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New क्यों रब्बा लिरिक्स Status, Photo, Video

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White इच्छाएं और सपने तो बहुत है कुछ कर दिखाने के , इरादे क्यों कमजोर पड़ जाते है। पता है ये डर बेमायने है फिर भी क्यों हिम्मत के गले घोटे है। मन कर रहा उड़ने को, पर पांव क्यों जकड़े है। ए मन तू जानता है, ये हालत तेरी कबर है प्रयासों से क्यों नाते तोड़े है। तुझे मालूम है आगे अंधेरे के कितने उजाले है। क्यों करता तू बहाने है.... ©Ramnik

#क्यों  White इच्छाएं और सपने तो बहुत है 
कुछ कर दिखाने के , 
इरादे क्यों कमजोर पड़ जाते है।
पता है ये डर बेमायने है 
फिर भी क्यों हिम्मत के गले घोटे है।
मन कर रहा उड़ने को,
पर पांव क्यों जकड़े है।
ए मन तू जानता है,
ये हालत तेरी कबर है
प्रयासों से क्यों नाते तोड़े है।
तुझे मालूम है आगे अंधेरे के कितने उजाले है।
क्यों करता तू बहाने है....

©Ramnik

White ख्वाबों में आता है आज कल क्यों तू इतना अब हम दोनों का रास्ता तो बदल चुका है, इश्क को मेरे तू कभी समझा ही नहीं तुझे पाने की तलब थी कितना मुझमें, तुझसे बहत ही दूर हूं अब मैं तो बता तू मेरे ख्वाबों में अब क्यों इतना आता है... ©Lili Dey

#क्यों  White ख्वाबों में आता है आज कल क्यों तू इतना 
अब हम दोनों का रास्ता तो बदल चुका है,
इश्क को मेरे तू कभी समझा ही नहीं 
तुझे पाने की तलब थी कितना मुझमें,
तुझसे बहत ही दूर हूं अब मैं 
तो बता तू मेरे ख्वाबों में अब क्यों इतना आता है...

©Lili Dey

जब मिलना ही नहीं तो मिले ही क्यों साथ चार कदम चलना नहीं तो सफर मे चले ही क्यों आजमाना भर था अगर तो थोड़ा रुकते न अपने पसंद नापसंद बताते तो मौका देख आजमाते न ऐसे कोई थोड़े छोड़ जता है राह मे अपनी ख्वाइश बताते तो ये क्या तरीका है निकल लेने का दो चार तोहमते झूठा ही सही लगाते तो अब देखो न तेरी समझ नहीं पाता तुझसे गिला करू या ख़्वाबों मे मिला करू जाते जाते कोई नुस्खा बताते तो चलो अच्छा है तू ख़ुश है मै भी खुश रह लूंगा तेरे बगैर था पहले भी दुबारा ये सोच कर जी लूंगा हां जी लूंगा ©ranjit Kumar rathour

#कविता  जब मिलना ही नहीं तो 
मिले ही क्यों 
साथ चार कदम चलना नहीं तो
सफर मे चले ही क्यों 
 आजमाना भर था अगर तो 
थोड़ा रुकते न 
अपने पसंद नापसंद बताते तो 
 मौका देख आजमाते न 
ऐसे कोई थोड़े छोड़ जता है राह मे
अपनी ख्वाइश बताते तो 
ये क्या तरीका है 
निकल लेने का दो चार तोहमते 
झूठा ही सही लगाते तो 
अब देखो न तेरी 
समझ नहीं पाता 
तुझसे गिला करू 
या ख़्वाबों मे मिला करू 
जाते जाते कोई नुस्खा बताते तो
चलो अच्छा है तू ख़ुश है 
मै भी खुश रह लूंगा 
तेरे बगैर था पहले भी 
दुबारा ये सोच कर जी लूंगा 
हां जी लूंगा

©ranjit Kumar rathour

मिले ही क्यों

15 Love

White चैत्र की चंचल पवन बह रहीं लेकिन फिर भी तुम इतने मौन क्यों? एक नींली झील मे चाँद खिला था कमल की तरह और रूप का ऐसा जादू दिख रहा. इसके बावजूद तुम इतना उदास क्यों? ©Parasram Arora

 White चैत्र की चंचल पवन बह रहीं 
लेकिन फिर भी तुम
इतने मौन क्यों? 

एक नींली झील मे  चाँद खिला था 
कमल की तरह 
और रूप का  ऐसा जादू  दिख रहा.
इसके बावजूद तुम इतना उदास क्यों?

©Parasram Arora

इतना उदास क्यों

16 Love

New Year 2025 मेरे आंसू मेरी. खामोशी नजर नहीं आती किसी को क्यों? क्या गुजर रहीं हैँ मुझ पर कोई समझ नहीं रहा हैँ क्यों? ©Parasram Arora

#SAD  New Year 2025 मेरे आंसू  मेरी.
खामोशी 
नजर नहीं आती 
किसी को 
क्यों?
क्या गुजर रहीं हैँ 
मुझ पर कोई 
समझ नहीं रहा हैँ क्यों?

©Parasram Arora

क्यों?

12 Love

"मैं फ़ानी हूँ, ये सच मैं जानता हूँ" मगर क्यों दुनिया फ़ानी लग रही है? सुना है पहले भी,पर तुमसे सुनकर कहानी-सी कहानी लग रही है ©Ghumnam Gautam

#दुनिया #क्यों #शायरी #ghumnamgautam #सच  "मैं फ़ानी हूँ, ये सच मैं जानता हूँ"
मगर क्यों दुनिया फ़ानी लग रही है?

