पहले तक बनते थे बिना बीएड के शिक्षक,
फिर बाद में बीएड का नियम आ गया।
फिर सीटेट और एसटेट करना हुआ जरूरी,
उससे भी न मिला शुकुन तो बीच में बीपीएससी को ला दिया।
छोटी सी बहाली होने थी बस शिक्षक की,
उसमे भी बीपीएससी ने 72 ठो नियम बना दिया।
इतने से भी नीतीश चचा का पेट नहीं भरा,
तो माल फूक के बहाली में पूरे देश को बुला लिया।
इनको लगता है कि इतना करके ये,
इस देश का प्रधानमंत्री बन जायेंगे।
पीएम का सपना छोड़िए ओ चचा होश में आइये,
अब तो लगता है सीएम का कुर्सियो न बचा पायेंगे।
बताओ ऐ दोस्त की कौन करम किये,
न जाने केकर बहकावा में बीएड में आ गए।
अब तो लगता है कि बाबू जी के दो लाख रुपइया में,
थोड़ा आग लगा दिए थोड़ा पानी में बहा दिए।
©Saurav Tiwari
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