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New भीड़ lynching साधन Status, Photo, Video

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अपनी पहचान को मिटाना नहीं, दरिया बन, समंदर में समाना नहीं। फासलों में भी गहराई होती है, नज़दीकी अक्सर तबाही लाती है। किसी के कद से खुद को छोटा न कर, अपनी मिट्टी से जुड़ रिश्ता तोड़ा न कर। जो उड़ गए ऊँचाईयों की ओर, उनके कदमों तले रह गई ज़मीन की डोर। हर दरिया को समंदर की चाह नहीं होती, हर मोती के लिए साज़िश राह नहीं होती। ख़ुदी को बुलंद कर, गिरना मुमकिन है, याद रख, उड़ान में भी गिरावट का दिन है। जो दूर रहकर पास की बात करते हैं, वो अपने मुकाम की बुनियाद रखते हैं। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  अपनी पहचान को मिटाना नहीं,
दरिया बन, समंदर में समाना नहीं।

फासलों में भी गहराई होती है,
नज़दीकी अक्सर तबाही लाती है।

किसी के कद से खुद को छोटा न कर,
अपनी मिट्टी से जुड़ रिश्ता तोड़ा न कर।

जो उड़ गए ऊँचाईयों की ओर,
उनके कदमों तले रह गई ज़मीन की डोर।

हर दरिया को समंदर की चाह नहीं होती,
हर मोती के लिए साज़िश राह नहीं होती।

ख़ुदी को बुलंद कर, गिरना मुमकिन है,
याद रख, उड़ान में भी गिरावट का दिन है।

जो दूर रहकर पास की बात करते हैं,
वो अपने मुकाम की बुनियाद रखते हैं।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर अपने अंदर समंदर सा सुकून रख, ऊपर से शांत, अंदर जुनून रख। जो भीड़ के साथ चला, खो गया, जो अलग रहा, खुदा जैसा हो गया।

10 Love

White भीड़ से जुदा हैं, यही हमारी शान है, हमारी हर चाल में छिपा एक तूफान है। हवा के खिलाफ उड़ने का जुनून रखते हैं, हम वो हैं, जो खुद अपनी तकदीर गढ़ते हैं। जिस मोड़ पर लोग थककर मुड़ते हैं, हां हम वही हैं, जो वहीं से सफर शुरू किया करते हैं। ©नवनीत ठाकुर

#मोटिवेशनल  White 

भीड़ से जुदा हैं, यही हमारी शान है,
हमारी हर चाल में छिपा एक तूफान है।
हवा के खिलाफ उड़ने का जुनून रखते हैं,
हम वो हैं, जो खुद अपनी तकदीर गढ़ते हैं।
जिस मोड़ पर लोग थककर मुड़ते हैं,
हां हम वही हैं, जो वहीं से सफर शुरू किया करते हैं।

©नवनीत ठाकुर

भीड़ से जुदा हैं, यही हमारी शान है, हमारी हर चाल में छिपा एक तूफान है। हवा के खिलाफ उड़ने का जुनून रखते हैं, हम वो हैं, जो खुद अपनी तकदीर ग

17 Love

कमियां मेरी, मेरी पहचान बन गई, हर ठोकर से मेरी राह जान बन गई। हर मोड़ पर मिला एक नया इम्तिहान, उन्हीं सबकों से मेरी उड़ान बन गई।। अलग हूँ मैं, यही है मेरी पहचान, भीड़ से जुदा, मेरी अपनी दास्तान। जीवन का मंच है, मैं कलाकार यहाँ, अपनी तकदीर का हूँ मैं खुद निगहबान।। ©नवनीत ठाकुर

#कविता  कमियां मेरी, मेरी पहचान बन गई,
हर ठोकर से मेरी राह जान बन गई।
हर मोड़ पर मिला एक नया इम्तिहान,
उन्हीं सबकों से मेरी उड़ान बन गई।।
अलग हूँ मैं, यही है मेरी पहचान,
भीड़ से जुदा, मेरी अपनी दास्तान।
जीवन का मंच है, मैं कलाकार यहाँ,
अपनी तकदीर का हूँ मैं खुद निगहबान।।

©नवनीत ठाकुर

अलग हूँ मैं, यही है मेरी पहचान, भीड़ से जुदा, मेरी अपनी दास्तान। जीवन का मंच है, मैं कलाकार यहाँ, अपनी तकदीर का हूँ मैं खुद निगहबान।

18 Love

White आखिर इंसान मजबूर हो ही जाता है वक्त के हाथों जब इंसान की लगी लगाई जॉब छूट जाती हैं कोई नहीं रहता साधन कमाई का जब सारी हिम्मत टूट जाती हैं और अपने भी साथ छोड़ जाते है! यही जीवन की सच्चाई है ©Poet Kuldeep Singh Ruhela

#विचार #जीवन  White आखिर इंसान मजबूर हो ही 
जाता है वक्त के हाथों 
 जब इंसान की लगी लगाई  
जॉब छूट जाती हैं 
कोई नहीं रहता साधन कमाई का 
जब सारी हिम्मत टूट जाती हैं 
और अपने भी साथ छोड़ जाते है!


यही जीवन की सच्चाई है

©Poet Kuldeep Singh Ruhela

#जीवन आखिर इंसान मजबूर हो ही जाता है वक्त के हाथों जब इंसान की लगी लगाई जॉब छूट जाती हैं कोई नहीं रहता साधन कमाई का जब सारी हिम्मत ट

11 Love

#Motivational

famous youtuber and motivational speaker kuchh pane ke liye kuchh khona padta hai कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता हैं जिंदगी में कामयाबी क

153 View

#mothernature

#mothernature जिन्दगी भीड़ है क्या???

