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New 'आजादी झूम उठे आगरा' Status, Photo, Video

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#विचार #Trending #status #Funny #viral

मेहनत इतना करे की किस्मत भी बोल उठे 💯👍❤️🪔 #Trending #status #viral #cute #Funny @sneha3777330 @anuahuja16 @sneha3777330

135 View

White किसी ने सच ही कहा है........ की किसी के दिल में रहना है तो, उनसे थोड़ी दूरी बनाकर रखो उन्हें हमेशा मुक्त रखो, कसमों, वादों,और बंधनों से क्यों की स्वतंत्रता ही ऐसा भाव है जो हर इंसान को सबसे अधिक प्रिय है । ©seema patidar

 White किसी ने सच ही कहा है........
की किसी के दिल में रहना है तो, उनसे थोड़ी दूरी बनाकर रखो
उन्हें हमेशा मुक्त रखो, कसमों, वादों,और बंधनों से 
क्यों की स्वतंत्रता ही ऐसा भाव है 
जो हर इंसान को सबसे अधिक प्रिय है ।

©seema patidar

आजादी ......

12 Love

#मोटिवेशनल

कुछ जो हमे हमसे जोड़ लेता है.. संगीत के सुरों में झूम ने के लिए वो दिल है जो उसको सुन लेता है 🙏🥰🤗😘🌹

180 View

में अपने " #लफ़्ज़ " बहुत ही कम ही लिखता हूं !! पर पूरी " #ज़िंदगी " के सारे ग़म को भी लिखता हूं !! मेरी " #शायरी " को पड़ने वाले भी यु तड़प उठे !! में हंस कर ऐसे " #ज़ख़म " को भी लिखता हूं !! " परवाह " नहीं मुझे किसी के ये ,, बेफिजुल ,, आंसुओं की !! जब भी लिखता हूं " बेरहम " भी लिखता हूं !! मुझे तुम्हारी ये बद " दुआ " ही , क्या मुझे ये मारेगी !! में तोड़ी हुई वो हज़ार " #कसम " भी लिखता हूं !! ©बेजुबान शायर shivkumar

#बेजुबानशायर #ज़िंदगी #लफ़्ज़ #कविता95 #कविता #शायरी  में अपने " #लफ़्ज़ " बहुत ही कम ही लिखता हूं !!
पर पूरी " #ज़िंदगी " के सारे ग़म को भी लिखता हूं !!

मेरी " #शायरी " को पड़ने वाले भी यु तड़प उठे !!
में हंस कर ऐसे " #ज़ख़म " को भी लिखता हूं !!

" परवाह " नहीं मुझे किसी के ये ,, बेफिजुल ,, आंसुओं की !!
जब भी लिखता हूं " बेरहम " भी लिखता हूं !!

मुझे तुम्हारी ये बद " दुआ " ही ,  क्या मुझे ये मारेगी !!
में तोड़ी हुई वो हज़ार " #कसम " भी  लिखता हूं !!

©बेजुबान शायर shivkumar

कविता कोश हिंदी कविता कविताएं #SAD #SAD Sethi Ji Anshu writer Aman Singh poonam atrey puja udeshi कविता कोश कविताएं कविता कोश कविताएं

