Saurav Tiwari

Saurav Tiwari Lives in Bodhgaya, Bihar, India

मैं आज भी वही हूँ जो कल था, और मैं कल भी वही रहूँगा जो आज हूँ। Instagram- @saurav_tiwari3

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मतलब के रिश्तों का मतलब बस इतना सा रह गया, जब निकल गया मतलब तब हर कोई अलविदा कह गया। हम बेवजह लगे रहें खुदगर्ज रिश्तों को समेटने में, भुला गए ऐसे सब जैसे रेत मुट्ठी से निकल गया। सौरव तिवारी.....✍🏻 ©Saurav Tiwari

#शायरी #PhisaltaSamay #nojotohindi #nojotonews  मतलब के रिश्तों का मतलब बस इतना सा रह गया,
जब निकल गया मतलब तब हर कोई अलविदा कह गया।
हम बेवजह लगे रहें खुदगर्ज रिश्तों को समेटने में,
भुला गए ऐसे सब जैसे रेत मुट्ठी से निकल गया।
सौरव तिवारी.....✍🏻

©Saurav Tiwari

मतलब के रिश्ते #PhisaltaSamay #Nojoto #nojotohindi #nojotonews

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#शायरी #chandrayaan3 #isro  🌕🇮🇳 
असफलता से सबक लेकर हमने,
एक नया इतिहास बना ही दिया।
निराशा में आशा की दीपक जला कर,
आखिर चाँद पर तिरंगा लहरा हिं दिया।
🇮🇳वन्दे मातरम 🇮🇳

©Saurav Tiwari
#शायरी #Akele  अब तो आदत सी हो गयी है मुझे ठोकर खाने की,
मुस्कुरा कर अपने चेहरे से गम छुपाने की।
आँसू के शैलाब उमड़ रहे हैं आँखों के समंदर में,
बता क्या क़ीमत अता करूँ सब-कुछ भूल जाने की।

हम हैरान हैं परेशान हैं अब कुछ मेरे बस में नहीं,
जिंदगी बर्बाद हो रही है पर नशे की कश में नहीं।
कोई आसान रास्ता नहीं है खुशी को मोड़ लाने की,
बता क्या कीमत चुकानी है मुझे दुनियां छोड़ जाने की।

हश्र-ए-बेताब हो रही है लहू अब आब हो रही है,
डूब रहा आहिस्ता-आहिस्ता मौत हिं जवाब हो रही है।
डर है रूह को गुमनामी में कहीं खो जाने की,
कोई रास्ता ना दिख रहा वापस लौट आने की।

©Saurav Tiwari

#Akele

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अब तो आदत सी हो गयी है मुझे ठोकर खाने की, मुस्कुरा कर अपने चेहरे से गम छुपाने की। आँसू के शैलाब उमड़ रहे हैं आँखों के समंदर में, बता क्या क़ीमत अता करूँ सब-कुछ भूल जाने की। हम हैरान हैं परेशान हैं अब कुछ मेरे बस में नहीं, जिंदगी बर्बाद हो रही है पर नशे की कश में नहीं। कोई आसान रास्ता नहीं है खुशी को मोड़ लाने की, बता क्या कीमत चुकानी है मुझे दुनियां छोड़ जाने की। हश्र-ए-बेताब हो रही है लहू अब आब हो रही है, डूब रहा आहिस्ता-आहिस्ता मौत हिं जवाब हो रही है। डर है रूह को गुमनामी में कहीं खो जाने की, कोई रास्ता ना दिख रहा वापस लौट आने की। ©Saurav Tiwari

#शायरी #akela  अब तो आदत सी हो गयी है मुझे ठोकर खाने की,
मुस्कुरा कर अपने चेहरे से गम छुपाने की।
आँसू के शैलाब उमड़ रहे हैं आँखों के समंदर में,
बता क्या क़ीमत अता करूँ सब-कुछ भूल जाने की।

हम हैरान हैं परेशान हैं अब कुछ मेरे बस में नहीं,
जिंदगी बर्बाद हो रही है पर नशे की कश में नहीं।
कोई आसान रास्ता नहीं है खुशी को मोड़ लाने की,
बता क्या कीमत चुकानी है मुझे दुनियां छोड़ जाने की।

हश्र-ए-बेताब हो रही है लहू अब आब हो रही है,
डूब रहा आहिस्ता-आहिस्ता मौत हिं जवाब हो रही है।
डर है रूह को गुमनामी में कहीं खो जाने की,
कोई रास्ता ना दिख रहा वापस लौट आने की।

©Saurav Tiwari

#akela

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#शायरी #nojotohindi #apnaParaya  कौन अपना कौन पराया अब समझ नहीं आता,
हैं तो भीड़ में खड़े फिर भी कोई नज़र नहीं आता।
अकेले हो चुके हैं इस जहाँन में अब तो,
जिस्म हो चुकी बेजान फिर भी ये जान नहीं जाता।

©Saurav Tiwari

कौन अपना कौन पराया #apnaParaya #Nojoto #nojotohindi #Shayari

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पहले तक बनते थे बिना बीएड के शिक्षक, फिर बाद में बीएड का नियम आ गया। फिर सीटेट और एसटेट करना हुआ जरूरी, उससे भी न मिला शुकुन तो बीच में बीपीएससी को ला दिया। छोटी सी बहाली होने थी बस शिक्षक की, उसमे भी बीपीएससी ने 72 ठो नियम बना दिया। इतने से भी नीतीश चचा का पेट नहीं भरा, तो माल फूक के बहाली में पूरे देश को बुला लिया। इनको लगता है कि इतना करके ये, इस देश का प्रधानमंत्री बन जायेंगे। पीएम का सपना छोड़िए ओ चचा होश में आइये, अब तो लगता है सीएम का कुर्सियो न बचा पायेंगे। बताओ ऐ दोस्त की कौन करम किये, न जाने केकर बहकावा में बीएड में आ गए। अब तो लगता है कि बाबू जी के दो लाख रुपइया में, थोड़ा आग लगा दिए थोड़ा पानी में बहा दिए। ©Saurav Tiwari

#कविता #Teachersday #Teacher  #bihar #BPSC  पहले तक बनते थे बिना बीएड के शिक्षक,
फिर बाद में बीएड का नियम आ गया।
फिर सीटेट और एसटेट करना हुआ जरूरी,
उससे भी न मिला शुकुन तो बीच में बीपीएससी को ला दिया।

छोटी सी बहाली होने थी बस शिक्षक की,
उसमे भी बीपीएससी ने 72 ठो नियम बना दिया।
इतने से भी नीतीश चचा का पेट नहीं भरा,
तो माल फूक के बहाली में पूरे देश को बुला लिया।

इनको लगता है कि इतना करके ये,
इस देश का प्रधानमंत्री बन जायेंगे।
पीएम का सपना छोड़िए ओ चचा होश में आइये,
अब तो लगता है सीएम का कुर्सियो न बचा पायेंगे।

बताओ ऐ दोस्त की कौन करम किये,
न जाने केकर बहकावा में बीएड में आ गए।
अब तो लगता है कि बाबू जी के दो लाख रुपइया में,
थोड़ा आग लगा दिए थोड़ा पानी में बहा दिए।

©Saurav Tiwari

Bihar teacher's vacancy #Teachersday #Teacher #bihar #BPSC

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