यह न पूछो कि मैं कैसे जिया करता हूं अपने जख्मों को | हिंदी शायरी

"यह न पूछो कि मैं कैसे जिया करता हूं अपने जख्मों को मैं कैसे सिया करता हूं असहनीय दर्द को मिटाने के लिए तेरी आंखों का जाम पिया करता हूं ©Rajesh Kumar"

 यह न पूछो कि मैं कैसे जिया करता हूं
अपने जख्मों को मैं कैसे सिया करता हूं
असहनीय दर्द को मिटाने के लिए
तेरी आंखों का जाम पिया करता हूं

©Rajesh Kumar

यह न पूछो कि मैं कैसे जिया करता हूं अपने जख्मों को मैं कैसे सिया करता हूं असहनीय दर्द को मिटाने के लिए तेरी आंखों का जाम पिया करता हूं ©Rajesh Kumar

तेरी आंखों का नशा

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