19 Love

#डायरी के पन्ने से वृंदावन की मनमोहक स्मृतियां खण्ड क अच्छा वृन्दावन नाम तो सबने सुना होगा कि वहां का हर कण कण राधे राधे ही पुकारता वैसे ये बात मुझे पूर्णता मिथ्या सी प्रतीत होती था अभी कुछ महज दो वर्षों पूर्व वहां के प्रेम मंदिर का अद्भुत नजारा बरसाना ,गोकुल , मथुरा एवं आगरा के भ्रमण पर जब मैं निकली तो मन में यही था कि हर वर्ष की भांति इन स्थलों पर भी घूमेंगे टहलेंगे और कुछ स्मृतियां बटोरकर अपने घर वापस आ जायेंगे कालेज से घर वापस एक बार मम्मी पापा से मिलने व कुछ खाने पीने का सामान लेकर वापस कालेज में पहुंची तो मन बड़ा अधीर था ,यहां तक मैं बस चली न थी कि मेरे अश्रु टपकने लगे खुद को बहुत बहलाया मैं वहां जाने में उत्सुक नहीं थी पर हालांकि एक कारण ये था कि मेरे साथ ऐसा कोई न था जिसके साथ मैं सहज महसूस कर पाऊं क्योंकि आजतक मैं जहां जाती थी पिकनिक हो या अन्य स्थल मेरा भाई या पापा खुद मेरे संग जाया करते थे अच्छा तो फिर रात भर का सफर हंसी ठिठोली ,अंताकक्षरी ,फिल्म का आनंद ले रहे लोगों में मैं ही ऐसी थी जो अपना सोने व तस्लीमा नसरीन के उपन्यासों में व्यस्त थी मथुरा के अपने बाबा जय गुरुदेव का आश्रम देख मन बड़ा प्रसन्नचित था और हम आगे अपने पथ की ओर अग्रसर थे वृन्दावन में ज्यों ही हम सभी प्रातःकाल की पूजा अर्चना पूर्ण कर बाहर निकलेण ल तो देखा बन्दरों का बड़ा झुण्ड था, जिनसे बचते बचाते मुख्य द्वार पर पहुंचे तो वहां पर सबके जूते गायब थे ,बहुत प्रपासो। के बाद हम नंगे पाव अपने धर्मशाला में वापस आ गए आराम करने के लिए । ©Shilpa Yadav

#वृंन्दावन #यात्रा #डायरी #भक्ति #shilpayadpoetry #आगरा  #डायरी के पन्ने से वृंदावन की मनमोहक स्मृतियां खण्ड क
अच्छा वृन्दावन नाम तो सबने सुना होगा कि वहां का हर कण कण राधे राधे ही पुकारता वैसे ये बात मुझे पूर्णता मिथ्या सी प्रतीत होती था अभी कुछ महज दो वर्षों पूर्व वहां के प्रेम मंदिर का अद्भुत नजारा बरसाना ,गोकुल , मथुरा एवं आगरा के भ्रमण पर जब मैं निकली तो मन में यही था कि हर वर्ष की भांति इन स्थलों पर भी घूमेंगे टहलेंगे और कुछ स्मृतियां बटोरकर  अपने घर वापस आ जायेंगे कालेज से घर वापस एक बार मम्मी पापा से मिलने व कुछ खाने पीने का सामान लेकर वापस कालेज में पहुंची तो मन बड़ा अधीर था ,यहां तक मैं बस चली न थी कि मेरे अश्रु टपकने लगे खुद को बहुत बहलाया मैं वहां जाने में उत्सुक नहीं थी पर हालांकि एक कारण ये था कि मेरे साथ ऐसा कोई न था जिसके साथ मैं सहज महसूस कर पाऊं क्योंकि आजतक मैं जहां जाती थी पिकनिक हो या अन्य स्थल मेरा भाई या पापा खुद मेरे संग जाया करते थे अच्छा तो फिर रात भर का सफर हंसी ठिठोली ,अंताकक्षरी ,फिल्म का आनंद ले रहे लोगों में मैं ही ऐसी थी जो अपना सोने व तस्लीमा नसरीन के उपन्यासों में व्यस्त थी मथुरा के अपने बाबा जय गुरुदेव का आश्रम देख मन बड़ा प्रसन्नचित था  और हम आगे अपने पथ की ओर अग्रसर थे वृन्दावन में ज्यों ही हम सभी प्रातःकाल की पूजा अर्चना पूर्ण कर बाहर निकलेण ल तो देखा बन्दरों का बड़ा झुण्ड था, जिनसे बचते बचाते मुख्य द्वार पर पहुंचे तो वहां पर सबके जूते गायब थे ,बहुत प्रपासो। के बाद हम नंगे पाव अपने धर्मशाला में वापस आ गए आराम करने के लिए ।

©Shilpa Yadav
 पक्षी नभ मे
उड़ रहे, 
सबको दे रहे संदेश। 
ईक नये संसार मे
तुम भी कर जाओ
प्रवेश। 
तोड़ गुलामी जंजीरों को
एक नया ही रूप
धरो। 
'भंवरा' विचरों यंहा-वंहा,
प्रेम भाईचारे का, सारे
जग मे संदेश करो।

