tags

New rangeela रो लहरियो Status, Photo, Video

Find the latest Status about rangeela रो लहरियो from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about rangeela रो लहरियो.

  • Latest
  • Popular
  • Video

हाय! कोई देखे ये मेरी अधूरी ख्वाहिशें, उसे गले लगाकर मैं कभी रो भी न सका। अनन्त ©Anant Nag Chandan

#Hug  हाय! कोई देखे ये मेरी अधूरी ख्वाहिशें,
उसे गले लगाकर मैं कभी रो भी न सका।
अनन्त

©Anant Nag Chandan

#Hug हाय! कोई देखे ये मेरी अधूरी ख्वाहिशें, उसे गले लगाकर मैं कभी रो भी न सका। अनन्त

16 Love

तेरे एक इशारे पर तेरी हो सकती हूं मैं कुछ नहीं है पास खोने को फिर भी बहुत कुछ खो सकती हूं मैं पत्थर सी बन गई हूं ,और पत्थर बने है जज्बात अगर तू लगाले गले तो जी भरकर रो सकती हूं मैं ......... ©seema patidar

 तेरे एक इशारे पर तेरी हो सकती हूं मैं
कुछ नहीं है पास खोने को 
फिर भी बहुत कुछ खो सकती हूं मैं
पत्थर सी बन गई हूं ,और पत्थर बने है जज्बात
अगर तू लगाले गले तो जी भरकर 
रो सकती हूं मैं .........

©seema patidar

जी भरकर रो सकती हूं मैं ......

16 Love

हर किसी के भाव हर चीज से अलग तरह से जुड़े होते हैं , कुछ लोगों को संगीत सुनकर आनंद आता है तो कुछ उसमें अपनी जिंदगी को महसूस करके रो पड़ते है

180 View

White मेरे जीते जी रो लेता ,तो मैं मरता भला ही क्यों, लौटकर आने की चाहत है पर मैं आ नही सकता। क्यों गमगीन रहते हो , रहो न पहले जैसे तुम, तुम्हारे चेहरे पर  मातम सा अब अच्छा नहीं लगता। तसब्बुर में तेरे शामो शहर मैने दिन गुजारे थे, तुझे क्या होगया जो मेरे बिन अब रह नही सकता। तेरी राहों को तकती थी निगाहे मेरी हर सूं तब कि क्यों बैठा है चौराहे पे, मुझे जब पा नही सकता।। पूनम सिंह भदौरिया दिल्ली ©ek_tukda_zindgi _12

#कविता #gajal  White मेरे जीते जी रो लेता ,तो मैं मरता भला ही क्यों,
लौटकर आने की चाहत है पर मैं आ नही सकता।

क्यों गमगीन रहते हो , रहो न पहले जैसे तुम,
तुम्हारे चेहरे पर  मातम सा अब अच्छा नहीं लगता।

तसब्बुर में तेरे शामो शहर मैने दिन गुजारे थे,
तुझे क्या होगया जो मेरे बिन अब रह नही सकता।

तेरी राहों को तकती थी निगाहे मेरी हर सूं तब
कि क्यों बैठा है चौराहे पे, मुझे जब पा नही सकता।।

पूनम सिंह भदौरिया
दिल्ली

©ek_tukda_zindgi _12

मेरे जीते जी रो लेता..........#कविता #Poetry #gajal

12 Love

#क्यों_न_रो_पाए_कोई #कोई_न_सो_पाए_कोई #परिस्थितियों #दुनिया #खामोशी #कोट्स  White क्यों न रो पाए कोई
कोई न सो पाए कोई 

दुनिया जिस परिस्थितियों में दम तोड़ दे,,
उन हालातों में भी दबा /छुपा किसी अंजान /एकांत /खामोश जगह में 
चुपके छुपके आहें भर रहा है कोई 

क्यों न रो पाए कोई 
क्यों न सो पाए कोई 

जीवन की तमाम हर उदास / अंधेरी रातों में 
जहां लोगों को किसी अपने के कंधे ओर साथ के साए मिलते हैं 
वहीं उन तमाम अंधेरी / उदास / कहर बरपाने वाली रातों में 
संपूर्ण खामोशी से चीखता है कोई,, 

क्यों न चंदा है कोई,,,,,,,,,,,,,क्यों न सवेरा है कोई
क्यों न रो पाए कोई ,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्यों न सो पाए कोई....१...

