White क्यों न रो पाए कोई
कोई न सो पाए कोई
दुनिया जिस परिस्थितियों में दम तोड़ दे,,
उन हालातों में भी दबा /छुपा किसी अंजान /एकांत /खामोश जगह में
चुपके छुपके आहें भर रहा है कोई
क्यों न रो पाए कोई
क्यों न सो पाए कोई
जीवन की तमाम हर उदास / अंधेरी रातों में
जहां लोगों को किसी अपने के कंधे ओर साथ के साए मिलते हैं
वहीं उन तमाम अंधेरी / उदास / कहर बरपाने वाली रातों में
संपूर्ण खामोशी से चीखता है कोई,,
क्यों न चंदा है कोई,,,,,,,,,,,,,क्यों न सवेरा है कोई
क्यों न रो पाए कोई ,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्यों न सो पाए कोई....१...
©Rakesh frnds4ever
#क्यों_न_रो_पाए_कोई
#कोई_न_सो_पाए_कोई
#दुनिया जिस #परिस्थितियों में दम तोड़ दे,,
उन हालातों में भी दबा /छुपा किसी अंजान /एकांत /खामोश जगह में चुपके छुपके #आहें भर रहा है कोई
क्यों न रो पाए कोई
क्यों न सो पाए कोई
जीवन की तमाम हर उदास / अंधेरी रातों में जहां लोगों को किसी अपने के कंधे ओर साथ के साए मिलते हैं वहीं उन तमाम अंधेरी / उदास / कहर बरपाने वाली रातों में संपूर्ण #खामोशी से चीखता है कोई,,