©arvind bhanwra ambala. India

गुलामी से आजादी

126 View

#विचार #Trending #status #Funny #viral

मेहनत इतना करे की किस्मत भी बोल उठे 💯👍❤️🪔 #Trending #status #viral #cute #Funny @sneha3777330 @anuahuja16 @sneha3777330

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White किसी ने सच ही कहा है........ की किसी के दिल में रहना है तो, उनसे थोड़ी दूरी बनाकर रखो उन्हें हमेशा मुक्त रखो, कसमों, वादों,और बंधनों से क्यों की स्वतंत्रता ही ऐसा भाव है जो हर इंसान को सबसे अधिक प्रिय है । ©seema patidar

 White किसी ने सच ही कहा है........
की किसी के दिल में रहना है तो, उनसे थोड़ी दूरी बनाकर रखो
उन्हें हमेशा मुक्त रखो, कसमों, वादों,और बंधनों से 
क्यों की स्वतंत्रता ही ऐसा भाव है 
जो हर इंसान को सबसे अधिक प्रिय है ।

©seema patidar

आजादी ......

12 Love

#मोटिवेशनल

कुछ जो हमे हमसे जोड़ लेता है.. संगीत के सुरों में झूम ने के लिए वो दिल है जो उसको सुन लेता है 🙏🥰🤗😘🌹

180 View

में अपने " #लफ़्ज़ " बहुत ही कम ही लिखता हूं !! पर पूरी " #ज़िंदगी " के सारे ग़म को भी लिखता हूं !! मेरी " #शायरी " को पड़ने वाले भी यु तड़प उठे !! में हंस कर ऐसे " #ज़ख़म " को भी लिखता हूं !! " परवाह " नहीं मुझे किसी के ये ,, बेफिजुल ,, आंसुओं की !! जब भी लिखता हूं " बेरहम " भी लिखता हूं !! मुझे तुम्हारी ये बद " दुआ " ही , क्या मुझे ये मारेगी !! में तोड़ी हुई वो हज़ार " #कसम " भी लिखता हूं !! ©बेजुबान शायर shivkumar

#बेजुबानशायर #ज़िंदगी #लफ़्ज़ #कविता95 #कविता #शायरी  में अपने " #लफ़्ज़ " बहुत ही कम ही लिखता हूं !!
पर पूरी " #ज़िंदगी " के सारे ग़म को भी लिखता हूं !!

मेरी " #शायरी " को पड़ने वाले भी यु तड़प उठे !!
में हंस कर ऐसे " #ज़ख़म " को भी लिखता हूं !!

" परवाह " नहीं मुझे किसी के ये ,, बेफिजुल ,, आंसुओं की !!
जब भी लिखता हूं " बेरहम " भी लिखता हूं !!

मुझे तुम्हारी ये बद " दुआ " ही ,  क्या मुझे ये मारेगी !!
में तोड़ी हुई वो हज़ार " #कसम " भी  लिखता हूं !!

©बेजुबान शायर shivkumar

कविता कोश हिंदी कविता कविताएं #SAD #SAD Sethi Ji Anshu writer Aman Singh poonam atrey puja udeshi कविता कोश कविताएं कविता कोश कविताएं

