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New अमावस्या कब की है 2019 Status, Photo, Video

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New Year 2025 पल्लव की डायरी दस्तक है नये बर्ष की उत्साह उमंग और आनन्द हर दिल मे फूटेगा करुणा दया संवेदना ही धर्म है आडम्बर मिथ्या का छूटेगा परस्पर सब को गले लगाओ उत्साह से जन जन महकेगा प्रकृति के कण कण पर सबका अधिकार सूरज चाँद सब के लिये महकेगा आओ नवबर्ष का संकल्प ले हर परिवार समाज तरक्की की राह पर हो स्वाभिमान से भारत में चेतना का स्वर फूटेगा प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #Newyear2025  New Year 2025 पल्लव की डायरी
दस्तक है नये बर्ष की
उत्साह उमंग और आनन्द 
हर दिल मे फूटेगा
करुणा दया संवेदना ही धर्म है
आडम्बर मिथ्या का छूटेगा
परस्पर सब को गले लगाओ
उत्साह से जन जन महकेगा
प्रकृति के कण कण पर सबका अधिकार
सूरज चाँद सब के लिये महकेगा
आओ नवबर्ष का संकल्प ले
हर परिवार समाज तरक्की की राह पर हो
स्वाभिमान से भारत में चेतना का स्वर फूटेगा
                                           प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#Newyear2025 दस्तक है नवबर्ष की

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Unsplash मेरी बिगड़ेल चाहतो से मुझे राहत मिलेगी कब? मेरे शरारती स्वार्थी तत्व आखिर कब समझ पायगे जीवन का यथार्थ? मेरा मौन चिल्लाना चाहता है युगो से आखिर उनकी आवाज़ मै सुन पाऊंगा कब? ©Parasram Arora

 Unsplash मेरी बिगड़ेल  चाहतो 
से मुझे राहत मिलेगी कब?

मेरे शरारती स्वार्थी तत्व 
आखिर कब समझ पायगे जीवन का यथार्थ?

मेरा मौन  चिल्लाना चाहता है युगो से 
आखिर उनकी आवाज़ मै सुन पाऊंगा कब?

©Parasram Arora

कब?

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#मोटिवेशनल

miss u 2019

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White सर्दियों की दस्तक है" शीतलहर की शुरुआत हो चुकी है हिमशिखर पे, हल्की हल्की सर्दियों की दस्तक है। उठाना है जिन्हें लुत्फ़ वादियों में बर्फ रवानगी डाल दें पहाड़ों पे घूमने का यही वक्त है। धरती पे स्वर्ग की यादों को संजोने का यही मौका है, जन्नत में मधुर चंद्रिमा का यही वक्त है। ©Anuj Ray

#सर्दियों #कविता  White सर्दियों की दस्तक है"

शीतलहर की शुरुआत हो चुकी है 
हिमशिखर पे, हल्की हल्की सर्दियों की दस्तक है। 

उठाना है जिन्हें लुत्फ़ वादियों में बर्फ 
रवानगी डाल दें पहाड़ों पे घूमने का यही वक्त है। 

धरती पे स्वर्ग की यादों को संजोने  का 
यही मौका है, जन्नत में मधुर चंद्रिमा का यही वक्त है।

©Anuj Ray

#सर्दियों की दस्तक है"

11 Love

#वीडियो #viral

कार्तिक पूर्णिमा कब है #nojoto #viral

180 View

White पल्लव की डायरी है अकेला तू,गति कर्मो की है चेतना की सुध भी नही लेता तू मोहपाश में ज्यो ज्यो फ़ँसा तू बन्धनों में ऐसा जकड़ा तू राग द्वेष का व्यापार चलाता तू किसी से प्रीती किसी से दुश्मनी कर भावो की सतत सरिता में बहकर नित पापो से कलुषित आत्मा करता क्यू भोग ही जीवन नही है योग संजोग निज तत्वों में ला भटकावों के सजे है मेले दुनियाँ में तू इनमे फँसने, बार बार जन्म ना पा क्लोज करो यहाँ कर्मो का एकाउंट बार बार के जन्म मरण से आत्मा को मुक्ति करो प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #sad_quotes  White पल्लव की डायरी
है अकेला तू,गति कर्मो की है
चेतना की सुध भी नही लेता तू
मोहपाश में ज्यो ज्यो फ़ँसा तू
बन्धनों में ऐसा जकड़ा तू
राग द्वेष का व्यापार चलाता तू
किसी से प्रीती किसी से दुश्मनी कर
भावो की सतत सरिता में बहकर
नित पापो से कलुषित आत्मा करता क्यू
भोग ही जीवन नही है
योग संजोग निज तत्वों में ला
भटकावों के सजे है मेले दुनियाँ में
तू इनमे फँसने, बार बार जन्म ना पा
क्लोज करो यहाँ कर्मो का एकाउंट
बार बार के जन्म मरण से आत्मा को मुक्ति करो
                                           प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#sad_quotes है अकेला तू,गति कर्मों की है