सुना है पहले भी,पर तुमसे सुनकर
कहानी-सी कहानी लग रही है

©Ghumnam Gautam

White इच्छाएं और सपने तो बहुत है कुछ कर दिखाने के , इरादे क्यों कमजोर पड़ जाते है। पता है ये डर बेमायने है फिर भी क्यों हिम्मत के गले घोटे है। मन कर रहा उड़ने को, पर पांव क्यों जकड़े है। ए मन तू जानता है, ये हालत तेरी कबर है प्रयासों से क्यों नाते तोड़े है। तुझे मालूम है आगे अंधेरे के कितने उजाले है। क्यों करता तू बहाने है.... ©Ramnik

#क्यों  White इच्छाएं और सपने तो बहुत है 
कुछ कर दिखाने के , 
इरादे क्यों कमजोर पड़ जाते है।
पता है ये डर बेमायने है 
फिर भी क्यों हिम्मत के गले घोटे है।
मन कर रहा उड़ने को,
पर पांव क्यों जकड़े है।
ए मन तू जानता है,
ये हालत तेरी कबर है
प्रयासों से क्यों नाते तोड़े है।
तुझे मालूम है आगे अंधेरे के कितने उजाले है।
क्यों करता तू बहाने है....

©Ramnik

White ख्वाबों में आता है आज कल क्यों तू इतना अब हम दोनों का रास्ता तो बदल चुका है, इश्क को मेरे तू कभी समझा ही नहीं तुझे पाने की तलब थी कितना मुझमें, तुझसे बहत ही दूर हूं अब मैं तो बता तू मेरे ख्वाबों में अब क्यों इतना आता है... ©Lili Dey

#क्यों  White ख्वाबों में आता है आज कल क्यों तू इतना 
अब हम दोनों का रास्ता तो बदल चुका है,
इश्क को मेरे तू कभी समझा ही नहीं 
तुझे पाने की तलब थी कितना मुझमें,
तुझसे बहत ही दूर हूं अब मैं 
तो बता तू मेरे ख्वाबों में अब क्यों इतना आता है...

©Lili Dey

जब मिलना ही नहीं तो मिले ही क्यों साथ चार कदम चलना नहीं तो सफर मे चले ही क्यों आजमाना भर था अगर तो थोड़ा रुकते न अपने पसंद नापसंद बताते तो मौका देख आजमाते न ऐसे कोई थोड़े छोड़ जता है राह मे अपनी ख्वाइश बताते तो ये क्या तरीका है निकल लेने का दो चार तोहमते झूठा ही सही लगाते तो अब देखो न तेरी समझ नहीं पाता तुझसे गिला करू या ख़्वाबों मे मिला करू जाते जाते कोई नुस्खा बताते तो चलो अच्छा है तू ख़ुश है मै भी खुश रह लूंगा तेरे बगैर था पहले भी दुबारा ये सोच कर जी लूंगा हां जी लूंगा ©ranjit Kumar rathour

#कविता  जब मिलना ही नहीं तो 
मिले ही क्यों 
साथ चार कदम चलना नहीं तो
सफर मे चले ही क्यों 
 आजमाना भर था अगर तो 
थोड़ा रुकते न 
अपने पसंद नापसंद बताते तो 
 मौका देख आजमाते न 
ऐसे कोई थोड़े छोड़ जता है राह मे
अपनी ख्वाइश बताते तो 
ये क्या तरीका है 
निकल लेने का दो चार तोहमते 
झूठा ही सही लगाते तो 
अब देखो न तेरी 
समझ नहीं पाता 
तुझसे गिला करू 
या ख़्वाबों मे मिला करू 
जाते जाते कोई नुस्खा बताते तो
चलो अच्छा है तू ख़ुश है 
मै भी खुश रह लूंगा 
तेरे बगैर था पहले भी 
दुबारा ये सोच कर जी लूंगा 
हां जी लूंगा

©ranjit Kumar rathour

मिले ही क्यों

15 Love

White चैत्र की चंचल पवन बह रहीं लेकिन फिर भी तुम इतने मौन क्यों? एक नींली झील मे चाँद खिला था कमल की तरह और रूप का ऐसा जादू दिख रहा. इसके बावजूद तुम इतना उदास क्यों? ©Parasram Arora

 White चैत्र की चंचल पवन बह रहीं 
लेकिन फिर भी तुम
इतने मौन क्यों? 

एक नींली झील मे  चाँद खिला था 
कमल की तरह 
और रूप का  ऐसा जादू  दिख रहा.
इसके बावजूद तुम इतना उदास क्यों?

©Parasram Arora

इतना उदास क्यों

16 Love

New Year 2025 मेरे आंसू मेरी. खामोशी नजर नहीं आती किसी को क्यों? क्या गुजर रहीं हैँ मुझ पर कोई समझ नहीं रहा हैँ क्यों? ©Parasram Arora

#SAD  New Year 2025 मेरे आंसू  मेरी.
खामोशी 
नजर नहीं आती 
किसी को 
क्यों?
क्या गुजर रहीं हैँ 
मुझ पर कोई 
समझ नहीं रहा हैँ क्यों?

©Parasram Arora

क्यों?

12 Love

"मैं फ़ानी हूँ, ये सच मैं जानता हूँ" मगर क्यों दुनिया फ़ानी लग रही है? सुना है पहले भी,पर तुमसे सुनकर कहानी-सी कहानी लग रही है ©Ghumnam Gautam

#दुनिया #क्यों #शायरी #ghumnamgautam #सच  "मैं फ़ानी हूँ, ये सच मैं जानता हूँ"
मगर क्यों दुनिया फ़ानी लग रही है?

सुना है पहले भी,पर तुमसे सुनकर
कहानी-सी कहानी लग रही है

©Ghumnam Gautam
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