19 Love

#डायरी के पन्ने से वृंदावन की मनमोहक स्मृतियां खण्ड क अच्छा वृन्दावन नाम तो सबने सुना होगा कि वहां का हर कण कण राधे राधे ही पुकारता वैसे ये बात मुझे पूर्णता मिथ्या सी प्रतीत होती था अभी कुछ महज दो वर्षों पूर्व वहां के प्रेम मंदिर का अद्भुत नजारा बरसाना ,गोकुल , मथुरा एवं आगरा के भ्रमण पर जब मैं निकली तो मन में यही था कि हर वर्ष की भांति इन स्थलों पर भी घूमेंगे टहलेंगे और कुछ स्मृतियां बटोरकर अपने घर वापस आ जायेंगे कालेज से घर वापस एक बार मम्मी पापा से मिलने व कुछ खाने पीने का सामान लेकर वापस कालेज में पहुंची तो मन बड़ा अधीर था ,यहां तक मैं बस चली न थी कि मेरे अश्रु टपकने लगे खुद को बहुत बहलाया मैं वहां जाने में उत्सुक नहीं थी पर हालांकि एक कारण ये था कि मेरे साथ ऐसा कोई न था जिसके साथ मैं सहज महसूस कर पाऊं क्योंकि आजतक मैं जहां जाती थी पिकनिक हो या अन्य स्थल मेरा भाई या पापा खुद मेरे संग जाया करते थे अच्छा तो फिर रात भर का सफर हंसी ठिठोली ,अंताकक्षरी ,फिल्म का आनंद ले रहे लोगों में मैं ही ऐसी थी जो अपना सोने व तस्लीमा नसरीन के उपन्यासों में व्यस्त थी मथुरा के अपने बाबा जय गुरुदेव का आश्रम देख मन बड़ा प्रसन्नचित था और हम आगे अपने पथ की ओर अग्रसर थे वृन्दावन में ज्यों ही हम सभी प्रातःकाल की पूजा अर्चना पूर्ण कर बाहर निकलेण ल तो देखा बन्दरों का बड़ा झुण्ड था, जिनसे बचते बचाते मुख्य द्वार पर पहुंचे तो वहां पर सबके जूते गायब थे ,बहुत प्रपासो। के बाद हम नंगे पाव अपने धर्मशाला में वापस आ गए आराम करने के लिए । ©Shilpa Yadav

#वृंन्दावन #यात्रा #डायरी #भक्ति #shilpayadpoetry #आगरा  #डायरी के पन्ने से वृंदावन की मनमोहक स्मृतियां खण्ड क
अच्छा वृन्दावन नाम तो सबने सुना होगा कि वहां का हर कण कण राधे राधे ही पुकारता वैसे ये बात मुझे पूर्णता मिथ्या सी प्रतीत होती था अभी कुछ महज दो वर्षों पूर्व वहां के प्रेम मंदिर का अद्भुत नजारा बरसाना ,गोकुल , मथुरा एवं आगरा के भ्रमण पर जब मैं निकली तो मन में यही था कि हर वर्ष की भांति इन स्थलों पर भी घूमेंगे टहलेंगे और कुछ स्मृतियां बटोरकर  अपने घर वापस आ जायेंगे कालेज से घर वापस एक बार मम्मी पापा से मिलने व कुछ खाने पीने का सामान लेकर वापस कालेज में पहुंची तो मन बड़ा अधीर था ,यहां तक मैं बस चली न थी कि मेरे अश्रु टपकने लगे खुद को बहुत बहलाया मैं वहां जाने में उत्सुक नहीं थी पर हालांकि एक कारण ये था कि मेरे साथ ऐसा कोई न था जिसके साथ मैं सहज महसूस कर पाऊं क्योंकि आजतक मैं जहां जाती थी पिकनिक हो या अन्य स्थल मेरा भाई या पापा खुद मेरे संग जाया करते थे अच्छा तो फिर रात भर का सफर हंसी ठिठोली ,अंताकक्षरी ,फिल्म का आनंद ले रहे लोगों में मैं ही ऐसी थी जो अपना सोने व तस्लीमा नसरीन के उपन्यासों में व्यस्त थी मथुरा के अपने बाबा जय गुरुदेव का आश्रम देख मन बड़ा प्रसन्नचित था  और हम आगे अपने पथ की ओर अग्रसर थे वृन्दावन में ज्यों ही हम सभी प्रातःकाल की पूजा अर्चना पूर्ण कर बाहर निकलेण ल तो देखा बन्दरों का बड़ा झुण्ड था, जिनसे बचते बचाते मुख्य द्वार पर पहुंचे तो वहां पर सबके जूते गायब थे ,बहुत प्रपासो। के बाद हम नंगे पाव अपने धर्मशाला में वापस आ गए आराम करने के लिए ।

©Shilpa Yadav
 पक्षी नभ मे
उड़ रहे, 
सबको दे रहे संदेश। 
ईक नये संसार मे
तुम भी कर जाओ
प्रवेश। 
तोड़ गुलामी जंजीरों को
एक नया ही रूप
धरो। 
'भंवरा' विचरों यंहा-वंहा,
प्रेम भाईचारे का, सारे
जग मे संदेश करो।

©arvind bhanwra ambala. India

गुलामी से आजादी

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