©Rakesh frnds4ever

#क्यों_न_रो_पाए_कोई #कोई_न_सो_पाए_कोई #दुनिया जिस #परिस्थितियों में दम तोड़ दे,, उन हालातों में भी दबा /छुपा किसी अंजान /एकांत /खामोश जगह

189 View

#कविता #sunset_time  White 
चांदनी रात शरद पूर्णिमा पुरे शबाब पर है।
जीवन तो चल रही है यु ही आजकल लोग हों रहें हैं चांद, तारों से दूर जिंदगी जीए जा रहें हैं जैसे कोई हिसाब पर है।

शरद की पुर्णिमा तो बरस रही है।
कृष्ण से मिलने को राधा तरस रही है।
अब न जाने रास क्यों नहीं हो रहा है। दुःख से तड़प रहा इंसान,मानव भगवान से दूर कहीं खो रहा है। इसलिए इंसान रो रहा है।

शरद पूर्णिमा की चांद की खुबसूरती जैसे प्रिया मिलन को सजी है।
गहरे आकाश के माथे पर बसी कोई दुल्हन की बिंदी है।

मंद मंद हवा बह रही है रात शीतल है। पेड़ पौधों के पत्ते डोल रहें हैं।
तारों की बारात लेकर शरद की पुर्णिमा की चंद्रमा सुंदर सजी है।

शरद पूर्णिमा में मैं बेगाना कवि प्रियसी की याद में रो रहा हूं।
कब वो देंगी दर्शन मुझे बस यही चांद को देख सोच रहा हूं।

वादियों में आज अजीब सा नशा है।
क्यों की इस चांदनी रात में उसकी याद दिल में बसा है।
जनम जनम से उसकी ही तलाश है।
इस शरद पूर्णिमा में उस प्रभु से मिलन की आस है।

©IG @kavi_neetesh

#sunset_time Hinduism प्रेम कविता हिंदी कविता हिंदी दिवस पर कविता देशभक्ति कविताकविता। शरद पूर्णिमा। चांदनी रात शरद पूर्णिमा पुरे शबाब प

171 View

हाय! कोई देखे ये मेरी अधूरी ख्वाहिशें, उसे गले लगाकर मैं कभी रो भी न सका। अनन्त ©Anant Nag Chandan

#Hug  हाय! कोई देखे ये मेरी अधूरी ख्वाहिशें,
उसे गले लगाकर मैं कभी रो भी न सका।
अनन्त

©Anant Nag Chandan

#Hug हाय! कोई देखे ये मेरी अधूरी ख्वाहिशें, उसे गले लगाकर मैं कभी रो भी न सका। अनन्त

16 Love

तेरे एक इशारे पर तेरी हो सकती हूं मैं कुछ नहीं है पास खोने को फिर भी बहुत कुछ खो सकती हूं मैं पत्थर सी बन गई हूं ,और पत्थर बने है जज्बात अगर तू लगाले गले तो जी भरकर रो सकती हूं मैं ......... ©seema patidar

 तेरे एक इशारे पर तेरी हो सकती हूं मैं
कुछ नहीं है पास खोने को 
फिर भी बहुत कुछ खो सकती हूं मैं
पत्थर सी बन गई हूं ,और पत्थर बने है जज्बात
अगर तू लगाले गले तो जी भरकर 
रो सकती हूं मैं .........

©seema patidar

जी भरकर रो सकती हूं मैं ......

16 Love

हर किसी के भाव हर चीज से अलग तरह से जुड़े होते हैं , कुछ लोगों को संगीत सुनकर आनंद आता है तो कुछ उसमें अपनी जिंदगी को महसूस करके रो पड़ते है

180 View

White मेरे जीते जी रो लेता ,तो मैं मरता भला ही क्यों, लौटकर आने की चाहत है पर मैं आ नही सकता। क्यों गमगीन रहते हो , रहो न पहले जैसे तुम, तुम्हारे चेहरे पर  मातम सा अब अच्छा नहीं लगता। तसब्बुर में तेरे शामो शहर मैने दिन गुजारे थे, तुझे क्या होगया जो मेरे बिन अब रह नही सकता। तेरी राहों को तकती थी निगाहे मेरी हर सूं तब कि क्यों बैठा है चौराहे पे, मुझे जब पा नही सकता।। पूनम सिंह भदौरिया दिल्ली ©ek_tukda_zindgi _12

