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New धुंधली राक्षस का वध Status, Photo, Video

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आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain

#विचार  आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है 
भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है
 अपनी सुख सुविधाओं के लिए....
फिर स्वयं विवश होती है
 अपने दुःख और दुविधाओं से...!!

©Anjali Jain

आज का विचार 08.12.24 आज का विचार

17 Love

#विचार

आज का विचार

135 View

कठिन उद्यमों से,मैंने जीवन की माटी ,सींची हैं तकदीरों के मस्तक पर मेहनत की ,रेखा खींची हैं जब जब घाव लगा हैं बढ़ने थोड़ी आंखें भींची हैं अपनी ज़िद मैं लिए बड़ी ये दुनिया,कांच सरीखी हैं दिवास्वप्न मे लिप्त नहीं,मैं रही धरा पर वास किए सभी कंटकों से जूझी स्वयं विजयश्री की हासिल नहीं कोई इक भी अखियां मेरे घावों पर भीगी हैं कठिन उद्यमों से,मैने जीवन की माटी,सींची हैं ©ashita pandey बेबाक़

#विचार #sad_quotes  कठिन उद्यमों से,मैंने
जीवन की माटी ,सींची हैं 
तकदीरों के मस्तक पर 
मेहनत की ,रेखा खींची हैं
जब जब घाव लगा हैं बढ़ने
थोड़ी आंखें भींची हैं 
अपनी ज़िद मैं लिए बड़ी
ये दुनिया,कांच सरीखी हैं
दिवास्वप्न मे लिप्त नहीं,मैं 
रही धरा पर वास किए
सभी कंटकों से जूझी
स्वयं विजयश्री की हासिल
नहीं कोई इक भी अखियां
मेरे घावों पर भीगी हैं
कठिन उद्यमों से,मैने
जीवन की माटी,सींची हैं

©ashita pandey  बेबाक़

#sad_quotes आज का विचार आज का विचार शुभ विचार

15 Love

#विचार

आज का विचार

126 View

वो कर्ज़ हम चुका ना पाये। हम्हारा फ़र्ज़ हम निभा ना पायें।‌। ©Dev

#शायरी  वो कर्ज़ हम चुका ना पाये। हम्हारा फ़र्ज़ हम निभा ना पायें।‌।

©Dev

दिल का अहसास

14 Love

White चलता है वो अंधेरी गलियों में, जहां सन्नाटा कहानियां बुनता है। हर कदम पर छिपी है चुभन, जैसे ज़िंदगी सवाल करती है। आंखों में सपनों का शोर था कभी, अब वहां सन्नाटे का बसेरा है। दिल के कोने में कहीं, अधूरी ख्वाहिशों का डेरा है। वक्त जैसे थम गया हो, पर घड़ी चलती है बेहिसाब। उसकी हर सांस, हर धड़कन, सिर्फ जवाब ढूंढती है बेहाल। हर दर्द को पीछे छोड़ने की चाह, पर दर्द उसके साथ चलता है। हर खुशी से दूरी बनाने की राह, पर अकेलापन उसके पास पलता है। फिजाओं में भटकती उसकी सोचें, खुद से खुद को छुपाने की कोशिश। हंसी के पीछे छिपा सूनापन, जैसे आईना भी उसका सच नहीं कहता। राह कहां है, वो नहीं जानता, बस चलता है, अपने साये के साथ। जाने किस मंज़िल की तलाश में, वो खुद से ही भागता जाता है। ©Avinash Jha

#धुंधली #good_night  White चलता है वो अंधेरी गलियों में,
जहां सन्नाटा कहानियां बुनता है।
हर कदम पर छिपी है चुभन,
जैसे ज़िंदगी सवाल करती है।

आंखों में सपनों का शोर था कभी,
अब वहां सन्नाटे का बसेरा है।
दिल के कोने में कहीं,
अधूरी ख्वाहिशों का डेरा है।

वक्त जैसे थम गया हो,
पर घड़ी चलती है बेहिसाब।
उसकी हर सांस, हर धड़कन,
सिर्फ जवाब ढूंढती है बेहाल।

हर दर्द को पीछे छोड़ने की चाह,
पर दर्द उसके साथ चलता है।
हर खुशी से दूरी बनाने की राह,
पर अकेलापन उसके पास पलता है।

फिजाओं में भटकती उसकी सोचें,
खुद से खुद को छुपाने की कोशिश।
हंसी के पीछे छिपा सूनापन,
जैसे आईना भी उसका सच नहीं कहता।

राह कहां है, वो नहीं जानता,
बस चलता है, अपने साये के साथ।
जाने किस मंज़िल की तलाश में,
वो खुद से ही भागता जाता है।

©Avinash Jha

आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain

#विचार  आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है 
भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है
 अपनी सुख सुविधाओं के लिए....
फिर स्वयं विवश होती है
 अपने दुःख और दुविधाओं से...!!

