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यह न पूछो कि मैं कैसे जिया करता हूं अपने जख्मों को मैं कैसे सिया करता हूं असहनीय दर्द को मिटाने के लिए तेरी आंखों का जाम पिया करता हूं ©Rajesh Kumar

#शायरी  यह न पूछो कि मैं कैसे जिया करता हूं
अपने जख्मों को मैं कैसे सिया करता हूं
असहनीय दर्द को मिटाने के लिए
तेरी आंखों का जाम पिया करता हूं

©Rajesh Kumar

तेरी आंखों का नशा

8 Love

White अजी देखिये क्या गज़ब ढ़ा रहा है कहां से कहां आदमी जा रहा है...! न आगे की सुध न पीछे ख़बर है नशा शौहरतों का गज़ब छा रहा है उठाता है जोखिम न डरता ख़ुदा से जहन्नुम के रस्ते चला आ रहा है नहीं पूछता अब कोई भी किसी से कहाँ से वो कैसे कमा ला रहा है.. घरों में ठहरते नहीं पाँव पल भर न जाने कहाँ को ठिकाना रहा है..! कमाने को घर से निकलते सभी हैं मगर कोई कोई बचा पा रहा है..! लहू पे लहू दौड़ता अब नहीं है लहू ही लहू से लुटा जा रहा है..! दिखावों की दुनिया बड़ी रास आये दिखावों में ख़ुद ही मिटा जा रहा है..! ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#शायरी #नशा  White अजी देखिये क्या गज़ब ढ़ा रहा है
कहां से कहां आदमी जा रहा है...!

न आगे की सुध न पीछे ख़बर है
नशा शौहरतों का गज़ब छा रहा है 

उठाता है जोखिम न डरता ख़ुदा से 
जहन्नुम के रस्ते चला आ रहा है 

नहीं पूछता अब कोई भी किसी से 
कहाँ से वो कैसे कमा ला रहा है..

घरों में ठहरते नहीं पाँव पल भर 
न जाने कहाँ को ठिकाना रहा है..!

कमाने को घर से निकलते सभी हैं 
मगर कोई कोई बचा पा रहा है..!

लहू पे लहू दौड़ता अब नहीं है
लहू ही लहू से लुटा जा रहा है..!

दिखावों की दुनिया बड़ी रास आये
दिखावों में ख़ुद ही मिटा जा रहा है..!

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#नशा

20 Love

White घृणा करो या प्यार जगत से, बोझे बढ़ते जाते हैं। थोड़े में सन्तोष नहीं है, लालच बढ़ते जाते हैं।। दुनिया प्रभु की प्रभु दुनिया के, कैसे अद्भुत नाते हैं। भजन करो या बैर प्रभू से दोनों मुक्ति दाते हैं।। ©Shiv Narayan Saxena

#Ganesh_chaturthi  White घृणा करो या प्यार जगत से,
               बोझे  बढ़ते  जाते  हैं। 
थोड़े में सन्तोष नहीं है, 
               लालच बढ़ते जाते हैं।। 
दुनिया प्रभु की प्रभु दुनिया के, 
               कैसे  अद्भुत  नाते  हैं।
भजन करो या बैर प्रभू से
               दोनों  मुक्ति   दाते  हैं।।

©Shiv Narayan Saxena

#Ganesh_chaturthi दोनों मुक्ति दाते हैं. poetry in hindi

15 Love

#भक्ति #शक्ति #प्रेम #मुक्ति

135 View

आजकल का बेटा नशे का आदी, ऐसे में बच्चों की कैसे होगी शादी। नशा है घर की बर्बादी, शादी नहीं तो कैसे बढ़ेगी आबादी। ले बैठा आदमी को चिट्टा, घर-परिवार को रहती हरदम चिंता। कैसे आगे वंश बढ़ पाएगा, उम्र से पहले ही मौत को गले लगाएगा। मातम फिर घर में पसर जाएगा, पिता कैसे अकाल मृत्यु को भूल पाएगा। आजकल की युवा पीढ़ी, जिसने पकड़ ली है गलत सीढ़ी। मरने के लिए है उतारू, पीते हैं चाहे ढोला हो या मारू। गलियों की खाक छानते फिरते, लाज-शर्म से वे नहीं डरते। रिश्ते-नाते सब भूल जाता है, गलत कृत्य करने से भी डरता है। स्मैक हो या अम्ल, अभी शुरू कर दो उस पर अमल। वरना असमय मृत्यु के मुंह में चले जाओगे, हीरा-सा जीवन गंवाओगे । इसलिए चौहान सर करते हैं सबसे अनुरोध, इस्तेमाल करो अपना बोध। नशा दूर भगाना है, जीवन को बचाना है। खुशियां लेकर आना है, अपना जीवन सफल बनाना है। मानव जीवन दुबारा न पाओगे, वादा करें अपने माता-पिता का दिल नहीं दिखाओगे। ©Shishpal Chauhan

