर सब हाल चाल निकाल लेता है 

मिरे ताकत-ए-तसव्वुर को नज़र अंदाज न कर ये 
तिरे भीतर के भी ख़याल निकाल लेता है 

मैं मजबूर हूँ उसे सुनकर हँस देने को वो 
बात बात पे जुमले कमाल निकाल लेता है

वो सौदागिरी में बड़ा कमजोर नज़र आया मैं 
दाल मांगता हूँ वो गुलाल निकाल लेता है

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#आजाद ग़ज़ल

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कहीं नज़र में आये तो अच्छा घर खानदान बताना बेटी की ज़िंदगी का सवाल है नेक इंसान बताना वज़ह सबूत ही सही कुछ ज़ख्म छुपा रख्खे हैं वो क़ातिल लौट आये तो मेरे निशान बताना कब तक घुमड़ते उमड़ते ही रहोगे तुम बादलों बरस के अपनी पहचान बताना.. मैं कह दूंगा तुम्हें तुम्हारी ख़ुशी के लिए जमीं तुम भी मुझे शौहरतों का आसमान बताना यूँ तो शहर के नामी रईसों में शुमार है वो पर कहता है मेरा तारुफ़ केवल किसान बताना तू किस प्रान्त से है मुझे फर्क नहीं पड़ता मगर कोई गैर पूछे तो पता हिन्दोस्तान बताना ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#शायरी #आजाद  कहीं नज़र में आये तो अच्छा घर खानदान बताना 
बेटी की ज़िंदगी का सवाल है नेक इंसान बताना 

वज़ह सबूत ही सही कुछ ज़ख्म छुपा रख्खे हैं 
वो क़ातिल लौट आये तो मेरे निशान बताना 

कब तक घुमड़ते उमड़ते ही रहोगे तुम 
बादलों बरस के अपनी पहचान बताना..

मैं कह दूंगा तुम्हें तुम्हारी ख़ुशी के लिए जमीं 
तुम भी मुझे शौहरतों का आसमान बताना 

यूँ तो शहर के नामी रईसों में शुमार है वो 
पर कहता है मेरा तारुफ़ केवल किसान बताना 

तू किस प्रान्त से है मुझे फर्क नहीं पड़ता मगर 
कोई गैर पूछे तो पता हिन्दोस्तान बताना

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#आजाद ग़ज़ल

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#विचार  कभी-कभी जीने दो इन्हें,
इनकी उड़ान अभी बाकी है।
मेरे बच्चे भी आसमां छुए,
ये उम्मीद हर मां की है।

©आधुनिक कवयित्री

आजाद परिंदे.........।

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White पल्लव की डायरी कब छटेगे दुविधाओं के बादल साफ कभी अरमानो का आसमान होगा खता हमने कुछ की नही फिर कहर कियो हम सत्ता का झेल रहे है कण कण में भगवान रहते फिर सर्वे कर गुमराह कियो है सियासी दाँव मजहब बन गया इंसानियत का आसमान कब तक साफ होगा प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #sad_quotes  White पल्लव की डायरी
कब छटेगे दुविधाओं के बादल
साफ कभी अरमानो का आसमान होगा
खता हमने कुछ की नही
फिर कहर कियो हम सत्ता का झेल रहे है
कण कण में भगवान रहते
फिर सर्वे कर गुमराह कियो है
सियासी दाँव मजहब बन गया
इंसानियत का आसमान कब तक साफ होगा
                                           प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#sad_quotes इंसानियत का आसमान कब तक साफ होगा

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White "जिंदगी संघर्ष है रास्ते टेढ़े मेढ़े ऊंचें नीचें सफ़र में आएंगे ही मगर घबराना क्या ठोकर मारकर चुनौतियों को मंजिल पर पहुंचना ही तो मनुष्य की महानता है।" "चाहे रैंगकर चले मगर अपने बल पर चले इसी का नाम आजाद हिम्मत है।" ©Azaad Pooran Singh Rajawat

#शायरी #आजाद #sad_quotes  White "जिंदगी संघर्ष है 
रास्ते टेढ़े मेढ़े ऊंचें नीचें 
सफ़र में आएंगे ही
मगर घबराना क्या 
ठोकर मारकर चुनौतियों को 
मंजिल पर पहुंचना ही तो 
मनुष्य की महानता है।"

"चाहे रैंगकर चले मगर अपने बल पर चले 
 इसी का नाम आजाद हिम्मत है।"

©Azaad Pooran Singh Rajawat

#sad_quotes #आजाद हिम्मत#

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