#कविता #gajal  White मेरे जीते जी रो लेता ,तो मैं मरता भला ही क्यों,
लौटकर आने की चाहत है पर मैं आ नही सकता।

क्यों गमगीन रहते हो , रहो न पहले जैसे तुम,
तुम्हारे चेहरे पर  मातम सा अब अच्छा नहीं लगता।

तसब्बुर में तेरे शामो शहर मैने दिन गुजारे थे,
तुझे क्या होगया जो मेरे बिन अब रह नही सकता।

तेरी राहों को तकती थी निगाहे मेरी हर सूं तब
कि क्यों बैठा है चौराहे पे, मुझे जब पा नही सकता।।

पूनम सिंह भदौरिया
दिल्ली

©ek_tukda_zindgi _12

मेरे जीते जी रो लेता..........#कविता #Poetry #gajal

12 Love

#क्यों_न_रो_पाए_कोई #कोई_न_सो_पाए_कोई #परिस्थितियों #दुनिया #खामोशी #कोट्स  White क्यों न रो पाए कोई
कोई न सो पाए कोई 

दुनिया जिस परिस्थितियों में दम तोड़ दे,,
उन हालातों में भी दबा /छुपा किसी अंजान /एकांत /खामोश जगह में 
चुपके छुपके आहें भर रहा है कोई 

क्यों न रो पाए कोई 
क्यों न सो पाए कोई 

जीवन की तमाम हर उदास / अंधेरी रातों में 
जहां लोगों को किसी अपने के कंधे ओर साथ के साए मिलते हैं 
वहीं उन तमाम अंधेरी / उदास / कहर बरपाने वाली रातों में 
संपूर्ण खामोशी से चीखता है कोई,, 

क्यों न चंदा है कोई,,,,,,,,,,,,,क्यों न सवेरा है कोई
क्यों न रो पाए कोई ,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्यों न सो पाए कोई....१...

©Rakesh frnds4ever

#क्यों_न_रो_पाए_कोई #कोई_न_सो_पाए_कोई #दुनिया जिस #परिस्थितियों में दम तोड़ दे,, उन हालातों में भी दबा /छुपा किसी अंजान /एकांत /खामोश जगह

189 View

#कविता #sunset_time  White 
चांदनी रात शरद पूर्णिमा पुरे शबाब पर है।
जीवन तो चल रही है यु ही आजकल लोग हों रहें हैं चांद, तारों से दूर जिंदगी जीए जा रहें हैं जैसे कोई हिसाब पर है।

शरद की पुर्णिमा तो बरस रही है।
कृष्ण से मिलने को राधा तरस रही है।
अब न जाने रास क्यों नहीं हो रहा है। दुःख से तड़प रहा इंसान,मानव भगवान से दूर कहीं खो रहा है। इसलिए इंसान रो रहा है।

शरद पूर्णिमा की चांद की खुबसूरती जैसे प्रिया मिलन को सजी है।
गहरे आकाश के माथे पर बसी कोई दुल्हन की बिंदी है।

मंद मंद हवा बह रही है रात शीतल है। पेड़ पौधों के पत्ते डोल रहें हैं।
तारों की बारात लेकर शरद की पुर्णिमा की चंद्रमा सुंदर सजी है।

शरद पूर्णिमा में मैं बेगाना कवि प्रियसी की याद में रो रहा हूं।
कब वो देंगी दर्शन मुझे बस यही चांद को देख सोच रहा हूं।

वादियों में आज अजीब सा नशा है।
क्यों की इस चांदनी रात में उसकी याद दिल में बसा है।
जनम जनम से उसकी ही तलाश है।
इस शरद पूर्णिमा में उस प्रभु से मिलन की आस है।

©IG @kavi_neetesh

#sunset_time Hinduism प्रेम कविता हिंदी कविता हिंदी दिवस पर कविता देशभक्ति कविताकविता। शरद पूर्णिमा। चांदनी रात शरद पूर्णिमा पुरे शबाब प

171 View

Trending Topic