#कविता  आजकल का बेटा नशे का आदी,
ऐसे में बच्चों की कैसे  होगी शादी।
नशा है घर की बर्बादी, शादी नहीं तो कैसे बढ़ेगी आबादी।
ले बैठा आदमी को चिट्टा, घर-परिवार को रहती हरदम चिंता।
कैसे आगे वंश बढ़ पाएगा,
उम्र से पहले ही मौत को गले लगाएगा।
मातम फिर घर में पसर जाएगा,
पिता कैसे अकाल मृत्यु को भूल पाएगा।
आजकल की युवा पीढ़ी, जिसने पकड़ ली है गलत सीढ़ी।
मरने के लिए है उतारू, पीते हैं चाहे ढोला हो या मारू।
गलियों की खाक छानते फिरते, लाज-शर्म से वे नहीं डरते।
रिश्ते-नाते सब भूल जाता है, 
गलत कृत्य करने से भी डरता है।
स्मैक हो या अम्ल, अभी शुरू कर दो उस पर अमल।
वरना असमय मृत्यु के मुंह में चले जाओगे,
हीरा-सा जीवन गंवाओगे ।
इसलिए चौहान सर करते हैं सबसे  अनुरोध,
इस्तेमाल करो अपना बोध।
नशा दूर भगाना है, जीवन को बचाना है।
खुशियां लेकर आना है, अपना जीवन सफल बनाना है।
मानव जीवन दुबारा न पाओगे, 
वादा करें अपने माता-पिता का दिल नहीं दिखाओगे।

©Shishpal Chauhan

"नशा"

16 Love

नशा निकल नहीं सकता कोई यदि चंगुल में फँसा मौत बाँटती शौक से जो करता है नशा कहती है ये दुनिया से मेरे अंदर जहर दौड़ रँगों में करती हूँ धीरे धीरे अशर मेरी नशीली आँखों के लाखों हैं दीवाने मेरे प्यार में डूबकर जाती उनकी जानेँ कर देती बर्बाद मैं बेखुद घर परिवार फिर मेरे ईश्क में दुनिया है लाचार ©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#कविता #नशा  नशा
निकल नहीं सकता कोई
यदि चंगुल में फँसा
मौत बाँटती शौक से
जो करता है नशा

कहती है ये दुनिया से
मेरे अंदर जहर
दौड़ रँगों में करती हूँ
धीरे धीरे अशर

मेरी नशीली आँखों के
लाखों हैं दीवाने
मेरे प्यार में डूबकर
जाती उनकी जानेँ

कर देती बर्बाद मैं
बेखुद घर परिवार
फिर मेरे ईश्क में
दुनिया है लाचार

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#नशा@कविता

11 Love

यह न पूछो कि मैं कैसे जिया करता हूं अपने जख्मों को मैं कैसे सिया करता हूं असहनीय दर्द को मिटाने के लिए तेरी आंखों का जाम पिया करता हूं ©Rajesh Kumar

#शायरी  यह न पूछो कि मैं कैसे जिया करता हूं
अपने जख्मों को मैं कैसे सिया करता हूं
असहनीय दर्द को मिटाने के लिए
तेरी आंखों का जाम पिया करता हूं

©Rajesh Kumar

तेरी आंखों का नशा

8 Love

White अजी देखिये क्या गज़ब ढ़ा रहा है कहां से कहां आदमी जा रहा है...! न आगे की सुध न पीछे ख़बर है नशा शौहरतों का गज़ब छा रहा है उठाता है जोखिम न डरता ख़ुदा से जहन्नुम के रस्ते चला आ रहा है नहीं पूछता अब कोई भी किसी से कहाँ से वो कैसे कमा ला रहा है.. घरों में ठहरते नहीं पाँव पल भर न जाने कहाँ को ठिकाना रहा है..! कमाने को घर से निकलते सभी हैं मगर कोई कोई बचा पा रहा है..! लहू पे लहू दौड़ता अब नहीं है लहू ही लहू से लुटा जा रहा है..! दिखावों की दुनिया बड़ी रास आये दिखावों में ख़ुद ही मिटा जा रहा है..! ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#शायरी #नशा  White अजी देखिये क्या गज़ब ढ़ा रहा है
कहां से कहां आदमी जा रहा है...!

न आगे की सुध न पीछे ख़बर है
नशा शौहरतों का गज़ब छा रहा है 

उठाता है जोखिम न डरता ख़ुदा से 
जहन्नुम के रस्ते चला आ रहा है 

नहीं पूछता अब कोई भी किसी से 
कहाँ से वो कैसे कमा ला रहा है..

घरों में ठहरते नहीं पाँव पल भर 
न जाने कहाँ को ठिकाना रहा है..!

कमाने को घर से निकलते सभी हैं 
मगर कोई कोई बचा पा रहा है..!

लहू पे लहू दौड़ता अब नहीं है
लहू ही लहू से लुटा जा रहा है..!

दिखावों की दुनिया बड़ी रास आये
दिखावों में ख़ुद ही मिटा जा रहा है..!