©Anjali Jain

आज का विचार 08.12.24 आज का विचार

17 Love

#विचार

आज का विचार

135 View

कठिन उद्यमों से,मैंने जीवन की माटी ,सींची हैं तकदीरों के मस्तक पर मेहनत की ,रेखा खींची हैं जब जब घाव लगा हैं बढ़ने थोड़ी आंखें भींची हैं अपनी ज़िद मैं लिए बड़ी ये दुनिया,कांच सरीखी हैं दिवास्वप्न मे लिप्त नहीं,मैं रही धरा पर वास किए सभी कंटकों से जूझी स्वयं विजयश्री की हासिल नहीं कोई इक भी अखियां मेरे घावों पर भीगी हैं कठिन उद्यमों से,मैने जीवन की माटी,सींची हैं ©ashita pandey बेबाक़

#विचार #sad_quotes  कठिन उद्यमों से,मैंने
जीवन की माटी ,सींची हैं 
तकदीरों के मस्तक पर 
मेहनत की ,रेखा खींची हैं
जब जब घाव लगा हैं बढ़ने
थोड़ी आंखें भींची हैं 
अपनी ज़िद मैं लिए बड़ी
ये दुनिया,कांच सरीखी हैं
दिवास्वप्न मे लिप्त नहीं,मैं 
रही धरा पर वास किए
सभी कंटकों से जूझी
स्वयं विजयश्री की हासिल
नहीं कोई इक भी अखियां
मेरे घावों पर भीगी हैं
कठिन उद्यमों से,मैने
जीवन की माटी,सींची हैं

©ashita pandey  बेबाक़

#sad_quotes आज का विचार आज का विचार शुभ विचार

15 Love

#विचार

आज का विचार

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वो कर्ज़ हम चुका ना पाये। हम्हारा फ़र्ज़ हम निभा ना पायें।‌। ©Dev

#शायरी  वो कर्ज़ हम चुका ना पाये। हम्हारा फ़र्ज़ हम निभा ना पायें।‌।

©Dev

दिल का अहसास

14 Love

White चलता है वो अंधेरी गलियों में, जहां सन्नाटा कहानियां बुनता है। हर कदम पर छिपी है चुभन, जैसे ज़िंदगी सवाल करती है। आंखों में सपनों का शोर था कभी, अब वहां सन्नाटे का बसेरा है। दिल के कोने में कहीं, अधूरी ख्वाहिशों का डेरा है। वक्त जैसे थम गया हो, पर घड़ी चलती है बेहिसाब। उसकी हर सांस, हर धड़कन, सिर्फ जवाब ढूंढती है बेहाल। हर दर्द को पीछे छोड़ने की चाह, पर दर्द उसके साथ चलता है। हर खुशी से दूरी बनाने की राह, पर अकेलापन उसके पास पलता है। फिजाओं में भटकती उसकी सोचें, खुद से खुद को छुपाने की कोशिश। हंसी के पीछे छिपा सूनापन, जैसे आईना भी उसका सच नहीं कहता। राह कहां है, वो नहीं जानता, बस चलता है, अपने साये के साथ। जाने किस मंज़िल की तलाश में, वो खुद से ही भागता जाता है। ©Avinash Jha

#धुंधली #good_night  White चलता है वो अंधेरी गलियों में,
जहां सन्नाटा कहानियां बुनता है।
हर कदम पर छिपी है चुभन,
जैसे ज़िंदगी सवाल करती है।

आंखों में सपनों का शोर था कभी,
अब वहां सन्नाटे का बसेरा है।
दिल के कोने में कहीं,
अधूरी ख्वाहिशों का डेरा है।

वक्त जैसे थम गया हो,
पर घड़ी चलती है बेहिसाब।
उसकी हर सांस, हर धड़कन,
सिर्फ जवाब ढूंढती है बेहाल।

हर दर्द को पीछे छोड़ने की चाह,
पर दर्द उसके साथ चलता है।
हर खुशी से दूरी बनाने की राह,
पर अकेलापन उसके पास पलता है।

फिजाओं में भटकती उसकी सोचें,
खुद से खुद को छुपाने की कोशिश।
हंसी के पीछे छिपा सूनापन,
जैसे आईना भी उसका सच नहीं कहता।

राह कहां है, वो नहीं जानता,
बस चलता है, अपने साये के साथ।
जाने किस मंज़िल की तलाश में,
वो खुद से ही भागता जाता है।

©Avinash Jha
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