207 View

अपनी पहचान को मिटाना नहीं, दरिया बन, समंदर में समाना नहीं। फासलों में भी गहराई होती है, नज़दीकी अक्सर तबाही लाती है। किसी के कद से खुद को छोटा न कर, अपनी मिट्टी से जुड़ रिश्ता तोड़ा न कर। जो उड़ गए ऊँचाईयों की ओर, उनके कदमों तले रह गई ज़मीन की डोर। हर दरिया को समंदर की चाह नहीं होती, हर मोती के लिए साज़िश राह नहीं होती। ख़ुदी को बुलंद कर, गिरना मुमकिन है, याद रख, उड़ान में भी गिरावट का दिन है। जो दूर रहकर पास की बात करते हैं, वो अपने मुकाम की बुनियाद रखते हैं। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  अपनी पहचान को मिटाना नहीं,
दरिया बन, समंदर में समाना नहीं।

फासलों में भी गहराई होती है,
नज़दीकी अक्सर तबाही लाती है।

किसी के कद से खुद को छोटा न कर,
अपनी मिट्टी से जुड़ रिश्ता तोड़ा न कर।

जो उड़ गए ऊँचाईयों की ओर,
उनके कदमों तले रह गई ज़मीन की डोर।

हर दरिया को समंदर की चाह नहीं होती,
हर मोती के लिए साज़िश राह नहीं होती।

ख़ुदी को बुलंद कर, गिरना मुमकिन है,
याद रख, उड़ान में भी गिरावट का दिन है।

जो दूर रहकर पास की बात करते हैं,
वो अपने मुकाम की बुनियाद रखते हैं।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर अपने अंदर समंदर सा सुकून रख, ऊपर से शांत, अंदर जुनून रख। जो भीड़ के साथ चला, खो गया, जो अलग रहा, खुदा जैसा हो गया।

10 Love

White भीड़ से जुदा हैं, यही हमारी शान है, हमारी हर चाल में छिपा एक तूफान है। हवा के खिलाफ उड़ने का जुनून रखते हैं, हम वो हैं, जो खुद अपनी तकदीर गढ़ते हैं। जिस मोड़ पर लोग थककर मुड़ते हैं, हां हम वही हैं, जो वहीं से सफर शुरू किया करते हैं। ©नवनीत ठाकुर

#मोटिवेशनल  White 

भीड़ से जुदा हैं, यही हमारी शान है,
हमारी हर चाल में छिपा एक तूफान है।
हवा के खिलाफ उड़ने का जुनून रखते हैं,
हम वो हैं, जो खुद अपनी तकदीर गढ़ते हैं।
जिस मोड़ पर लोग थककर मुड़ते हैं,
हां हम वही हैं, जो वहीं से सफर शुरू किया करते हैं।

©नवनीत ठाकुर

भीड़ से जुदा हैं, यही हमारी शान है, हमारी हर चाल में छिपा एक तूफान है। हवा के खिलाफ उड़ने का जुनून रखते हैं, हम वो हैं, जो खुद अपनी तकदीर ग

17 Love

कमियां मेरी, मेरी पहचान बन गई, हर ठोकर से मेरी राह जान बन गई। हर मोड़ पर मिला एक नया इम्तिहान, उन्हीं सबकों से मेरी उड़ान बन गई।। अलग हूँ मैं, यही है मेरी पहचान, भीड़ से जुदा, मेरी अपनी दास्तान। जीवन का मंच है, मैं कलाकार यहाँ, अपनी तकदीर का हूँ मैं खुद निगहबान।। ©नवनीत ठाकुर

#कविता  कमियां मेरी, मेरी पहचान बन गई,
हर ठोकर से मेरी राह जान बन गई।
हर मोड़ पर मिला एक नया इम्तिहान,
उन्हीं सबकों से मेरी उड़ान बन गई।।
अलग हूँ मैं, यही है मेरी पहचान,
भीड़ से जुदा, मेरी अपनी दास्तान।
जीवन का मंच है, मैं कलाकार यहाँ,
अपनी तकदीर का हूँ मैं खुद निगहबान।।

©नवनीत ठाकुर

अलग हूँ मैं, यही है मेरी पहचान, भीड़ से जुदा, मेरी अपनी दास्तान। जीवन का मंच है, मैं कलाकार यहाँ, अपनी तकदीर का हूँ मैं खुद निगहबान।

18 Love

White आखिर इंसान मजबूर हो ही जाता है वक्त के हाथों जब इंसान की लगी लगाई जॉब छूट जाती हैं कोई नहीं रहता साधन कमाई का जब सारी हिम्मत टूट जाती हैं और अपने भी साथ छोड़ जाते है! यही जीवन की सच्चाई है ©Poet Kuldeep Singh Ruhela

#विचार #जीवन  White आखिर इंसान मजबूर हो ही 
जाता है वक्त के हाथों 
 जब इंसान की लगी लगाई  
जॉब छूट जाती हैं 
कोई नहीं रहता साधन कमाई का 
जब सारी हिम्मत टूट जाती हैं 
और अपने भी साथ छोड़ जाते है!


यही जीवन की सच्चाई है

©Poet Kuldeep Singh Ruhela

#जीवन आखिर इंसान मजबूर हो ही जाता है वक्त के हाथों जब इंसान की लगी लगाई जॉब छूट जाती हैं कोई नहीं रहता साधन कमाई का जब सारी हिम्मत ट

11 Love

#Motivational

famous youtuber and motivational speaker kuchh pane ke liye kuchh khona padta hai कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता हैं जिंदगी में कामयाबी क

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#mothernature

#mothernature जिन्दगी भीड़ है क्या???

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