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#नशा

20 Love

White घृणा करो या प्यार जगत से, बोझे बढ़ते जाते हैं। थोड़े में सन्तोष नहीं है, लालच बढ़ते जाते हैं।। दुनिया प्रभु की प्रभु दुनिया के, कैसे अद्भुत नाते हैं। भजन करो या बैर प्रभू से दोनों मुक्ति दाते हैं।। ©Shiv Narayan Saxena

#Ganesh_chaturthi  White घृणा करो या प्यार जगत से,
               बोझे  बढ़ते  जाते  हैं। 
थोड़े में सन्तोष नहीं है, 
               लालच बढ़ते जाते हैं।। 
दुनिया प्रभु की प्रभु दुनिया के, 
               कैसे  अद्भुत  नाते  हैं।
भजन करो या बैर प्रभू से
               दोनों  मुक्ति   दाते  हैं।।

©Shiv Narayan Saxena

#Ganesh_chaturthi दोनों मुक्ति दाते हैं. poetry in hindi

15 Love

#भक्ति #शक्ति #प्रेम #मुक्ति

135 View

आजकल का बेटा नशे का आदी, ऐसे में बच्चों की कैसे होगी शादी। नशा है घर की बर्बादी, शादी नहीं तो कैसे बढ़ेगी आबादी। ले बैठा आदमी को चिट्टा, घर-परिवार को रहती हरदम चिंता। कैसे आगे वंश बढ़ पाएगा, उम्र से पहले ही मौत को गले लगाएगा। मातम फिर घर में पसर जाएगा, पिता कैसे अकाल मृत्यु को भूल पाएगा। आजकल की युवा पीढ़ी, जिसने पकड़ ली है गलत सीढ़ी। मरने के लिए है उतारू, पीते हैं चाहे ढोला हो या मारू। गलियों की खाक छानते फिरते, लाज-शर्म से वे नहीं डरते। रिश्ते-नाते सब भूल जाता है, गलत कृत्य करने से भी डरता है। स्मैक हो या अम्ल, अभी शुरू कर दो उस पर अमल। वरना असमय मृत्यु के मुंह में चले जाओगे, हीरा-सा जीवन गंवाओगे । इसलिए चौहान सर करते हैं सबसे अनुरोध, इस्तेमाल करो अपना बोध। नशा दूर भगाना है, जीवन को बचाना है। खुशियां लेकर आना है, अपना जीवन सफल बनाना है। मानव जीवन दुबारा न पाओगे, वादा करें अपने माता-पिता का दिल नहीं दिखाओगे। ©Shishpal Chauhan

#कविता  आजकल का बेटा नशे का आदी,
ऐसे में बच्चों की कैसे  होगी शादी।
नशा है घर की बर्बादी, शादी नहीं तो कैसे बढ़ेगी आबादी।
ले बैठा आदमी को चिट्टा, घर-परिवार को रहती हरदम चिंता।
कैसे आगे वंश बढ़ पाएगा,
उम्र से पहले ही मौत को गले लगाएगा।
मातम फिर घर में पसर जाएगा,
पिता कैसे अकाल मृत्यु को भूल पाएगा।
आजकल की युवा पीढ़ी, जिसने पकड़ ली है गलत सीढ़ी।
मरने के लिए है उतारू, पीते हैं चाहे ढोला हो या मारू।
गलियों की खाक छानते फिरते, लाज-शर्म से वे नहीं डरते।
रिश्ते-नाते सब भूल जाता है, 
गलत कृत्य करने से भी डरता है।
स्मैक हो या अम्ल, अभी शुरू कर दो उस पर अमल।
वरना असमय मृत्यु के मुंह में चले जाओगे,
हीरा-सा जीवन गंवाओगे ।
इसलिए चौहान सर करते हैं सबसे  अनुरोध,
इस्तेमाल करो अपना बोध।
नशा दूर भगाना है, जीवन को बचाना है।
खुशियां लेकर आना है, अपना जीवन सफल बनाना है।
मानव जीवन दुबारा न पाओगे, 
वादा करें अपने माता-पिता का दिल नहीं दिखाओगे।

©Shishpal Chauhan

"नशा"

16 Love

नशा निकल नहीं सकता कोई यदि चंगुल में फँसा मौत बाँटती शौक से जो करता है नशा कहती है ये दुनिया से मेरे अंदर जहर दौड़ रँगों में करती हूँ धीरे धीरे अशर मेरी नशीली आँखों के लाखों हैं दीवाने मेरे प्यार में डूबकर जाती उनकी जानेँ कर देती बर्बाद मैं बेखुद घर परिवार फिर मेरे ईश्क में दुनिया है लाचार ©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#कविता #नशा  नशा
निकल नहीं सकता कोई
यदि चंगुल में फँसा
मौत बाँटती शौक से
जो करता है नशा

कहती है ये दुनिया से
मेरे अंदर जहर
दौड़ रँगों में करती हूँ
धीरे धीरे अशर

मेरी नशीली आँखों के
लाखों हैं दीवाने
मेरे प्यार में डूबकर
जाती उनकी जानेँ

कर देती बर्बाद मैं
बेखुद घर परिवार
फिर मेरे ईश्क में
दुनिया है लाचार

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#नशा@कविता

11 Love

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