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New Year 2025 पल्लव की डायरी दस्तक है नये बर्ष की उत्साह उमंग और आनन्द हर दिल मे फूटेगा करुणा दया संवेदना ही धर्म है आडम्बर मिथ्या का छूटेगा परस्पर सब को गले लगाओ उत्साह से जन जन महकेगा प्रकृति के कण कण पर सबका अधिकार सूरज चाँद सब के लिये महकेगा आओ नवबर्ष का संकल्प ले हर परिवार समाज तरक्की की राह पर हो स्वाभिमान से भारत में चेतना का स्वर फूटेगा प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #Newyear2025  New Year 2025 पल्लव की डायरी
दस्तक है नये बर्ष की
उत्साह उमंग और आनन्द 
हर दिल मे फूटेगा
करुणा दया संवेदना ही धर्म है
आडम्बर मिथ्या का छूटेगा
परस्पर सब को गले लगाओ
उत्साह से जन जन महकेगा
प्रकृति के कण कण पर सबका अधिकार
सूरज चाँद सब के लिये महकेगा
आओ नवबर्ष का संकल्प ले
हर परिवार समाज तरक्की की राह पर हो
स्वाभिमान से भारत में चेतना का स्वर फूटेगा
                                           प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#Newyear2025 दस्तक है नवबर्ष की

16 Love

Unsplash मेरी बिगड़ेल चाहतो से मुझे राहत मिलेगी कब? मेरे शरारती स्वार्थी तत्व आखिर कब समझ पायगे जीवन का यथार्थ? मेरा मौन चिल्लाना चाहता है युगो से आखिर उनकी आवाज़ मै सुन पाऊंगा कब? ©Parasram Arora

 Unsplash मेरी बिगड़ेल  चाहतो 
से मुझे राहत मिलेगी कब?

मेरे शरारती स्वार्थी तत्व 
आखिर कब समझ पायगे जीवन का यथार्थ?

मेरा मौन  चिल्लाना चाहता है युगो से 
आखिर उनकी आवाज़ मै सुन पाऊंगा कब?

©Parasram Arora

कब?

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#मोटिवेशनल

miss u 2019

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White सर्दियों की दस्तक है" शीतलहर की शुरुआत हो चुकी है हिमशिखर पे, हल्की हल्की सर्दियों की दस्तक है। उठाना है जिन्हें लुत्फ़ वादियों में बर्फ रवानगी डाल दें पहाड़ों पे घूमने का यही वक्त है। धरती पे स्वर्ग की यादों को संजोने का यही मौका है, जन्नत में मधुर चंद्रिमा का यही वक्त है। ©Anuj Ray

#सर्दियों #कविता  White सर्दियों की दस्तक है"

शीतलहर की शुरुआत हो चुकी है 
हिमशिखर पे, हल्की हल्की सर्दियों की दस्तक है। 

उठाना है जिन्हें लुत्फ़ वादियों में बर्फ 
रवानगी डाल दें पहाड़ों पे घूमने का यही वक्त है। 

धरती पे स्वर्ग की यादों को संजोने  का 
यही मौका है, जन्नत में मधुर चंद्रिमा का यही वक्त है।

©Anuj Ray

#सर्दियों की दस्तक है"

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#वीडियो #viral

कार्तिक पूर्णिमा कब है #nojoto #viral

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White पल्लव की डायरी है अकेला तू,गति कर्मो की है चेतना की सुध भी नही लेता तू मोहपाश में ज्यो ज्यो फ़ँसा तू बन्धनों में ऐसा जकड़ा तू राग द्वेष का व्यापार चलाता तू किसी से प्रीती किसी से दुश्मनी कर भावो की सतत सरिता में बहकर नित पापो से कलुषित आत्मा करता क्यू भोग ही जीवन नही है योग संजोग निज तत्वों में ला भटकावों के सजे है मेले दुनियाँ में तू इनमे फँसने, बार बार जन्म ना पा क्लोज करो यहाँ कर्मो का एकाउंट बार बार के जन्म मरण से आत्मा को मुक्ति करो प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #sad_quotes  White पल्लव की डायरी
है अकेला तू,गति कर्मो की है
चेतना की सुध भी नही लेता तू
मोहपाश में ज्यो ज्यो फ़ँसा तू
बन्धनों में ऐसा जकड़ा तू
राग द्वेष का व्यापार चलाता तू
किसी से प्रीती किसी से दुश्मनी कर
भावो की सतत सरिता में बहकर
नित पापो से कलुषित आत्मा करता क्यू
भोग ही जीवन नही है
योग संजोग निज तत्वों में ला
भटकावों के सजे है मेले दुनियाँ में
तू इनमे फँसने, बार बार जन्म ना पा
क्लोज करो यहाँ कर्मो का एकाउंट
बार बार के जन्म मरण से आत्मा को मुक्ति करो
                                           प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

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